नकली फूल, असल जिंदगी में रंग भर रहे हैं. हरियाणा के कुरुक्षेत्र की महिलाओं की किस्मत आर्टिफिशियल फ्लावर ने बदल दी है. स्व सहायता समूह की महिलाएं इस काम से 15 लाख सालाना कमा रही हैं. 2020 में इन्होंने फूल बनाने का काम शुरू किया. जो चल पड़ा. आज इस स्व सहायता समहू से 10 महिलाएं जुड़ी हैं. जो 50 ज्यादा प्रकार के फूल बनाती है. हर महीने इस काम को करके 10 से 15 हजार कमा रही हैं. इस स्वा सहायता समूह को चलाने वाली महिला के बेटे ने बताया कि ये काम छोटे से स्तर से शुरू हुआ था. जो आज काफी बड़ा हो गया है.सुरा गांव की ये महिलाएं घर का काम निपटाने के बाद यहां आती है. इस काम को 5-6 घंटे करती हैं. जिसके लिए कच्चा माल दिल्ली से लाती है. फूल बनाने के बाद ये सरकार की तरफ आयोजित मेले में स्टॉल लगाकर कमाई करती हैं. आर्टिफिशियल फूलों ने इन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है. घर चलाने में कंधा से कंधा मिलाकर पति का साथ दे रही हैं. जिंदगी के सफर को आसान बना रही हैं.
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