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25 Years Of Uttarakhand: कैसे पहाड़ों ने बदली अपनी तकदीर! इस वीडियो में देखिए वो सफर जिसने उत्तराखंड को देश की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल कर दिया।
क्या आप जानते हैं कि 2013 की त्रासदी के बाद इस राज्य ने कैसे उठाया खुद को फिर से खड़ा किया?

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00:0019-वी सदी के आखरी सालों की बात है युनाइटेट प्रोविंस का उत्तिरी इलाका जिसे उत्तरांचल कहा जाता था
00:06तब उसमें सिर्फ दो जिले थे कुमाउ और गडवा इसके अलावा एक प्रिंसलिय स्टेट ट्वेरी भी थी
00:12इन सभी जगाओं के लोग युनाइटेट प्रोविंस की सरकार से खुश नहीं थे
00:17लेहाजा 1897 में पहली बार उत्तरांचल को एक अलग राज बनाने की मांग पहली बार हो थी
00:24फिर साल आता है 1949 आजादी को दो साल हो गए थे और उत्तरांचल की मांग तेज हो चुकी थी
00:31लेकिन ध्यान तब भी नहीं दिया गया फिर इसके तकरीबन तीन दशक बाद जब 1977 में जन्ता पाटी पावर में आई
00:39तो पहली बार उत्तराखंड को एक राज़ के तोर पर बनाने की मांग एकसेप्ट हो इसी दौरान एक दल भी बना जुसका नाम रखा गया उत्तराखंड क्रांती दल इसके बाद आता है साल 1990 देश में राज़नी तेक ऐस सिर्था इतने चरम पर पहुंची कि प्रधान मंत
01:09जिसमें कई पुरोष और महिला अंदोलन करताओं की जान भी चली लेकिन कॉंग्रेस के नित्रत वाली यूपी ने से ठंडे बस्ते में ही रखा जिसके बाद साल 1999 में NDA सत्ता में आई और देश में एक बार फिर BJP की अटल बिहारी वाजपाई के नित्रत वाली सरकार मिली
01:39जैसे मुनों ने 1998 में नुकलियर टेस्ट को लेकर किया था पता था सरकार गिरेगी लेकिन देश का नुकलियर पार वनना जरूरी था तो दवाका किया लेहाजा अटल जी ने बिना देर किये पहले ही साल 1999 में लोकसभा में बिल पटल पर रखा और पास भी करा लिया लगे ह
02:09इसका पौराने के नाम उत्राखंड है इसलिए जनवरी 2007 में इसे भी बदल कर उत्राखंड कर दिया गया अगर आप उत्राखंड जाते हैं तो देखेंगे कि आज भी कुछ वाहनों पर यूके की जगए यूए से नंबर की शुरुआत होती है यह सिर्फ बनने की कहानी थी
02:39वो देखा जिसकी पूरी दुनिया ने कलपना नहीं की ती जून 2013 केदारनाथ में भाल बारिश बादल फटने और लेंड स्लाइड ने पहाड़ों में सुनामी ला दी जिसमें इस्थानिये लोग समेथ 6,000 से ज्यादा लोगों की जान चली गी कई लोगों के शब्तों कभी
03:09में उको तैयार किया और कम संसाधनों के साथ रेस्क्यो आपरेशन चलाए गया जबकि राज और केंदर दोनों जहों पर कॉंगेज थी लापरवाई की हद तो तब हुई जब मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से पर्याटों का डेटा मांगा गया तो उनके पास कुछ
03:39पहाडों में कई जगे सड़कों का नेटवर्क पूरी तरह से खत्म हो चुका था
03:432016 आते आते राज में भ्रस्टाचार इतना बढ़ गया कि जणता सड़कों पर उता रही जणता मूलबूत सामान नहीं खरीद पा रही थी और उधर सेम हरी शुरावत पर विजय बहुगुणा खेमे के विधाय खरीदने के आरोप लग रही थी
03:58नतीजा यह हुआ कि 2017 के विधान सबाज चुनाओं में बीजेपी वापस सत्ता में लोट है लेकिन जनता के सामने रोजगार और पर कैपिटा इनकम बढ़ाने की चुनोती अब चरम पर थी इंडस्री तो थी नहीं उपर से रोड नेटवर्क अलग से बरबाद हो चुका थ
04:28से होटल्स बने मंदिरों तक पहुंचने के रास्तों को आसान किया गया नई नई नई लोकेशन टूरिस्टों को बताई गई नए व्यूपॉइंट्स बनाए गए ट्रेकिंग के लिए नए नए रास्ते खोले गए हर जगह को एक खास तरीके से प्रमोट किया जाने लगा
04:58खर्च करें इन्वेस्ट करें ताकि हर एक जिले में ऐसी लोकेशन हो जो स्थानी लोगों की कमाई का जरिया बन सके और टूरिजम भी खले पूले वहीं सुविधाओं को भी इस ढंक से अरेंज किया गया कि अगर टूरेस्ट एक जगह जाएं तो उसके पास खर्च करने के
05:28जिस उत्राखंड ने टूरिजम में सिर्फ उनातर सो करोड कमाई थे दूहजार तेरा में तेश सो करोड कमाई थे उसी उत्राखंड ने दूहजार उन्निस में पचास हजार करोड से ज्यादा कमाई की दूहजार बीस और 21 में कोविड की वज़े से व्यापाट ठंडा रह
05:58बड़िया पार्किंग, पुलिस पेट्रोलिंग, एंट्री एग्जिट पॉइंट और बाइपास के साथ दोबारा तैयार किया गया।
06:04यहां तक कि जिन जगों पर कच्छे पुल थे, वहां पर बड़े अच्छे फ्लाइओबर और पुल का निर्माण किया गया,
06:09ताकि लोगों को आने और जाने में सुविधा बनी रहे, जिन जगों पर लेंड्सलाइड का खत्रा रहता,
06:14वहां पर पर्मानेट ऐसी व्यवास्ता कर दी गई कि जैसे ही लेंड्सलाइड हो, तो एक से लेकर चार घंटे के बीच साहरा मलवा साफ किया जा सके,
06:23ये रोड़ें एकडम पहले जैसी हो जाए, बड़े अस्तर पर टनल बनाई गई जो कनेक्टिविटी में मील का पत्थर साबित हो,
06:30इंडियन ब्रांड एक्विटी फाउंडेशन आई बी इएफ की जून दोहजार पंचिस की एक रिपोर्ट की मुताबिक,
06:35दोहजार तेइस में साथ करोर पर रेड़क आई और दोहजार चौबिस में एसंख्या 20 प्रतिशत बढ़कर 8.4 करोर तक पहुँची,
06:44इस साल इसमें 15 से 20 प्रतिशत की और उच्छाल का अनुमान है,
06:49मौजूदा वक्त में उत्राखंड की GSDP यानि की ग्रॉस स्टेट डॉमेस्टिक प्रोड़क्ट 43.7 प्रतिशत है,
06:55जो उत्राखंड के कुल बजट 1,175 करोड का लगभग आदा पहुँचने वाली है,
07:02PIV के आकड़ों के मताबिक उत्राखंड में 2012 में वहां प्रतिव्यक्ति आए 92,560 रुपए थी,
07:10जो 2025 में 2.7 लाख प्रतिव्यक्ति पहुँचने का अनुमान है,
07:16जो कि UP की प्रतिव्यक्ति आए 93,422 के दोगने से भी ज्यादा है,
07:21और महरास्ट की प्रतिव्यक्ति आए 2,89,000 से इस साल पार कर सकती है,
07:28साथी सरकार ने वहां के कुमाउनी और गड़वाली कल्चर को इस ढंक से दुनिया के सामने परोसा,
07:34कि लोग इसके खाने, दाल, सूप, रागी इन सब के मुरीद होंए,
07:38और यहां से बड़ी तादाद में अनाज भी मंगाने,
07:41यह सब हो पाया सिर्फ और सिर्फ वहां की सरकार और वहां के टूरिजम की दम पर,
07:47जिन पहाडों को पहले डिवलपमेंट में अरचन बताया जाता था,
07:50उत्राखंड की मौजूदा सरकार ने उसी अरचन को इस धंग से तैयार कर प्रमोट किया,
07:56कि लोगों को उसमें नेचर और रेलिजियस टूरिजम दिखने लगा,
07:59आज यह आलम है कि कई सारे लोग ना सिर्फ घूमने जाते हैं,
08:02बलकि उत्राखंड में ही जमीन लेने, इंवेस्टमेंट करने और घर बनाने की जुगार तलाश रहे हैं ताकि वे एक बहतर जीवन जी सकें।
08:11यदि आपका भी उत्राखंड गए हैं तो वहां आपका एक्स्पिरिंस कैसा रहा हमें कॉमेंट में ज़रूर बताएं
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