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00:00इस प्राप्रम्स नीलम्स आप ये जॉब हमेशा के लिए तो करेंगी ने
00:22और आपके जाने के बाद इस घर को मैं कैसे समानूंगा ये नी बता मुझे
00:30आपने ठीक का अपा अप दादों के बाद के बाद क्यों नहीं मान लेते हैं आप यहां क्यों आए हैं जो भी सोचके आया हो तुमारे पेरेंट्स के सामने बोलकर चला जाओंगा जबरबस्ती रिष्टे की बन्याद तो रखी जाए ज़िए लेकिन खुशियों की इमारत उस
01:00पाई जयना आप कोण है याद करो हमारी मुलाखात हो चुकी है याद रहना लगे रहोगे ना गर तो वहां असमान पर सितारा बनके चंकोगे अच्छा वो सदर बजार में उदकान पर को नहीं जी मेरे पास तो गड़िया है नहीं यकीन करो अगर नोशास साब ने तुमार
01:30में भर के लिए भी अपनी जिन्दगी से माइनस कर दें तो आपको भी खबर हो जाएगी कि हुआ क्या मैं किसी को इजासत नहीं देता कि लेला के बारे में इस तरह से बात करें और मैं भी किसी को इजासत नहीं देती कि कोई भी मेरी जिन्दगी मेरी मर्जी के बगार शाम
02:00कर दो कर दो
02:30कर दो कर दो कर दो कर दो हुआ और दो
03:00झाल झाल
03:30पुली बनके लगती है वारे दिल के उपर
03:58मैं जानता हू निली जी ने बड़ी बड़े अच्छे जजबे से मेरी मदद करने की कोशिश की है पर जजबात हम गरीबों के भी तो होते है ना गरीब भी तो जजबों के आगे मजबूर हो सकते हैं
04:12लाकली जी मैं कदर करता हू निली जी का जजबे की इजब करता हू गड़ी पर मैं अपनी बेहन को भीक के पैसों गाना निखिला सकता है तो चंदत
04:30और अगर ना मिले तो जिन्द की भरक अंतिसार दिल्शाथ दिल्शाथ दिल्शाथ
04:51हलो वीवर्ज एमन एक 28 साला नौजवान आउरत है जो कराजी के कुरान अलाके में तरहा रहती है
05:02वो ने सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है ने किसी से मिलती है नहीं किसी के अपनी जिन्दगी में आने देती है
05:09महले वाले उसे पागल समझते हैं कभी कबार उसे उसकी कड़की से पियानो के मदम दन सिनाई देती है
05:18और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए कुछ भूलती है खुछ से
05:22मगर एमन कोई आम ललकी नहीं थी दस साल पहले वो एक बासलाहियत पियानो आर्टेस्ट थी
05:29जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
05:31उसके मंगनी भी एक नुजवान शरीप और फंकार लड़के अलियान से हुचिकी थी
05:36लेकिन एक दिनस के जिन्देगी पलक जपकते ही उचल गई
05:40एक लायव कैंसर्ट के दवरान एमन के बाद़ा बाई और मंगेतर अलियान एक कार एकसिडन में मारे गए
05:47एमन उस वक्त स्टेच पर पाम कर रही थी जब उसे ये ख़बर मिली वो प्यानों पर हाथ रखने से डरने लगी
05:56और बोलना चोल दिया
05:58हसना जीना सब बुल गी और बस एक कमरे तक महदूद होगी
06:03मगर इस कहानी कासर मोल तबाता है जब सुहराब एक
06:0712 साला यतीम ललका इसके महले में किताबों की दुकान पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
06:13सुराब बहुत बातुनी समझदार और जिन्द दिल बच्चा है
06:17वो एमन के खामोशी को चेरंस समझ के रोज इसके दरोजे पर कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
06:24पूल पुराना प्यानो का कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया रप्ता रप्ता आयमन के अंदे कुछ तूटने लगता है
06:32एक दिन वो दरोजा कूलती है एक महीने बाद उसराब को प्यानों पर बटाती है और बड़ सो बाद खुद भी बेटती है
06:40उसके हाथ लरसते हैं आँके नम है मगर वो पहली बार देमी दन में सनाटिक अवास देती है और वही लमः उसके दوبारा जिनदगी के शरुआत होता है
06:52विवर्जी कहानी उस खामोशी की है जो स्दमेस से पिदा हूँती है और उस अवास की जो महबत से वापस आती है
07:01हर इनसान जो नदर से टूट होता है
07:04उसे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्चा जजबा कापी होता है
07:08इस डामसल के हवाले से अपने राएगी जार लाजमी कमेंड करें
07:11साथ में हमारा एटिव का चेनल सब्सक्राइब करना मत भूलिए
07:15थेंक्स पर वाचिंग अलाह आप्रेस
07:16हलो वीवर्ज एमन एक 28 साला नौजवान आउरत है
07:21जो कराजी के पुरान अलाके में तरहा रहती है
07:24वो नो सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
07:26ने किसी से मिलती है
07:28नहीं किसी के वो अपने जिन्दगी में आने देती है
07:31महले बाले उसे पागल समझते है
07:34कभी कबार उसे उसकी कड़की से
07:36पियानो के मदम दन सिनाई देती है
07:39और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
07:42कुछ भूलती है खुछ से
07:44मगर एमन कोई आम ललकी नहीं ती
07:46दस साल पहले वो एकबा सलाहियत
07:48पियानो आर्टेस्ट थी
07:50जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
07:53उसके मंगनी भी एक नुजवान
07:55शरीप और फंकार लड़के
07:56अलियान से हुचिकी थी
07:58लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक
08:00जपकते ही उचल गई
08:02एक लायव कैंसर्ट के दवराण
08:04एमन के बाद़ा बाई और मंगेतर अलियान
08:06एक कार एकसिडन में मारे गए
08:08एमन इस वक्त स्टेज पर
08:10पाम करी थी
08:12जब उसे ये खबर मिली
08:13वो प्यानो पर हाथ रखने से
08:16डरने लगी
08:18और बोलना चोड़ दिया
08:19हसना जीना सब बुल गी
08:22और बस एक कमरे तक महदूद होगी
08:25मगर इस कहानी कासर मौल तबाता है
08:27जब सुहराब
08:28एक ट्विल साल
08:30यतीम लल्का इसके महले में
08:32किताबों की दुकान पर काम करते हुए
08:34से टक्रा जाता है
08:35सुहराब बहुत बातुनी
08:37समझदार और जिन्द दिल बच्चा है
08:39वो एमन के खामोशी को
08:41चेरंस समझ के रोज इसके दरोजे पर
08:43कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
08:46पूल पुराना प्यानों का
08:48कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया
08:50रब्ता रब्ता एमन के अंदे कुछ
08:52तूटने लगता है
08:54एक दिन वो दरोजा कूलती है
08:56एक महीने बाद उसरा आपको प्यानों से पर
08:58बिटाती है और बड़स बाद
09:00खुद भी बेटती है
09:02उसके हाथ लरसते हैं आंके नम है
09:05मगर वो पहली बार देमी दन
09:07में सनाटिक आवास
09:09देती है और वही लमहा
09:11उसके दुबारा जिन्दगी के शुरुआत होता है
09:13विवर्जी कहानी
09:15उस खामोशी की है
09:16जो सदमे से पिदा होती है
09:19और उस आवास की
09:20जो महबत से वापस आती है
09:23हर इनसान जो नदर से टूट होता है
09:25उससे जोनने के लिए
09:27सिर्फ एक सच्चा जजबा कापी होता है
09:29जो आवासल के हावाले से
09:31अपने राएगी जार लाजमी कमेंट करें
09:33साथ में हमारा येटिव का चीनल
09:35सब्सक्राइब करना मत भूलिए
09:36तेंस पर वाचिंग
09:37अलाह आप्रेस
09:38हलो वीवर्ज
09:40एमन एक 18 साला नौजवान आवरत है
09:42जो कराजी के पुरान अलाके में तरहा रहती है
09:45वो ने सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
09:48ने किसी से मिलती है
09:49ने ही किसी को अपने जिन्दगी में आने देती है
09:52महले वाले उसे पागल समझते है
09:55कभी कभार उसे उसकी कड़की से
09:57पियानो के मदम दन सिनाई देती है
10:01और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
10:04कुछ भूलती है खुछ से
10:05मगर एमन कोई आम ललकी नहीं थी
10:07दस साल पहले वो एक बासलाहियत पियानो आर्टेस्ट थी
10:12जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
10:14उसके मंगरी भी एक नौजवान शरीप और फंकार लड़के
10:18अलियान से हुचकी थी
10:19लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक जपकते ही उचल गई
10:23एक लायो कैंसर्ट के दवरान
10:25एमन के वालदा भाई और मंगेतर अलियान एक कार एकसिडन में मारे गए
10:30एमन इस वक्त स्टेच पर पाम कर रही थी
10:33जब उसे ये खबर मिली वो प्यानो पर हाथ रखने से डरने लगी
10:39और बोलना चोल दिया
10:41हसना जीना सब बुलगी और बस एक कमरे तक महदूद होगी
10:46मगर इस कहानी कासर मौल तबाता है जब सुहराब
10:50एक ट्विल साला यतीम ललका इसके महले में किताबों की दुकान पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
10:56सुराब बहुत बातूनी समझदारा और जिन्द दिल बच्चा है
11:00वो एमन के खामोशी को चेरंस समझके रोज इसके दरवाजे पर कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
11:07पूल पुराना प्यानों का केप चुकलेट या बच्पन की कहानिया
11:12रप्ता रप्ता आयमन के अंदे कुछ तूटने लगता है
11:15एक दिन वो दरवाजा कूलती है
11:17एक महीने बाद उसराब को प्यानों पर बिटाती है
11:21और बरस बाद खुद भी बेटती है
11:23उसके हाथ लरसते हैं आंके नम है
11:26मगर वो पहली बार देमी दन में सनाटिक आवास देती है
11:31और वही लम्हा उसके दुबारा जिन्दगी के शुरुआत होता है
11:34विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
11:38जो स्दमे से पिदा होती है
11:40और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
11:44हर इनसान जो अंदर से टूट होता है
11:47उसे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्चा जजबा कापी होता है
11:51जो आवाजी के हावाले से अपने रौाई की सार लाजमी कमेंट करें
11:54साथ में हमारा एटिव का चेनल सब्सक्राइब कर मत बूलिए
11:58तेंक्स पर वाचिंग, अलाहाफ़ेज
11:59हलो वीवर्ज, एमन एक 28 साला नौजवान आवरत है
12:04जो कराजी के पुराने अलाके में तरहा रहती है
12:07वो नो सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
12:09ने किसी से मिलती है
12:11नही किसी को अपनी जिन्दगी में आने देती है
12:14महले वाले उसे पागल समझते है
12:17कभी कभार उसे उसकी कड़की से
12:19पियानो के मदम दन सिनाई देती है
12:22और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
12:25कुछ भूलती है खुछ से
12:27मगर एमन कोई आम ललकी नहीं ती
12:29दस साल पहले वो एक बासलाहियत
12:31पियानो आर्टेस्ट थी
12:33जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
12:36उसके मंगी भी एक नुजवान
12:38शरीप और फंकार लड़के
12:39अलियान से हुचकी थी
12:41लेकिन एक दिन इसके जिन्देगी पलक
12:43जपकते ही उचल गई
12:45एक लायव कैंसर्ट के दवराण
12:47एमन के वाला बाई और मंगेतर अलियान
12:49एक कार एकसिडन में मारे गए
12:51एमन इस वक्त स्टेज पर
12:53पाम कर रही थी
12:55जब उसे ये खबर मिली
12:56वो प्यानो पर हाथ रखने से
12:59डरने लगी
13:01और बोलना चोल दिया
13:02हसना जीना सब बुल गी
13:05और बस एक कमरे तक महदूद होगी
13:08मगर इस कहानी कासर मौल तबाता है
13:10जब सुहराब
13:11एक ट्विल साला यतीम ललका
13:14इसके महले में किताबों की दुकान पर
13:16काम करते हुए से टक्रा जाता है
13:18सुहराब बहुत बातूनी
13:20समझदार और जिन्द दिल बच्चा है
13:22वो एमन के खामोशी को
13:24चेरंस समझके रोज इसके दर्वाजे
13:26पर कुई न कोई चूटी सी चीज
13:28चोड़ता है पूल पुराना
13:30अफियानों का कैफ चुकलेट
13:32या बच्पन की कहानिया
13:33रप्ता रप्ता आयमन के अंदे
13:35कुछ तूटने लगता है
13:37एक दिन वो दर्वाजा कूलती है
13:39एक महीने बाद उसरा आपको
13:40प्यानों पर बिटाती है
13:43और बड़स बाद खुद भी बेटती है
13:45उसके हाथ लरसते हैं
13:47आंके नम है
13:48मगर वो पहली बार
13:49देमी दन में सनाटिक आवास देती है
13:52और वही लमहा उसके दुबारा
13:54जिन्दगी के शुरुआत होता है
13:56विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
13:59जो स्दमे से पिदा होती है
14:02और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
14:06हर इनसान जो अंदर से टूट होता है
14:08उससे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्छा जजबा कापी होता है
14:12जो आवास जल के हावाले से अपने राएगी सार लाजमी कमेंट करे
14:16साथ में हमारा गैटिव का चीनल सब्सक्राइब कर मत बूलिए
14:19तेंक्स पर वाचिंग अलागा अप्रेस
14:21हलो वीवर्ज एमन एक 28 साला नुजवान आउरत है
14:25जो कराजी के पुरान अलाके में तरहा रहती है
14:28वो ने सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
14:31ने किसी से मिलती है
14:32ने ही किसी के अपनी जिन्दगी में आने देती है
14:35महले वाले उसे पागल समझते है
14:38कभी कभार उसे उसकी कड़की से
14:40पियानो के मदम दन सिनाई देती है
14:44और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
14:47कुछ भूलती है खुछ से
14:48मगर एमन कोई आम ललकी नहीं ती
14:50दस साल पहले वो एक बासलाहियत
14:53पियानो आर्टेस्ट थी
14:55जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
14:57उसके मंगी भी एक नुजवान
14:59शरीप और फंकार लड़के
15:01अलियान से हुच्च की थी
15:02लेकिन एक दिनस की जिन्देगी पलक
15:05जपकते ही उचल गई
15:06एक लायव कैंसर्ट के दवराण
15:08एमन के बादा बाई और मंगेतर अलियान
15:11एक कार एक्सिडन में मारे गए
15:13एमन उस वक्त स्टेज पर
15:15पाम कर रही थी
15:16जब उसे ये खबर मिली
15:18वो प्यानो पर हाथ रखने से
15:20डरने लगी
15:22और बोलना चोल दिया
15:24हसना जीना सब बुलगी
15:27और बस एक कमरे तक महदूद होगी
15:29मगर इस कहानी कासर मौल तबाता है
15:32जब सुहराब
15:3312 साला यतीम ललका
15:35इसके महले में किताबों की दुकान
15:37पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
15:39सुहराब बहुत बातुनी
15:41समझदारा और जिन्द दिल बच्चा है
15:43वो एमन के खामोशी को
15:45चेरंस समझके रोज इसके दर्वाजे पर
15:48कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
15:50पूल पुराना अफियानों का
15:52कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया
15:55रप्ता रप्ता आयमन के अंदे
15:57कुछ तूटने लगता है
15:58एक दिन वो दर्वाजा कूलती है
16:00एक महीने बाद उसराब को प्यानों
16:02पर बटाती है
16:04और बड़ सोबाद खुद भी बेटती है
16:06उसके हाथ लरसते है
16:08आंके नम है
16:09मगर वो पहली बार
16:10देमी दन में सनाटिक आवास देती है
16:14और वही लमहा उसके दुबारा
16:16जिन्दगी के शुरुआत होता है
16:17विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
16:21जो सदमे से पिदा होती है
16:23और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
16:27हर इनसान जो अंदर से टूट होता है
16:30उससे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्चा जजबा कापी होता है
16:34जो आवासल के हावाले से अपने राएगी जार लाजमी कमें करें
16:37साथ में हमारा ग्याटिव का चीनल सब्सक्राइब कर नमत बूलिए
16:41तेंक्स पर वाचिंग अल्ला हाफिज
16:42हलो वीवर्ज एमन एक 28 साला नुजवान आवरत है
16:47जो कराजी के पुरान अलाके में तरहा रहती है
16:50वो ने सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
16:52ने किसी से मिलती है
16:54ने ही किसी को अपनी जिन्दगी में आने देती है
16:57महले वाले उसे पागल समझते है
17:00कभी कभार उसे उसकी कड़की से
17:02पियानो के मदम दन सिनाई देती है
17:05और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
17:08कुछ भूलती है खुछ से
17:10मगर एमन कोई आम ललकी नहीं ती
17:12दस साल पहले वो एकबा सलाहियत
17:14पियानो आर्टेस्ट थी
17:16जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
17:19उसके मंगी भी एक नौजवान
17:21शरीप और फंकार लड़के
17:22अलियान से हुचकी थी
17:24लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक
17:26जपकते ही उचल गई
17:28एक लायव कैंसर्ट के दवराण
17:30एमन के बादा बाई और मंगेतर अलियान
17:32एक कार एकसिडन में मारे गए
17:34एमन इस वक्त स्टेज पर
17:36पाम करी थी
17:38जब उसे ये खबर मिली
17:39वो प्यानो पर हाथ रखने से
17:42डरने लगी
17:44और बोलना चोड़ दिया
17:45हसना जीना सब बुलगी
17:48और बस एक कमरे तक महदूद होगी
17:51मगर इस कहानी कासर मूल तबाता है
17:53जब सुहराब
17:5412 साला यतीम ललका
17:57इसके महले में किताबों की दुकान
17:59पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
18:01सुहराब बहुत बातुनी
18:03समझदार और जिन्द दिल बच्चा है
18:05वो एमन के खामोशी को
18:07चेरंस समझके रोज इसके दर्वाजे पर
18:09कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
18:12पूल पुराना प्यानों का
18:14कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया
18:16रप्ता रप्ता आयमन के अंदे कुछ तूटने लगता है
18:20एक दिन वो दर्वाजा कूलती है
18:22एक महीने बाद उसराब को प्यानों पर बिटाती है
18:26और बड़ सोबाद खुद भी बेटती है
18:28उसके हाथ लरसते हैं आंके नम है
18:31मगर वो पहली बार देमी दन में सनाटिक आवास देती है
18:35और वही लमहा उसके दुबारा जिन्दगी के शुरुआत होता है
18:39विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
18:42जो सदमे से पिदा होती है
18:45और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
18:49हर इनसान जो अंदर से टूट होता है
18:51उससे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्चा जजबा कापी होता है
18:55इस रामसल के हावाले से अपने राएगी सार लाजमी कमें करें
18:59साथ में हमारा एटिव का चेनल सब्सक्राइब करना मत भूलिए
19:02तेंक्स पर वाचिंग अला हाफ़ेज
19:04हलो वीवर्ज एमन एक 28 साला नौजवान आउरत है
19:08जो कराजी के पुराने अलाके में तरहा रहती है
19:11वो नो सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
19:14ने किसी से मिलती है
19:15नहीं किसी को अपने जिन्दगी में आने देती है
19:18महले वाले उसे पागल समझते है
19:21कभी कभार उसे उसकी कड़की से
19:23पियानो के मदम दन सिनाई देती है
19:27और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
19:30कुछ भूलती है खुछ से
19:31मगर एमन कोई आम ललकी नहीं ती
19:33दस साल पहले वो एक बासलाहियत
19:36पियानो आर्टेस्ट थी
19:38जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
19:40उसके मंगी भी एक नौजवान
19:42शरीप और फंकार लड़के
19:44अलियान से हुचिकी थी
19:45लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक
19:48जपकते ही उचल गई
19:49एक लायव कैंसर्ट के दवरान
19:51एमन के वालदा बाई और मंगेतर अलियान
19:54एक कार एकसिडन में मारे गए
19:56एमन उस वक्त स्टेज पर
19:58पाम करी थी
19:59जब उसे ये खबर मिली
20:01वो प्यानो पर हाथ तर रखने से
20:03डरने लगी
20:05और बोलना चोल दिया
20:07हसना जीना सब बुलगी
20:10और बस एक अमरे तक महदूद होगी
20:12मगर इस कहानी कासर मूल तबाता है
20:15जब सुहराब
20:16एक 12 साल यतीम ललका
20:18इसके महले में किताबों की दुकान
20:20पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
20:22सुहराब बहुत बातुनी
20:24समझदार और जिन्द दिल बच्चा है
20:26वो एमन के खामोशी को
20:28चेरंस समझ के रोज इसके दरोजे पर
20:31कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
20:33पूल पुराना आफ यानों का
20:35कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया
20:38रब्ता रब्ता एमन के अंदे कुछ
20:54सनाटिक आवास देती है
20:57और वही लम्हा उसके दुबारा
20:59जिन्दगी के शुरुआत होता है
21:00विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
21:04जो स्दमे से पिदा होती है
21:06और उस आवास की जो महबत
21:09से वापस आती है
21:10हर इनसान जो अंदर से टूट होता है
21:13उसे जोडने के लिए
21:15सिर्फ एक सच्चे जजबा कापी होता है
21:17जो रौमसल के हवाले से
21:19अपने रौाई की जार लाजमी कमें करें
21:20साथ में हमारा एटिव का चेनल
21:22सब्सक्राइब करना मत भूलिए
21:24थैंक्स पर वाचिंग
21:24अलाँ आप्रेज
21:25हलो वीवर्ज
21:27एमन एक 18 साला नौजवान आउरत है
21:30जो कराजी के पुराणे अलाके में
21:32तरहा रहती है
21:33वो नो सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
21:35ने किसी से मिलती है
21:37नही किसी के अपनी जिन्दगी में आने देती है
21:40महले वाले उसे पागल समझते है
21:43कभी कभार उसे उसकी कड़की से
21:45पियानो के मदम दन सिनाई देती है
21:48और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
21:51कुछ भूलती है खुछ से
21:53मगर एमन कोई आम ललकी नहीं थी
21:55दस साल पहले वो एक बासलाहियत
21:57पियानो आर्टेस्ट थी
21:59जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
22:02उसके मंगरी भी एक नौजवान
22:04शरीप और फंकार लड़के
22:05अलियान से हुची की थी
22:07लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक
22:09जपकते ही उचल गई
22:11एक लायव कैंसर्ट के दवरान
22:13एमन के वाला भाई और मंगेतर
22:15अलियान एक कार एकसिडन में मारे गए
22:17एमन इस वक्त स्टेच पर
22:19पाम कर रही थी
22:21जब उसे ये खबर मिली
22:22वो प्यानो पर हाथ तर रखने से
22:25डरने लगी
22:27और बोलना चोल दिया
22:28हसना जीना सब बुल गी
22:31और बस एक कमरे तक महदूद हो गी
22:34मगर इस कहानी कासर मौल तबाता है
22:36जब सुहराब बेग
22:3812 साल यतीम ललका
22:40इसके महले में किताबों की दुकान
22:42पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
22:44सुहराब बहुत बातूनी
22:46समझदार और जिन्द दिल बच्चा है
22:48वो एमन के खामोशी को चेरन समझके
22:51रोज इसके दर्वाजे पर कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
22:55पूल पुराना आफियानों का कैफ चुकलेट या बच्पन की कहानिया
22:59रब्ता रब्ता एमन के अंदे कुछ तूटने लगता है
23:03एक दिन वो दर्वाजा कूलती है
23:05एक महीने बाद उसराव को प्यानों पर बटाती है
23:09और बड़ सो बाद खुद भी बेटती है
23:11उसके हाथ लरसते हैं आंके नम है
23:14मगर वो पहली बार देमी दन में सनाटिक आवास देती है
23:18और वही लमहा उसके दुबारा जिन्दगी के शुरुआत होता है
23:22विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
23:25जो सदमे से पिदा होती है
23:28और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
23:32हर इनसान जो नदर से टूट होता है
23:34उससे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्चा जजबा का भी होता है
23:38जो रौमसल के हुआले से अपने रौाई की जार लाजमी कमें करें
23:42साथ में हमारा गैटिव का चीनल सब्सक्राइब करना मत भूलिए
23:45थैंस पर वाचिंग, अल्ला हाफिज
23:47हलो वीवर्ज, एमन एक 28 साला नौजवान आउरत है
23:51जो कराजी के पुराने अलाके में तरहा रहती है
23:54वो नो सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
23:57ने किसी से मिलती है
23:58नही किसी के अपनी जिन्दगी में आने देती है
24:01महले वाले उसे पागल समझते है
24:04कभी कभार उसे उसकी कड़की से
24:06पियानो के मदम दन सिनाई देती है
24:10और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
24:13कुछ भूलती है खुछ से
24:14मगर एमन कोई आम ललकी नहीं ती
24:16दस साल पहले वो एक बासलाहियत पियानो आर्टेस्ट थी
24:21जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
24:23उसके मंगरी भी एक नुजवान शरीप और फंकार लड़के
24:27अलियान से हुची की थी
24:28लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक जपकते ही उचल गई
24:32एक लायव कैंसर्ट के दबरान
24:34एमन के वाला बाई और मंगेतर अलियान एक कार एकसिडन में मारे गए
24:39एमन इस वक्त स्टेच पर पाम कर रही थी
24:42जब उसे ये खबर मिली वो प्यानो पर हाथ रखने से डरने लगी
24:48और बोलना चोल दिया
24:50हसना जीना सब बुल गी और बस एक कमरे तक महदूद होगी
24:55मगर इस कहानी कासर मौल तबाता है जब सुहराब
24:5912 साला यतीम लड़का इसके महले में किताबों की दुकान पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
25:05सुहराब बहुत बातूनी समझदारा और जिन्द दिल बच्चा है
25:09वो एमन के खामोशी को चेरंस समझ के रोज इसके दरवाजे पर कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
25:16पूल पुराना प्यानों का कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया
25:21रप्ता रप्ता आयमन के अंदे कुछ तूटने लगता है
25:24एक दिन वो दरवाजा कूलती है
25:26एक महीने बाद उसराब को प्यानों पर बटाती है
25:30और बड़ सो बाद खुद भी बेटती है
25:33उसके हाथ लरसते हैं आंके नम है
25:35मगर वो पहली बार देमी दन में सनाटिक आवास देती है
25:40और वही लमहा उसके दुबारा जिन्दगी के शुरुआत होता है
25:43विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
25:47जो सदमे से पिदा होती है
25:49और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
25:53हर इनसान जो नदर से टूट होता है
25:56उससे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्चा जजबा का भी होता है
26:00जो आवास जल के हावाले से अपने राएगी जार लाजमी कमेंट करे
26:03साथ में हमारा एटिव का चेनल सब्सक्राइब करना मत भूलिए
26:07तेंक्स पर वाचिंग अल्हाफ पेस
26:08हलो वीवर्ज एमन एक 18 साला नौजवान आवरत है
26:13जो कराजी के पुराने अलाके में तरहा रहती है
26:16वो ने सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
26:18ने किसी से मिलती है
26:20ने ही किसी के वो अपने जिन्दगी में आने देती है
26:23महले वाले उसे पागल समझते है
26:26कभी कबार उसे उसकी कड़की से
26:28पियानो के मदम दन सिनाई देती है
26:31और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
26:34कुछ भूलती है खुछ से
26:36मगर एमन कोई आम ललकी नहीं ती
26:38दस साल पहले वो एकबा सलाहियत
26:40पियानो आर्टेस्ट थी
26:42जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
26:45उसके मंगी भी एक नुजवान
26:47शरीप और फंकार लड़के
26:48अलियान से हुचकी थी
26:50लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक
26:52जपकते ही उचल गई
26:54एक लायव कैंसर्ट के दवराण
26:56एमन के बादा बाई और मंगेतर अलियान
26:58एक कार एकसिडन में मारे गए
27:00एमन उस वक्त स्टेज पर
27:02पाम कर रही थी
27:04जब उसे ये खबर मिली
27:05वो प्यानो पर हाथ रखने से
27:08डरने लगी
27:10और बोलना चोड़ दिया
27:11हसना जीना सब बुलगी
27:14और बस एक कमरे तक महदूद होगी
27:17मगर इस कहानी कासर मौल तबाता है
27:19जब सुहराब है
27:2112 साला यतीम ललका
27:23इसके महले में किताबों की दुकान
27:25पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
27:27सुहराब बहुत बातुनी
27:29समझदार और जिन्द दिल बच्चा है
27:31वो एमन के खामोशी को
27:33चेरंस समझ के रोज इसके दर्वाजे
27:35पर कुई न कोई चूटी सी चीज
27:37चोड़ता है पूल पुराना
27:39प्यानों का कैप चुकलेट
27:41या बच्पन की कहानिया
27:42रप्ता रप्ता आयमन के अंदे
27:44कुछ तूटने लगता है
27:46एक दिन वो दर्वाजा कूलती है
27:48एक महीने बाद उसरा आपको
27:49प्यानों पर बिटाती है
27:52और बड़स बाद खुद भी बेटती है
27:54उसके हाथ लरसते हैं
27:56आंके नम हैं
27:57मगर वो पहली बार देमी दन में
28:00सनाटिक आवास देती है
28:01और वही लमहा उसके दुबारा
28:03जिन्दगी के शुरुआत होता है
28:05विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
28:08जो स्दमे से पिदा होती है
28:11और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
28:15हर इनसान जो नदर से टूट होता है
28:17उससे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्चा जजबा कापी होता है
28:21जो आवासल के हावाले से अपने राएगी सार लाजमी कमेंट करे
28:25साथ में हमारा येटिव का चेनल सब्सक्राइब करना मत बूलिए
28:28तेंक्स पर वाचिंग, अलाहाफ पेस
28:30हलो वीवर्ज, एमन एक 18 साला नौजवान आवरत है
28:34जो कराजी के कुरान अलाके में तरहा रहती है
28:37वो नो सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
28:40ने किसी से मिलती है
28:41नही किसी के वो अपनी जिन्दगी में आने देती है
28:44महले वाले उसे पागल समझते है
28:47कभी कभार उसे उसकी कड़की से
28:49पियानो के मदम दन सिनाई देती है
28:53और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
28:56कुछ भूलती है खुछ से
28:57मगर एमन कोई आम ललकी नहीं ती
28:59दस साल पहले वो एकबा सलाहियत
29:02पियानो आर्टेस्ट थी
29:04जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
29:06उसके मंगी भी एक नौजवान
29:08शरीप और फंकार लड़के
29:10अलियान से हुचकी थी
29:11लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक
29:14जपकते ही उचल गई
29:15एक लायव कैंसर्ट के दवराण
29:17एमन के वालदा बाई और मंगेतर अलियान
29:20एक कार एक्सिडन में मारे गए
29:22एमन इस वक्त स्टेच पर
29:24पाम कर रही थी
29:25जब उसे ये खबर मिली
29:27वो प्यानो पर हाथ रखने से
29:29डरने लगी
29:31और बोलना चोल दिया
29:33हसना जीना सब बुल गी
29:36और बस एक कमरे तक महदूद होगी
29:38मगर इस कहानी कासर मौल तबाता है
29:41जब सुहराब
29:42एक ट्विल साला
29:44यतीम ललका इसके महले में
29:45किताबों की दुकान पर काम करते हुए
29:47से टक्रा जाता है
29:48सुहराब बहुत बातुनी
29:50समझदार और जिन्द दिल बच्चा है
29:52वो एमन के खामोशी को
29:54चेरंस समझ के रोज इसके दर्वाजे पर
29:57कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
29:59पूल पुराना आफियानों का
30:01कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया
30:04रप्ता रप्ता आएमन के अंदे कुछ तूटने लगता है
30:07एक दिन वो दर्वाजा कूलती है
30:09एक महीन बाद उसराब को प्यानों पर बिटाती है
30:13और बड़स बाद खुद भी बेटती है
30:16उसके हाथ लरसते हैं आंके नम है
30:18मगर वो पहली बार देमी दन में सनाटिक आवास देती है
30:23और वही लमहा उसके दुबारा जिन्दगी के शुरुआत होता है
30:26विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
30:30जो सदमे से पिदा होती है
30:32और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
30:36हर इनसान जो अंदर से टूट होता है
30:39उससे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्चा जजबा कापी होता है
30:43इस रामसल के हावाले से अपने राएगी सार लाजमी कमेंट करे
30:46साथ में हमारा येटिव का चीनल सब्सक्राइब कर नमत बूलिए
30:50थेंक्स पर वाचिंग अलाह आप्रेस
30:51हलो वीवर्ज एमन एक अटाइस साला नौजवान आउरत है
30:56जो कराजी के पुराने अलाके में तरहा रहती है
30:59वो ने सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
31:01ने किसी से मिलती है
31:03नहीं किसी के अपनी जिन्दगी में आने देती है
31:06महले वाले उसे पागल समझते है
31:09कभी कभार उसे उसकी कड़की से
31:11पियानू के मदम दन सिनाई देती है
31:14और कभी रात को वो चतपर असमान को देखते हुए
31:17कुछ भूलती है खुद से
31:19मगर एमन कोई आम ललकी नहीं थी
31:21दस साल पहले वो एक बासलाहियत
31:23पियानू आर्टेस्ट थी
31:25जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
31:28उसके मंगी भी एक नौजवान
31:30शरीप और फंकार लड़के
31:31अलियान से हुचिकी थी
31:33लेकिन एक दिन इसके जिन्देगी पलक जपकते ही उचल गई
31:37एक लायो कैंसर्ट के दवराण
31:39एमन के वालदा बाई और मंगेतर अलियान
31:41एक कार एक्सिडन में मारे गए
31:43एमन इस वक्त स्टेच पर पाम कर रही थी
31:47जब उसे ये खबर मिली
31:48वो प्यानों पर हाथ रखने से डरने लगी
31:53और बोलना चोल दिया
31:54हसना जीना सब बुल गी
31:57और बस एक अमरे तक महदूद होगी
32:00मगर इस कहानी कासर मोल तबाता है
32:02जब सुहराब एक ट्विल्स लाय यतीम ललका
32:06इसके महले में किताबों की दुकान पर काम करते हुए
32:09इससे टक्रा जाता है
32:10सुहराब बहुत बातूनी समझदार और जिन्द दिल बच्चा है
32:14वो एमन के खामोशी को चेरंस समझके
32:17रोज इसके दरोजे पर कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
32:21पूल पुराना प्यानों का कैफ चुकलेट या बच्पन की कहानिया
32:25रब्ता रब्ता आयमन के अंदे कुछ तूटने लगता है
32:29एक दिन वो दरोजा कूलती है
32:31एक महीन बाद उसराब को प्यानों पर बटाती है
32:35और बरस बाद खुद भी बेटती है
32:37उसके हाथ लरसते हैं आंके नम है
32:40मगर वो पहली बार देमी दन में सनाटिक आवास देती है
32:44और वही लमहा उसके दुबारा जिन्दगी के शुरुआत होता है
32:48विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
32:51जो स्दमेस से पिदा होती है
32:54और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
32:58हर इनसान जो अंदर से टूट होता है
33:00उसे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्छा जजबा कापी होता है
33:04इस रामसल के हावाले से अपने राएगी जार लाजमी कमेंट करें
33:08साथ में हमारा एटिव का चीनल सब्सक्राइब करना मत बूलिए
33:11तेंक्स पर वाचिंग अल्ला हाप्रेज
33:13हलो वीवर्ज एमन एक 28 साला नुजवान आउरत है
33:17जो कराजी के कुरान अलाके में तरहा रहती है
33:20वो ने सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
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33:24ने ही किसी के अपनी जिंदेगी में आने देती है
33:27महले वाले उसे पागल समझते है
33:30कभी कवार उसे उसकी कड़की से
33:33पियाणो के मदम दन सिनाई देती है
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33:53के अलियान से हुच्च की थी लेकिन एक दिन्स की जिन्देगी पलक जपकते ही उचल गई एक लायव कैंसर्ट के दवरान एमन के वाला बाई और मंगेतर अलियान एक कार एक्सिडंट में मारे गए एमन उस वक्त स्टेच पर पाम करी थी जब उसे ये खबर मिली वो प्यानो
34:23मोल तबाता है जब सुहराब एक 12 साला यतीम ललका इसके महले में किताबों की दुकान पर काम करते हुए से टक्रा जाता है सुहराब बहुत बातुनी समझदार और जिन्द दिल बच्चा है वह एमन के खामोशी को चेरंस समझके रोज इसके दरोजे पर कुई न कोई चू
34:53में बात उसराब को प्यानों पर बिटाती है और बरस बात खुद भी बैटती है उसके हाथ लरसते हैं आंके नम है मगर वो पहली बार देमी दन में सनाटिक आवास देती है और वही लमहा उसके दुबारा जिन्दगी के शुरुआत होता है विवर्जी कहानी उस खामोशी
35:23जोनने के लिए सिर्फ एक सच्छा जजबा का भी होता है इस ड्रामाचल के हावले से अपने राएगी जार लाजमी कमें करें साथ में हमारा एटिव का चीनल सब्सक्राइब कर नमत बूलिए तैंक्स पर वाचिंग अला हाप्रेज
35:34हलो विवर्ज एमन एक 28 साला नुजवान आउरत है जो कराजी के कुरान अलाके में तरहा रहती है वो ने सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है ने किसी से मिलती है ने ही किसी के अपनी जिन्दगी में आने देती है महले वाले उसे पागल समझते है कभी कबार उसे उसकी कड़क
36:04साल पहले वो एक बासलाहियत पियानो आर्टेस्ट थी जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे उसके मंगनी भी एक नौजवान शरीप और फंकार लड़के अलियान से हुचकी थी लेकिन एक दिन्स की जिन्दगी पलक जपकते ही उचल गई एक लायव कैंसर
36:34डर ने लेगी और बोलना चोल दिया हसना जीना सब बोल गी और बस एक अमरे तक महदूद हो गी मगर इस कहानी कासर मूल तबाता है जब सुहराब एक ट्विल साला यतीम ललका इसके महले में किताबों की दुकान पर काम करते हुए से टक्रा जाता है सुहराब बहुत बात
37:04पूल पुराना प्यानों का कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया रप्ता रप्ता आयमन के अंदर कुछ ठूटने लगता है एक दिन वो दर्वाज़ा कूलती है एक महीने बाद उस और आपको प्यानों पर बटाती है और बरस बात खुद भी बैटती है उसके हाथ लरस
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