Mufti Tariq Masood Sahib ki is bayan me Islami taleemat, zindagi ke masail aur deen ki samajh ko bohot asaan andaaz me samjhaya gaya hai. Unke bayan aam logo ki roohani aur islami rehnumai ka behtareen zariya hain. Mazhab, akhlaaq, family issues aur Islamic teachings par unki guftagu dil ko chu lene wali hoti hai. 🔔 Mazid videos ke liye channel ko follow karein. 📌 Mufti Tariq Masood Speeches | Islamic lectures | Urdu bayan #MuftiTariqMasood #IslamicBayan #IslamicLecture #UrduBayan #IslamicReminders #MuftiTariqMasoodSpeeches #IslamicVideos #QuranAndSunnah #DeeniTaleem #IslamicKnowledge
00:00मुफ्ती तारिक मसूद के बियानाग के लिए मुफ्ती सहब के ओफिशल चैनल मुफ्ती तारिक मसूद स्पीचिस को सबस्क्राइब करें
00:30और फिर शुहदा को फजीलत सुनाई गई खैर मैं तर्जमा की ये देता हूं इसी में तफसीर आएगी इन्शालला
00:36अल्यजीनक फरूँ वस्द्दू अन्सबीरिल्ला जो काफिर हैं और उन्हें अल्ला के रासे से रोका अजल्ला आमालहुम मैं अनुनके आमाल बरबाद कर दी
00:44इसका मतलब जाहरी मतलब तो यही है कि उनकी नेकी नेकी आएएँ उनके काम नहीं आएएगी
00:49क्योंकि कुफर के साथ कोई नेकी काम नहीं आती
00:51और एक ये भी मतलब हो सकता है
00:53कि उनकी सारी कोशिश जो वो इसलाम के खिलाफ कर रहते बरबाद हो गई
00:58गजब बदर में देखें उनको शिकस्त हुई
01:00तो क्या कुछ प्लैनिंग उन्होंने की वी थी
01:02तो सब धरे का धरा रह गया
01:04वल्लदीना आमनू आमिलु स्सालिछात
01:06इसके बरक्स वो लोग जो इमान लाए और नेक आमाल किये
01:09वा आमनू बिमानू जिलाला मुहम्मद
01:12और वो इमान लाए उस कलाम पर जो मुहम्म्मद स्लिए लग्यों पर नाजल किया गया
01:16और ये मामूली कलाम नहीं है भई
01:20ये बरहक कलाम है और रब की तरफ से है
01:22तो जो इस कलाम पर इमान लाएगा उसको लल्ला नावाजे का भी बहुत ज्यादा हूँ
01:26क्या नावाजा है उसने
01:27कफर अनहुम स्य्यातिहिम वा असलह बालहूम
01:31अन्ला ने उनके गुनाहों को मौफ कर दिया
01:34और उनके अहवाल की इसलाह कर दी
01:36यनि एक तरफ काफिर है
01:39कि वो अच्छे अमल भी कर रहा है बरबाद हो रहे है
01:42उसके अमल
01:43और एक तरफ मुसल्मान है अगर वो गलती भी कर रहा है
01:46तो कबीरा गुना तोबा से माफ हो रहे हैं
01:48और सगीरा गुना नमाज से और वैसे ही अल्ला की रहमास से माफ हो रहे है
01:51तो बिलकुल बरक्स मौमला है
01:53इससे पता चलता है कि एमान अल्ला की नज़र में बहुत बड़ी नहमत है
01:56इमान तोहीद
01:57तो ये हलकी निमत नहीं है, आज सेकुलर लिबरल तबखा इमान और तोहीद को कोई वैल्यू नहीं देता
02:04हमारी नजर में अच्छे इंसान की नेफिरेशन में अल्ला पे इमान, अल्ला की किताबों पे इमान खतम हो गया है
02:09तो हम अपना, हमने अपना एक क्राइटेरिया बनाया है, किसी को अच्छा और बुरा समझने का, ऐसा नहीं है भई, जिसने इस काइनात को बनाया है, उससे पूछा जाएगा कि आपकी नजर में सबसे अच्छा कौन है
02:19मैं बार बार मिसाल देता हूँ ना, वालदین की नजर में अच्छे का मैयार कुछ और है, पड़ोसी और दोस्तों की नजर में अच्छे का मैयार कुछ और है, हो सकता है एक आदमी अपने बाप को बाप ही ना मानता हो, लेकिन वो एक अच्छे इंसान के तोर पे लोगों से
02:49उसकी नेकियों का मैं उसको अजर नी दूंगा और जो मुझे मानते हैं वो मेरे हैं अगर उनसे कमी कोताई भी होगी तो बहुत इस्तिखफार करें और कुछ गुना तो मैं अपनी रामत से वैसे ही माफ कर दूंगा इसे भाई बहुत बड़ी नेमत एमान तब हमारे हमने अ�
03:19आगे बहुत आला तो इतनी बड़ी सजा काफिर को क्यूं दे रहा है कि उसकी नेकियां बरबाद कर रहा है तो उसने इंसानियत के लिए इतना कुछ किया उस पे कोई अजर नहीं दे रहा है लगाते हैं वजा उसकी यह है कि अहातत भी ही खती अतुहू सुरे बखरा में है
03:49वो गुना जो है उसकी नेकी को खा जाता है वो गुना क्या है जालिका बिएनल्दीन कफरू तबाव बातिल इसलिए कि काफिर बातिल की इत्वा करता है उसने मुक्तदा और रहबरी बातिल को बनाया है वो बातिल क्या है अकल कामल नहीं है इनसान की हर चीज में गाइड �
04:19या खौाहिशात को बड़ा बनाया है
04:22तो अल्ला ताला फरमाते हैं
04:23ये जो तुमने बड़ा ही किसी को बना लिया
04:25तुम्हारा निजाम ही ठीक नहीं है
04:27तुम फॉलो ही गलत को कर रहे हो
04:29तुम्हारी नेकी को फिर कैसे हम वैल्यू दें
04:32ये इसलिए ल्ला ने किया कि उनके अमाल बर बात किये
04:38कि काफिर बातिल कोई की इतिवा करते हैं
04:41और इमान वाले हक की इतिवा करते हैं
04:46और हक भी वो नहीं जिसको दुनिया ने हक कहा हो
04:47वो हक जो अल्ला की तरफ से हो
04:49तो इसलिए बहुत बड़ा फरक है
04:51कि आप का अखीदा तो सही होना सबसे पहले
04:55आप मानते ते हो कि सही क्या है गलत क्या है
04:58सही और गलत की डेफिनेशन तो सही करते होना आप
05:00देखें एक आदमी नशा करता है
05:02लेकिन वो मानता है कि ये बुरी चीज़ है
05:04उसका कॉंसेप्ट सही है
05:05तो किसी दिन छोड़ देगा वो
05:07कमसकम अपनी बुराई पर उसको निदामत होगी
05:09लेकिन एक आदमी उसको बुराई नहीं समझता
05:13तो वो कैसे बुराई छोड़ेगा
05:14तो यही फर्क है मुस्लिम में और काफिर में
05:17फर्माया कि
05:18इस तरह लगों के लिए उनकी मिसाले बयान करता है
05:25एक की मिसाल काफिर की है
05:26एक की मिसल मान की
05:27काफिर की मिसाल क्या है
05:28कि वो बातिल को फॉलो करते है
05:30लहादा उनका कोई अमल खबूल नहीं है
05:33और मुसलमान की मिसाल क्या है
05:35वो हक को फॉलो करता है
05:36لہذا بشریت کے ناتے
05:39انسان ہونے کے ناتے
05:40उससे अगर कमी कोताही मौाफ भी हुई
05:41तो अल्ला अपनी रहमत का पर्दा
05:43पर्दे से उसको ढापेगा
05:46और तोबा अगर कर ली
05:48तो वैसे ही ल्ला ताला उसके गुनाह को माफ करेगा
05:50पसल्ला कहते हैं
05:55जब काफिर
05:55खुदा को नहीं मानता
05:57बातिल को इत्वा करता है
05:59तो लहादा जब तुमारी उससे मुलाकात हुआ करे
06:01यहां मुलाकात से
06:02यह मुलाकात नहीं है जो किसी की दावत में
06:05यह जनाजे पर यह वैसे ही
06:07मुलाकात से मुराद है मैदाने जंग में मुलाकात
06:09क्योंके आएत का सियाखर व सिभाग जिहाद की तरही भी है
06:12और सहाबा ने भी इस आएत का यही मतलब समझा
06:15कभी भी ऐसा नहीं होता कि सहाब Aww यह के सामने कॉई काफिरा आया हू तो
06:18صحابی نہیں آیت پڑھی ہو کہ جب تم کافروں سے
06:21ملو تو گردن مار دیا کرو
06:22تو
06:23یہ مطلب ہرگز نہیں ہے
06:26تو خاص سیاق میں
06:28فَإِذَا لَقِيْتُمْ جَبْ تُمْمَارِ مُلَقَاتُ
06:30کیا مطلب جب تمہاری میدانِ جنگ میں مُلَقَاتُ
06:32اب سوال پیدا ہوتا ہے
06:34جب میدانِ جنگ کی مُلَقَات مراد ہے
06:36تو میدانِ جنگ کا اللہ نے تذکرہ کیوں نہیں کیا
06:38بھئی اس تذکرہ اگلی آیت میں آ رہا ہے
06:41کہ یہ اس وقت تک کرنا ہے جب تک جنگ اپنے ہتھیار
06:43ڈال نہ دے جنگ بند نہ ہو جائے
06:45تو
06:45اور مبالغہ مقصد ہے
06:48ہم بھی جب کسی کو دھمکی دیتے ہیں
06:50تو یوں نہیں کہتے جب میں تجھ سے لڑنے کے لیے آؤں گا
06:52تو پھر میں دیکھتا ہوں تیرا کیا کرتا ہوں میں
06:54بلکہ ہم کہتے ہیں ٹھیک ہے میری کبھی
06:56تجھ سے مُلَقَات ہوئی نہ تو پھر دیکھتے ہیں کیا کرنا ہے
Be the first to comment