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सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर 2025 को आवारा कुत्तों (Stray Dogs) को लेकर एक अहम अंतरिम आदेश दिया है।
इस आदेश में राज्यों को कहा गया है कि सड़कों पर कुत्तों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण के लिए मानवीय (humane) तरीके अपनाए जाएं।

लेकिन अब इस आदेश के खिलाफ देशभर में विरोध की भयंकर तैयारी दिख रही है।

OneIndia हिंदी के विशेष कार्यक्रम ‘सही पकड़े हैं’ में इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की वकील ज्योतिका कालरा, अधिवक्ता राजेश गोगना, पुनिता झा, और पशु-अधिकार कार्यकर्ता संजय मोहपात्रा ने खुलकर अपनी बात रखी।

वकीलों ने बताया कि कोर्ट में क्या बहस हुई और आदेश का वास्तविक उद्देश्य क्या है, जबकि Activists ने इसे “अमानवीय” बताते हुए सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी।

कार्यक्रम के दौरान वकील ने सवाल उठाया —
“क्या सुप्रीम कोर्ट का आदेश अंतिम सत्य है?”

Host – शिवेन्द्र गौड़, OneIndia हिंदी

#SupremeCourt #StrayDogs #AnimalRights #OneIndiaHindi #सही_पकड़े_हैं #SCOrder #आवारा_कुत्ते #JyotikaKalra #SanjayMohapatra #BubbleADV #SupremeCourtOrder #AnimalActivists #DogOrderDebate

~HT.178~GR.122~

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00:00सुप्रीम कोट की जो भी जजमेंट हुआ है वो एक तरह पर हुआ है वो कहीं ना कहीं कहीं ने कहीं इसके पीछे कोई राज है
00:14कि अभी हम एड़ोकेट हम समझी नहीं पा रहे कि जैसे मैं खड़ी थी उस रूम में आएं जजेस उन्होंने अपना मस पढ़ लिया और हाथ जोर के चले गए हम लोग चिलाते रहे गए और मेरे बीच से एक एड़ोकेट गया सर मैं खड़ी थी बुला भी मुझे तो बहुत
00:44मेने बाद साल मेने बाद आता है गायों से बहुत बहुत हानी होती है तो उसको लेके वो चुना में एक मुझे मुद्धा बना था तो वही मैं कह रही हूं कि मैं भी एक इंसान हूं मुझे भी लगेगा कि सड़के उपर गायों से बैलों से मानव को सुरक्षा मिलनी चाहि
01:14को एक ऐसा आदेश दिया जिसके बात पूरे देश में एक नई भैस शड़ गया अदेश क्या था आदेश यह था कि इस्टे डॉक्स ये सिर्फ इस्टे डॉक्स तक नहीं है इसमें अन अवारा पसुपिनी सामिल है उनको सभी जगह से हटा दिया जाए कहां से जो भी सरकारी
01:44जुड़े हैं मैं उनका भी आपसे पर्चे भी कराऊंगा वो खास तोर से जो सुप्रिम कोर्ट में जो केस लड़ा गया था उसकी वास्वित्या क्या थी उसमें किस तरह की बाते ही उसकी गहनता क्या थी उसको समझने के लिए मेरे साथ खास मेमान है मैं एक एक करके आपक
02:14गोट हैं फार्मर मेंबर नैशनल हुमन राइट्स कमिशन भी है और दूसरी बात यह इस केस में मैं चाहूंगा जोतिका जी की तरफ हमारे साथ ही जो हैं कैमरा करें यह इस केस में जो एनिमल वेलफेर से जुड़ हुए लोग हैं उनकी तरफ से बखील हैं उसकेस को उन्ह
02:44जाना माना चेरा हैं दिल्ली खेट जो खास तोर से एनिमल के हकों की लड़ते जाते हैं संजय महोपात्रा यह भी आनिमल राइट एक तरफ सबसे पहले मैं जो आऊंगा जो मुख जो केस लड़ा बहीं से बात खुले सबसे पहले मैं चाहूंगा माइक जो है जोतका जी आ�
03:14आप ने याच का दायर की या फिर एक रानी केस की सुनफाइए और प्रानी कर ग्लवाइं से पहले तो अगर अगर सब के संजयान में होगा कि 22 अगस्त को
03:36की दारेक्षिन्स आए थी और वो डारेक्षिन्स ज से जासों है जब से
03:41जिसमें जबसे जादा थी जो मुद्दा था कि सुप्रीम सुपरिम डे खरे Siri के ऑर बार। जव कानून है उसके रूल्स मेरा में कि American
03:58जहां से उठाते हैं, तो उसके बाद उसकी आप उसका sterilization करके और उसका बाकी जो कुछ भी medical treatment करना है, उसके करने के बाद उसको वापिस उसी स्थान पर छोड़ेंगे, तो तब भी जो बहुत जादा चिंता बनी थी वो इस बात में कि सुप्रीम कोट ने अपने पिछले फै
04:28करना चाहूंगा जो मैंने कहीं पढ़ा सही हूं गलत हूं इसमें उन्हों ने यह कहा कि कोट में इस बार जो कहा है वो इकता है कि जहां से हम स्थे डॉस को पकड़ेंगे उन्हें जहां रखेंगे पॉंट में या सेल्टर हाउस में जो भी आसरे घरें बापिस भाने चु�
04:58कर बूम सिन अ�щ atacी में इस पर हम तो में जो यहां नांगे अचाव में जो तौंसपाड़ए बिलाफ सूंट इंगा यहां से जानवर को णहाचा हूंट जाया जाए चाहाई इसको उपार मार ये जड़ा जाए राफ डला में जो चेकार बनाए जाएगे बहां पर शोड़ा
05:28और इसके साथ ही क्योंकि और भी इसी प्रकार के फैसले लंबित थे सुप्रीम कोट में या अन्य हाई कोटों में तो चीफ जस्टिस ने उस बैंच से जस्टिस परदी वाला की बैंच से यह जो मैंट है था जस्टिस विकरमनाथ जो अभी वरतमान में आज इस बैंच को हैट
05:58कर्सक्राइब जो खुद एनिमल लवर है रो एक वकील है उनके मारपत क्योंकि इंटर्वेंशन अप्लिकेशन हम में तभी लगा देथी चौदर अगस्त को हमने इंटर्वेंशन अप्लिकेशन लगाई थी क्योंकि हम पशुप्रेमी को समाज है जो कि चाहता है कि समाज के
06:28लिए उनकी, उनका सही से उनके साथ बरताव उसके लिए, हमने intervention application लगाई थी, और उसके साथ जैसे
06:36court ने पिर ऐसा दिया कि intervention applications बहुत आजाएंगी, तो जो एक व्यक्तिकत रूप से
06:41तो हमने उसके साथ मतलब पुनीता ची ने उसमें पच्छेस हजार पे जमा भी कराए तभी हमारी वह इंटर्वेंशन अप्लिकेशन कोट के अपने ली और अभी जो बात जो फैसला कल लाया है जो साथ तारीक को जो पास की गही है वह भी अभी इंटर्मीजेरी है मतलब वह �
07:11सब्सक्राइब करेंगे तो सुप्रीम कोट ने फिर से वही बात को दो रहाया इस बर पर जो जनरल था कि सभी जगां से उठाएंगे करेंगे तो सुप्रीम कोट ने बोला कि कुछ ऐसी आपको जो इंस्टूशनल एरिया है दो हफते के अंदर आइडिफाई करने है मतलब म
07:41जो कि जो आये हैं एफिडविट्स उनको आप एक टेबलर फार्म में रख दे हैं और सब एक उस तरह से कर दे वो परकिरिया में आगए जैसे मैं अगर इस बात को ऐसे एक्स्प्रेम करूं मैं उसकी कॉपी हमें नहीं दी गई और यह डारेक्शन सीधा आते कोट ने पास क
08:11इंटिफाई करना है उसके बाद वहां से जो इनको पैट्स को उठाया जाएगा और वहां पर यह भी प्रावधान करना है कि वह सुरक्षित रहें मतलब जंगले लगेंगे जालिया लगेंगे गेट लगेंगे जो कि मुझे लगता है कि विल्कुल असंभव सा है कि जहां �
08:41यहां से उनको उठाया गया बलकि डिजिगनेट प्लेस पर उनको छोड़ा जाए गा जो इस दिन घर जो बोल रहे थे कि अगरा आप कुस्टों को उठा होगे मान लिजाए कि इसी बाद और वहां पर वह खैसला कलका था जो फिर से जो इसके उपर जो चिंता का विशह बन
09:11पर जैसे मैंने बता रही हूं कि फिर से यह चिंता हुआ कि जहां से आप जानवरों को उठाएंगे आप वापस ना करके आपने वो कोट ने बोला कि
09:23कि आपने तक क्योंकि हमें आफेडविट मिला नहीं है कोई ऐसी इंफर्मेशन नहीं है कि वह कौन सी डेजिगनेटिटव प्लेसी हैं वहां कितने वहां पर इसा सब सुविधा है या नहीं है इन सब के ओपर बहुत ज्यादा शक है शुभा है और बहुत चिंता भी है कि वह स
09:53जाना चाऊंगा देकि यह तो था कानून का पहलु कि कहां पर कानून में किस तरह की बात हुई कौन सी क्या थी यह समझना जरूरी
10:01प्राजेश जी जो बात जोतिका जी ने कही और जो आदेस हुआ है आपने पी चुकी बहां रहे हैं आपने भी समझने की कोशिस की है तो अगर हम आम जो पशुप्रेमी है या लोग है उनको अगर यह चार-पांच बिंदू समझाना चाहें कि आदेस में मोटी-मोटी ये बा
10:31है दिया कि अगर पांच से पांटों में सीधा-सीधा आम आदमी की भासा में समझाना आदमी की भाशा में करें तो पहली बात तो कोट ने यह वह है कि कुछ चीजों को जगाओं को चिनित किया जाएगा जैसे कि हॉस्पिटल जैसे कि स्कूल जैसे की रिलवे स्टेशन जै
11:01मालनी जी हम मानते हैं कि All India Institute of Medical Sciences उसके आसपास बहुत से लोग रहते हैं दुकाने हैं तो वहां मालनी जी सो देर सो दो सो कुट्टे घुमते हैं अभी उसके प्रांगर की बात हो रही है या बाहर की बाहर आसपास कहीं नहीं होना चाहिए आसपास कहीं नहीं होना चाहिए ता
11:31इसे कुछ स्थान पर ठोड़ा जाए तो एक हॉस्पिटल दिल्ली के अंदर तो कम से कम 40-50 तो सरकारी हस्पताल है प्राइवेट हॉस्पिटल भी आएंगे उसके बाद रेल्वे स्टेशन हो गया बस हड़े हो गया स्कूल्स हो गए और ऐसे कहीं ऐसे चाहिए बढ़ते है
12:01शेल्टर हों या जिसको पॉंट्स बोलते हैं ठीक है अभी दिल्ली के अंदर तक्रीबन पांच या साथ या बहुत ज्यादा आठ ऐसे प्राइवेट शेल्टर हैं शेल्टर हों में जहां पे कुछ लोग कुटों को रखते हैं उन्होंने अपनी जगा वगारा दोनेट की ह
12:31है चार पार दिन रखा जाता है और फिर ऐता है अब छोड़ना नहीं है आहां अप छोड़ना नहीं है इस टेलाइस भी करना है तो उसके लिए मेरी जानकारी नहीं है
12:42कि दिल्ली जैसी राजधाने के अंदर कोई ऐसा शेल्टर हों मैं आपको पहले दिल्ली का बता देता हूं कि मालने जी एक शेल्टर हों बनाना है तो आपको कम से कम एक एकर का इलाका तो चाहिए होगा ना एक शेल्टर हों बनाने के लिए और दिल्ली के अंदर अगर पांच
13:12infrastructure बनाना पड़ेगा को कुट्टे कहां सोएंगे कहां पे उनको चलना फिरना है उनका भोजन उनके दवाई की विवस्ता करनी पड़ेगी उसके लिए तकरीबन हाजारों लोगों को employ करना पड़ेगा
13:23सरकार को करना पड़ेगा जिसको भी जम्मेदार होगा देखिए एक भारत वर्ष है हमारा महान देश है लेकिन आप इस बात को क्यों बूलते हैं कि इस देश के अंदर अगर इस असी करोड लोगों को खाना ना दिया जाए परदान मंत्री जी तवारा तो वो भुखे मर सकते
13:53केवल खाना सो रुपेका है तो वो आप पांच लाग को सो से गुना कर दीजिए यह प्रती दिन का खर्चा है यह पड़ेगा तकरीबन पचास साट क्रोड रुपया परती दिन और वो साल भर के अंदर और वो खरबर में चला जाएगा राजस जी जो लोग ऐसे हैं जो लो
14:23अच्छा चाते हैं सरकार करें इंतिजाम यह खर्चा कैसे होगा क्या होगा हम टैक्स देते हैं हम इतनी बड़ी-बड़ी कालोनियों में रहते हैं हम करोणों रुपय के खरीदते हैं हमारे उससे और आप फिर बहां पर हमारे बच्चे टहल नहीं सकते घूम नहीं सकते ब�
14:53तो इसको अंग्रेजी में बोलते हैं मैन एनिमल कॉंफिक्ट पशू और मनुष्यों के बीच का यह संगर्श है कॉंफिक्ट है जगडा है यह जगडा से रखेवल दिली में नहीं तो दुनिया भर में हैं अभी अभी जापान में ऐसी खबरे आ रही हैं कि जापान में रह
15:23आप में चाहिए तो वहाँ पे शेर और वह बकरिया उठाके ले जाते हैं तो यह कॉंफिक्ट आज का नहीं है जब से मनुष्य पैदा हुआ है जब से पशू है यह आपस का कॉंफिक्ट तो रहा है यह अपने रूप बदलता रहता है बिल्कुल मैं थोड़ा सा आगे ब�
15:53बंदर इस तरह की चीजों को आपके मैंने उसमें भी देखा है जो आश्रह घर है एक सवाल दिमाख में आता है कि हम इस मौले का कुट्टा उस मौले में पहुंच जाए तो वह जंग हो जाती है अब जैसे आपने बताई इतने सारे कुट्टे तो इनको रखने में क्या जै
16:23सर आपकी जो सवाल बिलकुल मैं जबाव दूँगा सबसे पहले बाते में बता दू भारत ऐसे एक देश है जो कुल्चरल देश है हम मिट्टी से पैद हो जिस मिट्टी से पैद हो हम बचपन से उन जानुवर साथ खेलते हुआ है जैसे लगता है कि हमारा परिवार के की हि
16:53रिलिजियन हमारा भारत में हर रिलिजियन जानुवर के साथ पूजा भी होता है चाए हो हिंदू बोल दो मुस्लीम बोल दो क्रिस्टियन बोल दो या पंजाबी बोल दो सब्सक्राइब करूंगा जो पक्स यह कहता है कि यह सड़क पे निरहने चाहिए यह ऐसी जगे पर �
17:23सब्सक्राइब करते हैं तो वहां पर क्या तरक रहता है बहुत समस्यां खड़ी हो रही है और वह काट भी रहे हैं यह मामले सामने आ रहा है बड़ी संक्या में अगर मैं भी नोईडा के ऑस्पेटल में एक दिन गया तो आप समझ लिए लाइन लगी हुई थी लोग थे उ
17:53किया है क्या जो हम लोगों ने तै किया था हम समने आपने बेहने कोट ने भी कहा था कि एक खास जो है चिन्नित जगह होनी चाहिए उनको खाना खिलाने के लिए उससे क्या आप पाइंट बोलते हो सब आपने कामियाब नहीं हो पाया उसकी वैसे लोग अभी भी शड़क प
18:23उसमें अनुसासन नहीं कर रहे हैं जैसे कि मैंने खिलाना देखा कि कौन जा उपर से फेका नीचे कर डाल दो बिसकुट दुकान से लिया बिसकुट फेक दिया अब क्या है दूसरे बच्चे उस दुकान पे आ रहा है आई ये बड़ी छोटी सी बात लग रही है लेकिन ज
18:53लात आकल एक वोड़ी तरह मैं आपसे पहले बात बतादूं अ कि आपने कहा कि हॉस्पिटल गे थैं लंबे लाइन नहीं नहीं है अगर मैं बात करूं पर अब का बता दूं और एक ब्लिया है
19:11सब्सक्राइब करता है लोग रिपीटेड इंजेक्शन पांच लगाते हैं वह रिपीटेड जब होते हैं उसको आप काउंट किया जाता है कि पर डे में आज 30 या 40 या 50 डॉग बाइट केसे साया लेकिन उसमें रिपीटेड है
19:35करेंगे हो रिपीटीड को सरकार ले लेते हैं कि अगर सर मैं बताओ हमारा दिल्ली में एक भी किस नहीं है 하면서 नहीं और यह मुद्दा सुप दिल्ली से की भरत बर्षकी बन गया सुप्रिम कोर्ठ पुरा भरत बर्षकी बना दिया सब
19:51और आपने कहा कि आनिमल बाइट होता है क्योंगा सब्सक्राइब अगर हम उनसे प्यार मौबद नहीं देखाएंगे उनके इट पत्थ दंड़ा पानी और एसीड फिंगागे और हमारा सुसाइटी बढ़ाती हुए जाएंगे इनको बाहर भगाती हो जाएंगे इनके लिए �
20:21होसकता है या आइदर उसमें डॉग मीट की एक्सपोर्ट किया जायेगे आगे जाके या उसमें बहुत सारी ऐसे ठेगदार बैठा हुए उन आनिमल्स की सेल्टर खोलेंगे और आनिमल्स को रखेंगे और आनिमल्स से पैसे कमाईगे और दूसरे बात आपको बता दूँ �
20:51आज की डिट में लॉइन और कौन मानता है आप बताजिए एक मुझे बता दीजिए मैं रिसेंट लिया आपको उधारण दे रहा हूं जैसे लोगों से और हम उनसे तो उम्मीदम रखते हैं तो मैं बता रहा हूं
21:02लॉइन और कहा है सर अभी दिपाबली गया पीछे सर सुप्रीम कोट ने बोला दस बजे बाद कोई पटा का नहीं फुटा ना दो साल से बैन था पूरा राद पटा का फुटाए गया मुझे बताईए कोई एक के उपर एफाई आ रहा है किसी एक को आरेस्ट हुआ है सर तो स
21:32कोट एक इसी इसका इतना आदेस आगया समद्दो संवान हो गया उड़ा उमीद रहती मैं भी देखा हूं लेकिन पिछले को समय से मैं करी मैं जब तक सुप्रीम कोट को जादे कवर कर रहा हूं छे साथ मेने एक साल से मैं देख रहा हूं उनके जो डिजमेंट उस पर रही
22:02हमारा प्रसासन तंत नकारा है सुप्रीम कोट के आदेस को जैसा कि उनने का कि चलाते रहे एक भी गरपतारी नहीं उसको नकारा है वो करी नहीं पाता पालन उसका जैसे आपने संजे से पूछा दो तीन कोशन उसका भी मैं जवाब देना चाहूंगी कि इतने लोग रोड �
22:32अगर आप मांगें सू तो तो चोटे बचे निखल जाते हैं वह एक आख खोल के नहीं देखते हैं जब छोटे बच्यों की बात करें उनको एन ही सिखा है कि कहाना खिला और उनको हाथ नहीं लगाना नहीं तो चोटे बच्चे पांच साल मेक्सम अज़े मेरी स्कूल की ब�
23:02सुप्रीम कोट में अभी पेटिशन डाली है कि उसका सुनवाई होई ए पॉलिशन के लिए उन्हें इसको अभी बोले जरूरी नहीं है अभी उन्होंने एक जो फिर जो फिर जवाना स्टेडियम के को लेके जो उन्होंने करा कि सब जगह से हटाये जाएं बच्चे अभी इन
23:32वाली आ गया अपोजेट जो डॉग हेटर से उनसे बोला कि फ्रीली आप अपने केसे लगाओ उनसे पैसा नहीं मंगा गया संजय जी ने एक बात कि इसके पीछे कोई और राज है आप तो सुप्रेम कोट की एड़ोगेट भी है कि आप उस राज से कुस परदा हटा सकती है
24:02मुझे तो बहुत सरे कुट ने काट लिया और हस्ता हुआ गया है और जो दूसरे पक्ष के होगे वह स्ता वा जा रही था भी होई नो
24:10तो ने काट लिया उसके पास कहें कहना से कुछ पूण की कि मान ली जिए मैं खेल रही हूं कुट के साथ पहलती है न भी आप
24:30सब्सक्राइब कर लिए कि इसका इंप्लीमेंट प्रैक्टिकली संभव नहीं है अगर वो आदेस का पालन संभव हो जाए तब आप इससे सहमत हो एक बात
25:00सब्सक्राइब करेंगें अगर हो जाए तो ठीक है पंदर से बीस साल अप करिया ना हम तो चाहते हैं सेफ्टी हम भी रूज लड़ते थक जाते सर पैसा लगा रहें इसमें प्रोटेस्ट में जा रहें आपको क्या लगता है संभी हो पैसों से खिलाते हैं संजे के पास इंका
25:30वांट पर ले लोगे क्यों पूल करते हैं जिसका इसको रखें या इंजियो जिसका इस्टिलाइशन करें और तमाम चीजे करें तो जो सरकार की तरफ से जो पैसा दिया जाता है इसके लिए
25:56या जो भी अनुदान समझ लीजिए तो वास्तम में प्रैक्टिकली संभवनी तो बहुत कम होता है यह बात है क्या जी सारी बात को सबचता हो तो यह कहना पड़ेगा कि यह जो जो जो एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स हैं जो की बनाए है सरकार ने उसके अधार पे केवल �
26:26सब्सक्राइब उसके अलावा यस तो उनी के थुरू MCD या बाकी सरकारे जो है उनी के थुरू यह स्टेलाइजेशन का प्रोग्राम करती है अब यह जो एंजियोस होते हैं आम तोर पर इनके पास रिसोर्स नहीं होते हैं आम तोर पर इनके पास स्ट्रक्चर नहीं होता है
26:56होगे तो सेंटर चाहिए बड़ा खर्चा है और उस खर्चे को उठाने के लिए और माली जी एक जैसे लोग हमें बताते हैं कि एक कुट्टे को स्टेलाइज करने के लिए पकड़ने से लेके और छोड़ने तक
27:07दो एक हजार रपे खर्चा होता है आम तोर पर जो MCDs हैं वो साथ सो से हजार रपया ही देती हैं और वो भी खर्चा जो है वो कहीं बार वो छे मीने बाद साल मीने बाद आता है तो इन सब एनिवल वैफर औरनाइजेशन के लिए ये स्टेलाइजेशन प्रोग्राम चलाना �
27:37ब्रष्टाचार फैलाना ये होता है तो ये सारा प्रोग्राम जो है वो ब्रष्टाचार के मतलब उसकी भेट चड़ चुका है जितना पैसा सरकारे खर्च कर चुकी हैं कुत्तों की नस्बंदी के लिए उनकी जनसंख्या को कंट्रोल करने के लिए अगर वो सारा पैसा एक
28:07के नाम पर पूरा खेल हो रहा है इसमें कोई दोराय की बात नहीं है यह यह प्रोग्राम की भेट चड़ा है इसमें कोई और जो आदेश है इसमें करुप्शन बढ़ेगा घटेगा अब इस आदेश के
28:21इंप्लिमेंटेशन के लिए आपको शैलतर हों सचाहिए इसकी इंप्लेमेंटेशन के
28:26लिए आपको वद्ध कंट्रोल सेंटर्स चाहिए यह सारे के सारे सेंटर अभी तक तो क्रrepshan के हम प्रत्रात्रnt JUST कَّ अब ये केस कहां पे
28:47पर भड़ा है क्या एनिमल लवर्स या वेलफेर एस्टिशेशन जह ही है या एनिमल वेलफेर बोड आफ इंडिया भी इसमें किस तरीके से पार्टिसिपेट कर रहा है वो इसके पक्षमे है क्या है उसका क्या रोल है दूसरे क्या इसके आगे सुनवाई के गुणजाय से या
29:17क्या है नहीं क्या है क्या रास्ते तो कभी क्योंकि पिछली बार वो फैसला आ चुका था तो उसके बाद all of a sudden
29:24विदिन एक आदे दिन में ही matter दूसरी bench में चला जाता है और दूसरे judge के सामने चला जाता है तो क्या यह जो animal lovers ने जो हंदामा किया आप इसको animal lover versus
29:34इस नहीं जो बोल लाओं जो बोली जाती इसलिए तागि वहाय तो बहुत वही उसकी का जवाब दी यह को animal lovers versus
29:47something ऐसा कुछ नहीं है जले बेल वेलफेर की बात अखरम करते हैं वेलफेर की बात करते हैं तो वो कोई
29:52माननी सुप्रीम कोट ने जो फैसला दिया है उन्होंने भी मानवी मुद्णों को सामने रखा है यह article 21 जो की जीने का अधिकार है
30:04right to life and personal liberty उस अधिकार के तहट मनुष्य को भी अधिकार है कि सुरक्षित रहें वो जहां हस्पताल में जाते हैं जहां स्कूल में जाते हैं उनको सुरक्षा प्रदान करें मकसद या मुद्दा तो माननी सुप्रीम कोट ने यही बना कर यह फैसला दिया है चलिए एनियल बे
30:34मैं ऐसे कॉमेंट करना तो मुझे नहीं लगता है अगर हमें कुछ भी कारेवाई करनी होगी प्रेयर तो हमारी यही थी कि हमें सुनवाई दी जाए और सुप्रीम कोट ने सभी इंटर्वीनिंग एप्लिकेशन को अलॉब कर दिया है तो हमारी एप्लिकेशन अलॉब हो ग�
31:04पशूँओं का और मनुष्यों का अपसमें होगी थीकारी आपको से कम हो और मनुष्य और यह सिर्फ नहीं है आप बहुत से बहुत बहुत हानी होती है वादा हम पिशली बार का यूपी का चुनाव था कर आपको आपकर संग्यान पर हो तो जब चुटा शायद चुत्टा
31:34तो उसको लेके वो चुना में एक मुख्य मुद्धा बना था तो वही मैं कहनी हूं कि मैं भी एक इंसान हूं मुझे भी लगेगा कि सड़क के उपर गायों से बैलों से मानव को सुरक्षा मिलनी चाहिए इसमें को दोराय नहीं है पर उसके लिए जैसा अभी राजेश गोग
32:04अगर सरकार के पास उतनी ताकत होती अपने दम पर स्ट्रलाइजेशन करने की तो फिर वो कर रही होती पर जो कुछ भी हो रहा है यह कहीं भी सोशल सेक्टर में सिरफ यह कुतों की बात यह स्ट्रेडॉक्स को लेकर गौशाला को लेकर आप चोड़ दें जो भी काम सोशल स
32:34तो पर ओधि मंगु तो इसके रहा है बहुत आरोफ लगता रहता है विसके उसके बावज़ूद
32:51NGOs में काम करने वाले लोग जो वैल फयर के ली काम करते हैं वहुत पैंशनेड होते हैं और बहुत कमेटट होते हैं
32:57अपनल अपना समय देते हैं अपना मन देते हैं अपन पैसा देते तो सरकारों के पास
33:02इसलिए जो सरकारों के पैसा लेके काम करने वाले
33:09हैं सरकारों को वैसा काम करने वाला है?"
33:12पूछा था आपकी सुप्रिम कोट से अबिलासा क्या है कि यह चीज जो इस्टे डॉक्स के लिए आदेस हो तो सबसे बहतर हो सकता है
33:42अगर यह आप चुकी मुखबकील है आप चाहेंगी यह आदेस हगर हो जाए तो इसका मैं जवाब अभी तो बिल्कुल नहीं दे सकती है और नामे देना चाहती हूं यह एक छोटा सा हाँ यह नामे दिया गया जवाब नहीं है इसके लिए लंबा नहीं मतलब उसके लिए प�
34:12कि अगल है यह जगार्नेंट प्रश्ज के अंदर कहीं दे तो बहां से दाके लेकिंश वाली ऐसा था तो पर पहले आदेश में ऐसा था पर अभी जो आदेश है उसमें सब्छों से
34:36पर आने वाली बात नहीं तो यह बात साथ है इंस्टिशनल एरिया से ही जो रिखांकित किया जाएगा दो हफते के अदर वहीं से आठाने की बात है जैसे मैं
34:45सबसे पहले तो सरकारे वो दे देंगी चिन्नित कर देंगी कि यह सब इंस्टूशनल अरिया वो किसको बताते हैं वह जो होगा वह अभी सामने आ जाएगा तो वही तक्सीमित है यह बहुत साफ कर दिया आप ने मैं अंतिम आप लोगों से चुकी अंतिम कमेंट लेना चाहू
35:15आप में से कई लोग बता भी रहें कि हम अब एक तरीके से कुछ प्रदर्सन करेंगे अपना विरोध दर्ज कराएंगे तो क्या इस तरह की कोई उजना है किस तरह का विरोध दर्ज कराएंगे क्या बाते उसमें रखने वाले हैं हम लोग हर तरह से विरोध करने वाले हैं �
35:45जो बाकी लोग अगर माली मैं कोट गई हूं तो वहां हुआ नहीं हुई है हम सब लोगों ने कल बोला भी तो सब्सक्राइब करने से क्या सब्सक्राइब अब यह पता है यह लास्टेम जो था सरकों के आने के बाद यह तो चेंज हुआ
36:07अगर सुप्रीम कोट में बैठके अगर जो एड़ोकेट हम लोग लड़ लेते आपको लास्टेम जो दो दिन के दर चेंजीज हो इतनी जल जल दी पहली बार सुप्रीम कोट में जज्मेंट हुआ है फाइब बैंच में आना वे प्कॉट तो आप पोई सुप्रिम कोट के आ�
36:37है स्टेश्ट वकील है स्टेश्ट वकील है यह हमारी कागा जो कलम से वहां पर तरकों से लड़ेंगे हम सड़कों पर लड़के क्या साबित करना चाहते हैं सुप्रिम कोट के लिए पर तो कोई भी आदेस मेरे पक्स का नहीं हो मैं सड़कों पोतर आऊंगा सब्सक्राइ�
37:07सर आते हैं लेकिन अभी हो जमीन बाट आते हैं तो हमारा जमीन चींने जाता है हमारा जमीन हमारा आनिमल से धरोर है हमारा थे सर वह हमसे चीनने नहीं जाता है
37:17मैं आपको बतायता हूं छाइन कोको हमेसा दोरा दिया चार प्रडश को लागां इंका नस्बादी करो इनको
37:35करो जहां से लिया हुआ छोड़ो और इनके लिए फीडिंग बनाया जाए ठीक है और तीसरा और जो हाइपर डॉग जो रियली बाइटिंग डॉग है उन्हीं के लिए सेल्टर बनाया जाए यह दूसरा था तीसरा आया सारी जितना भी स्टेट गवर्मेंट सेकेर्टरी को ल
38:05चला रहे जहां क्रोड़ो क्रोड़ो रुपे हम भेटनारी डॉक्टर को तंखा दे रहे लिकिन वहां कोई आनीमल्स कोई रॉक्टर सर्कारी है वो प्राइवेटवाट प्रैक्टिस करके पैसे कमा तोनों तरफ से और आप सरकारी हॉस्पिटल चले जाएं सर आप दिली की
38:35के पूरा उसके खिलाब हम प्रदस्टन करेंगे हर हम हम यूथ पूरा देश की यूथ आगे बढ़कर आएंगे अगर सुप्रीम कोर्ट इसके अपर नहीं गया सामें बता हूँ यह पॉलटबाद रूलिंग गॉर्मेंट के पास आएगा जितने भी यूथ है सारी इनका भो�
39:05सबसे वफादार होता है कुट्ट्य को इतना प्रभू करने वाले क्या है हमारा सरकार है हमारा सरकार इनके लिए काम नहीं करा उन फॉंसको कुट्टों की फॉंसको सही जगा यूटले से नहीं हुआ है आपकी बात पूरी आगे मैं अन्तिम बस बिलकुल रिमार्क चाहँ�
39:35प्रभू के नेड़ा है शर्क पर उतने रहेंगे तो स्प्रीम कोड का जो कद रहा है जो मानता है जो सम्मान है जो उसका एक उधा है उसको मुझे लगता है कि कुछ कम हो रहा है जो सीनियर एड़ुकेट आपकी क्या राय कि वहां पर आपके तर्क आप लोगों की बात उस
40:05बतोर सुप्रेम कोट के वखील के नाते नहीं रख रही और नाहीं मैं एक फॉर्बर मेंपर national human rights commission के बतोर रख
40:12रहिए हूँ यह बात मैं एक प्रजातंत्र में, प्रजातांत्रिक मुल्यों और मानव अधिकार और इसके साह साथ
40:20सभीधान में हमें आधिकार कि हम एक साथ मिलकर अपनी बात लख सके राइट टू फॉर्म यूनियान राइट्ट टू फॉर्म एस्सोसियेशन राइट टू प्रोटेस्ट यह जो है हमारा सभीधानिक अधिकार है
40:39मैं आद्मि के तोर पर मैं पूछ रहा है, मैंने 2 सोल वह खटे करें, मैंप्र प्रधशन के अधिकार की बात करी और हमें समय इदहान से में
40:56बगिल चाहब आपकी तरफ भी आते हैं इसे अलग है या वोई मैं ऐसा मैं देखिए मैं आप क्यों कह रहा हूं मैं आप सब की भावनाय समझ रहा हूं लेकिन अंतर में मुझे यह लगता है कि हम नेता के खिलाप आंदोलन करते हैं संसंद में कोई चीज़ होती उसके खिला�
41:26सड़कों पर उतर रहे हैं अपना ब्रोध दर्श करा रहा है जिब कि आप जैसे वकील हैं तो ना वहां हमारी बात रखने के लिए तो हम तरकों से लड़ सकते हैं अगर अपने कानून से लड़ सकते हैं तो अलग यह प्रोटेस्ट करने का जरूत पड़ती इसमें क्या आ�
41:56अबितो निर्ना भी नहीं यह अभी तो आदेश है तो आदेश देखिए अप यह नहीं कह सकते कि सुप्रेम कोट जनभावनाओं को नहीं देखता लगीर जैसेrebों हुर्प में तो पैहला ने मित्ले ने
42:10अभी हमारे मित्र ने बताया ना कि पहला आडर हुआ जो कुतों के बारे में उसके बाद तीन दिन के बाद उसको बदला गया ना तो जन भावनाओं को तो देखती है कोट यह सब हम सब आम लोग है ना सुप्रीम कोट में कौन बैठा है एक आम आदमी एक शिक्षा पाकर और
42:40कि किस तरीके से डिस्कसन था और डिस्कसन से जो मेरी समझ में आयाओ अभी जो प्रात्मिक बात है वो यह
42:45है जो सरकारी संस्था है उनके तो प्रांगण वहां से बाध्स को हराने की बात हुआ सी
43:00दूसरी बात यह है कि जो अब यह ले जाए जाएंगे यहां से भी तो उस पर भेस्टाचार का एक शक है कि उसको नहीं उनको सही से
43:15शेल्टर मिलेगा सही से उनका इसलाइशन नहीं होगा क्योंकि बहाँ पर दो बात है एक तो इतने सुधाएं नहीं है
43:22फॉंड्स नहीं है ये लोग कह रहा हैं दूसरे अगर हम फिर पशु प्रेमी कहता हूं कि मैं पशु प्रेमी इसलिए कहता हूं कि आप लोग दिल से उस काम को करते हों तो वो लोग भी शचंकित हैं पूरे देश की बात है वो लोग इस पर ब्रोद दर्ष कराने के लिए तय
43:52और अभी तक का जो इस मामले में जो इस्टेडॉक्स के मामले में जितने सुप्रीम कोड के निड़े रहें उस पर मैंने देखा है कि वो निड़े अलग अलग तरह से आए हैं
44:02और उस पर मैं यह कह सकता हूं कि कई बार उन प्रद्रसन का उन प्रोटेस्ट का पिरभाव भी अगले निंड़े में देखने को मिला है और कहते हैं ना कि जो एक प्रेक्टिकल हो गया इन पशुपरेमियों के लिए भी तो अब यह उस पर आगे चलेंगे फ़ला इस वीडिय
44:32हुआ हुआ हुआ हुआ
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