Subhe Sadiq vs Subhe Kazib | Namaz aur Roza ka Sahi Waqt सुबह सादिक और सुबह काज़िब क्या है? नमाज़ और रोज़े का सही वक़्त ---
📝 Description (Multi Languages) Hindi: इस वीडियो में हम जानेंगे कि सुबह सादिक (Subhe Sadiq) और सुबह काज़िब (Subhe Kazib) क्या होते हैं, और इन दोनों में फर्क समझना क्यों ज़रूरी है। नमाज़ और रोज़े का सही वक़्त इन्हीं से तय होता है।
Urdu: اس ویڈیو میں ہم سمجھیں گے کہ صبح صادق اور صبح کاذب کیا ہے، اور ان دونوں کے درمیان فرق کو سمجھنا کیوں ضروری ہے، نماز اور روزہ کا وقت انہیں سے طے ہوتا ہے۔
Bengali: এই ভিডিওতে আমরা জানবো সুবহে সাদিক (Subhe Sadiq) আর সুবহে কাজিব (Subhe Kazib) এর মধ্যে পার্থক্য কী, এবং নামাজ ও রোজার সঠিক সময় নির্ধারণের জন্য কেন এটি জানা জরুরি।
English: In this video, we will learn about the difference between Subhe Sadiq and Subhe Kazib, and why it is important to understand them. The correct time for prayer and fasting depends on this distinction. --- 📱Our Social Media:
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00:00ये इस तरह के सफेदी होती है जिसे देखकर लोग ये समझते हैं कि सुभा होने वाला है
00:05हाला के अभी रात बागी है ये दोका देता है ये एक जूटी सफेदी है इसलिए इसे सुभे काजिब कहा जाता है यानि जूटी सुभा
00:14महतरम हजरात अमीद है आप सब खेरियत वा आफियत से होंगे
00:30रात के आखिरी पहर में सुभा होते वक्त पूरब की तरफ यानि पुरवदिशा की तरफ आस्मान की लंबाई में कुछ सफेदी दिखाई देती है जो थोड़ी देर में खतम हो जाती है
00:43और अंधेरा हो जाता है इसे सुभे काजिब कहा जाता है असल में ये इस तरह के सफेदी होती है जिसे देख कर लोग ये समझते हैं कि सुभा होने वाला है हाला के अभी रात बाकी है ये धोका देता है ये जोटी सफेदी है इसलिए इसे सुभे काजिब कहा जाता है यानि
01:13जो बढ़ती रहती है जो थोड़ी देर में बिलकुल रोशन हो जाती है उसे सुबह सादिक कहा जाता है और इसी से फजर का वक्त शुरू होता है यानि सुबह सादिक हो जाने से फजर का वक्त शुरू हो जाता है और सूरज निकलने तक ये वक्त बाकि रहता है जब सूरज �