Mohan Bhagwat Speech: मोहन भागवत के बेंगलुरु भाषण ने देश में नई बहस छेड़ दी है! RSS प्रमुख ने दावा किया कि भारत में कोई 'अहिंदू' नहीं है, सभी भारतीय एक ही पूर्वजों के वंशज हैं। उनके इस बयान का क्या अर्थ है और क्या यह हिंदू-मुस्लिम एकता का नया सूत्र है? भागवत ने RSS के 100 साल के सफर पर बात करते हुए सत्ता और मोदी सरकार पर भी बड़ी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि संघ का उद्देश्य सत्ता नहीं, बल्कि समाज को एकजुट करना है। जानिए इस वायरल भाषण की गहराई और इसके सियासी मायने। पूर्वजों और भारतीय संस्कृति पर उनके विचारों ने कैसे बवाल मचाया है, देखें पूरी खबर!
'सभी मुस्लिम और ईसाई, हिंदू पूर्वजों की संतान हैं', कांग्रेस शासित राज्य में जमकर बरसे RSS प्रमुख मोहन भागवत :: https://hindi.oneindia.com/news/india/rss-chief-mohan-bhagwat-said-in-bengaluru-hindu-society-is-at-its-peak-wants-to-unite-the-world-1426319.html?ref=DMDesc
'हमारे घर का एक कमरा किसी ने हथिया लिया है उसे हमें वापस लेना है', RSS प्रमुख मोहन भागवत ने क्यों बोली ये बात :: https://hindi.oneindia.com/news/india/rss-chief-mohan-bhagwat-reiterated-his-resolve-for-a-united-india-saying-someone-has-taken-over-room-1401493.html?ref=DMDesc
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने की ट्रम्प की टैरिफ नीति की आलोचना, शताब्दी समारोह में स्वदेशी अपनाने पर जोर दिया :: https://hindi.oneindia.com/news/india/rss-chief-mohan-bhagwat-urges-swadeshi-criticizes-us-tariff-policy-during-vijaydashami-speech-1399029.html?ref=DMDesc
00:21अरसस की दू दिवस्या व्याख्यान माला के पहले दिन
00:25संग प्रमुर्क डाक्टर मोहन भागवत ने संग की सौ वर्ष की यात्रा
00:29नायक शितिज विशय पर अपने विजार व्याग करते हुए कहा
00:33कि संग का उद्धिश्यो सत्ता प्राफ्त करना नहीं
00:36बलकि समाज को संगठित कर भारत माता की महिमा को बढ़ाना है
00:40उन्होंने कहा कि आरिसस किसी राजनेतिक शक्ति के रूप में नहीं
00:44बलकि राश्ट्रो के गवरव और समाज की सिवा के लिए काम करता है
00:49भागवत ने स्पर्ष किया कि संग का ध्यान हिंदू समाज पर इसलिए केंद्रित है
00:53क्योंकि हिंदू ही भारत के प्रती जिम्मेदार है
00:56भागवत ने कहा कि भारत की मूल संस्क्रिती हिंदू संस्क्रिती है
01:01और इस भूमी पर ववास्ता में कोई अहिंदू नहीं है
01:05उनके अनुसार भारत में रहने वाले सभी लोग चाहे वो मुसलमान हो या भर इसाई एक ही पूरवजों के वन्शच है उसी सांस्कृतिक परंपरा से जुड़े हैं
01:16उन्होंने कहा हो सकता है कि कुछ लोग को ये ग्यात ना हो वो इसे भूल गए हूँ लेकिन भारत की आत्मा और मूल भावना हिंदू संस्कृति से ही प्रिरित है उन्होंने ये भी कहा कि जान बूच कर या अंजाने में हर व्यक्ति भारतिय संस्कृति का पालन गरता है इसलि
01:46ओर दकश्रतिक हिंदू को यह समझना होगा कि हिंदू हुझने का मतलब भारत की रख्षा सेवा और प्रगती के लिए उत्तरदाई होना है।
01:56स्कुली बाहर की सिवागष और अखन्दतय उसी भावना से चुड़ी है इनきた शक्त तो उसका लक्ष सत्त नहीं बल्कि समाज
02:25की एकता और सिवा होती है। उन्होंने कहा कि संग स्वंसेवक रश्ट्रहित के लिए समर्पित है। और बदले में कुछ नहीं चाहती। संग प्रमुक ने याद दिलाया कि संग का मार्ग कभी आसान नहीं रहा। उसे कई दशकों तक विरूद, आलूचना और प्रतिबंधो
02:55संग की एक विश्वस निया पहचान है और उसकी स्विक्रिती बढ़ी। भागवत ने कहा कि आरसस के शताबदी वर्ष में संगठन का लक्ष है। उसका कादर्या हर गाउं और समाज के हर वर्ग तक पहुँचे। उन्होंने कहा कि संग जाती वर्ग या क्षेत्र से परे स
03:25झालिस अट्रेश इस नपस्ट्राइश पुक्रिक्षिए की आर बार करते लुष पार्ष झालट टैस्टी वर्ब्स नप्टेश पड़ नफ्टेश थूंट ट्ट्राइब एक पार्ड़ों का बीन्हों है।
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