00:00नमस्कार, बोलती पोथी में आपका हार्दिक स्वागत है। मैं हूँ आपकी साथी और आज हम एक ऐसी कहानी सुनेंगे जो हर रिष्टे की नीव है। ये कहानी है सच्ची दोस्ती की ताकत की।
00:15क्या आप मानते हैं कि दोस्ती खून के रिष्टों से भी बढ़कर हो सकती है। एक सच्चा दोस्त आपकी परच्छाई नहीं बलकि वो रोश्नी है जो अधेरे में भी रास्ता दिखाती है। आज की ये कहानी रानू और मन्नू नामक दो दोस्तों की गहरी और अटूट दोस
00:45मोल सफर शुरू होता है। कहानी दोस्ती की ताकत एक छोटे से गाउं में रानू और मन्नू रहते थे। उनका रिष्टा आज का नहीं बलकि बचपन की मिट्टी से जुड़ा था। दोनों साथ में स्कूल की राहनापते, शरारते करते और अपनी हर खुशी और हर गम एक
01:15खस्मुख, जिन्दा दिल और हिम्मत से भरा हुआ था। दोनों एक दूसरे के पूरक थे, जैसे सिक्के के दो पहलू। एक गर्मी की दुपहर थी, स्कूल की छुटियां चल रही थी, और दोनों दोस्त खेलते खेलते गाउं से दूर पुराने घने जंगल में पहुँच
01:45अगले ही पल मिट्टी के धीले पढ़ने से उसका पैर फिसला और वो अधेरे कुए में जागिरा। रानु ने डर कर अपनी पूरी ताकत से चिलाया।
02:15प्रमत से काम लिया। उसकी नजर आसपास दोड़ी तो उसे पास के एक पुराने बरगत के पेड़ से बधी हुई एक मोटी पुरानी रस्सी दिखाई दी। समय बरबात किये बिना, मन्नु ने पूरी तेजी से रस्सी पकड़ी और कुएं के मूँ पर आकर उसे नीचे फ
02:45रानु ने कापते हाथों से रस्सी थामी। मन्नु ने उपर से अपनी जान की परवाह ना करते हुए रस्सी को खीचा। मिट्टी और पत्थरों से जूचते हुए कई मिंटों की जान लेवा कोशिश के बाद रानु हाफता हुआ आखिरकार सुरक्षित बाहर निकलाया।
03:15जान बचाई अगर तू नहीं होता तो मैं आज खत्म हो जाता। तू मेरा सच्चा दोस्त मेरा फरिष्टा है। मन्नु हसा एक ऐसी हसी जो निस्वार्थ प्रेम से भरी थी। उसने अपने दोस्त के कंधे थपथपाए और कहा हरे पगलू दोस्ती में धन्यवाद नहीं ब
03:45उनकी दोस्ती पर विश्वास की मोहर लगा दी। साल बीटते गए। रानु अपनी शांत बुद्धी और महनत से एक सफल और बड़ा व्यापारी बन गया। लेकिन उसने अपनी सफलता का पहला फल अकेले नहीं खाया। उसने सबसे पहले मन्नु को बुलाया और उसे अ�
04:15रानु को स्टेज पर सम्मानित किया गया। रानु ने अपना पुरसकार हाथ में लिया और माइक पर पूरे गाउं के सामने एक नाम पुकारा। मन्नु का। गर्व से उसकी तरफ इशारा करते हुए रानु ने गाउं वालों से कहा। आज मैं जो कुछ पी हूँ, जिस ज
04:45मेरी सफलता में इसका उतना ही हाथ है जितना मेरा। मन्नु जिसकी आखे खुशी से नम थी उसने हाथ हिलाया और मजबूत आवाज में कहा। हमारी दोस्ती एक साजेदारी है और ये साजेदारी हमेशा ऐसी ही रहेगी। गाउं वाले तालियों की गरगडाहट से उनकी अ
05:15और गहरी बात सिखाती है। सच्चा दोस्त वो नहीं होता जो सिर्फ आपकी खुशी में शामिल हो। सच्चा दोस्त वो है जो आपकी जिन्दगी के सबसे गहरे और मुश्किल कुए में भी आपके लिए बिना किसी स्वार्थ के रसी डाल दे। तो क्या आपके पास भी को
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