Skip to playerSkip to main content
  • 1 day ago
In Jinn Ki Shadi Unki Shadi Episode 19, the story takes an intriguing turn as the boundaries between the supernatural and reality begin to blur. With new revelations about the jinn world and its mysteries, this episode uncovers deeper secrets and complex relationships. As the lead characters struggle with the challenges of their love, will they overcome the forces that stand between them, or is their union doomed from the start? Get ready for an exciting and emotional episode filled with twists, suspense, and romance.

✨ Stay tuned for more thrilling episodes! Don't forget to Like, Share, and Subscribe for the latest updates!
Jinn Ki Shadi Unki Shadi

Jinn Ki Shadi Unki Shadi Episode 19

Episode 19

Supernatural Drama

Pakistani Drama Series

Love Story Drama

Romance and Mystery

Supernatural Love Story

Jinn Drama

Jinn World

TV Series 2025

Emotional Drama

Suspense and Romance
Transcript
00:00एक ऐसी तासता मेरा है ये जहाँ फिर भी हो लाबका कुछ तो है तेरे और मेरे दर्मियां मैं तेरे पास हूँ तुम यहां में तुम यहां में कब से लूल रहा हूँ?
00:23कुशी क्या है तुमनेरी आवाज आरही है कुशी तुम से बात कररहा हूं?
00:48लगते हाज़र हो इसके बीवी नहीं है यापने
00:52क्या करो तुम तुम चलतो सकती हो ना
00:55चलो गरे साथ
00:56तुम उठा लेता हूँ
01:02नहीं
01:18सबको आना पड़ेगा
01:26तुम ना पीट करें
01:28मैं आ तुम
01:32भाई
01:37भाई
01:39भाई
01:40भाई
01:42नाधिया
01:44नाधिया
01:45भाई
01:47भाई
01:48भाई
01:49भाई
01:50नाधिया
01:51यार
01:52खुशी मिल गई है
01:53खुशी कैसे मिल सकती है?
01:56वह पर हवेली के पिछले हैसे में किताब डूनने गया
01:58वहाँ पर बिचारी उत्पन ही खड़ी हुए यार
02:01वह तो में गएकर इतनी हिरान हुए कि बुशी बट बन गई?
02:04नहीं भाई
02:04मुझे लगता है वो किसी सहर में है
02:07लेकिन वहाँ पर तो आजर भी होगा ना
02:10इसका मतलब यह जुनों का पूरा खांदान हवेली की पिछले इसे में बसेरा करता है
02:13नहीं भाई वहाँ पर सिर्फ खुशी है
02:15वो बिचारी बुट बन के खड़ी बी जैसे उसे कोई सकता हो गया हूँ
02:19यह बात सुनके तो मुझे सकता हो रहा है
02:21सकता हो रहा है आपको आपको खुशी के मिलने की खुशी नहीं हुए
02:24यह नहीं, वह भारी ना, खुशी हो रही है गुशी नादिया है न?
02:30दिंद भाऻ, ज्टाफ, को बह्त भारी है यार, पिसको लेकर आथा है, मैं अकेली को ला सकता हूँ, भात भारी है, ज्टान होला कियो?
02:34लिज खुशी बहुत मूटी है', टर्फ
02:36यार एक मोटी जिन के बच्चे के पीछे तुम मादर से पंगे ले रहे हूँ
02:41भाई नहीं मोटी नहीं है वो बस बस नहीं है
02:44मैं नहीं ला सकता उसको के ले
02:46क्यों पत्थर की बनी भी है क्या
02:48जिन तो आग के बने रहाते हैं
02:51देखो लिबेटा आग से में खिलना
02:53मुझे लगता है चमकी और आजर अभी वहां पे नहीं है
02:58और उन्होंने खुशी को किसी किसम की कोई सजा दी जिसकी वज़ा से उसको सकता हो गया
03:02उसको यहां पी फॉरण लाना होगा यार
03:04चले ना भाई उसको लेकर आते हैं प्लीज आए अरे छोड़ो आली
03:08अरे कहा जा रहे हो यार यहीं से तो शॉट कट है जल्दी आए अच्छा अब सॉट कट भी ले रहा है भई आज से बने रहे ओहो
03:17अर्दार आजर लगता है आप हमारी मेमान नावाजी से खुश नहीं है
03:27नहीं सरदार जाजब ऐसी तो कोई बात नहीं है
03:30बलके सरदार खंफान की मेमान नावाजी की दूमें तो कोई काफ तक है
03:34तो फिर आप और बावी सरदार हमारे साथ मत क्यों नहीं बिजार रहे
03:39नहीं नहीं वो हम तो खुशी के बार में बात कर रहे थे
03:43क्यों क्या हुआ हो खुशी को ठीक तो है जी जी बिल्कुल ठीक है वो असले में हवेली में अकेली है ना तो उसकी फिक्र हो रही थी
03:57एक हरसा हो गया हमें खुशी को देखे गए हम जब भी उसे देखने की कोचिश करते हैं तो
04:05वो हमें किसी सुलिमानी हिसार में चुपी वी नसराती है एक एक और सा रहता है उनके करते हम उन्हें देखने पाते हैं अब वो असी में वो यह नहीं चाहती कि आप शादी से पहले उसको देखें इसलिए आपकी लिए सुलिमानी हिसार खेंचती है
04:29तो यह हिसार तो हमारे लिए है ना, आपके लिए तो नहीं, चलिए आप भी अपनी नजरों से हमें हमारी खुशी का दीधार करवा दीचिए, जहाजन सर्दार वो आपको तो पता है, मुझसे नाराज हो जाएगी, अरे नाराज तो वो तब होंगी जब उन्हें पता चलेग
04:59का है, हाँ, आजर, आप इस बार में क्या कहते हैं, जैसे में बेटर सुच, जबार जाजी, आपको सर्दार खिल्फान ने याद किये, तल्भी की नुएत फोरी है, हम बावा सर्दार की बात सुनकर आते हैं, लेके ना,
05:29आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपको आपक
05:59एक दो कि और रामसु कै रावि रावी नुकर दो कि अधिको हाँ चुटि शूटी शूटि लगते हैं जा इंदा इस्टेब कर आदा पसंद है जी बहुत पसंद आई ऑई तेरी ए नौमन की खुशी बूलिया है चुशी एप अधे ज़िंगे दिए जिए खुशी
06:29खुशी, खुशी
06:31मैं बताओ, मैं तुम्हें कैसे ठीक हरो खुशी खुशी, खुशी भाई
06:35खाई, भाई…. और भाई, रुम नादिया
06:37घुम आख शात हु कुशी
06:39खुशी, खुशी खुशी गोई, तुम लो लेकिनु आम इनके बारे में सब जानती हो
06:42हुशी
06:43प्रीज कुछ तो बोलो जा, इंसे बात ने करो
06:45फ्लीज, खुशी
06:47खुशी, खुशी भाई, खुशी प्रीज कुछ तो बोलो
06:50अली मुझे निलगता हिए इस वट बात करने के जा
06:53अली, मैं तो गयती है उसको पापस रखा होते है
06:56नहीं
06:57अरी दानटी तो तावीज में नहीं पहलावा, आजर आगया तो इनको तो फिल्कुल भी नहीं छोड़ेगा
07:01बाबजी के पास दोतने तावीज लेकर आते हैं, और चाहा गारेंटिए कि वो तावीज काम करेगा
07:05अरी कौन से पास दो प्लीज उनको ब्लादी चाह पतावा मेरे खुशी को प्लीज आजर आगया
07:13अगर आजर आया तो वो घंटी नहीं, यहां पर खत्रे की घंटी बजेगी इनशी
07:17अगर भर्याद के इस पहर आया कौन है?
07:19पता नहीं, चलो सब मिलके देखते हैं
07:22इसको छोड़ जाएं?
07:23अगर इदरी छोड़ दो, खुशी
07:25जो लो, खुशी
07:33असलावलेकुम आभवली
07:34वालेकुम असलाम
07:36बाबची आप यहां पे?
07:38हाँ
07:39इदर आपने तावीज जलाया
07:43उदर हमारे मुवक्कल ने इस हाविली के बारे में
07:46बारे में
07:47तमाम हालात बयान करती है
07:49इस तरह हमारा फॉरण यहां आना ठैर गया
07:53इदा अंटी यह वोई बाबा हैं
07:55जिनका तावी समीरा लेकर आई थी
07:57हाँ हाँ
07:58मुझे भालू मैं
07:59सहे नसीब बाबची आप खुद यहां पे तश्रीफ लाए
08:02मैं यकीन दिला रही हूँ अब इस हवेली के जिन्नाथ से
08:05हम लोगों को मुकमल छुटकारा मिल जाएगा
08:07हम सबसे पहले
08:10हवेली बाहर से देखना चाहेंगे
08:13क्योंकि अंदर से देखने से पहले
08:15बाहर से देखना जरूरी है
08:17हाँ बिल्कुल
08:19आई नापको बाइने से ठीक है
08:26शुकर शुकर है
08:28क्या बाद है अंटी आप इनी परेशान क्यों हो रही है
08:30परेशान होने वाली बात है सारा
08:32अब बाबाजी अपने एरम से खुछी को ठीक कर देंगे
08:35और पर खुछी और अली तुमारा से खुछ-कुछ हो जाएंगे
08:38फ्यूचर डाक तो मेरी बच्ची का होगा ना
08:40यार प्लीज आप लोग मुझे और जूटी आसमें दिलाएं
08:43मुझे पता है अली और मेरा कोई फ्यूचर नहीं है
08:47पेला हुचा आप लोगों ने मुझे कबाब में हड़ी बनाया हुआ है
08:50अब नहीं नादिया तुम कैसी बात ही कर रही हो
08:53देखो बाबाजी यहां अमल करेंगे जिससे इस हवेली के जिन गायब हो जाएंगे
08:58तुछ खुछी में तो एक जिन है ना
09:00हाँ हो सकता है कि उनके अमल करने से खुशी भी खैप हो जाए
09:04तुम थोड़ा से सबर तो करो ना
09:06विस उस तक तक हमें खुशी को उनकी नजरों से बचा के रखना है
09:09और अली और बाबाजी का भी आमना सामना नहीं होना चाहिए
09:12हाँ
09:13लेकिन एक हवीले में होते हुए हम खुशी और बाबाजी को अलग-अलग कैसे रखेंगे
09:19अब थोड़ी दिर की तो बात है हम कोशच तो कर सकते हैं ना ना ना दिया
09:23थोड़ी दिर अगर वो नहीं देखेंगे और उनकी दिर में उनका अमल हो जाएगा
09:26तो सब काम तमाम हो जाएगा लेकिन सारा अपि अली और खुशी लाउँज में यह सामने जावावाजाओ अबाबाजी हो कुछ करती हो
09:38कुछ आख चलाती हो
09:40माभा जी आप क्या अवीली के गर्देशार मना रहे है
09:51श्शुुुुुुुुुुुु്
10:14झाल
10:15छुुुुु
10:16झाल
10:17झाल
10:18खाशी को चुछी को ठाके कही पिछाना होगा
10:47मैंने वो बायर आजर को देखा
10:49आजर को?
10:51आजर तो किसी को भी नजर नहाता आप में कैसे बेखी है
10:53मैं देख लेती हूँ अली
10:54मेरी बहुत गहरी नजर है, मैं जर्निलिस्ट हूँ
10:56यानि बातों में हम टाइम क्यों वेस्ट कर रहे हैं
10:59जल्दी से उठाओ इसको, करे चुपा के आते है
11:01कहां चुपाएंगे आएंटी, आजर कहीं बेभी आ जाते है
11:04तो अली, हम इसको उठा कर अंदर ले जाते हैं
11:08अंदर ले जाके आयतल कुर्सी पढ़के इसके गिर भेसार बान देंगे
11:11तो आजर इसे देखी नी पाएगा
11:12तो मेरी प्यारी भावी, ये काम हम यही पे खड़े-खड़े कर देते हैं
11:15यही पे इसार बान देते हैं, उसके लिए अंदर लेके जाने की क्या जरूरत है
11:18नहीं न, अगर यही ऐसी बुद्बनी खड़ी रही और कोई हवेली में आगे तो कितना बुरा लगेगा
11:22यही कैसी बाते खड़ी यार, हमारी हवेली में कौन आता है, किसको बुरा लगेगा
11:26अली, तुम हवेली के पिछले हिस्से में गए थे, कोई किताब मिली तुम्हे वहाँ?
11:30नहीं यार, कुछ नहीं मिला, ख़ुशी मिल गए थी, किताब बिताब सब कुछ जहन से निगल गया
11:34लेकिन जब तक हम चौथी पाहिली सॉल्व ने करेंगे, तब तक हम खुशी को ठीक नहीं कर सकते हैं
11:38हमें फॉरन वो किताब दूडनी पड़ी है, ताके हमें वह हत्यार मिल सके है
11:42तुम सरी कहरेगी हो यार
11:45वह ہत्यार से हमारे सारे मसले अर्छी हलो सकते हैं
11:47हम चलो
11:48चलो
11:49खुशीद मैं आता हुआ हाँ हाँ हाँ मैं खाल रखूँगी पैस्ट अफलाग जो जो
11:59सरी तो अंटी टीप अब हम इसका क्या करें इस इतनी बारी है हमसे तुम हिलाई भी नहीं जाएगी
12:04यह लेकिन कुछना कुछना सुचना पड़ेगा नजारा
12:07कुछने काई दी आया हाँ हाँ हाँ हाँ हाँ क्या हाँ
12:25तो आप तो बत वाओ
12:29अरी तो वही जगह ना जहां से हम खुशी को लेकर गए थे
12:35उस जगह पिखड़ी भी थी हुआ
12:37मुझे तो लगता है खुशी और इसके घरवाले यही रहते हैं
12:40इसे बड़े गंदे लोग हैं
12:43यह देखो क्या हाल बनाके रख़ा है
12:46सफाई पसंद नहीं लगते मुझे
12:49मैं ऐसी बात नहीं है
12:51खुशी बहुत अच्छी साफसो तुर्यों नफीस लड़की है
12:54लड़की नहीं है वो चुड़
12:56नादिया
12:57जिन
12:58जिन कहने लगी थी जिन है
13:00और वो सलत है वो साफ हो लेकि उसके पर
13:02काम करने आए यहां पर वो कर ले
13:04अच्छा
13:06वो अलमारी
13:08खुड़ो खुड़ो
13:13क्या वो बंद है क्या
13:28बंद भी है और बहुत मजबूट भी है
13:32क्या करने
13:35शीषा तोफ़ो
13:36हाँ
13:37शीषा तोफ़ो
13:39तोफ़ो
13:40तोफ़ो
13:41तोफ़ो
13:42एुड़ो
13:45साथ पुण लगजरा
13:47अँग
13:56अँछे तोच्छाए आर
13:57वसको कुछ बही हुआ है
13:59कुछ बही नहीं
14:01कुछ और है यहाप है?
14:03एक सब्सक्राइब
14:06साइट बेटो
14:08नहीं
14:13साइट बेट ना
14:14शीशा तूड़े का लग सकता है
14:19ओ मैं गॉड़
14:22अरे
14:23अरे अगरता मस्पूँ शीशा है
14:26मुझे लग रहा है यह जादूवी शीशा है पक्का
14:29मैं यकीन से कह सकती हूँ यह यह जिनों का बसे रहा हूँ
14:32जगाई देखो
14:33कैसी विरान सी चाई हुई है
14:36नादिया
14:38देखो
14:39यहाँ पे चाबी की जगा भी है
14:42अगर यह जगा है तो उसकी चाबी भी जरूर होगी
14:46अली
14:47तुम बता ले थे ना कि घर में कोई चाबीयों का गुच्छा है
14:50बहुर सकते है उसमें से कोई चाबीयों
14:52जिसी अलमादी कुलती हो
14:54चल चल के देखती है
14:56उसे तो सांस भी ने आरी है
14:58तुम भी ने आरी है
15:07यह क्या है?
15:08यह और यह यह यह पराने समान में बड़ी थी
15:11विल्चेर है
15:12हाँ लेकिन अलहमदल्ला माशाला हम सब तो चल सकते है
15:15ना वे तो जरूतनी है इसकी
15:16अंटी इस तरती के बोचका भी तो कुछ करना है ना
15:19थो कि तुम में यह ले आई हूँ ु इसको इसको इसको और कही रखाते है
15:22वाह।
15:23तो इंटेलिजेट
15:24ळिकिव कि दुमनी यह सोचा कि
15:26कि अम इसको उसके पर रखेंगा रखेंगे
15:28हॉ
15:29यह यह तो कि निना इसका है एकम्नी तॉसका ही डूपए ून की
15:32तो मैं कह रहे हूँ, अभी शादी नहीं उसकी, तो कितनी अकडी वी है, शादी के बार तो और जादा आकर जाएगी, तो मैं लॉक सकूल चलाएगी यह देखता
15:41ने अउन्टी प्लीज, आप हमारी मदद करें न, बताएं, क्या करें? वो लोग आ गए, क्या करें? इसका, इसका, ये, आप इसको लेकिने
15:51जल्दी बैसे तो उस हवेली में बहुत सब्सक्राइगी, जल्दी जल्दी
15:56आईएगी मैं आपको दिखा देता हूँ
15:58वो जिन भगा दी आप में तारे, चलिगे जिन? न, न, फरीदान्टी अभी तो अबेली का जाइजा ले रहे हैं
16:12वह गोते हैं तेकर देख रहे हैं
16:18अँब बाबएजी ये मुझसमा है
16:19असित के दादा के जमाने का मुझसमा
16:23वो यहाँ पर रखा है तो जाँंवने इस पो सुपैज चादर डाल दी
16:25वो कहते हैं ना कि घर में मुझसमें नहीं रखने चाही है
16:28कौन कहते हैं?
16:29हां उनगेते हैं ये ये हम ये आप से इसके बारे में कोई सवाल नहीं किया है आप है पिसको गोर गोर से देख रहेती तो मैंने का मैं बता देते हूं इह अथियातन आइए बाबाजी मैं आपको बागी की हमाली देखा देता हूं ठीक है जलिए टन्न
16:53जो तर में भीया आफ जो जो
17:04अब आप यह मेरे माइका कम रहा
17:23अब बाबुजी यह कमरा तो बंद है
17:47जब से हम इस हवेली में शिफ्ट होए हैं
17:49यह कमरा बंद ही है
17:50असल में हवेली की चाबियां जिस गुच्चे में थी वो उसमें इस कमरे की चाबियां नहीं थी
18:16आपनी ही आवाजे सुनी
18:17नहीं बाबाजी मैंने तो कोई आवास नहीं सुनी
18:25बहुत जुनुकिया है उसने
18:28बहुत आजाब दिया है इन विचारों
18:31ना जिन्दगी में सकूं और ना मरने के बाद
18:38बाबाजी आप किसकी बात कर रहे हैं मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा है
18:42इस कमरी के पीछे क्या है
18:47इसके पीछे तो हवेली का अगभी हिस्सा है
18:51असल में हमारा कोई काम नहीं होता वहाँ पर तो हम इस हिस्से को इस्तमाल ही नहीं करते
18:56हमें वहाँ लेच चलिए जी उसका रस्ता तो बाहर से है चलिए आई
19:07इस ही हाजार आई
19:14हम इस चादर के उड़ा आई आप लोगोने इस चादर के उड़ा आप लोगोने वोचादर
19:44कि अड़ा आप एक उसको मच्छन ना काटे मच्छन ना काटे इस लिए ख़जी तुम्हें सांस तो आ रहा था ना तुम ठीक हो बाबी आ आप आउटी कुछ करी ना वो आना जाए वो वो आजाए वो आजर आजर वो मनुस जिन वो ना जे तो तो काफस का में नोई इसकी �
20:14अरे आयतल कुर्सी पढ़के हिसार कर दिया ना इसके गर्द तो अब आजर या उसकी बीवी इसको बिलकुल नहीं देख पाएंगे
20:20मेरा ख्याल है
20:21मुशी मैं बहुत परिशान हो रहा हूं तो मैं ऐसे देख के मेरा दिल बैठ रहा है तो मैं कैसे ठीक करूँ प्लीज बताओं उसे प्लीज दिल बठाने से कुछ नहीं होगा पहेलियां हल करनी पढ़ेंगे ली
20:31नहीं हल हो रही आँटी पहेलियां भी
20:34और जो अलमारी है घर के पिछले हिस्से में उसमें सारी किताबे हैं और वो अलमारी ना तो खुलती है और ना ही तूडती है
20:42ओके
20:43वो पहेली क्या थी वो फिर से सुनाओ मुझे अच्छाथ
20:46कौन हो मैं
20:48कैसे याद होगी इतनी लंबी पहेली आँटी मुझे
20:50डायरी में रिखी हैं सारी
20:53ओके डायरी का है
20:54रूम मैं में लेकर आता हूँ
20:55रुको
20:56मैं और नादियों तुम्हें साथ चलते
20:59हैं वही पर बैठके आराम से
21:01तुम इनके साथ आराम से जाओ
21:03मैं इसका ख्याल रखूँगग इसको एक निमचर नहीं काड़ेगा
21:20अबजी ये भवेली का अगभी हिस्सा है
21:27और तुम बिलकुल वीरान है
21:30गर्थ में आटा है
21:32यहां हमें क्या मिलेगा
21:34सब कुछ यहां है
21:37ये जगा
21:38उनकी ताकत का मंबा है
21:41किनकी ताकत का मंबा है
21:45मुझे कुछ समझ नहीं वाबजी
21:47इस जगा पर
21:50जिन्नात का कब्जा
21:54वाज़े दिखाई देता है
21:56लेकिन
21:58उनकी मुझूदगी का एहसास नहीं रहता
22:02अजीब हैरत की बात है
22:05कि इस हवेली के अगले हिसे में
22:08उनका कब्जा नहीं
22:10लेकिन उनकी मुझूदगी का एहसास
22:13शदीद है
22:15बाबाजी हवीली के अगले हिस्से में तो सिर्फ मेरी फैमिली ही रहती और तो कोई नहीं है
22:24हाँ वो फरीदा अंटी और उनकी बेटी है नादिया वो बाहर से आए है
22:29उनका जरूर कोई तालुक होगा जिन्नात से
22:32अब हमें यहां से रुखसत होना चाहिए
22:37अरे नहीं बाबाजी आप पहली दफ़ा हमारे घर हाएं ऐसे किस तरह जा सकते हैं कुछ खाप ही कि जाएएगा प्लीज
22:44अरे नहीं बेटा हमारी अबादत को वक्त हुचला है
22:49आज रात अबादत करेंगे और इनके भारे में मजीद जानेंगे
22:55इस हवेली के साथ बहुत से राज जुड़े हुए हम मर्स की तश्खीस कर रहे हैं
23:06और इलाज भी बहुत जल्द करेंगे
23:10लेकिन फिलहाल हमने हसार खेश दिया है
23:16यह हवेली पूरी महफूस है
23:19वो अगर वापस भी आ जाए
23:22तो आप लोगों में से कीसी का कुछ नहीं बिगार सकते
23:26पिटा अब हम यह जासत दीजिए
23:33जी आईए आईए माँच
23:35उसकी नजरें तुम पे हैं
23:41उससे ही चुरानी है
23:42हाथ में नाया तो खाक ही उड़ानी है
23:46जाँ
23:49उसकी नजरें तुम पे हैं
23:54उससे ही चुपानी है
23:56चुपानी है चुरानी कहा से आगया
23:58चुपानी है तो यह तो सिंपल है
24:00ये तो आज़र के बारे में कह रहे है ना
24:02उसकी नज़रे हम पे हैं
24:04तो ये सारी बात हमें उसी से चुपानी है
24:06लेकि मुझे समझ में नहीं आ रहा है ली
24:08अगर हवेली के पिछले से रख्याल मारी में कोई किताब है
24:11तो वो आज़र लोगों को अभी तक मिली क्यों नहीं
24:13क्योंकि हम लोग तो ये ही सोच रहे हैं ना
24:15क्या आज़र लोग हवेली के पिछले से में रहते हैं
24:17तो जिन्हों का किताब हो से क्या काम
24:19वो सकता दादा जान ने जान बूच के वो किताब वहां रख्यों
24:22ताकि कोई उसके बारे में सोच भी न सके
24:25वो कहते हैं ना कि बगल में बच्चा शहर में डिनोरा
24:28लेकिन अभी हमें कनफार्म नहीं है ना कि किताब उसी अल्मारी में है
24:32अँटी वो बहुत और इस्रार अल्मारी है
24:36मैंने उसका शीशा तोड़ने की परशिश की
24:40लोहे का गुल्दान मारा उस पर
24:41हाँ ममा इन्होंने पुली ताकत से अल्मारी को तोड़ने की कोशिश की थी
24:46मगर मुझे लगता हूँ अल्मारी जादूई थी
24:48ना खुलती है ना तूटती है
24:50अगर मैजिकल अल्मारी है
24:52तो फिर अल्मारी का कीहूल भी होगा ना
24:55तो उसके कोई जादु है चाबी भी होगी
24:57चाबी से खुल यह
24:59जबेरेखिना, यह जाबी हों तो है हई लेकिन यह साइज में बहुत बढ़ी है
25:04और उसका कीहूल तो बहुत छोता सा है इसमें से कोई भी चाबी इसमें नहीं लग सकती
25:08है लेकिन
25:09अगर मारी है ॉर की हो नशेibly
25:13थे संतिंग मजद कोसरी है लो फोकस नहीं कर रहरो है अपना दमाख नहीं कोछ नहीं है
25:19हुट सौरे लेमेर अगया कि अपना खरो
25:32कुछ नजर आया हूँ?
25:38मुझे खुशी कहीं भी नजर नहीं आ रही आजर
25:41क्या मतलब नजर नहीं आ रही?
25:44वह आवेली में कहीं भी नहीं है
25:47ऐसा कैसे हो सकता है?
25:49किसी ने उसके इट गिर्द इसार तो नहीं बना दी हूँ
25:52लेकिन और कौन सुलमानी हिसार बना सकता है
25:55कुछ तो गड़ बड़ है आजर
25:59मुझे तो पूरी हवेली के गिर्देशार महसूस हो रहा है
26:02किसी ने कुछ पढ़कर फूंका है हवेली पर
26:05लेकिन कैसे है
26:06इन हकीर इनसानों के इतनी हुकात नहीं
26:09याद खुद फसी उद्दीन के दियेवे तावीजों की वज़ा से बचे में
26:12यह इसार नहीं मना सकते
26:14कोई न कोई मसला तो जरूर है आजर
26:16हमें फॉरान अवेली पहुंचना होगा
26:18वो सकते हैं सरदार खलफान इसकी इजासत ना दे
26:23अमीरे सुमात चल रही है
26:26वो शायद रुकने के लिए सरार
26:28मुझे अपनी बेहन तक पहुंचना है
26:29कुछ भी करो
26:30कहीं वो किसी इंसानी आमिल के शिकंजे में न फस चाए
26:33मुझे बहुत बेचैनी हो रही है आजर
26:36खारान
26:43जी मैं मांजरदार
26:52मैं आपकी क्या खित्मत कर सकता हूँ
26:55खारान
26:56हम सरदार खल्फान से रुखसती की अजाज़त तलब करना चाहते हैं
27:00चमकी की बहन के तब्यत कच खराब है
27:03बेतर तो यह होता सरदार के
27:05आप इस सिसले में खुद ही उनसे मुलकाद कर लेते
27:08अगर उने हमारा जाना नागवार गुजरा तो हम फौरान हाजर हो जाएंगे
27:12फिलहाल तुमने बस मतला कर दो
27:14हमारा जाना जरूरी है
27:16ठीक है मैं मांसरदार
27:17मैं आका सरदार से बात करके आपको खबर देता हूँ
27:20एक को मिला देना और एक को जला देना
27:27जलाने वाले तुम लोगो ने काम कर लिया मुबते के उपर रखे
27:29उसको जला दिया है तहरी को
27:30मिलाना किसे एक को जला देना एक को मिला देना
27:36मिलाना किसे
27:39देखा कुछी नहीं है यहां पर पतानी कहा जली गई मेरी बेहन
27:54आए एन वह यहां आएं है, यहां यहां आए है भित्मु कैसी आज़र
28:03ऐसे लग रहा है हुजाम के फूलों के लाग में आ गई पर और बहुत तक्त मुझा दिखो
28:20अगली के अगले हिस्से में बहुत सख्त हैसार किया गया है
28:23ना हम अंदर जा सकते हैं ना खुशी को ढून सकते हैं
28:26खुशी के सुस्राब में भी तक के बात कोई नहीं जानता
28:29कि वो एक इनसान जादे को दिल दे बैठी है
28:32उसके गायब होने की कबर हम कैसे चुपाएंगे
28:35उपर से जासिम बार बार उसे देखने की जिद कर रहा है
28:38वोना जाने कहां चली गई है
28:41अगर उसने पर से तक आसा किया तो हम खुशी को कहां से ढून कर लाएंगे
28:44पर जानिया बहुत पर गई यह आजर
28:47पहले मुझे यह मालूम करना है
28:51हमारे पीछे हुआ क्या है
28:54कौन हमारे गर पर गंदा अमल कर रहे है
29:00अलाह
29:04अलाह
29:07अलाह
29:09अलाह
29:12अलाह
29:13शुकर है भई बाबाजी खुदी चले गए
29:24शुकर है कि बाबाजी ने खुशी को नहीं देखा और उनकी मुलाकात अली से भी नहीं हुई
29:29जह है अली अगर मिल लेता ना उनसे
29:31तो उनको हाथ से पकड़ के लिए था खुशी के पास केस का इलाच भी करें
29:35और मेरा इसी वक्त इससे निकाबी पड़ बात है
29:37एचारी नादिया कितनी मेनत करी है ना अली के लिए
29:42ऐसे कौन सी मेनत कर दी भही उसमें
29:45कौन से पहार तोड़ दी है
29:47पहे लिए ही सॉल्फ कर रही और तो कुछ नहीं किया
29:49ऐसे मैं नोट कर रही हूँ आज कल के तुम्हें किसी की नेकी नजर नहीं आती
29:53और क्या करें वो
29:54अली की शादी होगी तो सिर्फ नादिया से
29:57बस
29:58वही मुझे कोई मसला नहीं है
30:00अली को ना खुदी समझा देना फिर
30:02अली होगा
30:06आजो अली अंदरी
30:07हेलो
30:10सॉरी आंटी
30:14आप लोग अभी तिक जाग रहे हैं
30:16अली कहा गया
30:16वेटा वाँ उस पत्थर की औरक के पास
30:19पता नहीं क्या जादू कर दी है इसने अली के उपर
30:21पता है ममा
30:23खुशी से मिनने से पहले ना जब भी
30:25अली फ्री होता था ना तो वो मुझे कौल करता था
30:27मुझसे बाते करता था
30:29और अब
30:29राटिया तुम प्रीज गम नहीं करो
30:32अली की शादी खुशी से नहीं होगी
30:35वो सिर्फ और सिर्फ तुमारा है
30:37पसे अगर देखा जाए ना तो ये कसूर तूम लोग का है
30:41अगर तुम लोग इस अभीली में ना शिफ्ट होए होते
30:43तो अब तक अली और नादे की शादी हो चुकी होती
30:46अंटी एक काम करें ना
30:47आप एक लिस्ट बना दे
30:48उन सिप चीजों की जिसकी वज़ा से हमारे
30:50मासूम भाई की आपके खुबसूरत बेटी से शादी नहीं हो सकी थी
30:54मैं और मेरे आने वाली तमाम नसले
30:57उसी लिस्ट पर काम करती रहेंगी अपनी पूरी उमर
31:00तुम ने क्यों की थी इतने सड़ियल आदमी से शादी
31:06तुम इतनी प्यारी हो
31:07मेरको पेटा होता नहीं तुमें तो मैं तुम्हे अन्हें बहुब दे
31:10सांती नसीब-दुल की बहाद है
31:12के बहात है
31:13यह क्या प्टिया पढ़ारे है मेरी बेगप को
31:15नहीं पिधि नहीं पढ़ारे थी
31:18मैं करेड़े थी वो पत्थर की स्टाच्चियो
31:20लबिटी जब तक इस घर में मौजूद है ना तब तक अली उसे भून नहीं सकता है
31:23कुछ करो
31:38कितना तनाओ मैं
31:40कितना अकेला रही है
31:44घर पे भी गूई नहीं है जो
31:50मेरे हैसास आपको समद सके
31:52कोई भी नहीं जानता किeg मैं किस
31:58किस तकीफ से गुजर रहा हूं
32:02तुम्हें पता है तुम्हें तस्म्हत
32:07तिक कि तो मेरी बाद समझती थी
32:07कि ना कहें मेरे दिल की हर przypad चान देती थी
32:11सिर्फ तुम थी पुछी आफ मिसकर हूं तुमे यार बहुत मिसकर रहूं यार प्लीज वापस आजो प्लीज वापस आजो यार प्लीज वापस आजो यार प्लीज वापस आजो यार प्लीज वापस आजो यार प्लीज वापस आजो यार प्लीज वापस आजो प्लीज वाप
32:41आप आ्छ भून नो जसे का कि अख़े।
32:45आपकी हूँ और आपकी हीर हूँगी।
32:55गय किया क्या क्या हो तुम्हू?
32:59खुशी तुम चुप कउँ हो तुम बोलो ना यार मेरे से बात करो, चुशी?
33:05खुशी खुशी खुशी खुशी
33:07ने ने ने मसाख मत करो यार प्लीज दिये मेरा वहम नहीं हो सकता
33:11मेरा वहम नहीं हो सकता यार तुमने भी खुद कहा है कि तुम
33:15तुम मेरी हो हमेशा मेरी रहोगी सारी जिंदगी मेरी रहोगी तुम
33:20तुम क्यों चुपो या, कुछ तो बोलो!
33:24खुषी!
33:25खुषी, कुछ तो बोलो या, खुषी!
33:29खुषी हो या, खुषी!
33:45बहुत सकते सार है, आजर.
33:47हवेली के चारों तरफ एक जैसी सूरत के हाल है
33:50पता नहीं मुझे ऐसा क्यों लग रहा है कि
33:52खुशी हवेली के अंदर ही है
33:55शुकर है तुमने हवेली के अगभी इससे में कोकाफ की जड़े लाकर डाल दी थी
33:59और ना तो हम अपमें घर भी दाखिल ना हो पाते
34:02फिलाल ये सोचो खुशी तक कैसे पहुंचे है
34:04हमने दिर्वाजे से दाखिल होने की तो कोशिश ही नहीं की
34:08करके देखी
34:09चुक पुरा करके देख लिए
34:28ये कोई हसने की बात है
34:30मजाक उड़ा रहे हो मेरा
34:31जब हवेली के चारों तरफ इसार है
34:34तो दर्वाजे के बाहर भी होगा ना
34:36कभी कभी तुम बहुत बचकाना हरकते करती हो
34:39बच्ची हो मैं भी
34:41साड़े तीन सो साल की बच्ची
34:43तीन सो साल उमर है मेरी
34:46एक अत्तर की जंग में भी तुम नहीं ही खाता कि तिन सो साल के हूँ
34:49याद है ना?
35:16ये कर क्या रहा है?
35:35यकिन पहीली हल करने के चक्कर में आया है
35:38लेकिन इस हल मारी में ऐसी क्या चीज़ हो सकती है
35:42इसका हमें नहीं पता
35:44ये तो अलमारी खुलने के बाद ही पता चलेगा
35:47ये पहिले आम से हल नहीं होती
35:50ये तो बस इनसान के बस की बात है
35:52इसकी चाबी कहा है?
35:56ये अलमारी सिर्फ एक चाबी से खुलती थी
35:58जो फसीदीन के पास थी
36:01मैंने बहुत कोशिश की
36:04लेकर उसने इस चाबी भी कुछ पढ़की फून दिया था
36:08इसलिए उसके जिन्दा रहते मुझे चाबी नजर नहीं आते थी
36:13मानने से पहले उसने चाबी काँ छुपाई?
36:18मैं नहीं जान था
36:19तब ये इस अलमारी पर तुम्हारी ताकत भी बेएसर रहती है
36:23जमकी यह आखरी पही लियाल कर रहा है
36:26हमें मुधाद रहना पड़ेगा
36:29हमें कुछ न कुछ करना पड़ेगा आजर
36:34किसी भी तरह इस इसार को तो
Be the first to comment
Add your comment

Recommended