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00:00मुझे यह लगता है कि मैं कहीं ज्यादा छोटी हूँ और सामलापन है मेरे में इसलिए मुझे में हिंता बहुत है और सिर्क कहीं भी जॉब के लिए जाती हूँ तो मनलब मना कर दिया जा तुम तुमारी खाल का रंग थोड़ी हो जिंदगी में बहुत उंची चीजें हासिल
00:30दे नहीं है आपचेतना है अपने जीवन को पूरी अपनी संभावना को पूरा विस्तार दीजिए भाई शरीर तो गाड़ी है शरीर तो उपकरण है उसका इस्तिमाल करना है जीवन में आगे बढ़ने के लिए कोई बच्ची पैदा नहीं होती है भाव लेकर कि मुझे गो
01:00से क्यों रहना है जी रंगों पर मर रहे हो नमस्कार अचार जी सर मेरा प्रेशनी था ये कि मुझ में हींता बहुत है अधिकतर मोहिलाओं को देखती हूं तो मुझे ये लगता है कि मैं कहीं ज्यादा लब छोटी हूं और वो सामलापन है मेरे में इसलिए मुझ में हींता �
01:30कि मैं ऐसे क्यूं हूं?
02:00काली है क्या करें हैं तो हैं? देख है जैसी है भाई और जैसी भी किसी की भी देख होगी उससे बहतर देख किसी पैमाने पर बहतर है कि नहीं है वो भी कौन जाने पर किसी पैमाने पर बहतर देख किसी और की हो सकती है उदारन के लिए किसी को लंबाई पर नाज उससे लं
02:30अपने आपको देह से जोड़कर रखेगा, वो परिशानी खड़ी कर रहा अपने लिए.
02:35सर मैंने आपकी कई वीडियो देखा, पर मुझ में हिंता जाती ही नहीं है.
02:39आप देह से अठकी हुई हैं.
02:44देह भाव पर जितना मैंने बोला है, उसको बार-बार सुनिये,
02:48और किताबें ही हैं, अफीधी सीधी, जो देह भाव को संबोधित करती है, उसको पकड़िये.
02:58और एक चीज और कहूँगा, ये तो मैंने बताया कि क्या करिये.
03:03कुछ ऐसा भी है जो आप कर रही हैं और उसको आपको रोकना पड़ेगा.
03:07आपकी संगत ही कैसी है?
03:09आप किन लोगों की विशेशकर किन महिलाओं की संगत ही कर रही है?
03:14आप टीवी सीरियल्स कौन से देख रही है?
03:17सर अभी तो कुछ नहीं देखती है.
03:18आप किन लोगों की संगति कर रही है या आपने अतीत में किन की संगति कर रही है जिसकी इसमृति आपके मन में है
03:23क्योंकि कोई बच्ची पैदा नहीं होती यह भाव लेकर कि मुझे गोरा होना है
03:27यह भाव तो संगति से आता है
03:30ये भाव तो किसी ने आप में आरूपित करा है
03:34अफरीका की बच्चियां है
03:38वो तो सब की सब सावली काली ही पैदा होती है
03:41उनको थोड़ी ही नभाव ना है
03:43हाँ आप जा करके उनको बोल दें कि तुम्हारा सावला रंग
03:46बड़ी गड़बड़ बात है तो वो भी परिशान हो जाएंगी
03:50ये बात तो कोई आपसे बोलता है
03:55कौन है आपके आसपास जो ये बात आपसे बोल रहा है
03:59चाहे प्रत्यक्ष और चाहे परोग्ष छुपे तरीके से
04:02सर कहीं भी जोब के लिए जाती हूँ तो मनलब मना कर दिया जाता है
04:06मत करिया ऐसी जगह पर जोब
04:07ये कौन सी जोब है जहां आपको खाल दिखानी है अपनी
04:11कि काली है लाल है क्या है
04:13ये जोब कौन सी है
04:15हम तो ये जानते हैं कि कोई भी ढग का काम
04:19आपकी चेतना संबंद रखता है
04:21हम पशु थोड़े ही है कि खाल का काम करेंगे
04:24कोई भी ढंक का काम होता है
04:28उसमें तो आपकी चेतना की मांग होती है भाई
04:30कहीं पे आपको कोई निर्णा करना है
04:33कोई गणना करनी है
04:34किसी को पढ़ाना है
04:37यही सब jobs होती है ना
04:38आप डॉक्टर हो या कुछ भी हो
04:41इंजीनियर हो
04:42आप कुछ भी एक साधारन क्लर्क भी हो
04:44उसमें आपकी खाल लगती है
04:46खाल लगती है
04:49वहाँ आपकी चेतना लगती है
04:51यह कौन सी jobs है जहां आप apply कर रहे हो
04:53आप गलत जगह अपलाई कर रहे हो
04:54अच्छा वह नोकरी आपको मिली नहीं
04:58यह सब नोकरियां तो फिर बड़ी
05:03बड़ा गंदा शब्द है ऐसी नोकरियों के लिए
05:06जहां खाल देखी जाती है
05:07उस तरह के वातावरण से अपने आपको दूर करिये
05:15और यह मैं
05:19सबसे बोलना चाहूंगा
05:21विशेशकर
05:23महिलाओं से, लड़कियों से
05:25यह कहां से तुमने बात पकड़ ली
05:29यह किन लोगों को पकड़ लिया
05:31जो इस तरह की बाते करते हैं
05:33और यह मैं फिर्फ सावली लड़कियों से नहीं कह रहा हूँ
05:39मैं उन गोरी लड़कियों से भी कह रहा हूँ जिनकी तारीफ की जाती है उनके गोरेपन पे
05:42अगर आपके घर में ऐसे लोग हैं या आपके पती या प्रेमी लोग ऐसे हैं
05:49जो आपकी तारीफें ये बोलके करते हैं कि क्या तुम्हारा गोरापन है वाट फेरनेस
05:54एकदम दूर हो जाइए ये आपकी खाल के गरहाक हैं हम नाम ही ऐसा रखते हैं न उज्ज्वला धवला शुब्रा बड़ा मुश्किल है कि काली हम नाम भी रखते हैं जबकि वो देवी हैं मा हैं काली नहीं नाम रखते हैं
06:16श्वेता काई को श्वेता बोला उसको श्वेत होने में क्या गोण है ऐसा कि उसका नाम श्वेता रखता बताओ तो
06:24शुब्रा क्यो नाम रखता उसका शुब्रता में ऐसा क्या खासे शुभा रखता होता तो समझ में आता शुभा नहीं रखता है
06:33शुब्रा रखा है क्यों रखा है
06:36क्यों जो माबाप ऐसे नाम रखे हैं ये दुश्मन है क्या लड़कियों के अपनी
06:45ये क्या नाम रख रहे हो श्वेता क्या नाम है
06:47और फिर श्वेता में और गुलाबों में अंतर क्या ये भी बता दो
06:55दोनों ही तो रंग हैं जो भारती आखों को जादा प्रिय हैं गुलाबी गुलाबी और गोरा गोरा गोरे गाल जब शर्मा के गुलाबी गुलाबी हो जाते हैं तो मर्दों को क्या मज़ा आता है
07:11तो श्वेता और गुलाबों में दूरी कितनी है ये बता दो
07:14पर कोई गुलाबों बोल दे आपकी बेटी को
07:18तो आप चिहुक जाओगे कोगे छेड़ रहा है
07:20और श्वेता आप जब नाम खुद देते हो
07:23तो आप क्या कर रहे हो बेटी के साथ
07:24इतने सुंदर सुंदर नाम है
07:29देवी के ही शक्ति के ही
07:33कम से कम पचास नाम है
07:36वो नाम आपको नहीं मिले कहीं
07:38पचास बोल रहे हैं कोई पचास ऐसे हैं
07:41जो अर्थ लोगों को समझ में आएगा
07:43नहीं तो सौ से उपर हैं
07:45पलक, पंखुडी
07:48क्या ये
07:51कोमल
07:54क्यों कोमल क्यों
07:57वज्जर क्यों नहीं
07:58सुवज्जरा
08:01संगारणी क्यों नहीं
08:06क्यों नहीं और अगर नहीं
08:10तो फिर नवदुरगा
08:12और काली और महिशास तो रचंड मुंड
08:16भूल जाओ सबको तुम
08:17फिर बस कोमलांगिनी को लेकर बैठे रहो
08:22और दक्षिन भारत में फिर क्या करोगे
08:30जहां पर तुचा करंग होता ही गहरा है
08:32क्या करोगे
08:34वहाँ उनको भी जाकर के हीन भावना में डालोगे
08:37कि तुम लोग तो गोरे नहीं हो
08:38यह सब गहरे देवभाव की निशानी है
08:46और इन सब का संबंध
08:49पुरुषों की भोग लिपसा से है
08:52और यह लिपसा भी समय के अनुसार बदलती है
08:59इतना हम नहीं महत्तों देते थे गोरे रंग को अंग्रेजों से पहले
09:03हमने तो अपने आवतारों को भी शामल बनाया है
09:09और आप देक्षिन में चले जाएए वहाँ विश्णू की अनेक मूर्तियां आप पाएंगे
09:14पूरी काली
09:15अंग्रेज आए और उनका गोरा रंग देखके हमें लगा बस गोरे ही रंग में पता नहीं कौन सा जादू है
09:26तब से जो हम दिवाने हुए हैं गोरेपन के
09:29मिठी नहीं रही दिवानगी
09:31लेकिन मैं ये भी नहीं कहा रहा हूँ कि गोरे से उचल के आप काले पर आ जाओ
09:38मैं कहा रहा हूँ गोरा हो कि काला हो रंग तो रंग है और रंग खाल का है
09:42तुम्हें देह भाव में इतना धसे क्यों रहना है कि रंगों पर मर रहे हो
09:47मैं आपसे पूछूँ
09:50आप मेंसे कितने लोग विदान संगिता में साथ हैं
09:53कई लोग होंगे
09:54मैं आपसे पूछूँ बताई अश्टाउगर रिशी की खाल का रंग क्या था
09:57जवाब क्या होना चाहिए
09:59जवाब होगा फर्क नहीं पड़ता
10:00तो इसी तरह महिलाएं क्यों नहीं कहती कि खाल का रंग क्या फर्क नहीं पड़ता
10:05शरीर में अगर कुछ देखना भी है
10:09अगर कुछ देखना भी है तो फिटनेस देखूंगा न
10:12और मोटे हो जाओ तो और कोमल हो जाते हो
10:17चर्बी बढ़ा लो तो पूरा शरीर ही कोमल कोमल हो जाता है
10:20कता ही तकिय जैसा
10:23क्या करना है
10:25पांच लोग सुलवाने अपने उपर
10:27शरीर का अगर कोई गुण अच्छा है
10:37तो वो ये कि शरीर स्वस्थ रहे
10:39स्वस्थ रहे ताकि परेशान न करे
10:41ताकि शरीर को संसाधन की तरह इस्तिमाल करके
10:45बोध की मुक्ती की अपनी यात्रा पर महिला आगे बढ़ सके
10:48शरीर तो गाड़ी है शरीर तो उपकरण है
10:53उसका इस्तिमाल करना है जीवन में आगे बढ़ने के लिए
10:59शरीर इसलिए थोड़ी है कि उसको मांज रहे हो
11:11यह सारी बाते समझो, स्त्री की मुक्ति के लिए भहुत आवश्य है ख़र, स्त्री का मतलब होता है आधे मनुष्य, जिन्हें हम मनुष्य बोलते हैं उनमें आधी तो स्त्रीया है बाबा, वो आधे मनुष्य अगर इस बात को नहीं समझेंगे, तो वो मनुष्य कैसे जीवन म
11:41मनुष्य का ताको, तो हमने तन से बांध दिया, यह गोरापन, यह बात कि तुम रसोई में और जाडू पोछे में रहो, साफ सफाई बहुत रखा करो, बिस्तर का पूरा ख्याल रखा करो, यह सब बाते आपस में जुड़ी हुई हैं, और महिलाओं ने इन बातों को आत्म
12:11पुरुष को तो हो सकता है, एक सावली महिला आज के आहलात में भारत में, पुरुष को हो सकता है, सावली महिला एक बार को फिर भी पसंद आ जाए, सावली महिला खुद को कभी नहीं पसंद कर पाती, वो खुद को माफी नहीं कर पाती कि मैं सावली क्यों हूँ, भाई, �
12:41किसी की बड़ी आँखे, किसी की छोटी आँखे, कोई दिखने में ज्यादा आकरशक है, कोई नहीं है, क्या लेना देना
12:48और ये सब बाते आपको दिख रहा होगा दहेज से भी जुड़ी हुई है
12:55ये भी दिखरा होगा महिलाएं जो काम नहीं करने जाती उससे भी जुड़ी हुई है
13:00तमाम तरीकों से ये जो आधे मनुष्य अपना शोषन करवाते हैं
13:06दिखरा होगा उससे भी जुड़ी हुई है
13:07सब बाते जुड़ी हैं कि नहीं जुड़ी है
13:09भुरून हत्या से भी ये बाते जुड़ी हैं कि नहीं जुड़ी हैं
13:19ये सब आपस में जुड़ी हुई बाते
13:23न अर्थ विवस्था में इन आधे मनुष्यों का प्रतिनिधित्तो
13:35न राजनीती में इनका प्रतिनिधित्तो
13:38ना विज्ञान में, ना कला में, जहां है भी तो वहां कहीं 5 प्रतिशत, कहीं 10 प्रतिशत, संपत्ति में 3 प्रतिशत, इतना प्रतिनधित तो है महिलाओं का, और सब महिलाओं परेशान किस बात को लेके हैं?
13:54Am I looking fair?
14:05भाई तुम अपनी हालत देखो, तुम हर क्षेत्र में पीछे हो, एक ही जगह है जहां श्चत प्रतिशत बस महिलाओं पाई जाती है, प्रसूत इग्रह, वहां पुरुश नहीं पाई जाते,
14:24सारी उर्जा, इन आधे मनुश्यों की क्या करने में जा रही है?
14:31देखो सजाने सवारने में,
14:35मैं सब महिलाओं की बात नहीं कर रहा है, पर दुर्भाग्य की बात है कि भारत में अभी भी अधिकांश महिलाएं यहीं फसी हुई है,
14:54और बड़ा दुर्भाग्य की उनका भी है, जो संयोग से दिखने में आकर्शक है,
15:01उनको पुरुश जीने नहीं देते,
15:04मजाल है कि उस इंदिगी में कोई धंका काम कर पाएं,
15:07वो जहां जाएं वहां पीछे पीछे भावरे आ जाते हैं,
15:09अब वो कर रही होगी किसी एंट्रेंस एक्जाम की तयारी,
15:15दसमी बारवी में,
15:17पाँच आशेक उसके पीछे पढ़ जाएंगे लफंगे,
15:21अब वो पढ़के दिखा दे,
15:23उसके घर के अच्पास डोल रहे हैं,
15:25फोन पे आ रहे हैं,
15:26जितने तरीके हो सकते हैं,
15:39वो दिखने में सुन्दर है,
15:43काया उसकी आकरशक है,
15:47अब वो कुछ कर ले,
15:48अब वो क्या करेगी,
15:49कुछ नहीं करेगी,
15:50वो ट्रॉफी वाइफ बनेगी,
15:53ट्रॉफी वाइफ जानते हो न,
15:57ये खूब चलता है भारत में भी और पश्चे में भी,
15:59सुन्दर लड़कियों को,
16:01अमीर लड़के बयाह लेते हैं,
16:03और उनको एक ट्रॉफी की तरह,
16:04इदर उदर प्रदरशित करते हैं,
16:05कि देखो मेरे पास पैसा है,
16:06इसलिए मैं ये चीज़ खरीद के लाया हूँ,
16:08और उन ट्रॉफी वाइफ का यही काम होता है,
16:12सज बज़के रहना,
16:13एकसेंट में फाल्तू बात करना,
16:16कुछ उन्हें और काम करना ही नहीं दिया जाता,
16:18उनका काम ही है, यह तुम फिट रहो, सेक्सी रहो,
16:21सज के रहो,
16:22आपके रोंग्टे खड़े हो जाएंगे जानके,
16:27कि बहुत सारी लड़कियां चाहती हैं ट्रॉफी वाइफ बनना,
16:31यह हमने क्या कर डाला आधे मनुश्यों के साथ,
16:39और बहुत सारी लड़कियां परेशान हैं,
16:42कि उनका रंग, ढंग, काया, कल्प उनका अच्छा नहीं है,
16:47तो ट्रॉफी वाइफ नहीं बन पाएंगी,
16:49उनको यही परेशानी है,
16:51उनको इर्शया हो जाती है,
16:52कि देखो वो पडोस की थी,
16:54कोई ज्यान नहीं, कोई गुण नहीं,
16:55पर अमेरिका के डॉक्टर से ब्या हो गया उसका,
16:59क्योंकि सेक्सी थी,
17:06बड़ी इर्शया की बात है,
17:08इर्शया की बात है, राहत की बात है,
17:09वो नर्क में गई है,
17:13आप अपने लिए उनर्क मत चुन लीजिएगा,
17:18दे नहीं हैं, आप चेतना हैं,
17:20अपने जीवन को, पूरी अपनी संभावना को,
17:24पूरा विस्तार दीजिए भाई,
17:26माने बहन,
17:42कल में गया लूलू मॉल,
17:47नहीं मैंने सुना था लखनू में,
17:48एशिया का सबसे बड़ा खुला है,
17:49मैं का, मैं देखने जाओंगा,
17:50क्या खुल गया,
17:51मेरे लखनू में,
17:55असी प्रतशत सामगरी महिलाओं की,
18:01मैं का,
18:03इतनी मुक्त हो गई,
18:04मेरे लखनू की महिलाओं,
18:08यही यही कर रही है,
18:10कुछ ब्रैंड तो वहाँ ऐसे थे,
18:13कॉस्मेटिक्स के,
18:13जो वहाँ गुडगाओं और DLF में,
18:16नोईडा में देखने को नहीं मिलते,
18:18गजब हो गया,
18:20और फिर मैं सडकों पे निकलता हूँ,
18:22लखनू में,
18:24तो वहाँ वही पुराना चेहरा,
18:25और पुराना किस्सा महिलाओं का,
18:28यह कौन सा अधुनिकी करण है,
18:30यह कौन सा सशक्टी करण है,
18:34यह कौन सी आजादी है,
18:36जहाँ आजादी का मतलब ही है,
18:37यह कि और उपभोग करो,
18:39और सजो सवरो,
18:40और सेक्सी हो जाओ,
18:45सेलेक्शन रेट दिखाओ,
18:47कम,
18:53जो भी चीज़े जिन्दगी में पाने लायक हैं,
18:55उनमें अपनी दर दिखाओ,
18:56कम,
18:57मुझे मालो में स्थितियां प्रतिकूल हैं,
18:59यह मत कहिएगा कि हम क्या करें,
19:00सिचुएशन सी ऐसी रहती हैं,
19:02मुझे मालो में प्रतिकूल हैं,
19:04स्थितियां प्रतिकूल हैं,
19:05हम क्यों अपने प्रतिकूल हुए जा रहे हैं,
19:25चले जाओ, आप से कोई पूछेगा, आप कैसे दिखते हो, मलाल है, दुनिया के बड़े-बड़े धनपतियों को आप उनकी खाल के रंग पर जज़ करते हो, क्या, वारेन बुफे, क्या खुबसूरत दिखते हैं, आहा,
19:45और अमेरिका में लाइन से जितने हुए थे, फोर्ड से लेके रॉक्फिलर तक, आपने इनकी सूर्तों, सूर्ते देखी हैं, यह मॉडेल्स थे सब,
20:03आपका व्यापार कहा हैं, आपकी उन्नती तरक्की कहा हैं, आपका विस्तार कहा हैं,
20:07लूलू मॉल और ब्यूटी पारलर, और राश्टर भी कैसे तरक्की करें, अगर उसकी पचास पतिशत आबादी,
20:30सिर्फ कॉस्मेटिक्स वार्ड से मेटरिनिटी वार्ड की यात्रा कर रही हो लगातार,
20:33क्या तरक्की करें राश्टर बताओ,
20:42सारा creation बस procreation में जा रहा है,
20:46सारी productivity बस reproductivity में जा रही है,
20:52आपके भीतर जो स्रजन की उर्जा है, वो खर्च कहा हो रही है,
20:56बच्चा जनने में और क्या करने में,
20:58सबसे creative काम life में यही करा है
21:02दो बच्चे बड़े करे है
21:03मैं मा हूँ
21:05यह मेरी जिन्दगी
21:11कुल उपलब्धी है यह दो बच्चे
21:12और वो बच्चे कैसे निकले हैं वो
21:14आप भी जानते हम भी जानते
21:15यह जितने बिगड़े हुए बच्चे निकलते हैं
21:24बल्कि रौशनी में आते हैं बिगड़े हुए तो सारी हैं
21:27जितने बिगड़े हुए पकड़ में आते हैं
21:30इनके पीछे भी तो कोई
21:31गौरव शाली
21:34मा ही होती है न और उसने जिन्दगी पर यही करा होता है
21:38बच्चे बड़े करे होते है
21:39जब मा ने खुद को बड़ा नहीं करा तो बच्चे कैसे बड़े कर लेगी
21:45शादी हो रही होती है
22:06अब भागो मतब
22:07मैंने कहा था है सवाल पूछो
22:13कुछ बात तों पर मुझे बहुत गुस्ता आता है पूछा होत करो
22:17कई होते हैं ऐसे छोटे बच्चे बच्चिया
22:25वो जा करके अनार में आग लगा देते हैं
22:31और फिर वो ऐसे ऐसे ऐसे जब बढ़ने लगता है तो भगते हैं बहुत जोर से
22:34शादी हो रही होती है
22:43लड़की देख रही है कमाता कितना है लड़का देख रही है सेक्सी कितनी है और घरेलू कितनी है
22:53यह चल क्या रहा है यह चल क्या रहा है यह खरीद फरोगत नहीं है यह व्यापार नहीं है
23:03तुम देख रही हो दाम कितने देगा वो देख रहा है देख कैसी है जहां दाम और दे हो उस धंदे को क्या बोलते हैं
23:09तो यह क्या कर रहे हैं अपने साथ
23:16जहां दाम देकर देख खरीदी जाए क्या बोलते हैं उसको
23:20वो देखते है कि यह दाम कितने कमाता है
23:24वो देखता है इसने देह latak कैसी बनाई है
23:26यह क्या है
23:28और फिर तुम चाहते हो कि तुम को इज़द मिले
23:31और कहा जाए Mrs. Falana
23:34दुनिया के विकसित और अविकसित देशों में
23:39एक बात साजा पाओगे
23:41जहां विकास है वहां नारी आगे है
23:43इन दोनों में बड़ा जबरदस्ट कोरिलेशन है
23:49कुछ विकसित देश तो ऐसे हैं
23:55जहां कि संसदों में महिलाओं का बहुमत है
23:57अब यह आप पता करके लाओगे मैं किस देश की बात कर रहा हूँ
24:03और भी है
24:05चलो हिंट यूरोप में है और ठंडा है
24:11करो पता मुझे मत परिशान करो
24:16वहां संपत्ति में भी महिलाओं का हिस्सा ज्यादा है
24:24वहां की यूनिवर्सिटीज भी दुनिया में सरुषेष्ट है
24:28दुनिया भर के लोग वहां की यूनिवर्सिटीज में पढ़ने जा रहे है
24:30और वहां महिलाओं बहुत आजाद हैं
24:32बहुत आगे हैं अपने निर्णे लेती हैं
24:34हाँ, वहाँ भी तमाम तरह की विवराईया है, वहाँ भी महिलाएं, बहुत ऐसी मिलेंगी जो खाल से आ सकते हैं।
24:40लेकिन फिर भी वहाँ बहुत ऐसी महिलाएं जो खाल वाल की चिंता छोड़के, अपनी जिंदगी पर, चेतना पर और काम पर ध्यान देती हैं।
24:47अब खाल से तो आ सकत पुरुष भी हो सकता है, पुरुषों के भी तो ब्यूटी प्रोड़क्ट्स आ गए हैं।
24:57तो वो बीमारी पाई तो कहीं भी जा सकती है, लेकिन कहीं कम हैं कहीं ज्यादा है।
25:02और दुनिया के जितने अविकसित देश हैं, वहां जाकर देखो तो एक बात साजी मिलेगी।
25:12वहां महिला घर में बंद है, और कई बार तो परदे के पीछे, बुरके के पीछे बंद है।
25:18ये दुनिया के हर पिछड़े हुए मुल्क के निशानी है।
25:22जहां महिला को बंद किया गया है, वह पूरा राष्टर पीछे हो गया है।
25:34भारत में भी अब एक लहर चल रही है, जहां महिला को कहा जा रहा है, तुम घर में ही रहो न, जादा पढ़ लिख के क्या करोगी।
25:40ये तुम्हारा फेमिनिस्म नहीं चाहिए हमको।
25:42ये जो लहर है बहुत घाता के बचियेगा, ये संस्कृति के नाम पे सब करा जा रहा है।
25:48कि लड़की जादा पढ़ लिख लेगी तो मिल किया जाएगा।
25:51चार सो अठानवे ए लगाएगी, ससुराल वालों पे जूठे मुकदमे करेगी, और ज्यादा उची उची बहकी बहकी और मॉडर्न बाते करेगी तो बहुत लड़की को पढ़ाना लिखाना अच्छी बात नहीं है, इसको घर में रखो।
26:04लड़की जितना घर के भीतर कैद होगी, राष्ट उतना पिछड़ता जाएगा हर तरीके से।
26:13लड़की को घर में रखना लड़कों पुरुशों किसी के लिए भी राष्ट के लिए ही अच्छा नहीं है।
26:23उसको तन मत बना लो कि वो तन है दुधारू गाय है बस।
26:26जिसका काम है प्रजनन की फैक्टरी की तरह चलना।
26:31और न उसको इस बात पर बहुत इज़त दे दो कि देखो इस तरी तो बस मा होती है।
26:35और अगर वो मा है तो उसको सम्मान दे दो भले उसे ज्ञान कता ही न हो।
26:38यह भी खूब चलता है। ऐसे नहीं होता बिटा।
26:42ऐसे नहीं होता।
26:44मैं सब लड़कियों महिलाओं से कह रहा हूँ।
26:47ऐसे नहीं होता।
26:49सम्मान का हकदार कुछ चेतना अगत विशिष्टताएं होती है।
26:56सिर्फ इसलिए कि आप पत्नी बन गई या मा बन गई आप सम्मान की अधिकारी नहीं हो जाती है।
27:03और जो लोग आपको बस इसी नहते सम्मान दे रहे हैं कि आप पत्नी हैं कि बहु हैं कि मा हैं।
27:09वो लोग खुद बहुत ना समझ हैं
27:12हो सकता है शोशक भी हो
27:13इन्ही सब कामों के चलते
27:23जो बिचारी लड़कियां थोड़ा दा पंक फैला के
27:25बाहर निकलती है उनको बड़ी समस्या हो जाती है
27:27उनको ये हमारे समाज के लोग
27:30ये ग्रहस्त लोग
27:31पुराने लोग किराये पे मकान नहीं देना चाहते
27:35उनके घरों में जो हाॉस वाइवस बैठी होती है
27:39उन हाॉस वाइवस को बड़ी इज़त मिल जाती है
27:41और कोई लड़की नया नया बाहर काम करने निकले उसको इज़त नहीं देते
27:45और कोई अगर लड़की नई नई निकलेगी बाहर काम करने, अपनी जिंदगी बनाने, कैरियर बनाने, तो शुरू में ही तो बहुत तंखा नहीं पा जाएगी
27:53पर ओगर में देखती है कि उसकी घर की महिलाएं हैं जो कुछ नहीं करती हैं
27:58और फिर भी नोटों में खेलती हैं, लाखों में खेलती हैं, और यह जो बाहर निकली है कहती है, मैं अपने दम पे महनत करूँ, मैं दिन राज जूज हूँ, फिर भी मुझे रहने को कोई घर नहीं देता, और मेरे पास पैसे भी इतने कम हैं, और उपर से घर से बाहर निकलो
28:28तो पती के घर जा
28:29ये जो लड़कियों को घर नहीं दिया जाता
28:33समझो इसके पीछे क्या कूटनीती है
28:34हम तुझे घर देंगे ही नहीं
28:36घर जाईए ना तुझे तो पती का घर जा
28:38शादी कर
28:39और शादी भी अगर प्रेम और समझदारी से हुई हो
28:43तो कोई बात है
28:43शादी भी क्या वही शादी ना
28:45दाम और देह
28:47उसमें दहेज और जोड़ दो
28:51हम हिंदुस्तानियों की हालत इतनी खराब है
28:55हमें इस्तरी की जगा मनुष्य देखने को मिल जाए
28:57तो हम बिल बिला जाते है
28:58हिंदुस्तानी कहीं बाहर चला जाए
29:04किसी वज़े से
29:04परेटन पे जाते हैं
29:06बड़ी आफ़त हो जाती है
29:07वहां औरते कम हैं इनसान ज्यादा हैं
29:10भारत में औरत इनसान नहीं बची वो औरत है बस
29:12भारत में हमने उसको पूरा महिला ही बना दिया
29:15उसको मनुष्य रहने नहीं दिया
29:16बाहर जाओ तो जो महिला है वह मनुष्य ज़ादा है
29:19वह बात करने आती है तो हिंदुस्थानी पूरुष खास तोर प Hz एक्डम के बिल्बिला जाता है
29:23कहां तो इनसान की तरह बात कर रही हाए
29:26हैलम लगात नहीं
29:32यह तो हांथ आगे बढ़ा वत रही
29:34की हाथ मेलाई?
29:40तनिकोल लाज नहीं आभे का?
29:44काहे तनिकोल लाज आभे हो का?
29:46काहे?
29:50इंसान का हाथ है.
29:53यह हर जगे तुम्हेंibenis लूंगिदिखाई देते हैं.
29:58इंसान का हाथ हाथ बढ़ाया, तो हाथ मिला लो, भाई.
30:02परिशान हो जाते हैं.
30:04फ्लाइट में बैठते एर होस्टेस वा जाती है पुरुशों की हालत देखो एर होस्टेस के सामने
30:09जब वो आएगी तो ऐसे नजरें चुराएंगे जैसे प्रेमिका खड़ी हो गई हो
30:13और जब वो पीछे चली जाएगी तो पीछे से उसका पिछवडा घूरेंगे
30:17सामने खड़ी तो मुझे उधर कर लिया जब चली गई तो पीछे से ऐसे
30:21मुझे विंडो सीट चाहिए होती आम तौर पे नहीं मिलती आईल सीट मिली है मुझे भरोसा होता है कि मिल जाएगी
30:34विंडो वाले को बोलो भाई साब मेरी आईल है चाहिए क्या वो कूद के आता है बलता है बस इतना है कि जवान पुरुश होना चाहिए
30:42जवान पुरुश को विंडो सीट मिली हो तुरंत उससे बात करो वो दे देगा उसे आईल चाहिए वहीं से उसको बढ़िया
31:04मैं कहना चाह रहा हूं कि इस्तरी को तुमने जैसा बना दिया है ना पुरुशों पुरुशों तुम भी चैन से नहीं जी पाओगे अगर तुम आधी मनुष्यता के साथ सहज संबंध नहीं रख सकते तो तुम चैन से कैसे जीओगे दुनिया की आधी आभादी तो इन ही क
31:34मित्रता नहीं कर सकता तो माने दुनिया की आधी आभादी बाकी आधी आभादी के साथ मित्रवत नहीं जी सकती तो इन दोनों लिंगों में फिर संघर्ष चलेगा जो घर-घर चलता है
31:45भारतीय पुरुष, भारतीय महिला के साथ सहज का हो पाता हो, किसी महिला, भारतीय महिला के साथ तो फिर भी थोड़ा बहुत हो जाए, बाहरी महिला दिख गई, गवाँ चले जाओ, बाहरी महिला भी ना दिखे, वहां हम लखनवु वाले अलगी नजर आते हैं, बीचेस पे
32:15और नजाने कौन से जादू से गरदन 180 degree पीछे, पूरा 360 degree गूम रही है, चारों तरफ, कहीं बिकनी दिखें, बस, यह असहजता है, यह बीमारी है, यह रोग है कि नहीं है, यह रोग है कि नहीं है, यह पूरा रोग है, इंसान है सामने,
32:43और 80-90 प्रतिशत उसका शरीर तुम्हारे ही जैसा है
32:47क्या पगलाए जा रहे हैं क्या ऐसा देख लिया
32:50और जो तुम्हें आ दिख रहा है वो दुनिया की आधिया बादी के पास है
32:54ऐसी कोई रेर चीज भी नहीं है
32:56कि बस अभी दिख गया लीनिंग टावर अफ पीसा
33:00भाई मेरे दुनिया की आधिया बादी वैसी ही है
33:02दुनिया और पशू भी वैसे ही है
33:07सारे मैमल सारे स्तंधारी वैसे ही है
33:09अब ये मनो विकार है पूरा
33:14अब बापस जाते हैं अपने होटल में
33:18तो बीच उधारी नेरी दिमाग से
33:20जिसको तुम गुलाम बनाओगे
33:27तुम उसके गुलाम बन जाओगे
33:29जाका गला तुम काटे हो
33:33सो फिर काट तुम्हार
33:34तुम्हें आजादी चाहिए
33:38तो देखो कि तुमने अपने आसपास
33:40बंधक किसको बना रखा है
33:41तुम्हें आजादी चाहिए
33:42सब को आजाद कर दो
33:44तुम भी आजाद हो जाओगे
33:45जिनको लगता हो जिन्दगी में
33:49बंधन बहुत हैं
33:50वो ये देखें कि उन्होंने किसको
33:52बंधक बना रखा है
33:53तुमने जिसको बांध के रखा है न
33:56उसी ने तुमको बांद के रखा है
33:58क्यों परस पर शत्रुत
34:02बने जा रहे हो एक दूसरे के
34:04ठीक कहा रहा हूं कुछ
34:12गलती तो नहीं हुई
34:14बुरा भी जल्दी मान जाती हैं आप लोग
34:18तो अरोगेंट
34:21प्यार तो ठीक है
34:29प्यार तो ठीक है
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