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00:00आज हम एसा सवाल पूछेंगे जो पूरी दुनिया में करोडों लोग आज भी पूस्त आखिर अमेरिका ने जापान के दो मासूम सहरों को यानि हिरोस्मा और नागसा की परमाण बम क्यों गिराया और उस बम में एसा क्या था जिसने लाखो जाने एक सेकंड में ले ली तो �
00:30लेकिन एक देश अब भी छुकने को तयार नहीं था वो था जापान जापान की सेना आत्म समर्पड करने को तयार नहीं थी कमजोरी की बात सुनते ही समुराई मानसिक्ता बोलती थी या तो जीतेंगे या तो मरेंगे
00:46अमेरिका को डर था कि अगर वो जापान पर हमला करेंगे तो कम से कम दस लाख अमेरिकी सेनिकों की जान जाएगी जापान हर घर में युद्ध की तैयारी कर रहा था बच्चों को तलवार थमाही जा रही थी तो अमेरिका ने एक भयानक फैसला ले लिया बम गिराओ
01:04भाई साब परमाणवम कोई आम चीज नहीं होती इसका निर्माण अमेरिका ने 1942 से ही सुरू कर दिया था एक गुप्त योजना के था नाम था मनहतन प्रोजेक्ट इस प्रोजेक्ट में अमेरिका बिटेन और कनाड़ा के 130,000 से ज़्यादा बैग्यानिक और इंजिनियर ल�
01:34बोट ओपिन हैमर जिनने बाद में फादर आपदा आटमिक बम कहा गया बम दो परकार से तयार किये गये थे एक था लिटिल बॉई या जो हिरोस्मा पर गिराए गया था और दूसरा था फैट मैन या नागा साकी पर गिराए गया था अब इन दोनों में क्या फरक था लि�
02:04यूरिनियम 235 बम के अंदर एक खास यंद्र था जो यूरिनियम के दो टुकडों को जोड से आपस में टकराता था जिससे नुकलियर चैन रियक्शन शुरू होता था और दूसरा बम था फैट मैन नागा साकी पर गिराए गया वजन था 4.5 टन यानि साढ़े 4000 किलो इसमें
02:34नुकलियर चैन डियक्शन शुरू किया जाता था अब अमेरिका ने बम बनाने के बाद गिराने के लिए एक खास बम वार्सक विमान तयार किया था नाम था बोईंग बी 134 ट्रेस हिरोस्मा पर बम गिराने वाला विमान था इनोला गे जिनके पाइलट थे क्लोनल पाउल �
03:04अपनी दुकानी खोल रहे थे और आफिस वाले अपनी टाई बांध रहे थे किसी को क्या पता था कि कुछी घंटों में पूरा सहर खाक हो जाएगा सुबह 8 बच कर 15 मिनट पर अमेरिकी जहाज इलोना गे ने एक बम गिराया नाम था लिटिल बॉई नाम सुनकर लग रहा ह
03:34मर गए किसी की हड़ी भी नहीं बची कुछ लोग ऐसे जले की सरीर पर कपड़े का डिजाइन तक जल कर चिपक गया पानी मांगते बचे चिकती औरते और जो बचे वो तो जीते हुए लास बन गए थे बम के फटते ही एक देश सफेद रोसनी फैली जैसे सूरत जमीन पर �
04:04हवा में उड़ गई रेल की पट्रियां पिखल गई पेड़ों की चाया जमीन पर जल गई जिन्होंने बम को नहीं देखा वो भी मर गए क्योंकि बिकरड रेडियेशन ने उसका सरीर अंदर से सला दिया जिनने लग रहा था कि वो बच पच गिया है उनके लिए असली मौत
04:34अधियों में लोग कूद रहे थे प्यास बुझाने के लिए लेकिन पानी भी जहर बन चुका था हर अस्पताल यह तो तूड चुका था यह डाक्टर खुद मारे जार चुके थे जो जिन्दा डाक्टर थे वो तूटे हुए बेंच पर बिना दवा के लोगों के अंग का�
05:04पर चेन नहीं आया उसने 9 अगस्त 1945 को दूसरा एटम बम गिराया जिसका नाम था फैड मैं इस बार सहर था नागसाकी और भाई साथ यहां भी वही मंज़र इंसान नहीं बचे इंसानियत नहीं बची सत्तर हजार लोग उसी दिन मारे गए जो बच्चे वो रेडियेशन की
05:34और अजीब अजीब तरह की बिमारी होना सुरू हो गए औरते बच्चों को जन्म देती थी तो कहीं हाथ नहीं होता था कभी पैर नहीं होता था कभी आधासर होता था किसी के बच्चे में आँखें नहीं होती थी बच्चों के सरीर में ब्रकती आने लगी लोग धिरी धिर
06:04वालों के लिए जिंदगी वहीं खतम हो चुकी थी आज भी कुछ लोग जिंदा हैं जिनें कहते हैं हिबा कुसा मतलब वो लोग जो पर्वार हमले में बचे थे लेकिन बचे क्या थे सिर्फ सांसे थी हर रोज वो अपना आतीत जीते हैं खांसी जले हुए चेहरे कैंसर और म�
06:34उपर फटा और पूरा सहर खतम नव अगस्त 1945 को नागसाकी पर फैड मैन गिराया गया था बम थोड़ा गलत जगा गिरा इसलिए थोड़ा कम नुकसान हुआ था अटमिक बम काम करता है निकलियर फैसन पर मतलब एक भारी परमाण को तोड़ कर बहुत ज़्यादा उर्जन
07:04से दोनों हिससे जुड़े चैन रियक्षन शुरू हुआ इससे निकली हुई इनरजी 15,000 टन TNT के बराबर होता है फैड मैं में प्लोटोनियम 249 को एक गोले में रखा गया चारों तरफ से एक्सप्लोजिव से दबाव डाला गया इंप्लोशन से चैन रियक्षन शुरू ह�
07:34हो जाए रूस को डराना चाहता अपनी ताकत अमेरिका दिखाना चाहता था असल में टेस्ट करना था एक कार अडून का मनो बैग्यानिक दबाव बनाना कि दुनिया जान जाए अमेरिका अब सुपर पावर है अब बम गिराने के बाद सिर्फ आग और बिस फोट होता है र
08:04पैदा करने लगे काई पिढ़िया थबाह हो गई तो भाई साब हिरोस्मा और नागसा के सिर्फ दो नाम नहीं है वो दो जखम हैं जो आज भी ताजा हैं हम टेकनोलोजी बना लें बम बना लें पर अगर इंसानियत मर गई तो सब बेकार है आज जरूरत है सांती की प्यार
08:34तो लाइक करें सेर करें और चैनल पर अगर नए हैं तो चैनल को सब्सक्राइब करें धनिवाद जय हिंद जय भारत
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