00:00मीठे बच्चे, यह पुरुशोत्तम संगम युग है, पुरानी दुनिया बदल अब नई बन रही है, तुम्हें अब पुरुशार्थ कर उत्तम देवपद पाना है
00:10प्रश्न, सर्विसिबल बच्चों की बुद्धी में कौन सी बात सदैव याद रहती है?
00:16उत्तर
00:46रहना है, किसी भी देधारी को याद नहीं करना है, एक बाप की याद में रहना है
00:51वर्दान, कल्यानकारी बाप और समय का हर सेकिंड लाब उठाने वाले निश्चे बुद्धी, निश्चिंतम भव
00:59जो भी द्रिश्य चल रहा है उसे त्रिकाल दर्शी बन कर दिखो, हिम्मत और उल्हास में रहे, स्वयम भी समर्थ हात्मा बनो और विश्व को भी समर्थ बनाओ
01:09स्वयम के तूफानों में हिलो मत, अचल बनो, जो समय मिला है, साथ मिला है, अनेक प्रकार के खजाने मिल रहे हैं, उनसे संपतिवान और समर्थिवान बनो, सारे कल्प में ऐसे दिन फिर आने मले नहीं है
01:23इसलिए अपनी सब चिंताएं बाप को दे कर निश्चे बुध्धी बन सदा निश्चिंतम रहो, कल्यानकारी बाप और समय का हर सेकिंड लाफ उठाओ
01:32स्लोगन, बाप के संग का रंग लगाओ तो बुराईया स्वता समाप्थ हो जाएंगी
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