क्या आपने कभी सोचा है कि भारत में इतनी सारी परंपराओं और त्योहारों के बीच गणेश चतुर्थी को क्यों सबसे खास माना जाता है? दरअसल, भगवान गणेश सिर्फ विघ्नहर्ता ही नहीं बल्कि बुद्धि, सुख और समृद्धि के देवता भी हैं। यही वजह है कि जब भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी आती है, तो पूरा देश गणपति बप्पा के स्वागत में डूब जाता है। घर-घर में प्रतिमा की स्थापना से लेकर बड़े-बड़े पंडालों में सजावट तक, हर जगह भक्ति और उल्लास का माहौल नजर आता है।
इस दिन से शुरू होकर दस दिनों तक चलने वाला ये पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि लोगों के बीच प्रेम, एकता और सकारात्मक ऊर्जा भी फैलाता है। गणेश चतुर्थी 2025 में भी यही रंग देखने को मिलेंगे, जब भक्त पूरे मन से बप्पा का आह्वान करेंगे और हर्षोल्लास के साथ इस उत्सव में शामिल होंगे।
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