एंटी नक्सल ऑपरेशन में सुरक्षा बलों को उस वक्त बड़ी कामयाबी मिली, जब सुरक्षा बलों ने आंध्रप्रदेश के मरेडुमिल्ली में छह माओवादियों को मार गिराया. उनमें माओवादियो के सेंट्रल कमेटी का मेंबर माडवी हिडमा सेंट्रल कमेटी और उसकी पत्नी राजे के शव को भी बरामद किया गया है. साथ ही उसके छह गनमैन के भी शव बरामद किए गए हैं. आंध्रप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बॉर्डर पर आतंक फैलाने वाले हिडमा पर 50 लाख का इनाम था. वह कम से कम 26 घातक हमलों का मास्टरमाइंड था, जिनमें 2017 का सुकमा हमला और 2013 का झीरम घाटी नरसंहार शामिल है, जिसमें छत्तीसगढ़ के प्रमुख कांग्रेसी नेताओं समेत 27 लोगों की मौत हो गई थी. माडवी हिडमा उर्फ संतोष का जन्म छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पुरवती गांव में हुआ था. हिडमा सीपीआई माओवादी की सेंट्रल कमेटी का सबसे कम उम्र का मेंबर था और इस पद तक पहुंचने वाला बस्तर क्षेत्र का एक मात्र आदिवासी था. माडवी हिडमा उर्फ संतोष का जन्म छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पुरवती गांव में हुआ था. 1990 के दशक में वह ग्राउंड लेवल ऑर्गनाइजर के रूप में संगठन में शामिल हुआ था. उसे पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी का कमांडर बनाया गया.. जो आंध्रप्रदेश, ओड़िशा, तेलंगाना और महाराष्ट्र का सबसे मजबूत नक्सली संगठन माना जाता था. बाद में वह दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य बन गया और पिछले साल माओवादियों की सेंट्रल कमेटी का सदस्य बना. हिडमा का एनकाउंटर नक्सलमुक्त भारत बनाने की दिशा में एक बड़ी कामयाबी है.
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