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  • 5 weeks ago
‎Mufti Tariq Masood Sahib ki is bayan me Islami taleemat, zindagi ke masail aur deen ki samajh ko bohot asaan andaaz me samjhaya gaya hai.
‎Unke bayan aam logo ki roohani aur islami rehnumai ka behtareen zariya hain.
‎Mazhab, akhlaaq, family issues aur Islamic teachings par unki guftagu dil ko chu lene wali hoti hai.

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00:00मुफ्ती तारिक मसूत के बियानात के लिए मुफ्ती सहब के ओफिशल चैनल मुफ्ती तारिक मसूत स्पीचिस को सबस्क्राइब करें
00:30कंट्रोल से खत, कंट्रोल खतम हो जाता है
00:33सामने वाले पे रद कैसे करना है
00:36इसके भी तो कोई आदाब और कोई तमीज होती है ना
00:39तमीज मार्केट से क्या है
00:41शौट है
00:42तो
00:45तो एक जल्म तो यह हुआ के हमारी सोसाइटी में बरदाश खतम है
00:54दूसरा जल्म यह हुआ के मदहब में उन चीज़ों को दाखिल किया गया
01:02के जिन चीज़ों से बरदाश और खतम होती है
01:05हाला के उनका मदहब से तालुक नहीं है
01:09समझ में आरी यह बाद
01:11यानि गोया के
01:15जो चीज बरदाश पैदा करने का जरीया थी मदहब
01:19उसी मदहब का ऐसा तसओर पेश किया गया
01:23के आदम बरदाश ऐसा लगता है
01:26के सबसे ज़्यादा मदहबी लोगों में है
01:28नहीं आई बात
01:31यानि मदहबी लोगों को देखके लगता है
01:34के सबसे कम बरदाश इन लोगों में है
01:36सबसे ज़्यादा जजबाती
01:39लोगों में मशूर है ये बात
01:41सबसे ज़्यादा जजबाती कौन होते है
01:43मजभी लोग
01:44सबसे कम बरदाश किसमे होती है
01:46मजभी लोगों में
01:47सबसे ज़्यादा बदखलाक कौन होते है
01:49मजभी लोग
01:50सबसे ज़्यादा गालियां कौन देते है
01:51मख़भी, मशूर है, पॉब्लिक में ये मशूर है
01:54इमेज ऐसा किया हुए
01:55नहीं आई ये मेरे ख्याल है बाद
02:00मारने धारने के सबस्दादा फत्वे किसके पास होते है
02:03अब बोलो ना
02:06मख़भी लोगों के पास
02:07मार पीट सबस्दादा कौन करते है
02:11मख़भी लोग
02:12मैं नहीं कहरा हकीकत है ये
02:14लेकिन पॉब्लिक के जामने
02:16जो मख़भी लोगों का
02:17इमेज गया हुआ है
02:18जो तसवर गया हुआ है
02:20वो ये ही है
02:21समझते हो कि चीखते चिलाते सबस्दादा कौन है
02:26आप यूनिवस्टियों में लेक्चरार के पास चले जाएं
02:30तमीज से लेक्चर दे रहा होगा
02:32किसी मौली साब के बियान में बैड़े जाएं
02:34तो ऐसा लग रहा होगा
02:35अभी सर पढ़ देगा हमारा बैड़ गई है
02:37इतना चीखेगा इतना चिलाएगा
02:40किया तो क्या हो रहा है भाई यह बात अराम से भी कही जा सकती है
02:45एक साहब है
02:49मौला ना साहब मेरे खिलाफ फत्वे आजकल बहुत दे रहे हैं वो
02:51उड़ा दो गरदन उड़ा दो इसकी
02:54मार दो इसको गुस्ताख है और पता नहीं इस तरह के फत्वे ना
02:57तो जब बहुत जादा हो गई
02:58तो मैंने किसी को भेजा मैंने का जा इसके बियान में बैट रिकॉर्ड करके ले आ
03:02इससे पहले कि यह हमारी गरदन उड़ाए
03:04हम इसके खिलाफ केस करते है
03:07क्योंके अच्छा वो काम उसका यह है कि बनियान सुंगता है औरतों के
03:12क्या करता है वो
03:14औरतों के बनियान सुंग सुंगता है
03:18कि तेरी बीवी पे जिन है या नहीं है
03:20अब जब से मैंने ये कहना शुरू किया है
03:24मेरी गरदन उड़े ना उड़े
03:26उसकी दो टके की सोसाइटी में हैसियत रही नहीं है
03:30क्योंके हमारे वालमा ऐसे
03:32लोगों के खिलाब बोलते वे डरते हैं
03:34कि शैद कहीं पहुँचे वे बुजर्ग ना हो
03:36कि ये जिन चुड़ायल भूत भगाते हैं
03:40तो पता नहीं इनका अल्ला के हां क्या मकाम होगा
03:42हमारे अलमा अक्सर नेक अलमा भी डरते हैं
03:44लोगों के खिलाब बोलते हुए कि यार ऐसा नहों हकीकत में कहीं पहुँचे भे नहीं निकलें कहीं ये
03:48भी बास होते हैं ना वो बहुत बड़ा मकाम होता है
03:53तो अल्ला ने मेरे अंदर जो सौफ़एर ने स्टॉल की है वो सौफ़एर इन चीज़ों को मानते ही नहीं है
04:01मैं कहता हूँ वो कमभगत एक नंबर का बेगेरत और बेगेरत से बहुत कम गाली है ये
04:09मेंबर का इहतराम है कि मैं बहुत हलका लव्ज यूज कर रहा हूँ
04:14मेंबर ना होता तो फिर मैं बताता है इनको क्या कहा जाएगा
04:18मचबूर हूँ मेंबर ने मेरे हाथ बांदिये
04:22वो बुजर्ग तो दूर की बात मेरे भाई जो औरत का बनियान सूंग रहा है ना किसी गेर औरत का
04:30वो बेगेरती का लवज उसके लिए ये बेगेरती के लवज की तोहीन है
04:36बेगेरत के लवज बोलेगा यार मैं इतना बुरा हूँ कि आपने इस आदमी पे मेरा नाम फिट कर दिया
04:40और अपने आपको मुफ्ती भी कहता है
04:44मुफ्ती फलाँ मुफ्ती फलाँ
04:49तो जिन चुडैल भूत भगाने वाले वैसे ही गेरत उनमें होती नहीं है
04:53आप जरा इनके साथ रहो आपको सारे एक नमबर के बेगेरत नजर आएंगे
04:57ये इतने बेगेरत हैं कि मैं इनके खिलाफ इतना बोल रहा हूँ
05:01एक जिन मेरे पास नहीं बेह जाई इनोंने यार
05:03क्या ख्याल है
05:04भेज़ दो यार दो चार जिन चुड़ायल भूत भेज़ कि हमें भी
05:08कोई जादू वादू करो हमारे उपर भी
05:10तो
05:15कोई जादू करो ना हमारे उपर भी करो यार
05:18किसने मना किया तुमें
05:21रखो तावीज
05:22तो ये इन तिलों में तेल नहीं है
05:25ये बेगेरत लोग है
05:26ये सिर्फ
05:28आप में अगर कोई बेगेरत हो तो उस पे असर करेंगे ये
05:31ठीक है ना
05:32इनका असर हर एक में नहीं होता
05:36तो वो है वो
05:38हर जुम्मे के बेआन में चीख चीख के ठक गया
05:41वो बेगेरत मेरे खिलाफ
05:42कभी बिनोरी टाउन के फत्वे है
05:44किसी और के बारे में फत्वा है बिनोरी टाउन को
05:46वो मेरे नाम पे लगा लगा के
05:48चला रहा होता है अभी
05:50दो जुम्मे पहले पिर उसने बाटा है
05:52पूरी बिचारे की कोशिश है कि
05:54मुफ्ती तारिक मसूत का कोई सर कलम कर दे
05:56पूरी जोर लगा रहा है वो
06:00और कलम करने का मकसद क्या है ताकि यह जो चड़ी बनियान जो सुंग सुंग के बताता है ना
06:04इसको जो मैंने एक्सपोज किया है
06:06यह तो चड़ी मैंने देखी नहीं है बनियान तो लोगों से सुना है
06:10लेकिन मैं यकीन से कहता हूँ चड़ियां भी सुनता होगा
06:14यूंकि जो बेगेरत होता है वो थोड़ा बेगेरत होता नहीं है
06:18तो गर्दन उड़ाने के चक्कर में लगावा है बहुत दिनों से
06:21तो जितने उसके बेगेरत मुरीद हैं मैं उनसे कहता हूँ
06:25कि अपने इस पीर से बोलो के बेगेरत तू हमारे जरीये से मुफ्ती की गर्दन क्यों उडवा रहा है
06:29तुझे अगर इश्क मुस्तफा है तो बेगेरत खुद आना
06:34साधा लोह अवाम को इश्क मुस्तफा के नाम पे उन से कतल करवा के
06:43सारी जिन्दगी उनकी जेलों में गुजरती है और ये बेगेरत बैठे होते हैं
06:49खुद गाड़ियों में घुम रहे होते हैं और औरतों के बनियान सुंग रहे होते हैं
06:54जिन्दगी इनकी सी में गुजरती है
06:55जो भी फत्वा दिया करें ना फलां की गर्दन उडा दो
06:59आप उसको तलवार लाके दें
07:01हजरत ये काम आप अपने दस्ते मुबारक से करें
07:03मुरीदों को बेवगूफ बनाने की कोशिश
07:05बोलो ना करें
07:07हजरत ये तलवार है आप अपने दस्ते मुबारक से
07:09तलवार पे आप खुद खर्चा कर ले
07:12उन से ये कहें कि ये नहीं हो कि हम तलवारों से खेलें
07:17और आप उरतों की शलवारों से खेलें
07:19ये आमिल शलवारों से भी खेलते हैं उरतों की
07:22ये नहीं हो सकता कि हमें तलवारों से खेलवाओ
07:25खुद चड़ी बन्यान और शलवारों से खेलो
07:28जिस पर खुदा की कोई बहुत बड़ी फिटकार होती है ना
07:33वो आमिल बनता है
07:35बहुत बड़ा कोई जुर्म हुआ होता है उससे
07:39बहुत बड़े कोई कभीरा गुना का इर्तिकाब किया होता है
07:43यह चोटे मोटे गुनाहों पर अल्ला की तरफ से ऐसी सजा नहीं मिलती है
07:46जिसको अल्ला जिन चुड़ायल भूत भगाने वाला
07:49रुहानी आमिल बना देना
07:51यकीन कर लो इससे माजी में कोई चोटा गुनाह नहीं हुआ
07:54इतना बड़ा कभीरा गुनाह हुआ है
07:56कि जिसकी फिटकार इसके उपर बरसी है
07:58क्योंकि ये गुनाह जो है आमिल बनने का जुर्म
08:01इसकी नसले भुगती है इसकी सजाएं
08:06वो कभी भी लॉजिक की बात तो करेगा ही नहीं
08:10जहां मिया बीबी का जगड़ा होगा निम्टाएगा नहीं
08:12जिन चुड़ाल भूत के खाते में डालेगा
08:14अकलमन आदमी एनलाइज करता है
08:16कि इसमें गलती किसकी है इसको जोडने की कोशिश करो
08:19जैसे कुरान ने हुकम दिया
08:20कि दोनों तरफ से खांदान के अफराद बैठें देखें
08:22गलती किसकी है वो किसकी है
08:24लेकिन आमिल की फिटकार
08:26वो सुलो की कोशिश कम
08:28जिन चुड़ाल भूत के मसाइल में
08:31अलग से डाल देगा उसको
08:32कारोबार का नुखसान होगा
08:34लॉजिक की बात नहीं करेगा
08:36कि यार जो नुखसान हो रहा है उसकी तलाफी करो
08:38वो किस पर डाल देगा
08:39जिन चुड़ाल भूत पे
08:41तो ऐसी फिटकार
08:43और मैं आपको बता हूँ
08:45ये कौन से जुर्म होते हैं
08:46जिसकी वज़ा से ये आमिल बनते हैं
08:49कुछ गुना तो मैं जानता हूँ
08:50जो इन से होते है
08:51एक जुर्म होता है
08:54उलमा और बुजरुगों को
08:55बुरा बला कहना हूँ
08:56जिसने ये जुर्म किया होता है
08:59अल्ला उसको आमिल बना देते हैं
09:00कि अब तुर्से इल्म छीन लिया
09:01मदरसों में कुछ तलबा ऐसे होते हैं
09:04जो अपने टीचरों की
09:05उस्ताजों की
09:06बुजरुगों की
09:07बेदबियां गुस्ताखियां करते हैं
09:09तो अल्ला उनको
09:11इल्म की नेमस से महरूम करके
09:12किस पर डाल देता है
09:14जिन चुड़ाल भूत भगाने के काम पर डाल देता है
09:16जिन तलबा ने
09:18उस्ताजों का इहतराम किया होता है
09:20उनसे अल्ला इल्मी काम लेता है
09:22दीन की दावत और दीन की तबलीग का काम लेता है
09:24लेकिन मदरसों में जिन तलबा ने बेदबियां गुस्ताखियां की होती है
09:28अपने मुहसिनीन के साथ अपने बड़ों बुजर्गों के साथ
09:31तो अल्ला इल्म छीन के उसको किसमे डाल देता है
09:33रोहानी ड्रामे बाजियों में
09:36दूसरा ये सजा उन तलबा को मिलती है
09:40जिनोंने आठ साल मदरसों में गुजारे
09:42वकफ का माल खाया
09:45पढ़ाई को फोकस नहीं किया
09:47ये भी कम जुर्म है क्या
09:48कौम का सर्माया आपके उपर खर्च हुआ
09:51आपको चाहिए था कि आप पढ़ते
09:53सर्फ नहव में महारत हासल करते
09:55फिकह पढ़ते, कुरान की तफसीर पढ़ते
09:57अर्बी अदब में दिल्चस्पी लेते
09:59आठ साल मदरसे ने आप पर एहसान किया
10:02आपके टीचरों ने आपको पढ़ाया
10:03लेकिन आपको टिक टॉक से
10:05और फेस्बुक से फुरसत नी मिलती थी
10:07अब आठ साल के बाद
10:08दुनिया के तो रहे नही है
10:10क्योंकि जवानी की बेहतरीन जिंदगी
10:12जो इल्म हासल करने में लगानी थी
10:14जो दुनिया हासल करने में लगानी थी
10:17वो आपने मदरसे में लगा दी
10:18और मदरसे में भी आपने इल्म हासल
10:21नहीं किया
10:21नतीजा क्या निकला ना दीन के रहे
10:24ना दुनिया के रहे
10:25तो इस जिंदगी बरबाद करने की फिटकार क्या
10:28अल्ला आपको लगा देता है
10:29धिन चुड़ेल भूद बगाने के काम
10:31नहीं आरी मेरा ख्याले बात
10:34तो ये बड़े गलीज लोग होते हैं गलीज
10:59यें स्वाव्न दे टाने किला NTB
11:02लोगा है
11:07क्या चुब रात
11:11लोगा है
11:13तो
11:18येंसे
11:24उें
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