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RadhaKrishn Radha ne khole apne netr राधाकृष्ण #radhakrishna #starbharat EPISODE -4

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00:00ये शोदा तनिक अपने लल्ला का मुखडा तो दिखा
00:30कितना संदर बालक है ऐसे नहीं कहते दृष्टी लग जाती है लल्ला सबकी दृष्टी से दू अपने पालने में रहना चलो
01:00शागया आनन्द हुआ गोफुल निहार मन को है मोहें जैसे ये कन यालार
01:14कोई कहे का ना कोई कृष्ण गोपाल
01:21कुवे नाचे गाए जन देके सुरकाल
01:28कोई कहे का ना कोई कृष्ण गोपाल
01:31क्वे जन देके लॉटे sam course
01:54क्वेश से अपने में अपने गोपाल
01:59पूतना के पास है तू नंद पुत्र
02:29कि पूतना हूं मैं जहां जाती हूं वहां किसी का भी पूत जीवित नहीं रहता
02:50आज तक महराज कंस के आदेश से सहस्त्रो बालकों के प्राण लिये है मैंने और अब तेरी वारी
03:00करना मेरे बाला के क्रें छाओए तके कि आ पीर एंकी आज पारी
03:10क करेंगे लैникомरे मेरे लैला काही मेरा लैला काही आरै के मिरा लैला की अट्रु पार दान के अच बहुत
03:16मेरा लेल्ला
03:40नंजी मेरा लेल्ला
03:41छोड़ो मेरा लेल्ला को
03:46अच्रिष्ण
03:47कि अच्रिष्ण
03:48बिटे लेल्ला
03:49लेल्ला
04:03यह तुम बोई करने वाले हो
04:05तो मैं सोच रहा हूं
04:08नहीं काना
04:09ऐसा नहीं करना
04:16
04:24Do
04:24
04:28लएला
04:29मेरा लेला
04:31यचल
04:32यचल
04:33यचल
04:34यचल
04:35बढदी
04:35लेला लेला
04:38लेला लेला
04:39बादी
04:46यर करिंकर र tob
04:50वर कौ लुमैर कुष्थ
04:54बजले हम औि सुड़ प्रिंकर कुष्थ
04:55निर Александर को각रें उत्रो Collक
04:57कि जिले ख निल cabbage कर अईना जरसो मेश्ट
05:01existroffen बहीं उप प्रिंकर कि शिर्राब
05:04कि वहीं है पै कि जर्शकर कि जडरे घरव
05:08पड़ गएलो
05:15यह किसा सवर्टा
05:32यह तो की लग्षाष है
05:38तो की लग्जा-ष्टा
05:41यह कि लाग्न भीन
05:47क्रिश्ण नर्टा
05:49कर दो किश्ण घ्रेशन
05:53क्रिश्ण ॡर्ट
06:01कि ल्मेशन
06:04रिश्ण तो
06:05क्रिष्णा क्रिष्णा हारे हारे
06:09ये भालत किसका है?
06:35क्या हुआ इसे? ये अचानक रोने क्यों लगा?
07:02जी हुआ क्या है कि सेहमा हुआ है
07:05हो सकता है भूगा भी हो
07:07आप इसे लेके कहां बाटकेंगे
07:09लाइए मैं इसे समालती हूँ
07:11आप जाके इसके माता पिता को ढूंडिए
07:13ये तो चुप भी हो गया
07:31तुम इसे समालों में पता लगा कराता हूँ
07:34चलो
07:35प्यास दरस की अखियों में
07:52मन के भी तर्टो
07:57प्रीत तो बस प्रियतम से है
08:10जग से कैसा मोरे
08:19जग से कैसा मोरे
08:29झालो
08:36झालो
08:38झालो
08:40जग से कैसा मोरे
08:43झालो
08:48बाराा, पिष्णि, बीष्ण, भाराा,
09:18कर दो निहां कि अब प्रड़ी हो दो और अब यहां कि अब और दॉलें तब ही तो मेरे सामने आओ
09:48संसार की आखे खुलनी तो तुम्हारी आखे खुलने ओगी राता और उसके लिए मुझी तुम्हारे पास आना ही होगा
10:03पाने को ही प्रेम करे जद्धी है प्रेम अर्थ समझाई
10:33राधा को दिये वचन को अंततः कृष्ण ने पूरा कर ही दिया
10:54कृष्ण सामने आए तो राधा ने पहली बार अपनी आखें खोली
11:03सभी के लिए कृष्ण का बरसाना पहुँचना और राधा की आखें खुनना केवल एक संयोग था
11:10कोई नहीं जानता था कि ये दो प्रेमियों का प्रिथवी पर पहला महायोग था
11:19ये मिलन गोलोग में ली गई राधा की शपत का अंत नहीं
11:26बलकि इस धर्ती की सबसे बड़ी प्रेम कहानी का आरम भधा
11:31दोनों जानते थे कि इस मिलन के पश्चात राधा गोलोग और कृष्ण को भूल जाने वाली थी
11:38राधा बरसाने में रहे गई और कृष्ण अपने माता पिता के साथ गोकुल लोट गए
12:08पर इन वर्षों में एक पल ऐसा ना था जब कृष्ण ने राधा को याद ना किया हूँ
12:38क्यों ये बाइसुरी की दुनजानी पहचानी लगती है
13:06और कौन है ये जो प्रणी भूर में वासुरी बजा कर मेरे मन में हलचल मज़ा देता है
13:14क्यों दाओ
13:36क्यों काना यही प्रश्ण तो मुझे तुमसे पूछना चाहिए
13:44काना संसार को प्रेम सिखाने आये हो तुम धरती पर और यदि ये बाशुरी लेकर पेड़ के नीचे ही बैठे रहे ना तो तो बन गई तुम्हारी प्रेम कहानी प्रेम
14:00धाई अक्षर का ये शब्द कितना सरल लगता है ना पर उसकी तगर उतनी ही कठिन है
14:14काना राधा वहाँ बरसाने में है और तुम यहाँ गोकुल में
14:19और बातें तो तुम ऐसे कर रहे हो काना जैसे ये कंकड लिया और फोड़ दी मटकी जैसे इतना सरल हो सब कुछ
14:30सच कहूं तो कंकड से मटकी फोड़ने से अधिक कठिन भी नहीं है
14:42सौरहर
14:59सौरहर
15:01सौरहर
15:03सौरहर
15:05कर दो!
15:11ची दो!
15:16मान्स!
15:19मान्स!
15:21क्राइब टोगी
15:32क्रश्राइब
15:37क्रश्राइब
15:38क्ररान
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