जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बादल फटने से प्रभावित चशोती गांव में तलाशी अभियान गुरुवार को आठवें दिन भी जारी है. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, भारतीय सेना, स्थानीय स्वयंसेवक और नागरिक प्रशासन के कर्मचारी विशेष मशीनरी का इस्तेमाल कर संभावित जिंदा बचे लोगों और शवों की तलाश कर रहे हैं. बचाव दल ने गुरुवार को एक वाहन तैनात किया जो विशेष रूप से पानी में तलाशी अभियान के लिए बनाया गया है. 14 अगस्त को मचैल माता मंदिर के रास्ते में पड़ने वाले चशोती गांव में सालाना तीर्थयात्रा के दौरान आई प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या 65 तक पहुंच गई है. बादल फटने से आई अचानक बाढ़ ने भारी तबाही मचाई. इससे एक अस्थायी बाजार, सालाना मचैल माता यात्रा के लिए बनाया गया लंगर स्थल बर्बाद हो गया और इलाके में भारी नुकसान हुआ. 25 जुलाई से शुरू होकर पांच सितंबर को खत्म होने वाली सालाना मचैल माता यात्रा गुरुवार को लगातार आठवें दिन भी स्थगित रही. साढ़े नौ हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित मचैल माता मंदिर तक जाने के लिए श्रद्धालु चशोती गांव तक वाहन से पहुंच सकते हैं. उसके बाद उन्हें साढ़े आठ किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होती है. चशोती गांव किश्तवाड़ शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर है.