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Ramoji Film City – Hyderabad ka Bhootiya Set | Real Haunted Place in India | Raat Ki Khamoshi

Ramoji Film City — one of the world’s largest film studios — hides terrifying secrets behind its glamorous sets. Built over an ancient battlefield near Hyderabad, this dream destination has become a hotspot for paranormal activities.
Crew members have witnessed lights falling without reason, cameras malfunctioning mysteriously, and mirrors cracking on their own. Even hotel guests have felt invisible hands, heard whispers in the dark, and seen shadows moving behind them.
Is it just imagination… or do the restless spirits of fallen soldiers still wander here?

Hyderabad की Ramoji Film City — जहाँ हर दिन फिल्मों की शूटिंग होती है, लेकिन रात में यहाँ कुछ और ही कहानी शुरू होती है।
कहा जाता है, ये जगह एक पुराने युद्धभूमि पर बनी है, जहाँ आज भी उन सैनिकों की आत्माएँ भटकती हैं।
Actors ने शूटिंग के दौरान lights अपने आप गिरते देखे, mirrors टूटते सुने और corridors में अनजानी footsteps महसूस कीं।
सुबह ये जगह एक dream city लगती है… पर रात होते ही ये किसी nightmare से कम नहीं।

🎥 Watch till the end to discover the haunted reality behind Ramoji Film City – Hyderabad ka Bhootiya Set.

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Transcript
00:00हैदरबाद की रौनक के बीच बसा एक ऐसा शहर जहां रील और रील की दुनिया आपस में टकरा जाती है जहां एक तरफ हजारों फिल्मों की शूटिंग होती है तो दूसरी तरफ डर और दहशत की कहानिया लोगों की रूह तक हिला देती है ये है रामो जी फिल्म सिटी द�
00:30क्योंकि यहां शूटिंग करने आये कलाकारों और ग्रू ने ऐसी घटनाओं का सामना किया है जो किसी होरर फिल्म से कम नहीं लगती रामो जी फिल्म सिटी हैदरबाद के आउट्सकर्ट्स पर बना है लगभग 2000 एकड में फैला हुआ ये स्टूडियो कॉंप्लेक्स किसी �
01:00ये दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म सिटी बन गया यहां हर दिन हजारों लोग आते हैं फिल्म क्रूज, डिरेक्टर्स, आक्टर्स, टुरिस्ट्स और विजिटर्स एक ही जगे पर यूरपियन स्ट्रीट्स, मुगल गार्डन्स, एरपोर्ट्स, पैलिसेज, फोर्ट्स �
01:30पर बनाई गई हैं, वो कभी एक युद्ध भूमी, बैटल ग्राउंड थी, तेलंगाना के कई स्थानिय लोग मानते हैं कि यहां पर पुराने समय में खुन खराबा हुआ था, और आज भी उन सैनिकों की रेस्टलिस आत्माएं यहां भटकती हैं, 1991 में जब इसका निर्मा
02:00कुछ वरकर्स को लगा कि यह सब नॉर्मल आक्सिडन्स हैं, लेकिन धीरे धीरे डरावनी घटनाय बढ़ती चली गई, जब फिल्म सिटी अफिशली खुली, तो यहां तेलुगू, तमिल, हिंदी और यहां तक की हॉलिवुड फिल्मों की भी शूटिंग होने लगी, बाह
02:30बलकी वो पैरनॉर्मल रिपोर्ट्स जो लगातार सामने आती रहती हैं, फिल्म क्रूज ने क्लेम किया कि रात को एम्टी सेट्स पर फुटस्टेप सुनाई देते हैं, कुछ ने देखा कि शूटिंग लाइट्स अचानक गिर जाती हैं, जैसे किसी ने धक्का दिया हो, कै
03:00के लिए हैं, उतनी ही बदनाम ये अपनी डरावनी कहानियों के लिए भी हैं, जैसे ही रामो जी फिल्म सिटी ऑपरेशनल हुआ, उसके साथ ही अजीब घटनाओं की कहानिया भी शुरू हो गई, आक्टर्स और टेक्निशन्स ने महसूस किया, कि सेट्स पर कुछ ऐसा है, �
03:30या कैमराज मैलफंक्शन करने लगते, टेक्निशन्स को लगा कि शायद ये मेंटेनेंस इशू है, लेकिन प्रॉब्लम ये थी, कि इन आक्सिडन्स का टाइमिंग बहुत स्ट्रेंज होता था, बिल्कुल उस मोमेंट पर, जब कोई क्रूशल शॉट लिया जा रहा होता, ए
04:00उस पर स्ट्राइक किया हो, कहते हैं, कई बार सेट्स पर किसी औरत की हसी सुनाई देती थी, रात को एंप्टी साउंड स्टेज़स में फुट स्टेप्स की आवाजे आती, जब सेक्योरिटी गार्ड्स जाकर चेक करतें, वहां कोई नहीं होता, रामो जी फिल्म सिटी के �
04:30हैं, सबसे ज्यादा शिकायत फीमेल क्रू मेंबर्स ने की, कई अक्ट्रस और फीमेल स्टाफ ने बताया, कि ड्रेसिंग रूम्स में उनके कपड़े अपने आप फट जाते थे, कभी वाडरोब से लटकते कॉस्ट्यूम्स जमीन पर गिर जाते, कभी नीटली केप्ट क्लो
05:00होटेल कॉरिडोर्स में अजीब नौक्स और विस्परिंग साउंड्स सबसे कॉमन रिपोर्ट है, रात के दो तीन बजे के बीच, जब पूरा कॉरिडोर खाली होता है, तब ही ऐसा लगता है, जैसे कोई इन्विजिबल केस्ट दरवाजे पर नौक कर रहा हो, जब दरवा
05:30बालों को खींच रहा है, डर के मारे उसने तुरंत रूम चेंज कराया, लेकिन अगली ही दिन उसी नए कमरे में भी उसने अपनी बेट शीट, अपने आप खिंचते हुए देखी, उसके बाद से उसने रामो जी फिल्म सिटी में अकेले रुकने से इनकार कर दिया, मेल क्र
06:00जैसे किसी ने जानबूज कर धक्का दिया हो, लेकिन उनके आसपास कोई नहीं होता, एक बार एक होटेल में ज़ाड अपने आप छूलने लगे, उस समय वहाँ कोई अर्थक्वेक या वाइन डिस्टिबेंस भी नहीं था, सेक्यूरिटी स्टाफ ने ये घटना खुद अ�
06:30जैसे भी मना कर दिया, जबकि प्रोड्यूजर्स इसे सिर्फ रूमर्स कहकर इग्नोर करने लगे, पर जो लोग यहां रह चुके हैं, उन्होंने साफ कहा, दिन में ये जगे ड्रीम सिटी लगती है, लेकिन रात होते ही, ये किसी नाइटमेर से कम नहीं।
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