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Kabaristan Ka Raaz – Ek Bhayanak Sach | Haunted Cemetery Horror Story | Raat Ki Khamoshi
abaristan Ka Raaz – Ek Bhayanak Sach
आरव, एक 25 वर्षीय युवक, उत्तर प्रदेश के एक पुराने कबरिस्तान में जाता है। वहां उसे सिर्फ मुर्दे नहीं, बल्कि एक खौफनाक राज़ और जिंदा आत्माओं का सामना करना पड़ता है। क्या आरव जीवित लौट पाएगा, या यह कबरिस्तान उसकी आखिरी मंज़िल बन जाएगा?
देखिए पूरी कहानी और जुड़ें अगली डरावनी दास्तान के लिए।

Kabaristan Ka Raaz – A Terrifying Truth
Aarav, a 25-year-old man, ventures into an old cemetery in Uttar Pradesh. There, he encounters not just graves, but a horrifying secret and restless spirits. Will Aarav make it out alive, or will this cemetery become his final destination?
Watch the full story and stay tuned for the next chilling tale.

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Transcript
00:00क्या आपने कभी किसी पुराने कबरिस्तान के पास से गुजरते हुए अजीब सी सरसराहट सुनी है? क्या आपने महसूस किया है कि कोई अंदेखी परचाई आपको घूर रही है? आज की कहानी एक ऐसे ही कबरिस्तान की है, जहां सिर्फ मुर्दे नहीं, एक खौफनाक राज
00:30तूटा-फूटा कबरिस्तान. कहते हैं ये कबरिस्तान 200 साल पुराना है, यहां कोई दिन में भी नहीं जाता, और रात में सोचना भी पाप माना जाता था. गाव के बुजर्ग कहते थे कि ये कबरिस्तान एक समय राजा अकबर के जमाने का है, यहां जिन्नों की बस्ती है
01:00उसका मकसद था भारत के सबसे डरावने कब्रिस्तानों पर एक फिल्म बनाना
01:05गाव वालों ने उसे चेताव नी दी
01:08बाबुजी उधर ना जाईएगा
01:11वहाँ शान्ती नहीं, खौफ बसता है
01:14पर आरफ को डर नहीं लगता था
01:17उसने कैमरा उठाया
01:19और निकल पड़ा रात 11 बजे
01:21उसी कब्रिस्तान की और
01:23कब्रिस्तान में घुस्ते ही
01:25हवा अचानक भारी हो गई
01:27पेडों की टहनिया हिल रही थी
01:30मगर हवा थी ही नहीं
01:33कैमरे की स्क्रीन में धुंद छा रही थी
01:35जैसे कोई अद्रिश्य शक्ती
01:37उसके चारों तरफ घूम रही हो
01:39फिर अचानक
01:41एक कब्र अपने आप हिली
01:43आरव की सासे रुख गई
01:45कैमरे में रिकॉर्ड हो रहा था
01:47एक सफेद साया
01:49जो हवा में तैर रहा था
01:51पर इससे भी ज्यादा डरावना था
01:55वो बच्ची की हसी
01:56जो कब्रों के बीच से आ रही थी
01:58अगले दिन आरव ने
02:00वो फुटेज अपने लैपटॉप में देखा
02:02उसके रोंग्टे खड़े हो गए
02:04वो तै कर चुका था
02:06एक रात और
02:08और वो इस राज से परदा उठा देगा
02:11दूसरी रात
02:12जब वो वापस पहुँचा
02:14उसने देखा
02:15कईक ब्रो पर खुन के निशान थे
02:18और हर कब्र पर एक अजीब सा
02:20चिन बना था
02:21तीन उल्टे त्रिकोन
02:23जिनके बीच एक आग बनी थी
02:25तभी कैमरे की स्क्रीन ब्लैक हो गई
02:28और एक आवाज आई
02:30चले जाओ
02:31वरना अगली कब्र तेरी होगी
02:34डर के मारे आरव भागा
02:36और गाव के मंदिर में जा बैठा
02:39वही उसे मिला
02:41बाबा करीम
02:42एक बुढ़ा सूफी दरवेश
02:44जो गाव में वर्षों से रह रहा था
02:46बाबा ने कहा
02:48बेटा
02:49तुने जिन्नों की जागीर में कदम रख दिया है
02:52वो कब्रिस्तान इंसानों के लिए नहीं है
02:55आरव ने पूछा
02:56क्यों बाबा
02:57आखिर उस जगे पर ऐसा क्या है
03:00बाबा बोले
03:01वो कब्रिस्तान एक बार जीवित था
03:04वहां कभी एक तांत्रिक रहता था
03:07इमरान सुफियानी
03:08उसने मृत आत्माओं को पकड़ कर उन्हें बांध दिया था
03:12अब वो आत्माएं वहां फ़सी है
03:15और तडपती है
03:16हर अमावस्या की रात को
03:18उनकी चीखे गूंचती है
03:20आरव ने तै कर लिया
03:22अब तो अमावस्या की रात को ही
03:25वहा जाएगा
03:26वो कैमरा, दर्बारी रिकॉर्डर
03:29और कुछ हनुमान चालीसा लेकर
03:31रात बारा बजे पहुँच गया
03:33जैसे ही घड़ी में बारा बजे
03:35हवा तेज हो गई
03:36कबरे अपने आप हिलने लगी
03:39और अचानक
03:41एक कबर से काली परचाई
03:43निकली, उसका चहरा
03:45इंसानी नहीं था
03:46आखे लाल, और मू टेढ़ा
03:49तू क्यों आया है इंसान
03:50तेरे भीतर डर की जगे
03:53जिग्यासा है, अब तुझे वो
03:55मिलेगा, जो तू चाहता
03:57था सच, लेकिन
03:58मौत के साथ, उस काली परचाई
04:01ने चीख मारी, और
04:03पूरा कबरिस्तान चीखने लगा
04:04हर कबर से आत्माए
04:06निकल रही थी
04:07कुछ अगजली, कुछ बिना
04:10चहरा, वो आरव की
04:12तरफ बढ़ने लगी
04:13आरव ने हनुमान चालीसा पढ़ना
04:16शुरू किया, धीरे धीरे
04:19आवाजे मन्द होने लगी
04:20पर परचाई अभी भी
04:23सामने खड़ी थी
04:24उसने कहा, हमें मोक्ष चाहिए
04:27हमें रिहाई चाहिए
04:28उस तांतरिक से, जो अभी
04:31इस जमीन में बंधा है
04:32बाबा करीम की मदद से आरव ने
04:34एक पुरानी किताब ढूंडी
04:36उसमें एक मंत्र था
04:38जो आत्माओं को मुक्त कर सकता था
04:41अगली पूर्णिमा की रात
04:43आरव ने पूरे विधी विधान से
04:46उस मंत्र का उच्चारण किया
04:48तभी आकाश से बिजली गिरी
04:50और वो परच्छाई
04:52चिलाती हुई धूल में बदल गई
04:54धीरे धीरे आत्माएं गायब होने लगी
04:57कबरे शांत हो गई
04:59और सेकडों साल पुराना तांतर किमरान
05:02राख में बदल चुका था
05:05आज वो कबरिस्तान शांत है
05:07पर आरव अब शहर लौट चुका है
05:10उसकी डॉक्यूमेंटरी को
05:11कोई चैनल दिखाने को तैयार नहीं था
05:14क्योंकि हर बार जब कोई उसकी फिल्म चलाता
05:18स्क्रीन पर एक चहरा आ जाता
05:20लाल आखो वाला
05:22काली पर चाई
05:23कहानी खत्म नहीं हुई है
05:25क्योंकि आत्माएं तो मुक्त हो गई
05:28लेकिन तांत्रिक की चाया
05:30अब कैमरे में बंध हो चुकी है
05:32और अगली बार
05:34जब आप किसी पुराने कबरिस्तान
05:36के पास से गुजरे
05:37तो एक बार पीछे मुड़कर देख लीजिएगा
05:40कही कोई परचाई
05:42आपकी कहानी लिखने न लग जाए
05:44अगर आपको ये कहानी डरावनी लगी
05:47तो लाइक कीजिए
05:49शेर कीजिए
05:50रात की खामोशी
05:52पर हर सब्ता एक नई भूतिया दास्तान के लिए
05:55और हाँ
05:57अगली कहानी किस विशय पर होनी चाहिए
05:59कमेंट में जरूर बताए
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