आंध्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर माडवी हिडमा और उनकी पत्नी राजे सहित छह नक्सली मारे गए। हिडमा की जिंदगी 17 साल की उम्र में नक्सली संगठन में शामिल होने से शुरू हुई थी। जंगलों में लगातार अभियानों और भूमिगत जीवन के बीच हिडमा और राजे का रिश्ता पनपा और संगठन के भीतर ही शादी की। दोनों नक्सली संगठन में प्रभावशाली जोड़ी माने जाते थे। मुठभेड़ ने नक्सलवाद के खिलाफ अभियान को मजबूत किया और संगठन में भय पैदा किया। यह घटना न केवल हिंसा बल्कि नक्सली जीवन और रिश्तों की जटिलताओं को भी उजागर करती है।
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