Dive into the world of Shashi Kapoor and Rakhee’s unforgettable 1971 film Sharmeelee in this detailed movie analysis. In this video, we explore the fascinating facts, behind-the-scenes stories, and unique elements that made Sharmeelee one of Bollywood’s most memorable romantic thrillers.
From Rakhee’s remarkable double role to Shashi Kapoor’s charming performance, Sharmeelee captured hearts with its gripping plot, iconic music by S.D. Burman, and timeless appeal. We also look at how the film shaped Rakhee’s career and why it continues to be loved even today.
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00:00फिल्म में फेंटेस्टिक के अंदरगत आज मैं शर्मीली का रिव्यू अनेलिटिकल रिव्यू बताऊंगा
00:15म्यूसिक देरेटर है एच दी वर्मन, प्रोड्यूसर है सुवोध मुकर जी और डेरेटर है समीर गंगुली, 1970 के मशूर डेरेटर थे, इस फिल्म में राकी डबल रोल काम किया था, 1971 में रिलीज हुई ए फिल्म पावने तेन गंटे के अवदी किया, हेरो है शर्षिकपु,
00:45भी आये थे, जिनका नाम रंजीत, नरेंदर नाथ भी एक और विलन था, और इस फिल्म में शर्षिकपुर ने कैप्टन अजिक कपुर का रोल किया, राकी एक डबल रोल अदा किया था, एक कंचन, जो सीधी साधी लड़की थी, मॉडर्ण, और दोसरी कामिनी, गुसे में
01:15आते थे, जैसे की
01:45एच्डी वर्मन जब म्यूजिक डेटर थी, एक से बढ़कर एक गाना इस फिल्म में थी, और आपको पता है, ट्रिविया इस फिल्म का, सहरा बानू को साइन किया था, तो प्ले रोल अफ शर्विली, लेकिन, सड़नली सहरा बानू बेमार हो गी, और उस फिल्म से बैक आ�
02:15इंटर्वल तक देखा, रंजीत को बैटे थे, फ्रेंट रो में, लेकिन, फैमिली में कोई बचा नहीं, मम्मी चले गए थे, चाचा जी चले गए थे, और रंजीत को,
02:33कन्फिशन हो गया, हरी, मुझे देखने के लिए मैं मेरे फैमिली को बुलाया था, लेकिन, कोई भी, आया ही नहीं या, आके चले गया, तो, घर गए, प्रेमिर के बार, तो उनकी मम्मी नहीं उनको फायर किया, कि बेटा, ये क्या तरीका है, मम्मी मैंने क्या गुना किया,
03:03खुबसूरत लड़की, राकी, उसको तो नहीं क्यों ऐसा बुरी तरह से सलूप किया, क्योंकि एक सीन में रंजीद में विलन थे और राकी को कर देता है, तो रंजीद ने मुश्किल तरीके से समझाया कि ये फिल्म के लिए शूट किया था, मैं रियली कुछ नहीं किया थ
03:33और ममी भी पता नहीं था ममी को एक्टिंग किया है, फिर लेकिन ममी काफी दिनों से उसके साथ बात नहीं किया, क्योंकि तुम ऐसे कैसे कर सकती हो, अधरवाइस फिल्म बरपूर वादियों में शूट किया था, कैमरामेन बहुत ही बढ़िया काम किया था, क्योंकि जो 71, �
04:03या नईनी ताल, या दालाव से नहीं जा सकते था, लेकिन इस फिल्म के जरीए, प्रोडूसर ने हर एक को हर सीन दिखाया, और कुब मजा है उनको यह सब देखके, और गाने भी बरपूर थे तो, इस रियली आउटिंग जो फिल्म देखने के लिए जाते थे, और टिकेट
04:33नहीं थे और सिर्फ सिंगल थेटर बरपूर थे, तो लोगों ने मदा लूटा फिल्म देखके, और 1971, इंडिपिनेंट्स के बाद, 47 में इंडिपिनेंट्स हुआ था, 57, 67, 20 साल भी नहीं हुआ था, इंडिपिनेंट्स के बाद, तो यह था, मेरा रिव्यू, रिव्यू न
05:03सुबध मुकरजी की फिल्म, शर्मीली, जो तहलका मचा दिया था, 1971 में जब रिलीज हुई थी, हर तीटर में हास्फुल चल रही थी फिल्म, गाने भी मशूर, आक्टिंग भी अच्छा है, तो यह था, फिल्में फेंटस्टिक के अंतरगत, शर्मीली फिल्म के बारे में म
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