इन दिनों देशभर में गणेशोत्सव की धूम है. ऐसे में गुजरात के वडोदरा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु राजस्थंभ परिवार द्वारा स्थापित भगवान गणेश की मूर्ति देखने के लिए बेताब हैं. पर्यावरण के अनुकूल बनाई गई इस मूर्ति में 200 किलोग्राम बेकार कागज का इस्तेमाल किया गया है. यह मूर्ति एक महल जैसे पंडाल में स्थापित की गई है जिसमें यूरोपीय और भारतीय वास्तुकला का मेल दिखता है. गणेशोत्सव के लिए तैयार की गई ये अनोखी मूर्ति राजस्थंभ परिवार की तीन महीने से ज्यादा की कड़ी मेहनत का नतीजा है. ये परिवार पिछले 35 सालों से गणपति स्थापना करता आ रहा है.
00:00इन दिनों देश भर में गणेश उत्सव की धूम है ऐसे में गुजरात के वडोद्रा पे बड़ी संख्या में श्रधालू राजस्थम परिवार द्वारा स्थापित भगवान गणेश की मूर्ती देखने के लिए बेताब है
00:13परियावरन की अनुकूल बनाई गई इस मूर्ती में 200 किलोग्राम बेकार कागस का इस्तेमाल किया गया है
00:20इस बार के जो गणपती बापा की जो मूर्ती उसका विसेस्ता ये रहेगी
00:28कि ये 200 किलो वेस्ट पेपर से बनाय हुआ है जो 100% इको फ्रेंडली है
00:33और इस बार हमने पूरे जो भी आमारे रास्तम फेमली के जीतने भी मेंबर से
00:39वो गणपती बापा के प्रती कभी सद्धा रखते और वो सद्धा के प्रतिक के तोर पर
00:45हमने उनके जो राइट हैंड ये वहाँ पर जो चांदी है
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01:21उनके चेहरे पर पता चल जाता है कि उनके चेहरे पर जो खुज़ी मिलती है एक सुकुन मिलता है जो भाव विपर हो के जाते हैं वो ही हमारे एचुमेंट है
01:30गणेश उत्सव के लिए तयार की गई ये अनोखी मूर्ती राजस्थम परिवार की तीन महिने से ज्यादा की कड़ी महनत का नतीजा है
01:40ये परिवार पिछले 35 सालों से गणपती स्थापना करता आ रहा है
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