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  • 6 weeks ago
यूपी में दहेज के लिए पत्नी को जिंदा जलाया, मर्सिडीज की मांग पर हत्या

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00:00सोचा था ये गुजरे जमाने की बात होगी जब लाल्ची इनसान दहेच के लिए बीवी बेटी और बहुओं को जिन्दा जला दिया करते थे
00:09पराच तो हम बहुत तरक्की कर चुके हैं चान सितारों तक हमारी पहुच अभी अभी तो शुभानशु शुक्ला आसमान की सैर कर वापस लोटे हैं
00:20लेकिन अफसोस जमीन पर हमारी हाला ताज भी वैसी ही है हाथों में वही घास लेट का कनस्तर और सामने जलती हुई बीवी बेटियां और पहुँ
00:32कहो के चील के पंजों में सांप कार सर है
00:47कहो के सांप का फन छख लेके ओंपर है
01:03कहो के महमें उसे छख लेके जंगर है
01:19कहो के चीवता जंगर की देस तरस में है
01:36कहो के जो भी यहां है किसी कफस में है
01:52कहो के रंग है जो भी नजर में कच्छ है
02:08जो एक दर्द है सीने में वो ही सरचा है
02:24जो एक दर्द है सीने में वो ही सरचा है
02:41जो एक दर्द है सीने में वो ही सरचा है
02:56जो एक दर्द है सीने में वो ही सरचा है
03:08पर यह दर्द है कहो किनके दिलों में
03:12पूछिये उन माबाप से जो अपनी बेटी या बेटियों को नाजों से पालते है
03:18जरा सी चोट लग जाए तो उनकी जान निकल जाती है
03:22पढ़ा लिखा कर उसे किसी काब्य बनाते है
03:25फिर एक रोज अचानक बोचड़िया बनकर किसी और के घर के आंगन उतर जाती है
03:31ठीक वैसे ही जैसे नौ साल पहले निकी इस घर के आंगन उतरी थी
03:37काहिदे से ये नारा ही गलत है
03:48क्योंकि ये नारा आज के इस दोर में भी इस बात का एहसास दिलाता है
03:53कि हमें बेटियों को बचाना है
03:55इस से शर्मनाक और क्या होगा
03:58लेकिन ये नारा हमें एक और सच बताता है
04:02सच ये कि सचमुछ हमारे देश में आज भी बेटियां मारी जा रही
04:07क्या अफसोस ना कि दिफाग है
04:10कि जिस यूपी में एक बेटी को जिन्दा चला दिया गया
04:13उसी यूपी में लगभग उसी वक्त
04:16जमीन और आस्मान के बीट की खाली जगा
04:19यानि अंत्रिक्ष से लोट कर इसी यूपी का एक बेटा
04:23सुभानशु शुकला यूपी रोटा है
04:25शुभानशु आस्मान की सैर कराया
04:28और हम है कि जमीन पर अब भी अपनी बेटियों को बचाने की कोशिश ही कर रहे है
04:34कैसा दर्द है ये
04:37कैसी दड़प है
04:38कैसे इनसान है
04:40अभी पिछले हफ़ते की ही तो बात थी
04:43देश की सबसे बड़ी अदालत में दो किस्तों में
04:46पांच माननी जज़ दस दिनों के लिए बैठे थे
04:49ये तैय करने के लिए
04:51कि कुटों को इनसानी बस्तियों में रहने का हक है ये नहीं
04:55तब इन कुटों तक के लिए इनसानों के दिलों दर्द और दड़ब थे
05:00मगर इन जैसे इनसानों का क्या करे
05:04जो पैदा तो इनसानी बस्तियों में हुए
05:07इनसान का चोला पहन कर हुए
05:09मगर क्या ये सच मुझ इनसान है
05:12इन तस्वीरों को देखकर दिल पर हाथ रखकर जवाब दीजेगा
05:16जवाब ये केमे से असली जानवर कौन है
05:21ये भले ही जानवर हो आवारा हो
05:25कभी कबार भौकते या काटते भी हो
05:28पर कम से कम रिष्टों को लेकर वफादार तो है
05:32इनसानी लालत से दूर तो है
05:34ये रिष्टों को आग में छोग तो नहीं देते
05:37देखिये ना इसकी बेशरमी को
05:42बीवी को कुछ घंटे पहले ही जिन्दा जला कर आया
05:45पर चेहरे पर जरा भी शिकर नहीं
05:48न कोई अफसोस न मलाग और उपर से क्या कह रहा
05:52मैंने नहीं मारी है अपने आप मरी है
05:55अच्छा हूँ
05:56कैमरे भी इनसान जैसे नहीं है
05:59जो ऐसे धिटाई से जूट बोले
06:01इसकी बेशरम बातों का आडियो और बेगहरत हरकतों के विडियो को
06:06सिर्फ एक साथ मिला कर देख और सुन लेगे
06:09तो फिर कुछ कहने ये सुनने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी
06:13कहते हैं बच्चे मासूम होते है
06:26ये इसी बेशरम और जानवर जैसे इनसान का मासूम सा बीटा है
06:31मासूम ये देखे
06:32कि सब कुछ अपनी आँखों से देखने के बावजूद ये अभी अपनी माँ के गातिल को पापा ही बुला रहा है
06:39इसके आँखों के सामने इसके पापा ने डीजल पेट्रोल या कैरुसिन आईल से भीगी
06:45इसकी ममी को अपने लाइटर से चिंगारी दी
06:49और ये मासूम सब देखता रहा
06:51और बेशर्म बाप क्या कह रहा कि वो अपने आप मर गए
06:55इस बच्चे को भी छोड़िये
07:10पता नहीं कैसे पर इसी घर में एक दूसरी बेटी लालच के शोरों से कैसे बच गए
07:17अच्छा हुआ ये बच गए
07:18अगर इसे भी लालचे इनसानों ने लालच की लौ में छोब किया होता
07:23तो शायद ये तस्वीरे कभी दुनिया के सामने आही नहीं बाते
07:27घर कि लौ घर में ही जूट ये पुलिंदों से बुझा भी जाती
07:32पर सलाम है इस बेटी को और दाद है इस बहू को
07:37जिसने सारे हिम्मत बटोर कर अपनी छोटी बहन पर होने वाले इन आखरी लबहों की
07:42हर जुम को अपने मुबाइल में खैद कर लिया जब माँ और बेटे की ये करतूत निकी की बड़ी बहन
07:49कंचन अपने मुबाइल में शूट कर नहीं थी तब इस जानवर ने उसकी तरफ भी मुक्का ताना थी
07:57इस मासूम के साथ साथ कंचन वे इंसानियत को जला देने वाले इन लप्टों की गवाह थी
08:03खुद इसकी हालत ऐसी नहीं थी कि वो अपनी छोटी बहन को दहेच के इन दानवों से बचा पाती पर बेबजी से देखा सकती चाथ
08:13मेरी बहन के साथ इतनी बुरी तरिंदगी करी गए इतना बुरा मारा उसे
08:19से बच्छे भी बहन के शीदार मारने के बाद उसके ओपर जो लिक्विट लाए थे वो इसके ऑपर डाल दिया मेरी बैंसली
08:29मेरी आकों के सामने मैंने उसे बचाने की कोठी पर मेरी बैंस सामने मैंने उसे बचाने के करी पर मेरी बहन
08:35को पता नहीं कौन हосपिटल लेती गया कौन ही मैं उस स्टिती में नí फचा पाई थी क्युंकि मैं भी हो तो के गर गे थी
08:43उसके बाद मुझे कुछ भी नहीं पता क्या हुरा क्या नहीं
08:48कहते हैं मा से दयालू कोई और हो ही नहीं सकता
08:53इस मा का तो नाम ही दया है
08:55दो बेटों के साथ इसकी अपनी भी एक बेटी है
08:59उस बेटी की डोली भी इसी घर से उठी थी
09:02लेकिन इस वक्त इस तस्वीर में इस मा को देखने के बाद
09:05आपके दिल में जरा सी भी इसके लिए दया आएगी
09:09हरकिस नहीं
09:11पता नहीं ये कैसी मा है जो अपने ही जैसे किसी और मा को मार डालती है
09:16ये इसी दया नाम वाली निर्दई मा का बड़ा बेटा रोहित है
09:21इसमें और इसके छोटे भाई विपिन में बस इतना फ़र्क है
09:25कि इसकी बीवी कंचन फिलहार जिन्दा है
09:28जबकि विपिन की बीवी और कंचन की छोटी बहन निकी मर चुकी है
09:33निकी की मौत से कुछ घंटे पहले इसी रोहित में अपनी पत्मी कंचन को भी जानवरों की तरह पीटा था
09:40असल में दोनों भाई उसी दहेज नाम की बीमारी के शिकार थे
09:45जो बीमारी हमारे देश में अब तक सैक्णों हजारों बेटियों बहूँ को खा चुकी है
09:51ये इस लालची निवास का मुख्या है नाम सतवीर है
09:56दया का पती विपिनर रोहित का बाप और निकी और कंचन का ससुर
10:02जैसे ही इसके घर में आग की लप्टे उठी ये भी घर से भाग गया
10:06अब पकड़ में आया है तो मुख छुपाता फिर रहा है
10:10ताकि इसका लालची चेहरा जमाना देखना पाए
10:13अब इनसान की शकल में इस सबसे बड़े जानवर से भी मिल लीजे
10:18विपन भाटी जिसे आपने कैमरे पर अपनी बीवी निकी को फीड़ते देखा
10:24अपनी भावी कंचन पर मुका तांते देखा
10:27इनकाउंटर के बाद लगणाते देखा
10:29और फिर अस्पताल के बिस्तर पर लेटे बेहयाई से जूट बोलते सुनू
10:34घर में जलती बीवी को छोड़ कर घर के बाखी लोगों के साथ ये भी भाग चुका था
10:40फिर इनकाउंटर हुआ पैर में गोली लगे और पकड़ा गया
10:45तो इस तरह इस घर के हर जानवर से अब आप मिल चुके हैं
10:50अब इनकी वो कहानी भी सुनते चलिए
10:52जो कहानी इनके जानवर बनने से पहले की थी
10:55यानि जब ये इनसान हुआ करते थे
10:58ये भीकारी सिंग इनका अपना बिजनस है
11:02कंचन और निकी इनहीं की बेटिया है
11:05दोनों बेटियों को बड़े नाजों से पाला था
11:07पढ़ाया लिखाया अच्छी परवरिश थी
11:10जब दोनों सेयानी हुई तो अच्छे लड़कों की तलाश शुरू करती
11:14आखिर में नसीब कंचन और निकी को इस घर तक लिया है
11:18दिसंबर दोहजार सोला में दोनों बेहनों की शादी
11:21इसी घर में रहने वाले दो भाईयों से हुई
11:24रोहित की कंचन से और विपिन की निकी से
11:27भिकारे सिंग ने दोनों बेटियों की शादी पर दिल खोल कर खर्च किया
11:32महंगी स्कॉर्पियों गाड़ी, महंगी बुलिट और भी तमाम कीमती दहेज दिये
11:37दहेज की मांग करते थे, हमने साधी में स्कारपियों दी, फिर बुल्ट दीनन मांगी, फिर और मांगते रही
11:46हर बार दहेज मांगते थे, लड़की को मारते थे, अवैस संबन थे दूसरी लड़की से इनकी
11:52तो इन्हों लड़की को टॉर्चर करते रहे मा बेटा दोनों दोनों तीनों ही टॉर्चर करते रहे
11:59वीडियो भी आया है उन्हों बड़ी बेटी मारी है
12:03जस वक्त निकी और कंचन की शादी हुई तब काइदे से विपिन और रोहित पढ़ाई कर रहे थे
12:12यानि दोनों बेरोजगार थे
12:14काइदे से शादी के बाद भी दोनों बेरोजगार ही रहे
12:18बाप की परचौन की एक दुकान है
12:20इसी दुकान से पूरा घ़र चल रहा था
12:23जबकि दूसरी तरफ भीकारी सिंका, अच्छा कारोबार और ठीक था, पैसे थी
12:28और बस यही बात इस लालची कुम्बे को परेशान कर रही थी
12:32बेरोजगार बेटे और उनके लालची माबाप की निगाहे निकी और कंचन के घरवालों की गौलत पर दी
12:39वो जब तब दोनों से दहेज मांगते, मांग पूरी नहीं होती
12:43तो जानवरों की तरह दोनों बेहनों को प्रीटे, पिछले नौ सालों में दोनों बेहने खामोशी से ये जल्म सहती रही
12:50बेटियों की अपनी एक मजबूरियां भी है, शादी के बाद जब वो सस्राल पहुंच जाती है
12:56तो अपने गम अपनी तकलीफ सिर्फ अपना बना लेती है
12:59माबाप को तकलीफ न पहुंचे, इसलिए उन्हें कभी सच नहीं बताता थी
13:04जब तक बरदाश्ट हो पाया, इन दोनों बेहनों ने भी यहीं किया
13:22समझ नहीं आता कि लोग किसी लड़की से शादी कर उस लड़की या उसके घरवालों पर अहसान जैसा क्यों जता देते
13:29खासकर तहेज के तानवों को यह क्यों लगता है कि शादी के बार लड़की के साथ-साथ उन्हें घर, पैसा और गाड़ी मी चाहिए
13:37इन से तो अच्छे सड़क के वो भी गारी है, जो खुले आम दोनों हाथ पहला कर ऐलान या भीक मांगते है
13:44पर इन जानवरों की खासियत यह है कि यह भीक में दिये गए घरों में भी चोड़े होकर रहते हैं और भीक में मिली गारियों पर रौब दिखा कर चलते हैं
13:55निकी और कंचन के पिता ने कुछ तिन पहले एक नई गारी खरीदी थी, मर्सिडीज, इस नई चमचमाती मर्सिडीज को देखकर लालची कुमबफ एक बार फिर से बेचैन उटा
14:08इस लालची परिवार को बरदाश्ट नहीं था कि जिसकी दो बेटियों के इन लोगों ने अपने घरों में रखा हुआ है
14:15जिनके खुद की आवकात मर्सिडीज क्या मोटर साकिल खरीदने की नहीं है
14:20वो महंगी गारी उनकी बीवियों के पिता के पास कैसे है
14:23अब उने मर्सिडीज या मर्सिडीज के बदले इतने पैसे चाहिए थे जिससे वो भी काड़ी खरीद सके
14:30आपके सामने मर्सिडीज कार दिखाए दे रहुगी इस मर्सिडीज कार पर विपिन की लालची निगाँ थी
14:36वो इसको लगातार मांग कर रहा है निकी के परिवार वालों से, निकी के भाई हमारे साथ मुझूद है
14:42आप नाम बताइए
14:45कोकल नाम
14:46क्या इसकी भी डिमांड कर रहा है निकी
14:48हाँ इसी गाड़ी की तो करता तो डिमांड
14:50ये मर्सेडीज की
14:52पैसे साट लाक रूँ होंगा
14:56बात एक किस अगस्त की शाम की है
15:00इसी मर्सेडीज या मर्सेडीज के बदले
15:0235 लाक रुपे की मांग को लेकर
15:05निकी की सास दया और पती विपन
15:07निकी को बुरी तरह पिटते है
15:10इस से पिछली रात निकी की बहन कंचन
15:12अपने पती के हाथों बुरी तरह मार खा चुकी थी
15:15दोनों बेहनों पर ये सुल्प
15:17इसी मर्सेडीज की बजह से ढाय जा रहे थी
15:19निकी की बुरी तरह पिटाई करने के बाद
15:22निकी के उपर डीजल पिट्रॉल या कैरुसिन ओयल डाला जाता है
15:26इसके बाद निकी जल उठती है
15:28जिस तस्वीर ने पूरे देश का कलेजा चाख कर दिया
15:32वो यही तस्वीर है
15:33जब देश के शोलों में लिप्टी निकी
15:36घर की सीड़ियों से नीचे की तरफ भाग रही
15:39बाद में पता लिए कौन लोग में की को अस्पताल लेकर
15:43लेकिन वो रास्ते में मर चुकी थी
15:45मुझे परसो रात ने देड़ बजे से चार बजे तक में साथ
15:52बहुत पत्कमीजी करें इस सब बातों को लेकर
15:54तुमारे बाब ने एक का समान गया है दूसरे का देड़ लाओ
15:58अब क्या कर लेगी पंचायत तुम मर यूँ अच्छी हो
16:02यहां से निकल जाओ हम दूसरी साथी कर लेंगे
16:04हमको ऐसे ही थोड़ी है
16:06हमारे बाब अपने भेजियां साथ समाज के सामने
16:10यह सारी चीज़े कहें मेरे साथ यहां पे चाटा मारा
16:13और मुझे यहां पे बहुत बुरी चोट लगी
16:15मेरे यहां से दाथ पिकट गया
16:17मैंने माला वगेरा भी पहन रखी थी
16:19वो सब उसके बाद मुझे पूरे दिन कुछ नहीं पता रहा
16:22और साम को मेरे बेन के साथ जो भी कुछ हुआ
16:25वो में पयान ने कर सकती सच में
16:29निकी को 21 अगस्त यानी गुरुवार की शाम जलाया गया था
16:35लेकिन अभी तक यह खबर सिर्फ इस घर मुहले
16:38और निकी के घरवानों को थी
16:40पर दो दिन बाद 23 अगस्त शनिवार को
16:43अचानक सोशल मीडिया पर ये दो वीडियो जैसे ही सामने आए
16:47इन्हें देखकर सारा देश सिहर उठा
16:50इस वीडियो ने हर एक को छखचोर कर रख दिया
16:53कोई यकीन ही नहीं कर पा रहा था
16:56कि आज के इस दोर में भी बहुएं या बीबिया इस तरह जलाई जाती है
17:00दोनों तस्वीरें वाइरल होने के साथ ही यूपी पुलिस भी हरकत में आती है
17:05और फिर एक एक कर चारों जानवर पकड़े जाते है
17:09हाला कि घुसा भी गरम है
17:12निकी के जिस्म से उटते शोनों की तपिश ज्यादा
17:16इसलिए सभी गुनहगारों को लेकर सभी खुसे में
17:19लेकिन दहेज मांगने वाले ऐसे भीगारियों को
17:22हमारा कानून कभी कहां सखत सजा देबाया
17:26दहेज या दहेज हत्या को लेकर हमारा कानून इतरा गुल्जा लकीला और उमाओ है
17:31कैसे लाल्ची और राक्षस जतनी जल्दी जहल जाते हैं उतनी ही जल्दी लौट भी आते हैं
17:38दिमाग पर जोर देकर याद कीजिए क्या आपने कभी सुना है कि कभी किसी पती सास ससुर चेड़ तेवर या ननत को दहेज हत्या के लिए भासी की सजा हुई है कभी नहीं
17:50आज दुनिया के किस फील में बेटियां पीछे हैं जमीन से लेकर आसमान तक हर जगा वो कदम से कदम मिलाकर मर्दों के साथ चलती है
18:01ये तस्वीर का एक पहलू है इसी तस्वीर का एक दूसरा पत्नुमा पहलू ये है कि हमारे इसी देश में हर साल लगभग साथ हजार बेटियां दहेज के नाम पर कुरूबान करती जाती है
18:14NCRB यानि नैशनल क्राइम रिकॉर्ड बियूरो के सिर्फ पिछले 20 सालों के आँक ने निकाल लिये जाए
18:21तो हमारे देश में इन 20 सालों में तकरीवन सवा से तेर लाक भूएं या पत्नी दहेज के नाम पर मारी जा चुकी
18:29यह तस्वीर याद है आपको सिर्फ चार महीने पुरानी तस्वीर है शर्तिया आप इसे भूले नहीं होगे
18:40यह एक पत्नी है जो अपने पती की लाश अपनी गोद में रख कर पत्थर की मूरत की तरह बैठी है
18:46पहलगान की यह वही तस्वीर है जिसने पूरे देश का खून खौला दिया था
18:51इसे एक तस्वीर ने सरकार को मजबूर कर दिया कि वो इसके उजड़े हुए सिंदूर का बदला ले और यह बदला आपरेशन सिंदूर से लिया गया
19:01वो दुश्मन तो सरहट पार के थे बदला भी सरहट पार लिया गया लेकिन अपने ही घर में पल रहे इन सिंदूरी दुश्मनों का क्या
19:12यह सर्फ सिंदूर नहीं बलके पूरी की पूरी सुहागन को ही मौध से पहले जिन्दा चिता पर लिटा डालते है
19:19क्या देश भर में मौजूद ऐसे लोगों को चुन-चुन कर उनके खलाफ कोई आउपरेशन नहीं चलाना चाहिए
19:26एक ऐसा आउपरेशन जिसके बाद कोई भी पती या उसके घर वाले दहेज मांगना तो धूर
19:33दहेज शब सुनते ही लरज उठे
19:36काश ऐसा हो पाता काश ऐसा हो
19:40ताके फिर किसी माभाप को अपनी बेटी को सौफी सदी जली हालत चिता पर न लिठाना पड़े
19:48तो इस अफसोसनाक वारदात में फिलाल इतना ही बगरदेश और दुनिया की बाके खबरों के लिए आप देखते रही आज तक
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