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  • 2 days ago
नमस्कार दर्शकों 🙏
आज है १ नवम्बर २०२५, शनिवार — एक अत्यंत पवित्र दिन, क्योंकि आज देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह का शुभ संयोग बन रहा है।
यह वही दिन है जब भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं, और इसी के साथ सभी शुभ कार्यों की पुनः शुरुआत होती है।
आज के दिन तुलसी माता और भगवान विष्णु के विवाह का विशेष पर्व मनाया जाता है।
शनिवार होने के कारण शनि देव और हनुमान जी की पूजा का भी विशेष महत्व रहता है।

🔹 आज का संक्षिप्त पंचांग:
तिथि – देवउठनी एकादशी (कार्तिक शुक्ल पक्ष)
नक्षत्र – शतभिषा
योग – ध्रुव योग
सूर्योदय – 06:36 AM
सूर्यास्त – 05:44 PM
राहुकाल – 09:23 AM से 10:46 AM तक
अभिजित मुहूर्त – 11:48 AM से 12:32 PM तक

💫 पूजा का महत्व:
सुबह भगवान विष्णु और तुलसी माता का पूजन करें।
शाम को दीपदान और तुलसी विवाह का आयोजन करें।
शनिवार को हनुमान चालीसा और शनि मंत्रों का जाप करने से कष्टों का निवारण होता है।

🌸 इस दिन पूजा करने से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

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जय श्री हरि 🌿 जय शनि देव 🙏 जय बजरंगबली 🚩

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Transcript
00:00आज का पंचांग एक नवंबर दो हजार पच्चीस शनिवार
00:04शनिवार का दिन शनी देव की आराधना के लिए अत्यंत शुब माना जाता है
00:10इस दिन शनी देव की कृपा पाने के साथ साथ हनुमान जी की पूजा करने का भी विशेश महत्व बताया गया है
00:17जो व्यक्ति आज के दिन शनी देव और बजरंग बली की भक्ती करता है उसके जीवन से भै, रोग और आर्थिक संकट दूर होते हैं
00:27यह दिन कर्मफल के देवता शनी की उपासना और आत्मसन्यम का प्रतीक है
00:33अब जानते हैं आज का विस्तरित पंचांग
00:36आज की तारीक और दिन एक नवंबर दो हजार पच्चीस शनिवार
00:41हिंदू माह और पक्षकार्तिक मास, शुकल पक्ष
00:46तिथी, दश्मी तिथी प्रारंब हो रही है
00:4931 अक्टूबर की सुबह 10 बचकर 3 मिनट से और समाप्थ हो रही है
00:541 नवंबर की सुबह 9 बचकर 12 मिनट तक
00:57इसके बाद एकादशी तिथी का आरंब होगा
01:01नक्षत्र, शद्भिशा नक्षत्र प्रारंब
01:0431 अक्टूबर की शाम 6 बचकर 51 मिनट से और समाप्थ
01:081 नवंबर की शाम 6 बचकर 20 मिनट पर होगा
01:12इसके बाद पूर्व भादरप्दा नक्षत्र आरंब होगा
01:16योग
01:17ध्रुव योग प्रारंब 1 नवंबर की सुबह 2 बचकर 9 मिनट तक रहेगा
01:22उसके बाद व्यागात योग प्रारंब होगा
01:25करन
01:27गर करन 31 अक्टूबर की रात 9 बचकर 44 मिनट से 1 नवंबर की सुबह 9 बचकर 12 मिनट तक रहेगा
01:34इसके बाद वनेज करन का आरंब होगा
01:38सूर्य और चंद्र का विवर्ण
01:40सूर्योदय 6 बचकर 36 मिनट पर
01:44सूर्यास्थ शाम 5 बचकर 44 मिनट पर
01:48चंद्रमा आज कुम्भ राशी में विचरन कर रहा है
01:52चंद्रोदय दोपहर 3 बचकर 13 मिनट पर
01:56चंद्रास्थ रात 3 बचकर 23 मिनट पर
02:00शुब और अशुब काल
02:02अभिजित मुहूर्थ 11 बचकर 48 मिनट से
02:06बारह बचकर 32 मिनट तक रहेगा
02:08राहु काल 9 बचकर 23 मिनट से
02:1210 बचकर 46 मिनट तक
02:14गुलिक काल 6 बचकर 36 मिनट से
02:178 बजेई तक
02:18यमगंट दोपहर 1 बचकर 25 मिनट से
02:22दोपहर 2 बचकर 48 मिनट तक
02:25दुर्मुहूर्थ 6 बचकर 36 मिनट से 7 बचकर 20 मिनट तक और दोपहर 10 बचकर 56 मिनट से 11 बचकर 40 मिनट तक रहेगा
02:35विशेश्वरत और त्योहार
02:37आज की देव उठनी एकादशी का दिन भगवान विश्णों के चार महीने के योग निद्रा से जागने का प्रतीक है
02:45माना जाता है कि इस दिन से सभी शुब कारियों जैसे विवाह, ग्रिह प्रवेश, मुंडन आदी की शुरुवात की जाती है
02:54शाम के समय सूर्यास्थ के बाद तुलसी माता और भगवान विश्णों का विवाह किया जाता है
03:01इस समय दीबदान करना, तुलसी को सजाना और ओम नमो नारायनाय, मंत्र का जाप करना अत्यंत शुब माना जाता है
03:09तो आज के इस पवित्र दिन पर भगवान विश्णों और तुलसी माता की आराधना करिये
03:15और अपने जीवन में सुख समरिद्धी, शांती और फ्रेम का आशिरवाद प्राप्त कीजिए
03:22जै श्री हरे
03:24तो यह था एक नवंबर दो हजार पच्चीस का पूरा पंचांग
03:28शनिवार का यह दिन आपके जीवन में नई उर्जा, स्थिर्ता और आत्म विश्वास लेकर आए
03:35शनी देव और हनुमान जी दोनों की कृपा से आपके सभी कार्य सिद्ध हों, यही शुब कामना है
03:42जै शनी देव, जै बजरंग बली
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