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Saudi Arabia Bus Accident: सऊदी अरब में एक दिल दहला देने वाले सड़क हादसे में 42 भारतीय उमराह तीर्थयात्रियों की मौत हो गई। मक्का से मदीना जा रही बस दुर्घटनाग्रस्त होने से पूरे भारत में शोक की लहर दौड़ गई है। इस दुखद घटना के बीच, यह समझना जरूरी है कि मुसलमान उमराह करने क्यों जाते हैं और इस्लाम में इसका क्या महत्व है। उमराह, जिसे छोटा हज भी कहा जाता है, एक पवित्र यात्रा है जो अल्लाह की इबादत, गुनाहों की माफी और आत्मिक शांति प्रदान करती है। यह शहादा, नमाज, जकात, रोजा और हज जैसे इस्लाम के पांच स्तंभों से अलग, एक मुस्तहब (शुभ) कार्य है, जिसे सालभर में कभी भी किया जा सकता है। यह वीडियो उमराह के आध्यात्मिक पहलुओं और उसकी यात्रा विधि को विस्तार से समझाता है। जानें उमरा और हज में क्या है अंतर.

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~HT.96~PR.250~GR.124~ED.276~

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00:00हज से कितना अलग होता है उम्रा जहां जा रहे 42 भारतियों की मौद इन यात्राओं में क्यों जाती है इतनी जाने
00:12उम्रा और हज दोनों इसलाम की पवित्र इबादते हैं लेकिन दोनों यात्राओं की प्रकृती और अनुभव में जमीन आस्मान का फर्क है
00:31उम्रा एक सरल और छूटा सफर है जिसे साल के किसी भी दिन अदा किया जा सकता है
00:37इसमें तीर्थियात्री एहराम पहनते हैं कावा का तवाफ करते हैं सफा और मर्वा के बीच सई करते हैं बाल कटवाने के बाद अपनी अबादत पूरी करते हैं
00:50कई लोग तो इसे बार बार इसलिए करते हैं क्योंकि ये दिल और रूख को ताजगी देता है
00:56अल्लह की करीब होनी का एहसास कराता है और मानसिक शान्ती का अनुभवी
01:03इसके मुकाबले हज बिलकुल ही अलग दर्जी की यात्रा है
01:07ये इसलाम का पांचवा फर्ज है और केवल उन्ही परनिवार्य है जिनकी उम्र, स्वास्थ्या और आर्थिक स्थिती इसकी अनुमती दे
01:17ये हर साल सिर्फ एक विशेश समय आठ से बार है जिल हिज्जा के बीच होता है
01:24हज की कठिनाई का मुख्य करण, भारी फीड, तप्ती, धूप और लगातार पैदल चलना
01:31स्यात्र में मौतों का आंकडा उम्रा की तुलना में कहीं अधिक है
01:35सामान्य वर्षों में ये संख्या 20 से 50 के बीच होती है
01:39जो अधिकतर दिल की समस्याओं, हीट स्ट्रोक, पानी की कमी और ठकान की वजाओं से होती है
01:46इनमें अधिकांश बुजूर्ग तीर्थ यात्री हैं
01:49जिनकी सेहत इतनी लंबी और चुनोती पूर्ण यात्रा सहन नहीं कर पाती
01:54लेकिन कुछ साल ऐसे भी आते हैं जब मौसम, भीड और अन्य परिस्तीतियों के कारण मौतों का आकड़ा अचानक बढ़ जाता है
02:03तापमान 50 टिगरी तक पहुँच सकता है
02:06धूप में मीलो लंबी दूरी तै करनी पढ़ती है
02:10भीड एक साथ बढ़ जाती है
02:12किसी छोटी सी चूख या व्यावधान से भगदर जैसी स्थिती बन सकती है
02:17और परिणाम सरूप, सैंक्डों या हजारों लोग अपनी चाहन कवा देते हैं
02:23इतिहास में हज के दौरान कई बड़े हाद से हुए
02:271987 में इरानी हाजियों और साथी पुलस के बीच चड़प में 400 लोग मारे कए
02:331990 में मिना की सुरंग में दमगुटने से भगदर मची और लगभग 1400 लोग मारे कए
02:411997 में गैस सिलेंडर ब्लास्ट में 343 लोग मरे
02:462015 में एक अन्य दुरगटना में 2411 लोगों की जान चली गई
02:532024 में भी गर्मी और भारी भीड के कारण लगभग 1000 हाजियों की मौत को गई
03:00बढ़ती भीड और प्रिशाशन की विवस्थाओं में खामिया
03:04यही कारण है जो साओधी अरब ने हज वीजा पर कुछ देशों के लिए प्रतिबंद भी लगा दिया
03:10फिर भी इतनी कठिनायों और जोखिमों के बावजूद लोग हज बर जाते हैं
03:16इसका कारण आस्था और विश्वास है
03:19मुसल्मानों के लिए हज सिर्फ यात्रा नहीं बलकि वो मकाम है जहां हर इंसान एक समान खड़ा है
03:26ना कोई बादशाह ना कोई गरीब सफेद कबड़ों में सर्फ अल्लह की रहमत पाने की ख्वाइश लिए
03:33लोग अपने जीवन की सबसे बड़ी कुरवानी की यात में कदम बढ़ाते हैं
03:38हज का हर रिवास हजरत इब्राहिम और इसमाईल की कुरवानी की यात इलाता है
03:44जिसमें इंसान ने अल्लह की रह में अपनी सबसे प्रियाचीज को नियोच्छावर कर दिया था
03:50यही यकीन लोगों को मौत के डर से उपर उठा कर इस कठिन यात्रा की और खीचता है
03:56हर कदम, हर कठिनाई, हर ठकान उनके लिए इबादत बन जाती है
04:02यही रुहानी की चाप और भरूसा हज को दुनिया की सबसे कठन लेकिन लोगप्रिया पवित्र यात्रा बनाती है
04:10गर्म साउदी धूप, भीड का दबाव और लगातार चलना ही हज में मौतों की सबसे बड़ी वचा है
04:182024 की ही बात करें तो 1,75,000 हाजी यात्रा पर गए जिन में से 1,000 लोगों की मौत, गर्मी और ठकान के कारण हुई
04:28ग्लोबल वार्मिंग के चलते ताप मान बढ़ रहा है और बारिश भी असामाईक रूप ले रही है जिससे हज और भी चुनौती पून हो गया
04:38बावजूद इसके हजारों मुसल्मान हर साल इस स्यात्रा के लिए बढ़ती भीड और खत्रे को पीछ छोड़ कर साओधिया अरब पहुँचते हैं सर्फ अपनी आस्था और अल्ला के करीब होनी की एक चाह में
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