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Following the #wildly #successful #“Cosmos: A #Spacetime #Odyssey,” #NeildeGrasseTyson returns as host to translate more revelations of #science into a lavishly #transporting #experience, taking audiences on a #series of #spiritual #voyages of exploration. The show reveals previously uncharted #realms, including #lost #worlds, worlds yet to come, and the worlds that #humans may one day #inhabit. #AnnDruyan, #original creative collaborator to #Carl Sagan, whose iconic #docuseries #“Cosmos” provided #inspiration for this series, #serves as #executive #producer alongside #SethMacFarlane.

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00:00METER
00:30आसपास के मॉलिक्यूल्स की रफ्तार तेज होती है तापमान बढ़ता जाता है
00:35और जल्द ही ये सिलसिला अपने आप शुरू हो जाता है किसी चेन रियाक्शन की तरह
00:42किसी लपट को दर्शाने वाली एनरजी शायद कई साल से आटम्स के केमिकल बॉंड्स में लॉक रहती है
00:50इन्हें संभाले रहते हैं इनके कोर के इर्द गिर्द घूमने वाले लेक्ट्रॉंड्स
00:55जब हम आग जलाते हैं तो ये चीपी हुई केमिकल एनरजी रिहा होती है
01:00लेकिन मैटर का एक और डीप लेवल भी होता है जिसमें एक और तरह की एनरजी होती है
01:07ये है आटम में छिपा न्यूकलियस
01:13और ये छिपा हुआ ख़साना बना अर्बों साल पहले बहुत दूर स्थित स्टेलार फ़नेसिस में प्रिथवी के बनने से बहुत पहले
01:26इसी से चलते हैं तारे
01:28खुद्रत से ये ग्यान हासिल करना एक नए कौस्मिक बदलाव की शुरुआत है
01:33तो जो जीव कुद्रत की इस भुल्भुलयया में किसी भी दुनिया में दूर तक सफर कर सकते हो वो साबधन हो जाएं
01:41तारों की रोशनी से छेड़-छाड़ ठीक नहीं
01:45आग की ही तरह ये किसी सभिता की शुरुआत भी कर सकती है और उसे खत्म भी कर सकती है
02:03कर सकती है
02:33कर सकती है
03:03कर सकती है
03:05ये किस चीज से बने होते है
03:07ये आपस में जुड़ते कैसे है
03:09आटम जैसी इतनी चोटी सी चीज में आखिर इतनी ताकत आ कहां से जाती है
03:15ये आटम आते कहां से है
03:17वहीं से जहां से हम आते है
03:20अगर हम आटम्स की शुरुआत को ढूंड है
03:23तो ये हमारी अपनी शुरुआत ढूंडने जैसा होगा
03:25ये खोज हमें
03:27स्पेस और टाइम की गहराईयों में ले जाएगी
03:30आज मैं आपको सुनाना चाहता हूं
03:33दो आटम्स की कहानी
03:35तो चलिए मेरे साथ
03:45प्रित्वी के वजूत में आने से बहुत पहले
03:47बस ठंडी और पतली गैस का एक चल्ला जैसा था
03:51और ये बनी थी बहुत ही साधारन आटम्स से
03:55ग्राविटेशन की जरीए ये एक दूसरे से सटे रहते थे
03:58तो ये बादल आकार में बढ़ता गया
04:05आटम्स के नूकलियाई में छोटे
04:07लेकिन हेवी पार्टिकल्स मौजूद थे
04:09हैड्रोजन में प्रोटॉंस थे
04:11और हीलियम में मौजूद थे
04:13नूट्रोंस भी
04:15इन दोनों के ही चारों तरफ
04:17इलेक्ट्रोंस की एक चादर सी मौजूद थी
04:19इस बादल के अंद्रूनी हिस्से में मौजूद
04:21आटम्स की रफ्तार बढ़ती गई
04:23इन्हें और करीब खीचती जा रही थी
04:25और फिर ये चीज अपने अंदर ही डह गए
04:29इसकी वजह से तापमान इतना ज्यादा बढ़ गया
04:32कि ये बादल एक कुद्रती फ्यूजन रियाक्टर बन गया
04:36या यू कहे एक तारा
04:42फिजिक्स के नियमों के मुताबिक
04:44काम कर रहे आटम्स आपस में मिले और एक अंधेरे में जुड़ गए
04:50और फिर जन्म हुआ लाइट का
04:53एलिमेंटरी पार्टिकल्स के इस उच्छे में एक आटम के नूक्लियस
04:58एक हीलियम आटम का निर्मान हुआ
05:03अर्बो साल के बाद अब ये तारा बोढ़ा हो गया है
05:07इसमें जितना भी हाइडरोजिन फ्यूल था अब वो हीलियम में बदल चुका है
05:11अब इस तारे के दम तोड़ने का वक्त आ गया है
05:14तो अब ही अपने जीवन की शुरुवात की तरफ लौट रहा है
05:18क्या आप हमारे हीलियम आटम को ढूंड सकते हैं
05:26ये है काबन आटम ये हमारा एक हीरो बनने के लिए दो और से मिल गया
05:30तारों के केंदर में ऐसा ही होता है
05:32जल्द ही ये इस बड़े लाल तारे से निकल कर स्पेस के महा समुत्र में पहुँच जाएगा
05:38हमने इस आटम को नीला रंग दिया है ताकि आप इसे ढूंड सके
05:43चलिए, अब चलते हैं आकाश गंगा के एक और हिस्से की ओड़
06:00जब तारे जन्म ले रहे थे, मर रहे थे तो ऐसे ही प्रक्रियाए जारी थी
06:04हमारी कहानी का दूसरा आटम बना था इस दम तोड़ते तारे के केंदर में
06:09सूपरनोवा बनने के उथल पुथल भरे सिलसले में
06:12226 प्रोटॉन्स और नूट्रॉन्स एक काबन आटम से जाकर जुड़ गए
06:17और उसे बना दिया एक यूरेनियम आटम
06:20हमने अपने दूसरे हीरो आटम को लाल रंग दिया है
06:23ताकि आप स्पेस और टाइम केस के सफर के दोरान इसे पहचान सके
06:26इत्तफाक की बात है कि विशाल आकाश कंगा में घूमने के बाद हमारे दो आटम्स
06:53एक छोटे सौर मंडल के जन्म के समय वह मौजूद थे
06:57ये सिस्टम था हमारा
07:00हमारा काबन आटम एक छोटा ग्रह बनने के लिए काफी दूर तक गया
07:11अर्भू साल के बाद इसने एक बहुत ही पेचीदा मॉलिक्यूल को जॉइन किया
07:17जिसमें अपने जैसी ही कॉपीज बनाने की कमाल की खुबी मौजूद है
07:21जीवन की शुरुआत के सिल्सले में काबन आटम एक छोटा सा रोल निभाता है
07:28रूप बदलने के दौरान हमारे काबन आटम को अपने बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी
07:34ये लाचार था
07:36एक विशाल कॉस्मिक मशीनरी में ये एक बहुत ही छोटा सा पुर्जा है
07:51हमारी दुनिया की शुरुआत होई थी आग से
07:57और ये छोटा सा आटम इसकी तरफ खिच गया
08:00शायदे किसी सूपर नोवा की तहकती लहर पर सवार हुआ हो
08:05या फिर ये हमारे सूर्जी की ग्राविटी की तरफ खिचा हो
08:08और उसके बीच वाले हिस्से की तरफ जाता गया हो
08:11जो और भी गर्म था
08:13प्रिथवी की सतह जल्द ही थंडी हो गई
08:17लेकिन अंदरूनी हिस्सा गर्म बना रहा
08:20मैगमा धीरे धीरे खुमता रहा
08:23और हमारा यूरेनियम आटम हजारों लाखों साल के दौरान घूमते घूमते गहराई से सतह की तरफ आ गया
08:30प्रिथवी के अंदर मौजूद जबर्दस्त तापमानों और दबावों के बावजूद हमारे आटम का कुछ नहीं विगड़ा
08:38आटम छोटे, पुराने, सक्त और टिकाओ होते हैं
08:44हर चीज बनी होती है आटम से यहां तक कि हम भी
08:51लेकिन 19. सदी के आखरी वर्षों तक हमें आटम के अंदर मौजूद जबर्दस्त अक्टिविटी का पता ही नहीं था
08:58और यहीं पर आकाश गंगा यानि मिल की वेके विपरीत छोड़ों से हमारे दो आटम्स हापस में मिल गए और ऐसा हुआ पैरिस में
09:06हमारा काबन आटम दुनिया के एक महान साइन्टिस्ट के दिल में घर कर गया
09:36एक्स रेस की खोज हुए कई साल हो चुके थे
09:43मरी क्यूरी और उनके पती और रिसरच पार्टनर पियर जानना चाहते थे कि कैसे मैटर का एक अंश त्वचा यहां तक की दीवारों के भी आर पार देख पाना मुम्किन बना देता है
09:55मरी को पता चला कि दुनिया में कुछ ऐसी दुरलब जगहें हैं जहां यूरेनियम से भरपूर चटानों में कुछ अनोखे गुण है
10:05गहरे बादामी रंग के इस ओर में पाइन नीडल्स मौझूद थी और ये पूर्वी औरप के उस हिस्से से आया था जिसे आज हम चेक रिपबलिक कहते हैं
10:16लेकिन ये चीज बहुत ही दुरलब थी और इसकी छोटी सी मात्रा को डिस्टिल करने में भी काफी समय और मेहनत लगती थी
10:29बाद में मरी ने लिखा हम इसी काम में लगे रहते थे जैसे कोई सपना देख रहे हो
10:36इन दोनों ने इस ओर को शुध करके पिछ ब्लेंड नाम का मिनरल बनाने के लिए मुश्किल हालात में काम किया
10:47जो 50 से 80 प्रतिशत यूरेनियम था
10:50ये एक बड़ी उपलबधी थी लेकिन मरी और पियर इससे भी ज्यादा दुल्लब चीज ढून रहे थे
10:59उन्हें टनों और को प्रोसेस करने में तीन साल लग गए
11:05एक ग्राम के भी एक बटा दस्वे हिस्से को अलग करने में जिसे उन्होंने नाम दिया रेडियम
11:11मरी और पियर ने एक बिलकुल नई चीज को खोज निकाला था
11:16इन्होंने दिखाया कि रेडियम पर बहुत अधिक तापमान का भी कोई फर्क नहीं पड़ता
11:23और ये अजीब बात थी
11:25ज्यादा तर चीजें तेज गर्मी की वजह से काफी बदल जाती हैं
11:30एक और बात भी थी
11:32इससे फोरण एनरजी निकलती थी
11:34केमिकल रियाक्शन्स के जरिये नहीं
11:37बलकि एक अंजान मेकनिजम के मध्यम से
11:39मरी क्यूरी ने इस नए फिनॉमिनन को नाम दिया
11:42रेडियो अक्टिविटी
11:44मरी और पियर ने मिलकर ये कैलकिलेट किया
11:49कि रेडियम के धिर से फॉरण जो एनरजी मिलती है
11:51वो उतने ही कोईले को जलाने से कहीं ज्यादा है
11:54उन्हें हैरानी हुई की रेडियो अक्टिविटी
11:57केमिकल एनरजी के मुकाबले लाखों गुना
12:00ज्यादा ताकत रखती है
12:01ये मॉलیک्यूल्स में मوجود एनरजी को रिहा करने
12:04और जमीन में गहराई पर मوجود ताकत के बीच का फर्क है
12:08मरी, पियर, आईरीन और जिससे बाद में वो शादी करने वाली थी
12:17इस परिवार को साइन्स की फील्ड में पाँच नोबेल प्राइज मिलने वाले थे
12:22इन्होंने जिस पिछ ब्लेंड को रिफाइन करके बॉटल्स, ट्यूब्स और फ्लास्ट्स में भरा था
12:37बाद में उसके रेडियम पार्टिकल्स बचे रह गए थे
12:40ये इतने दमदार थे कि रात में इनसे लैब रौशन हो जाता था
12:44मरी ने लिखा था
12:46ये चमक्ती ट्यूब्स यहां लैब में प्रित्वी पर मौजूद तारों जैसी लगती है
12:51मरी ने सही नतीजा निकाला था कि ये चमक रेडियो अक्टिव आटम्स के केंदर में मौजूद किसी चीज की वजह से दिख रही थी
13:04हजारों साल तक ये सोचा जाता रहा कि आटम्स मैटर की सबसे चोटी यूनिट है
13:10प्रित्वी पर मौजूद क्यूरी के ये सितारे इस बात के सुबूत थे कि आटम के अंदर एक ऐसी दुनिया हो सकती है
13:18जहां और भी छोटे पार्टिकल इंटराक्ट कर रहे थे
13:20इस जादूई रात के सौ साल बाद भी क्यूरी की कुक बुक्स उस कमाल की रेडियो अक्टिविटी से जगमग थी जो उन्होंने खोजी थी
13:30लेकिन खुद्रत की इस गहरी समझ से जुड़ी कुछ पेचीतगियों को समझने में एक विशनरी को ज़रा समय लगा
13:38ये थे H.G. Wells
13:42ये लेखक सायन से जुड़ी नई खोजों को दुनिया को मोह लेने वाली कहानियों में बदलने में माहिर थे
13:49और ये उनके गंभीर परिणामों को समझने में भी सबसे आगे थे
13:57ये लेखक H.G. Wells ही थे जिन्होंने सबसे पहले टाइम मशीन्स और परग रही हमलों की कलपना की थी
14:03और इसी कलपना के चलते उन्हें एटम से हथियार बनाये जाने का डर भी था
14:08अपने किताब World Set Free में जो 1913 में लिखी गई थी
14:12उन्होंने अटामिक बॉम शब्दों का इस्तमाल किया था
14:14और बाद में यही बॉम आम लोगों पर इस्तमाल हो थे
14:18उन्हें लगता था कि इंग्लेंड और जर्मनी के बीच
14:211950 के दशक में न्यूकलियर वाल हो सकता है
14:24लेकिन वो अपने समय से काफी आगे की सोच रहे थे
14:481933 में हंगरी के फिजिसिस्ट लियो जिलाड एक बायोलोजिस्ट बनने के बारे में सोच रहे थे
14:59डॉक्टर जिलाड आप अंदर सही सलामत तो है
15:05वो वेल्स का नौवल पढ़ते पढ़ते सोचने लगे
15:08जिलाड को मालुम था कि आटम्स के अंदर प्रोटौन्स और नौट्रोन्स होते है
15:19और बाहर की तरफ होता है इलेक्ट्रोन्स का एक परदा
15:23फिर लंडन में इस ट्राफिक सिगनल के ग्रीन होने का इंतजार करते हुए
15:28उन्हें अचानक एक खयाल आया
15:30अगर उन्हें किसी ऐसे ऐलिमेंट की अच्छी खासी मात्रा मिल जाए
15:34जो दो नौट्रोन्स को छोड़ते समय एक को जजब कर ले
15:37तो फिर इससे एक न्यूकलियर चेन रियाक्शन बन जाएगा
15:40दो से बनेंगे चार और चार से आठ
15:43और ये सिलसला यूही चलता रहेगा
15:45जब तक नूकलियस में मौजूद धे सारी एनरजी निकलेगी नहीं
15:49ये सब चलता रहेगा
15:51ये केमिकल रियाक्शन नहीं बलकि नूकलियर रियाक्शन होगा
15:56और बस इसी पल हमारी दुनिया बदल गई
16:10Leo Zillard
16:4050,000 साल पहले सभी इनसान hunter gatherers हुआ करते थे
16:46वो एक दूसरे को आवाज लगाकर सीमित दूरी तक ही बात कर पाते थे
16:51यानि ध्वनी की रफ़तार से ही
16:54ये रफ़तार थी लगभग 1200 किलो मीटर प्रती घंटा
16:57लेकिन लंबी दूरियों के लिए ये रफ़तार उनकी दौडने की रफ़तार जितनी ही थी
17:01लगभग 12,000 साल पहले
17:04यानि उस समय के आसपास जब खेती की खोज हुई थी
17:07तो उन्होंने दूर स्थित किसी प्राने की जान लेने की खुबी विकसित कर ली
17:10ये दूरी बढ़ी तीर के जरिये जिसे एक कमान से छोड़ा जाता था
17:15और ये एक तीर से एक शक्स की जान ले सकते थे
17:18हमारे पूरवज युद्ध को पसंद नहीं करते थे
17:22क्योंकि तब लोग कम थे, इलाका बहुत ज्यादा था
17:25तो मुठभेडों के बजाए उन्हें चलते रहना ज्यादा बहतर लगता था
17:28उनके हथियार का इस्तमाल ज्यादा तर शिकार के लिए होता था
17:31आपसी जान पहचान का उनका इलाका छोटा था
17:34उनके जुंड में सिर्फ पचास या सौ लोग ही हुआ करते थे
17:38लेकिन उनके टाइम होराइजन ने एक बड़ी छलांग लगाई
17:43उन लोगों ने अपने आसपास की जमीन पर बड़ी मेहनत से फसले हो गाई
17:50ताकि कई महीनों बाद उनकी उपज ले सके
17:53उन्होंने अपने आज को आने वाले बेहतर कल पर्ण्योचावर किया
17:58उन्होंने भविष्र की योजनाएं बनानी शुरू कर दी
18:02लगभग पचीस सो साल पहले एक नई तरह की लड़ाई की शुरू आत हुई
18:11अलेक्जैंडर ने मैसेडोनिया से लेकर इंडस वैली तक के इलाके को जीत लिया था
18:16अब दुनिया में ऐसे बहुत से लोग थे जो किसी न किसी ग्रूप का हिस्सा थे जिनमें लाखों लोग थे
18:22लंबी दूरियां तैग करने के लिए कम्यूनिकेशन और ट्रांस्पोटेशन के मामले में सबसे तेज रफतार होती थी सेल और घोडे की
18:29स्पाटा का राज आकिडेमस त्रितिये अपनी हिम्मत के लिए चारों तरफ प्रसिद्ध था
18:35उसे अपने दुश्मन के साथ आमने सामने की लड़ाई में बहुत मज़ा आता था
18:39कहा जाता है कि जब उसने सबसे पहले एक बलिस्टा के जरिक प्रोजेक्टाइल को फायर किया जाता देखा
18:44तो वो बहुत घुसा होकर बोला
18:46ओ हरक्यूलिस लगता है अब इंसानों में बहादुरी बची ही नहीं है
18:51जान लेने की रेंज और मार सकने की काबिलियत दोनों ही बहुत बढ़ गए थे
19:05अब यहां एक के मुकाबले दस लोग मारे जाने लगे
19:09और हमला करने वाला सैनिक तो अपने दुश्मनों के चेहरे तक कभी देखना ही पाता था
19:14वो शहर की दीवार के पार होने वाले उस कतले आम से अंजान ही रहता था
19:19आज ट्रांस्पोर्टेशन की सबसे तेज रफतार होती है प्रित्वी से बाहर निकलने के दौरा
19:2740,000 किलो मीटर प्रती घंटा
19:29और कमिनिकेशन की रफतार है लाइट की रफतार जितने ही पहचान से जुड़े दायरों का भी पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा विस्तार हो गया है
19:37कुछ लोगों के लिए ये एक अरब्या उससे भी ज्यादा है तो वहीं कुछ के लिए हमारी तमाम स्पीशीज और कुछ के लिए तो धर्ती पर मौझूद सारे जीवरू और अगर हम बत्तरिन हालात की बात करें तो अब पूरी दुनिया ही तबाही की चपेट में आ सकती ह
20:07पहला न्यूकलियर वॉर्ड कब शुरू हुआ उसका सही सही समय बताना तो मुश्किल है
20:26कुछ के अनुसार ये पेडों के उपर से गुजरे पहले तीर के समय से शुरू हुआ तो वहीं कुछ और कहते हैं इसकी शुरूआत हुई कहीं बात में तीन संदेशों से
20:351949 में अडॉल्फ हिटलर के जन्म दिन पर उसके एक युआ और जहीं साइन्टिस्ट पॉल हाटेक के दिमाग में फ्योरर के लिए खास तोफ़ा था
20:55हाटेक ने नाजजी वाल आफिस को एक चिट्थी लिखी
20:58उसने लिखा कि न्यूकलियर फिजिक्स में हुई तरक्की के बल पर एक ऐसे एक्सप्लोजिव को बनाया जा सकता है जो आम हथियारों से कहीं ज्यादा ताकतवर है
21:09वो अडॉल्फ हिटलर को एक अटॉमिक बॉम देना चाहता था
21:14लेकिन हिटलर का वास्ता कभी किसी न्यूकलियर हथियार से पड़ा ही नहीं था
21:18क्योंकि उसने तो अपने इलाकों में मौझूद कई शांदार फिजिसिस्ट्स को
21:23कतल कराया जेल में डाला या देश से निकाल दिया था
21:27ऐसे लोग यहूदी लिबरल या फिर दोनों ही थे
21:30युद शुरू होने से ठीक एक महीना पहले
21:34लियो जिलाद लॉंग आइलन्ड के उस घर में गए
21:37जिसे अलबर्ट आइंस्टाइन ने किराए पर ले रखा था
21:40जो फिजिसिस्ट अक्सर लियो जिलाद को मैंहाटन से बाहर ले जाया करता था
21:44वो 1949 में अगस्त के उस दिन था नहीं
21:48तो जिलाद ने इस काम के लिए हंगरी के ही एक प्रवासी
21:52एडवर्ड टेलर नाम के एक युवा साइन्टिस्ट को साथ ले लिया
21:56बूड़पेस्ट में सताय जाने के कारण उन्होंने और उनके परिवार ने म्यूनिख में शरन ली
22:01जहां एक ट्राफिक हादसे में उन्होंने अपना दाया पैर खो दिया
22:051930 के दशक की शुरुवात में टेलर और उनके परिवार को एक बार फिर भागना पड़ा
22:10जैसे हार्टेक बॉम के बारे में हिटलर को बताना चाहते थे
22:14जिलाट भी ऐसे हथियार की जबरदस ताकत से प्रेजिडंट फ्रैंकलिन रूजविल्ट को वाकिफ कराना चाहते थे
22:20जहां तक सम्मान और प्रभाव की बात है तो दुनिया में कोई भी साइंटिस्ट
22:25आइंस्टाइन से टक्कर नहीं ले सकता था
22:28आइंस्टाइन को डर था कि कहीं हिटलर के हाथ कोई न्यूकलियर हथियार न लग जाए
22:33ऐसा खतरनाक हथियार छोड़ने के बाद वापस नहीं लिया जा सकता था
22:38आइंस्टाइन एटॉमिक बाउम बनाने की अमेरिका की कोशिस से कोई वास्ता नहीं रखना चाहते थे
22:43जिसे बाद में मैनहाटन प्रोजेक्ट कहा गया
22:46पर उन्होंने युद्ध में एटॉमिक नुकलियाई के संभावित इस्तमाल के बारे में
22:50रास्ट्रपती को आगाह जरूर कर दिया
22:52युद्ध खत्म होने के बाद उन्होंने एक रिपोर्टर से कहा था
22:57कि अगर उन्हें मालूम होता कि जर्मन्ज एक एटॉमिक बाउम बनाने में नाकाम हो जाएंगे
23:02तो उन्होंने इस खत पर कभी दस्तखतना किये होते
23:05लेकिन एडवर्ट टेलर के मन में ऐसी कोई दुविधा नहीं थी
23:08वो फॉरण आटम से हथियार बनाने की शुरुआख करना चाहते थे
23:12रशिन फिजिसिस्ट जी एन फ्लेरोव कई साल से अपने नेता जोजफ स्तालिन को
23:18एक नुकलियर चेन रियाक्शन के संभावित सैनिक इस्तमाल के प्रती
23:22चौकनना करने की कोशिश करते रहे थे
23:24लेकिन सोवेट यूनियन की घेराबंदी तो जर्मन्स ने कर रखी थी
23:28और किसी आटम बॉम प्रोजेक्ट को पूरा होने में बरसों लग सकते थे
23:32तो मजबूरी की ऐसी हालत में रूस इस बारे में सोच तक नहीं सकता था
23:361942 में फ्लेर ओव ने नुकलियर फिजिक्स पर एक साइन्टिफिक पेपर चापा था
23:42अब वो ये जानने के लिए बेताब था
23:45कि इसके बारे में यॉरोप और अमेरिका के जाने माने फिजिसिस्ट की क्या राय थी
23:50फ्लेर ओव दुविधा में थे
23:51अंतराष्ट्रिय साइन्टिफिक बिरादरी के किसी भी फिजिसिस्ट को उनका पेपर किसी काम का नहीं लगा
23:57शुरू में तो उनका दिल दुखा
24:00लेकिन फिर उन्हें हालात समझ आने लगे
24:03अमेरिकन और जर्मन साइन्टिफिक जर्नल्स में कोई न्यूक्लियर फिजिक्स पेपर कभी दिखते ही नहीं थे
24:11क्योंकि दोनों ही देश चुपचाब बॉम बनाने में लगे हुए थे
24:15तो पब्लिश्ट डेटा ना होने की वजह से
24:18फ्लेर ओमने स्टालिन को इस बात पर राजी करने की कोशिश हैं
24:21और तेज कर दें कि वो अपना खुद का एक न्यूकलियर वेपन्स प्रोग्राम शुरू कर दें
24:25तीनों ही मामलों में जेनरल्स या आम्स डीलर्स ने नहीं
24:30बलकि साइन्टिस्ट्स ने अपने नेताओं को ये बताया था कि
24:34बड़ी तादात में लोगों की जान ले पाना मुम्किन हो सकता है
24:37अमेरिका के युद्ध विभाग ने लॉस एलमोस न्यू मेक्सिको में एक दूर दरास जगह को
24:44एटॉमिक बॉम रिसर्च प्रोजेक्ट के हेड़कॉर्टर्स के लिए चुना
24:48इसका सुझाव प्रोजेक्ट डारेक्टर फिजिसिस्ट जे रॉबर्ट आपन हाइमर ने दिया था
24:55जो अपनी युवा आवस्था में वहाँ पर एक बीमारी से उबरे थे
24:58लेकिन एड़वर्ट टेलर को सिर्फ एक आटम बॉम ही काफी नहीं लग रहा था
25:03वो किसी और बड़ी जानलेवा चीज की कल्पना कर रहे थे
25:07एक ऐसा हथियार जिसमें एटॉमिक बॉम न्यूकलिस में धमाका करने के लिए
25:11सिर्फ एक माचिस की दीली का काम करें
25:14एक थर्मल न्यूकलियर वेपन टेलर इसे दस सूपर कहा करता था
25:19अगर साइन्टिफिक बिरादरी में एडवर्ड टेलर से कोई बिलकुल उलट था
25:23तो वो थे जोजफ रॉटब्लाट
25:25रॉटब्लाट का जन्व वार्सों में एक अमीर परिवार में हुआ था
25:29और टेलर परिवार की ही तरह इनोंने भी सब कुछ गमा दिया था
25:321949 की गर्मियों में नाजजीस के हमले से ठीक पहले
25:37उन्हें युनिवर्सिटी ओफ लिवरपूल में रिसर्च से जुड़े एक पद के लिए इंगलिंड बुलाया गया
25:42इसी बीच उनकी प्रिये पतनी टोला को
25:45appendix का एक emergency operation कराना पड़ा
25:48जब तक वो सफर के लायक नहीं हो जाती उन्हें यहीं रहना था
25:53टोला ने जोसिफ से कहा कि वो नए घर की तैयारी करें
25:57उनका कहना था कि ये तो बस कुछी दिनों की बात है
26:00चुनौती थी एक ऐसा chemical fuse ढूंडना जो nuclear chain reaction को शुरू कर दे
26:15scientists और engineers ने आपस में बात की कि वो जबरदस ताकत वाले एक bomb को बना कर एक गंभीर खत्रे को टाल देंगे
26:23उनकी सरकार पर यकीन किया जा सकता था
26:25वो हमले के दोरान ऐसे हथियार का कभी इस्तमाल नहीं करेगी जैसे दूसरी सरकारों ने किया था
26:32ये ऐसे पहले atomic scientists थे जो nuclear हथियारों को एक deterrent के तोर पर बनता देखने वाले थे
26:40कहीं Hitler एक atom bomb ना बना ले Manhattan Project को आगे बढ़ाने के पीछे यही वजह थी
26:47और जब Germany ने समर्पन कर दिया और Hitler नहीं रहा तो bomb पर काम करने वाले हजारों scientists में से सिर्फ एक
26:55जो rot black नहीं इस्तीफा दिया
26:58बाद के बरसों में जब भी उनसे उनके फैसलों के बारे में पूछा गया
27:04उन्होंने कभी ये नहीं माना कि उन्होंने moral superiority की वजह से ऐसा किया था
27:09वो हमेशा मुस्कुरा कर कहते
27:11मैं अपनी पत्नी को बहुत मिस्करता हूँ जो वार्सों से निकल नहीं पाई
27:16और युद्ध की अफरातफरी में कहीं गुम हो गई
27:19युरोप में युद्ध खत्म होने पर वो अपनी पत्नी को ढूंडने निकले
27:24लेकिन वो उन्हें कभी नहीं मिली
27:27बस मरने वालों की लिस्ट में उनका नाम था
27:30होलोकॉस्ट में टोला की मृत्यू हो गई थी
27:33बेल्जेक कॉंसेंट्रेशन कैम्प में उन्हें मार डाला गया था
27:38हाला की रॉटबलैट और साठ साल जिये
27:40लेकिन उन्होंने दोबारा शादी नहीं की
27:43तीन देश युद्ध के दोरान बॉम बनाने की कोशिशों में जुटे थे
27:49लेकिन युद्ध खत्म होने से पहले सिर्फ अमेरिका ही इसमें काम्याब हो सका
27:54और इतिहासकारों का मानना है कि अमेरिका दोरा बहुत से इमिग्रिंट्स को
27:58अपने यहां लाने की वजह से ऐसा हो पाया
28:01मैनहाटन प्रॉजेक्ट से जुड़े खास लोगों में से दो ही अमेरिका में पैदा हुए थे
28:06और एक नहीं अमेरिका में पिएच डी की थी
28:08जिपैन के हिरोशिमा और नागसा की शहरों पर आटम बॉम गिराए गए
28:14जिससे दूसरा विश्व युद्ध खत्म हो गया
28:16दो महीने बाद राष्ट्रपती ट्रूमन ने ओवल आफिस में आपन हाइमर को बढ़ाई देने के लिए बुलवाया
28:22लेकिन ट्रूमन को ये देखकर हैरानी हुई के ओपन हाइमर खुशी मनाने के मोड में नहीं थे
28:28मिस्टर प्रेसिडिंट मुझे ऐसा लगता है कि मेरे हाथ खुन से रंगे है
28:33क्या बक्वास कर रहे हूं खुन से सिर्फ मेरे हाथ रंगे है समझे और इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता
28:38रशियन्स कब तक बम बना सकते हैं आपको कोई अंदाजा है इस बाद का
28:44कभी नहीं
28:46मेरी एक बात कान खोल कर सुन लो मैं तोबारा इस कायर साइंटिस्ट का मुझ देखना नहीं चाहता हूं समझ गए तुम
28:54चार साल से भी कम समय में रशिंज ने अपना एटॉमिक बॉम टेस्ट कर लिया
28:59और जब इन दोनों ही देशों ने अपने अपने सूपर्स
29:03Thermonuclear Hydrogen Bombs बना लिये
29:06तो साइंटिस्ट के उन तीन शब्दों से शुरू हुई
29:10नूकलियर हथियारों की दोड़ ने एक डरावना रूप ले लिया
29:14युद्ध के बाद ज्यादा से ज्यादा जान लेने वाले हथियार के
29:20टेलर के सपने सच होने वाले थे
29:211950 के दशक की शुरूआत में जब अमेरिका में कम्यनिस्ट की खोजबीन शुरू हुई
29:26तो टेलर ने ये इशारा किया के मैंहाटन प्रोजेक्ट चलाने वाले उनके
29:30पूर्व बॉस रॉबर्ट ऑपनहाइमर की सिक्योर्टी क्लेरंस वापस ले ली जानी चाहिए
29:34और ऐसा होने से ओपनहाइमर का करियर पूरी तरह बर्बाद हो गया था
29:59बेशक न्यूकलियर हथियारों में काफी हद्ता कमी की जा चुकी है
30:02लेकिन न्यूकलियर युद्ध का खत्रा आज भी हमें डराता है
30:06हला एक धदकते ज्वाला मुखी के साई में
30:09हम गहरी नींद कैसे सोच सकते हैं
30:13एक और दोर में कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने एक गंभीर खत्रा चेला
30:21किसी सपने जैसी लाचारी की हालत में
30:24चलिए मैं आपको एक कहानी सुनाता हूँ
30:43दो लोग एक बार में जाते हैं
30:46और वो एक जगड़े में उलज जाते हैं
30:53लूई आउगस सिल्बारी को गिरफतार करके सेन पियर प्रिजन ले जाया गया
31:15और एक तहखाने में कैद कर दिया गया
31:17ये हुआ 1902 में कैरिबियन के माटनीक नाम के फ्रेंच कोलोनिल आईलिंड पर
31:31और वो भी एक चुनाव अभियान के दोरान
31:34अप्रेल की एक सुभा फर्नान क्लेरिक बाहर का नजारा देखने घर से निकले
31:44ये इस सारे इलाके के मालिक थे
31:46इस द्वीब के पेड़ों से फैक्टरीज फनिचे बनाती थी
31:51और खेतों में पैदा होता था गन्ना और कॉफी
31:55ये क्या है इतनी खिली धूप वाली सुभाग धास पर ओस कैसे
32:01लेकिन ये ओस नहीं थी ये तो माउंट पेले ज्वाला मुखी से निकली राख थी
32:07जब राख जमीन पर गिरने लगी
32:33तो American Council की पतनी Claire Apprentice ने Massachusetts में अपने घर जाने की सोची
32:38लेकिन ये नामुम्किन था
32:40अगले हफ़ते उसने एक बड़ा फंक्शन आयूजित किया था
32:44और उसे पोस्ट पो नहीं किया जा सकता था
32:46बहुत से लोग इतने खरीब थे
32:53कि वो अपनी छोटी मोटी चीजों को सेन पियर शहर में छोड़ कर
32:57द्वीब के ज्यादा सुरक्षित हिस्से में नहीं जा सकते थे
33:00जो जा सकते थे वो नावों के जरिये निकल गए
33:04मेर फूशे देर शाम तक एसेंशन डे बैंक्वेट और बॉल की तैयारियों में जुटे रहे
33:17लेकिन इस बीच नीचे काम करने वाले लोग फंक्षन की तैयारी के दौरान बैंक्वेट हॉल से राख हटाते रहे
33:24मार्टनिक दौीब पर एक एलिमेंटरी स्कूल टीचर भी रहते थे जिनका नाम था गैस्टाउ लाँ
33:38साइन्टिफिक फितरत वाले लाँ हाल ही में सक्रिये हुए जौला मुखी को देखने गए थे
33:44और उन्होंने इसकी हलचल के बारे में अख़वार में एक लेक भी छपवाया था
33:48लेकिन लाँ को पैरिस की अपनी आगामी आत्रा को लेकर चिंता ज्यादा थी
33:52उन्हें इस द्वीब के पौधों के सैंपल अपने साथ ले जाने थे
33:56और वहाँ एक लेक्चर भी देना था
33:57लेकिन जिस रफ्तार से राख गिर रही थी उससे तो वो पौधे बरबाद हो जाने वाले थे
34:05मेर फूशे ने हिम्मत जुटाते हुए एक नया पोस्त बनाया
34:16नगरवासियों आप डरे नहीं
34:19बहता हुआ लावा हाल फिलाल तो शहर तक पहुँच नहीं सकेगा
34:23ज्वाला मुखी और हमारे बीच की दूरी साथ किलो मीटर है
34:26माउंट पेले और हमारे बीच दो बड़ी घाटियां और दल दल है
34:31इन्हें भरने के लिए बहुत ज्यादा लावा चाहिए
34:35साथ माई की सुभा सुभा
34:45सैंपियर शहर के लोगों की नींद सवर्दस्ट गरच
34:49भूकंप के छटकों और ज्वाला मुखी के मूस निकल रही भयंकर चमक से खुले
34:54अब चारों तरफ घबराहट फैलने लगी
34:58आम लोगों को शांत करने के लिए सैनिक भेजे गए
35:01और तभी आठ माई ब्रहस्पतिवार की सुभा सुभा
35:08ज्वाला मुखी एकदम शांत हो गया
35:10हवा भी थंडी और साफ सुथ्री लग रही थी
35:13और समुद्र था एकदम शीशे जैसा
35:17फिर आठ माई 1902 की सुभा
35:24आठ बचकर दो मिनट पर माउंट पेले में धमाका हुआ
35:28और ये जबरदस्त आवाज 800 किलोमीटर दूर
35:32पेलिस्वेला तक पे सुनी गई
35:33बेहत गर्म गैसेज की एक विशाल पाइरोब्लास्टिक फ्लग
35:40चंद मिनटों में ही घाटियों को पार करके शहर तक पहुँच गई
35:44ये धमाका किसी न्यूकलियर धमाके से कम नहीं था
35:52इस धमाके के तीन दिन बाद द्वीप के दूसरे हिस्से के लोग अब भी
35:57सेंट पियर की सुलग रही सडकों की तलाशी ले रहे थे
36:01ताकि वो शवों को इकठा कर सके और उन लोगों की अंतेश्टी कर सके
36:07जो जवाला मुखी की आग से अध जले रह गए थे
36:11कोई है, मेरी मदद करो, मुझे यहां से बाहर निकालो
36:16कोई है, इससे खोलो बचाओ मुझे, मुझे बाहर निकालो
36:24लूई ओगस्ट सिल्बारी ने जो कुछ झेला और जिसे बताने के लिए
36:28वो जिन्दा रहे, वैसा कम ही लोगों ने अनुभव किया था
36:32जुआला मुखी के फटने पर, उन्होंने खुद को कैद में रखने
36:36वालों की चीखें सुने और फिर डरावना सन्नाता चा गया, इसके बाद
36:42उनकी कोठरी के छोटे से रोशंदान से सबरदस्त गर्मी अंदर आई, उन्होंने उससे
36:47बचने की कोशिश की, फिर भी वो कंधों तक बुरी तरह जल गए, तीन दिन
36:53तक वो तकलीफे सहते रहे और अपनी कोठरी की दिवारों पर जमा नमी
36:58को चाट कर जिन्दा रहे, मोटी दिवार वाले इस तहखाने में अकेले
37:02कैद होने की वजह से उनकी जिन्दगी बच गई थी, वो सेंट पियर में
37:07जिन्दा बचने वाले सिर्फ दो लोगों में से एक थे, बाकी तीस हजार मारे जाच चुके थे
37:13पर हमारे बारे में क्या, क्या हमें खत्रे का पता चल पाएगा, क्या होने वाला है जान पाएंगे
37:23सबें रहते होश में आ पाएंगे
37:37तो चलिए वापस अपनी दो आइटम्स की कहानी पर चलते हैं
37:49पहला यूरेनिम आटम
37:50यूरेनिम आटम बहुत ज्यादा अस्थिर होता है
37:56तेर सवेर ये खत्म हो ही जाता है
37:59इसके नूकलियस से एक पार्टिकल अलग होकर
38:02यूरेनिम आटम को एक अलग एलिमेंट में ढाल देता है
38:05ये है थोरियम
38:06हम लोग एक रेडियो अक्टिव डीके के बीच से गुजर रहे हैं
38:13सब इटॉमिक पार्टिकल शरीर के वीच से गोलियों की तरह गुजरते हैं
38:17और इलेक्ट्राउस को उनके मॉलीकूल से अलग कर देते हैं
38:20आयोनाइजिंग रेडियेशन इसी तरह जिन्दा चीजों पर असर डालता है
38:23ऐसे में ये क्रोमोजोम्स बला कैसे बच सकते थे
38:32यही वजह है कि अटॉमिक हथियार आम हथियारों के मुकाबले बहुत खतरनाक सावित होते हैं
38:37आयोनाइजिंग रेडियेशन हमारे चारों तरफ मौजूद है और हमारे अंदर भी है
38:41इसकी कम मात्रा से कोई खतरा नहीं होता पर ज्यादा मात्रा चानलेवा साबित हो सकती है
38:46अगर रेडियेशन की ज्यादा मात्रा से सामना हो जाए
38:51तो सेल के बेकाबू रियक्शन के कारण खतरा कई गुना बढ़ सकता है
38:56जैसे कैंसर
38:59लेकिन नुकसान पहुचाने की इसकी ताकत काफी लंबे समय तक भी कायम रह सकती है
39:05जब रेडियेशन तितली के क्रोमोजोम्स में घुसा
39:09तो उससे तबाही का एक ऐसा सिलसला शुरू हुआ
39:13जिसने तितली के अजन में बच्चों तक को बदल कर रख दिया
39:16इसके जीन्स में म्यूटेशन हो गया
39:20इतलियों और हम इनसानों में काफी कुछ समान है
39:26DNA की बनावट में होने वाला बदलाव पीढ़ी दर पीढ़ी कौपी होता ही जाएगा
39:31ऐसा नुकसान आगे बढ़ते हुए हमारे भविश्य को बरबात कर देता है
39:36हम बने हैं उन आटम से जो उन तारों में पन पे जो स्पेस के हिसाब से हजारों लाइटियर और टाइम के हिसाब से अरबों साल दूर है
39:44हमारी शुरुवात से जुड़ी ये खोज हमें हमारी दुनिया में काफी दूर ले गई है
39:50Tauros se banhe hum
39:52Baki brahman se geharai se jude huye hai
39:55Humen banane waala matter
39:56Pieda hua tha cosmic ag me
39:59Aur ab
39:59Hum jho
40:00Saat arab
40:02Arab
40:03Arab atoms se banhe jeev hai
40:05Unhohne abtuk is cosmic ag tuk
40:07Pohunchnay ka zariya dhund liya hai
40:09Jho matter ke anndar chhipi huyi hai
40:11Hum insaan chahe joh bhi
40:13Kar lye
40:14Is gyan ko bhola to sakti nahi
40:16Aur
40:16Afsos is baat ka hai
40:19Ki haamari ye prajati
40:20Fitoor wali bhi hai
40:21Is afat ko shurru karne ke liye
40:33Likhi gai scientist ki
40:35Chithiyo ke baad
40:36Eek or khat aya
40:37Grahe ko likhe gai is khat me
40:39Yee kaha gaya ki
40:40Physics ki is nai samaj ke liye
40:42Chahe ye ek nai sots
40:44Jho apne aap me ekdom anokhi ho
40:46Kyunki haam aapne jhagdae bhola nahi sakti
40:49Toh kiya in me maara jana
40:50Eek vikalp ho sakti hai
40:51Hum bator insaan
40:53Insan insaan'o se
40:54Ye apil karte hai
40:55Ki haamay
40:56Insaniyat ko yad rakhna chahe
40:58Or baakhi saba ko bhool jana chahe
41:00Chaheye
41:05Or doosre atom ka kya hua?
41:07Karban atom ka?
41:08Yee apne se kisi ek mein hai
41:12Chaheye
41:12O
41:25Transcription by CastingWords
41:55CastingWords
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