Agrasen Ki बावली – The Haunted Stepwell of Delhi | रात की खामोशी In the dead of night, when darkness blankets the streets of Delhi, hidden stories of the city awaken. Among its old havelis, forts, and ruins lies a stepwell that holds mysteries deeper than water – Agrasen Ki बावली. Known as the ‘Black Water of Death’, this stepwell is said to pull restless souls into its depths. Local legends speak of people mysteriously drawn into it, strange sounds echoing in the silence, and shadows that cameras fail to capture. Join Raat Ki Khamoshi as we explore Delhi’s haunted heritage and uncover the chilling secrets of Agrasen Ki बावली.
रात की खामोशी में, जब अंधेरा दिल्ली की गलियों को ढक लेता है, इस शहर की छिपी कहानियाँ जाग उठती हैं। पुरानी हवेलियों, किलों और खंडहरों के बीच एक बावली है – Agrasen Ki बावली, जिसकी गहराई सिर्फ पानी तक ही नहीं, बल्कि आत्माओं तक जाती है। इसे 'ब्लैक वॉटर ऑफ डेथ' कहा जाता है। स्थानीय कहानियों के अनुसार लोग इसे देखकर रहस्यमय रूप से खींचे जाते हैं, अजीब आवाज़ें सुनाई देती हैं और कैमरे भी अदृश्य परछाइयों को कैद नहीं कर पाते। Raat Ki Khamoshi के साथ जुड़िए और दिल्ली की इस डरावनी विरासत की रहस्यमय गहराइयों में झाँकिए।
00:00रात की खामोशी में जब अंधेरा दिल्ली की गलियों को ढख लेता है तब शहर की पुरानी दीवारों में दभी कहानिया जाग उठती है।
00:16दिल्ली जिसे लोग राजनिती और इतिहास का दिल मानते हैं लेकिन इसकी गहरायों में ऐसे रहस्य भी छिपे हैं जो आज तक किसी को चैन से सोने नहीं देते पुरानी हवेलिया, किले और खंडहर ये सब दिल्ली के अतीत की गवाही देते हैं पर इन सब के बीच एक ऐसी ज
00:46जिसकी गहराई सिर्फ पानी तक ही सीमित नहीं बलकि इनसानी आत्माओं की गहराईयों तक जाती हैं कहा जाता है कि इस बावली की सेडियों पर चलते ही आपको ऐसा लगेगा जैसे कोई अद्रिश शक्ती आपके पीछे-पीछे कदम रख रही हो पानी की गहराई कभी इस
01:16आज की कहानी हमें ले जाएगी दिल्ली के बीचों बीच उस जगे पर जहां इतिहास और रहस्य एक साथ मिलकर आपको कम-कमपी में डाल देंगे
01:27अग्रसेन की बावली अब फिल्मों और वेप सीरीज का भी हिस्सा बन चुकी है पी के जैसी फिल्मों में इसे दिखाया गया लेकिन असली डर वो नहीं है जो स्क्रीन पर दिखता है बलकि वो है जो आप राद के अंधेरे में इन सीडियों पर अकेले महसूस करते हैं तो �
01:57अग्रसेन ने बनवाया था जो एक महान वैश राजा माने जाते हैं कुछ इतिहासकारों का मानना है कि मौझूदा सन्रचना को तुर्की सुल्तानों ने चौदवी सदी में दोबारा बनवाया ये बावली लगभग 60 मीटर लंबी और 15 मीटर चौड़ी है और इसमें करीब
02:27साधन थी बलकि लोगों के मिलने जुलने धार्मिक अनुष्ठानों और विश्राम का भी केंद्र होती थी अग्रसेन की बावली भी कभी जीवन से भरी रहती थी लोग यहां पूजा करते पानी भरते और बच्चे खेलते लेकिन वक्त के साथ ये बावली वीरान हो गई प
02:57आर्कियोलोजिकल सर्वे ओफ इंडिया के सनरक्षन में है लेकिन रात को यहां जाना पूरी तरह मना है क्योंकि रात के सननाटे में इस बावली की गहराईयों से सिर्फ ठंडी हवा ही नहीं बलकि अजीब अजीब आवाजे भी आती हैं कहा जाता है कि पुराने जमाने में
03:27मानो आत्महत्याओं की प्यासा हो दिल्ली की लोग कथाओं में बताया जाता है कि कई लोग बिना वज़े इस बावली में कूद गए लोगों का कहना है कि उन्हें ऐसा लगता था जैसे किसी अद्रिश्य ताकत ने उन्हें नीचे खींचा जो भी इसमें कूदा उसका शरी
03:57करते हैं तो पानी की लहरें आपको अपना नाम लेकर बुलाती है आजा आजा ऐसी धीमी आवाजे सुनाई देती है शहर के कुछ हिस्सों में इस बावली को दूपती आत्माओं का घर भी कहा जाता है दिल्ली पुलिस के रिकॉर्ड में कई ऐसे मामले दर्ज है जब लोग
04:27फिर अचानक बावली की ओर भागे और छलांग लगा दी ये जगे धीरे धीरे आत्महत्या के लिए कुख्याद हो गई लोग कहते हैं यहां आने वाला इंसान अजीब तरह की बेचैनी महसूस करता है मानो कोई ताकत दिमाग पर काबू पा लेती है कुछ शोद करता उन्ह
04:57बलकी आत्माओं की पुकार मानते हैं आज भी जब लोग यहां घुमने आते हैं तो उन्हें अजीब अनुभव होते हैं परियटक बताते हैं कि जब वे सीडिया उतरते हैं तो अचानक पीछे किसी के कदमों की आवाज सुनाई देती हैं लेकिन मुढ कर देखने पर कोई �
05:27दिल्ली के कई फोटोग्रफर यहां शूट करने आए लेकिन उनके कैमरों में अजीब शैडोज और अनेक्स्प्लेंट स्पॉट्स कैद हुए यानि कैमरा भी उन अत्रिश्य परचाईयों को महसूस कर लेता है जिन्हें आखें नहीं देख पाती करीब रहने वाले लोग �
05:57दिल्ली के कुछ बूढे लोगों का कहना है ये बावली कभी पवित्र थी लेकिन अब इसमें अशांत आत्माय बस कई है यहां कोई बच्चा पास जाता है तो मामबाप उसे तुरंत खींच कर वापस ले आते हैं कुछ साधों का कहना है कि यहां पर तांत्रिक अनुष्ठ
06:27जहां कि खामोशी शब्दों से ज्यादा बोलती है कभी ये जीवन देने वाली बावली थी आज इसे लोग मौद की बावली कहते हैं क्या सचमुच यहां आत्माय बसती है क्या ये पानी वाकई लोगों को खींचता है या फिर ये सब हमारी कलपना और डर का खेल है सच चा
06:57कि दिल्ली की इन पुरानी दीवारों में कुछ रहस्य अब भी छिपे हैं तो शायद कभी रात की खामोशी में अग्रसेन की बावली आपको भी अपनी और बुला ले रात की खामोशी के इस सफर में साथ डीन के लिए धन्यवाद अगली कहानी में फिर मिलेंगे
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