Skip to playerSkip to main content
  • 6 weeks ago
Part- 03 द्वितीय क्रियाएँ (GEO--मानव भूगोल के मूल सिद्धांत--7-- द्वितीय क्रियाएँ )

Category

📚
Learning
Transcript
00:00सबी विद्यारते हो नमस्कार, राम राम, रादे रादे
00:03दोस्तो आज हम बात करेंगे वी निर्मान उद्योगों का वर्गी करन
00:07वी निर्मान शब्द को हम पहले ही समझ चुके हैं वी निर्मान का होता है
00:10वी निर्मान बड़ा सरलसा शब्द है, दोस्तों आप जानते हैं, कच्छे माल को मुल्लेवान उत्पाद में परिवर्तित कर अधिक से अधिक मांगा उत्पादन करना वी निर्मान कहलाता है, तो आज हम वी निर्मान उत्योगों के वर्गीकन पर बात करेंगे, वी निर्मा
00:40आज हमारा दोस्तों वही टोपिक चल रहा है, यानि द्वित्यक क्रियाएं ही हम बात कर रहे हैं, द्वित्यक क्रियाओं के अंदर ही, आज भाग जो हम चक्छा करने जा रहे हूं है, भागती है, यानि आज इसमें तीसरी कक्छा है, बड़े सरलसा से, और जैसे हम ये सारे
01:10करें यहां पर वी निर्मान उद्योगों का वर्गी करने, अब देखते जाएगा हम जरूर वर्गी करन करेंगे, आपके अंचियाटी में वर्गी करन जो किया गया है, उसे बड़े अच्छे रूप से हम समझने का परियास करेंगे, सबसे पहले
01:40टेक्निकल की थोड़ी साहिता करेंगे, और बताएं क्या ये लाइन चीदी है, ठीक,
01:55हमें यहाँ पर बात करने हैं, जिसके बारे में अभी बात करने हैं वाला है, तो ये देखते हैं, सबसे पहले अगर हम बात करेंगे, एक तो हमें यहाँ पर देखना है,
02:19एक हमें यहाँ पर देखना है, हम उद्योगों का वर्गीकन करेंगे, वी निर्मान उद्योगों के वर्गीकन से बात हम कर रहे हैं, अच्छे रूप से ही इससे समझने का प्रयास हम करेंगे,
02:36गये दिखते हैं, सबसे पहले हम कहींगे अकार के अधार पर, तो वी निर्मान उद्योगों को हम सबसे पहले किस अधार पर विभाजित कर सकते हैं,
02:54अकार के अधार पर, फिर उन्हें कच्चे माल के अधार पर भी विवाजित कर सकतें, कच्चे माल के अधार पर, ये लिजी, तेल नंबर पर हम बात करें, तो यहां पर हम उन्हें उत्पाद के अधार पर भी,
03:17कि इस अधार पर हम कहेंगे उन्हें हम उत्पाद के अधार वेधार बंठ सकते हैं उदयोगों को
03:27और फिर आता है स्वामित्व के अधार पर तो कि सद्वान रहे स्वामित्व के अधार पर
03:42यह लिजी तो हमने दोस्तों यहां पर बात की किसके बारे में हम उद्योगों को यहां पर चार भागों में डिवाइड कर सकते हैं
03:53चारों भाग भी हम देखने वाले हैं एक टेकर के बात करेंगी तो सबसे पहले हमने अकार के अधार पर देखा है
03:59अकार के अधार पर हम उद्योगों को अगर हम बात करें तो टोटल तीन भागों में बात सकते हैं
04:04एक तो होता है कुटिर या घ्रेलू उद्योग एक होता है दोस्तो छोटे पेमाने का उद्योग एक होता है बड़े पेमाने का उद्योग
04:10और ये बात करते हैं
04:13तो सबसे पहले हम बात करें
04:15तो हम कहेंगे दोस्तों
04:17कि जो ये वाला उध्योग है कौन सा
04:19ये वाला
04:21अकार की अधारता
04:22इसे हम दोस्तों तीन भागों में बार सकते हैं
04:25तो एक तो कौन सा है
04:27तो एक तो हम कह देंगे
04:28कुटिर उध्योग
04:30कौन सा उध्योग है
04:32तो एक तो हम दे देंगे कुटिर उध्योग
04:34ये लेज़े
04:35एक है
04:37छोटे पैमाने का उध्योग
04:39कौन से पैमाने का
04:42तो हम कहेंगे छोटे पैमाने का
04:44उध्योग
04:45और एक है
04:48बड़े पैमाने का उध्योग
04:49एक है
04:54बड़े पैमाने का उध्योग यानि कि अकार के अधार पर हम उध्योगों को इस परकार बाढ़ सकते हैं
05:03ठीक है अब हम चलते हैं दोस्तों कच्छे माल के अधार पर
05:09कच्छे माल के अधार पर हम विवाजित करेंगे अभी देखते जाईएगा
05:14तो कच्चे माल के अधार पर भी हम बात कर सकते हैं
05:16क्रिशी अधारित उद्योग बाढ़ सकते हैं
05:19खनिज अधारित उद्योगों को हम बाढ़ सकते हैं
05:21रसायन अधारित उद्योग है
05:23और वन अधारित है
05:24पश्य अधारित है तो बहुत सारे अधारित उद्योग है
05:44खानिजा अधारित
05:48तीन नमबर पर हम बात कर सकते हैं रसायन अधारित
05:52रसायन अधारित
05:59फिर हम बात कर सकते हैं वन अधारित
06:10फिर हम बात कर सकते हैं पशू अधारित
06:12तो ये लीजे दोस्तों हम कच्चे माल के अधार पर उध्योगों को इतने सारे भागों में बाढ़ सकते हैं
06:23क्रिशी अधारित तो बताने के अब सकता है ये बड़ा सलल सा होता है
06:27एक्जामपल में आपको बता दूँगा
06:28जैसे चीनी उध्योग हो गया, वनस्पति तेल हो गया, सूती वस्तर उध्योग हो गया, कोफी, चाय, रबड़ ये सारे के सारे क्रिशी अधारित है
06:36अगर हम बात करते हैं खनेज अधारित तो इन्हें हम दो भागों में बाढ़ सकते हैं
06:41धात्विक और एद धात्विक खनीज के धार पर रसायन वाले हम बाढ़ सकते हैं, पशुख धारित बाढ़ सकते हैं, वन अधारित हर प्रकार से बाढ़ सकते हैं, तो आईए दोस्तों सबसे पहले क्रिश्य धारित पर हम बात कर लेते हैं, क्रिश्य धारित पर एक्जामपल
07:11सबता है एक होता है एक होता है एक होता है कौणसा एग faço और
07:27आपको गर рад गाट क्यस coalition ऊजवांता है थात्रिक में तो लोग सब्रूग आगया कौनसा आ
07:35लोह इस पाथ उद्रूग आगया और ए धात्विक का एक्जाम्पल हम एक एक एक एक्जाम्पल ले रहे हैं इसमें लिख सकते हैं सिमेंट आगे
07:41कि सिमेंट लिख रहते हैं इसमें सिमेंट है चीनी मिट्टी है यह इसमें आ जाएंगी और लो वाले आपके सामने हैं वैसे तो धात्विक को भी आगे दो भागों में बांटा जाता है चलो वह भी मापको बताई देता हूं यहां पर जब हम लिखने ही लगे हैं तो एक तो ह
08:11यह सारे उरवरक है वगेरा यह सारे इसी में आते हैं जैसे कि उरवरक हो गया जैसे कि प्लास्टिक हो गया प्लास्टिक हो गया करत्री मरेशा हो गया बहुत सारे हैं वन अधारित के हम बात करें वन अधारित कौन-कौन से हैं तो वन अधारित में आप जानते हैं दोस्तो
08:41कागज यह सारे उध्योग कहां से हैं कागज हो गया तारपिन तेल हो गया कौन सा हो गया तारपिन तेल हो गया लाग हो गया
08:52इमारती लकडी उध्रोग आ गया
08:57तो ये सारे के सारे उध्रोग इसी में आते हैं
09:01पसु अधारित उध्रोग
09:03तो पसु अधारित में आप जानते हैं चमड़ा उध्रोग
09:05चमड़ा है उन है ये सारे किसमें आते हैं पसु अधारित आते हैं
09:09तो इसमें हम लिखेंगे जैसे की चमडा उध्योग आ गया, जैसे की उन उध्योग आ गया, तो ये इसमें आ गया, अब बात कर लेते हैं, इसके बारे में, उत्पाद के धार पर, उत्पाद के धार पर दोस्तों हम उध्योगों को दो भगों माच सकते हैं, मूल भूत और उ
09:39अभी मापको बताओं आदोस्तों कैसे पूरा का पूरा एक बार मैं इसको चार्ट बना देता हूं उसके बार हम इसके ओपर जुरू बात करेंगे गहराई से
09:47मूल भूत उद्योग किसे कहते हैं प्रिभाश्या भी मा आपको बता दूगा पृस्ति अंदर तो हम यह लिख सकते हैं लोह इस पार और भोगता उद्योग में हम लिख सकते हैं जैसे चीनी उद्योग हो गया जैसे कि हम बात कर सकते हैं वैसे तो भोगता उद्योग को वाप
10:17और वहान उद्योग तो ये भी आप सभी को ध्यानक नवा आगे अधरनमा आपको और दोगा
10:25स्वामित्व के अधार पर हम बात करें तो स्वामित्व के अधार पर हम कैसे बाढ़ सकते हैं
10:30वाल ये देख लेते हैं, स्वामित्व के अधार पर हम इसे वापस तीन भावों मार सकते हैं, निजी शित्र का उध्योग है, सहकारी शित्र का उध्योग है, और ये एक होता है सयुत शित्र का उध्योग, कौन से शित्र का सयुत शित्र का, तो हमने वापस स्वामित्व के अ
11:00अब मैं एक के करके सभी की परिभाशा बताता हूँ क्या है कैसे इसे हमें समझना होगा और कुछ नहीं है
11:07और बाद में हम दोफ तो एक के करके सभी पर हम चक्चा करेंगे
11:10अकार के अधर पर भी बात करेंगे कुटी उध्योगों पर भी बात करेंगे
11:13तो विय निर्मान उध्योगों के हम वर्गीकाण पर बात कर रही है।
11:16सबसे पहला है कि हम उध्योगों को टोटल चार भगों में बाढ़ सकते।
11:21एक तो हमारा कून्चा है, अकार के धरपर, फिर कच्ये माल के धरपर, फिर उतपाद के धरपर, फिर सौमित्रु कि धरपर है।
11:27तो सुनियेगा इसमें। कच्छे माल के धार पर हमने उद्योग उद्योगों को में कुटिल उद्योग छोटे प्रिमाने में पारी में।
11:49यहां दोस्तों हम बात करें किसके बारे में, हम बात कर सकते हैं, पूंजी निवेश, बिजली की कपत, इस अधार पर हमुसे रख सकते हैं, इस अधार पर हमुसे रख सकते हैं.
12:07प्रड़ �mmारे कच्छे माल के गाई कच्छे माल के लिए कच्छी पर निरबर के इसी इस ऑंवा गया
12:25मृति ग्यांच सब्सक्रा क नर्बर इस इस त gotten over the house
12:31यहां पर लिखा ना मैं पशुअधारी तो ऐसा कोई भी उध्योग जो पूरे रूप से कच्छे माल के लिए वनों पर नेदर है कागज उध्योग तो कच्छे माल के जहां से प्राप्ति होती है उनी नाम दे दिया गया है उत्पाद के दर पर मूल भूत और उपभुत भू
13:01करका था अपकज में कर भुलार प्सका सब्सका सब्सक्राइब यह अदिक
13:04करणा कर लाएं लजंश के अडिंगे निंग कर लाएं निकाल कर लाएं उससे इस
13:09इस पार्ट कर डेंगे भन पंजिंड़े को ऑपन पनीं इसमें कर रहा हैं जाने में चर मॉल-भूट
13:15लेकिन वहां से दूसरे जो बिजनसमेन है, वहां से लोगा करे देंगे, उसे मशीने बनाएंगे, तो जहां रखेगा ऐसा कोई उध्योग, जो दूसरे उध्योगों को कच्छा माल उपलम भिकरवाता है, वो मूल भूत उध्योग होता है, जैसे कि लो इस्पाथ, मूल भू
13:45पर लिखा हुए और भी वस्तर उध्योग है, जन तक पास पेज़ दिया, यहां पर लिखा हुए और भी वस्तर उध्योग है, जन तक पास पेज़ दिया, यहां पर लिखा हुए और भी वस्तर उध्योग है, जन तक पास पेज़ दिया, तो यह भोगता उध्योग होते है
14:15सइक्त शेत्र का स소यूक्त शेत्र की वाकरें पैसा उद्योग जिसके अंदर सरकार और आम।वैक्टि दोनोंวं का रोल को
14:22ऐसे उद्योगों को सेकारी शेत्र खा जाता है तो यह आपको आपको जहारक नह性 पना है
14:26और दोस्तों स्वामित्यों के अधारपर चारवघों बार्ण सेने पोन से होते हैं तो द्यानके ऐसे उध्योग जिन
14:55जिनमें उध्योगों का कार लिवेशित पुझी कारेरत सर्मितों की संच्या उरुतपाद की मात्रा पर निर्बर करता है उन्हें अकार पर अधारित उध्योगों को आगे तीन भागों में बांटा गया है तो वह आपको ध्यान अखना है कुटिर उध्योग छोटे पैमानेक
15:25स्थानी बाद्य क्चा माल को उप्योग करता है यानि कि वही परास-पास से कच्चा माल की प्राप्ठी करेगा सधारण से उजारों के माध्यन से और परिवार के अन्य सद्श्यों के साथ मिलकर दोस्तों देनिक जीवन के म Mansदलब की चलता रहे उसका इस परकार से वह उत्
15:55कि उप neighboring के वस्तों का उत्वादन करता है वो कुटी दृश्टता है तैयार द्योगों कुटी दृढ ड्यान श्तों ययां तो उच्वैकर्लें कर लेगा जो तैयार कुटी ध्योगों किया होता
16:17कि अब जयसे माल लीजे कि किसान तो क्या कर रहा है थे satu कर रहा है
16:28है यह माल लीजे गाहों के अंदर कोई और दियों चोटा सा नृव गाहों के अदर amzingाधिया को अधर क्षिकांठा कपड़ सुथ सूथ कपड़ा माधरा
16:34जैसे प्राजीन समय में होता था अपने शोले फिलम में देखा ना गंबर आता उस समय बना रहे हो तो सुती वस्तर उधर वो कुमार है जो गड़े वगर अपना रहा है कुमार को जूरत कि इसके वस्तर की और वस्तर वाले को जूरत है घड़े की तो आपस में समान के अदला
17:04अधोय में से कहते हैं और कुटी रुद्योग में दोस्तों देनिक जीवन के अंदर काम आने वाली बस्तों में का निर्माण के आता है
17:11जैसे की हध्यापतार्तं का निर्माण कर दीया कपड़ा बदा लिया चटाइया बना लिख तया ब्स बना लिए
17:18बना लिए, जूते बना दी चोटी-चोटी मूर्थियां बना लिए, यह सारे कुटी रुद्योगी कहलाते हैं, इनके अत्रिक दोस्तों पत्थर निटी के बरतन भी बनाई जाते हैं, जैसे ही तुद्योगे, चम्रे से भी कई परकार का समार मनाए जाता है, तो ये भी आपक
17:48अधार पर उध्योगों को तीन भागों माटा गया, इसमें सबसे पहले हमने कुटिर उध्योग के बारे में बात की है, तो पहले एक बार इतना लिखते हैं, फिर दोस्तों हम छोटे पेमानेक उध्योग और बड़े पेमानेक उध्योगों पर भी चर्चा करेंगे, तो आइ
18:18वर्गी करण अकार के अधार पर उद्योगों का वर्गी करण अब इसमें हमें क्या पाध्धानक ना है तो हम कहेंगे अकार पर
18:43जो अधारित उद्योग होते हैं अकार पर अधारित उद्योगों का वर्गी करण हम बात कर रहे हैं इसमें हमें क्या देखना है आईए हम इसके उपर बात करते हैं तो हम इसमें लिखेंगे दोस्तों किसी उद्योग का उसमें निवेशित पूंजी उसमें लगे शर्मिकों क
19:13किसी उद्योक आकार उसमें निवेशित पूंजी उसमें निवेशित पूंजी किसी उद्योक आकार उसमें निवेशित पूंजी लगे सर्मिकों के संख्या लगे यानि कहने का मत्रब है दोस्तों कारेर बोल सकते हैं कारेर सर्मिकों के संख्या
19:43कारेरत शर्मिकों की संख्षा और ध्यान रखे दो हम यहां पर बात कर रहे हैं किसी उद्योका कार उसमें निवेशित पूर्जी कारेरत शर्मिकों की संख्षा वे उत्पाद की मात्रा पर मिलबर करता है
20:07वे उत्पाद की मात्रा पर मिलबर करता है यह आपको जहां रखना पहला पूंट दूसरा पॉंट है
20:35अकार के अधार पर
20:42अकार के अधार पर
20:48उद्योकों को
20:53तीन भागों में
20:58विभाजित किया जा सकता है
21:07विभाजित किया जा सकता है
21:15अब एक एक करके हमें यही देखना है कौन कौन से है
21:25वह यह देखते हैं सबसे पहले
21:28एक नंबर पर
21:30कुटिर उध्योकों
21:33सबसे पहला कौन सा है
21:41तो सबसे पहले हम बात करेंगे दोस्तों किस पर कुठिर उध्योक पर बात करें जाए
21:44तो हमने देखा है कि उध्योकों के अंदर सबसे छोटी काई है दोस्तों
21:48जो निर्मान की सबसे चोटी काई होती, वो यही होती है, तो यह निर्मान की सबसे चोटी काई है, इसके हम बारे में बात करेंगे, आज़े देखते हैं, यह है निर्मान की, यह है निर्मान की सबसे चोटी काई है,
22:15यह निर्माण की क्या है
22:18सबसे
22:18छोटी काई है
22:22पहला पॉइंट
22:23दो नुम्बर पॉइंट हम लिखेंगे
22:25इसमें शिल्फ कार स्थानिय कच्छे माल का उप्योग करता है
22:28इसमें
22:31जो भी
22:32शिल्फ कार होता
22:33यानि कि जो उद्जोग स्थापित का रख है
22:35इसमें शिल्पकार स्थानिय कच्छे माल, यानि गाम से ही प्राप्त हो जाए, आसपास के शित्रों से प्राप्त हो जाए, स्थानिय कच्छे माल का उप्योग करता है, ये भी आप सभी को ध्यान रखना है, स्थानिय कच्छे माल का उप्योग करता है, इसमें दोस्तों ध्या
23:05के सबी सदस्यों के साथ मिलकर देवन देनिक जिवन की जो वस्तों ही है उनका अपादम करता है तो हम इसमें कहेंगे इसमें शिल्पकार इसमें शिल्पकार
23:20सदहारण ओजारों से प्रिवारिक प्रिवार के सभी सदस्यों के साथ मिलकर
23:38प्रिवार के सभी सदस्यों के साथ मिलकर
23:48देनिक जिवन में
23:58काम आने वाली
24:07वस्तों का उत्पादन करता है
24:24जैसे मान लिजीए कोई खाद्यपदा अख बना दिया लियाने बिस्किट वगएरा घर पर ही बना लिया जैसे की गोलकपे वाला गोलकपे घर पर अगलाता है न बई अध्यपदार्तिं तर जैसे कपड़ा हो गया अफ
24:48कपड़ा हो गया जैसे क्या हो गया कपड़ा हो गया जैसे दोस्तों चटाईयां हो गया चटाईयों वाले होते हैं ना सड़क के किनारे लगा के बैठे जाती है बरतन हो गया बले वो मिट्टी के बरतन हो बले वो किसी भी धातू के बरतन हो जार हो गया फरनीचर हो गया
25:11होजार वो गया, कई बार आपने देखा हो गा कि घरों के अंदर छोट-छोटे मलवकी। फरीपारियर कर देते हैं, इसके अलावा हम बात कर सकते हैं दोस्तों जूते हैं, आपने देखा हो गाख सर। चम्रे से जूते भी घर में बनाते हैं लोग।
25:32पुर्टियां हो गई लग्वों मूर्थियां चोट-चोटी मूर्थियां मना कर देते हैं जैसे आपने कई बार दशैरा आता है तो आपने देखा हुआ रावन की कागच यहां लकड़ी से बनी हुए एक मूर्ती मना कर दे दे दे दे तो दे दूस्ट रूपर उसका दहम किय
26:02और इसमें दोस्तों सबसे मैत्तपुन बात है कि शिल्पकार इन्हें स्थानिय गाउं के बजार में ही विक्राय कर देता है
26:11कभी कभी अपने उत्पादों के अगला बदरी भी कर लेता है दूसरे किसी शिल्पकार के साथ
26:17तो ये बात हमें द्धार रखती है अगला पॉइंट हम लिखेंगे कि इसमें
26:27शिल्पकार
26:34उत्पादीत वस्पों को
26:49उत्पादीत वस्पों को इस्थानिय बजार में ही विक्राय कर देता है
26:52स्थानिय बजार में
26:55विक्रे कर देता है
27:03कई बार
27:11अन्य शिल्पकार के साथ
27:17अन्य शिल्पकार के साथ है
27:23समान की
27:31अदला बदली
27:36भी कर लेता है
27:40यानि वस्तू भी निमे वपार कर लेता है
27:42यानि वस्तू के बदले वस्तू
27:44तो ये भी आपको ध्यान रखना है
27:47इसके अंदर क्या चीज नहीं होती दोस्तो
27:49तो मैं पहले इसे थोड़ा नीचे करके अराम से
27:52लिख लेते हैं हां in the Aby कि अगले पेश पर जीए बाक्की बात do the निया
27:55जैसे कि कुटिर लगोर दो लुता है जो कुटिर उधयो होता है कि इस पर पुंजी याम प्रिवन का कोई उधयोगों प्रजीक प्रभावीत नहीं
28:07करते हैं और कुटिर उध्योगों में जो निर्मित वस्पे होते हैं उनका वेपारिक महत्वों कम होता है अधिकतर उपकरण स्थानिय लोगों दारा निर्मित होते हैं यानि कि इनमें काम आने वाली जो करन होते हैं वो अधिकतर स्थानिय लोगों दारा निर्मित होते हैं त
28:37प्रिवहन्त अधिक प्रभावित नहीं करते अधिक प्रभावित नहीं करते
28:54कुटिर उध्योगों में अगला पंड देखेगा कुटिर उध्योगों में
29:09कुटिर उध्योगों में निर्मितत वस्तों का व्यापारिक महत्व कम होता है
29:36कि यहीं स्थानिय हो जारों से अधिक तर ऐसे उपकरण जो स्थानिय लोगों में दोर निमित की उन से बनाए जाता
29:55क्योंकि इन्हें यह लिख सकते हैं व्यपारिक महत्व कम होता है इसके बाद अगले लिख सकते हैं
29:59क्या होते हैं स्थानिय लोगों दोर निमित होते हैं
30:21क्या होते हैं स्थानिय लोगों दोर निमित होते हैं तो यह भी हमने देख लिया है कुटिर उद्योग के बारे में सरफ इतनी सी बात थी और कुछ बात नहीं है
30:45अब हम बात करेंगे चोटे पेमाने के उद्योग की चोटा पेमाना का उद्योग पोन सा होता है तो एक बार इसे नोट कर लिजेगा फिर हम चोटे पेमाने की उद्योग पर बात करने बात कि
30:57चोटे पेमानों की अगर बात करें तो चोटे पेमानिक उध्योग और जो पुटिर उध्योग और में ज्यादा अंतर निया तो वैसे तो घिन होते ही होते हैं
31:04इनमें अंतर क्या होता है तो दोस्तों इनमें अंतर होता है उत्पार्दन की तक्निक और मिर्मान स्था इन दोनों में अंतर होता है
31:14कुटिर उध्योग घर में स्थापित किया जाता है जब कि छोटे पेमानिक उध्योग घर से बाहर कार खाने कार
31:21चल्ड धानों में स्टापी दोता है पहली बात ऌ 2 टेक्षब दोस्तों पुती रुद्योगों में अइस इ horn ㅎㅎ
31:41Gज और और के लोगों के द्वारा नहीं अन्य लोग सब्सक्राइं बाति कोशन सरमीकों का और बाकि इसमें
31:49इसरे बाहर की बहुता है इसके अंदर अर्थ कुषल शर्मिक की आवशकता होती यानिकि अप्धेले घरवाले शर्मिकों से पार नहीं पड़ेगी दोस्तों।
32:05इसमें अर्थ कुषल अन्य सर्मिकों को भी लेना पड़ेगा शक्ति से चलने वाले जो यंत्र हैं उनका भी उप्योग लेना पड़ेगा तो यह आपको ध्यान अटना होगा दोस्तों
32:15अब क्या होता है जो चोटे प्यमाने की उध्योग है इसमें रोजगार के अवसर अधिक होते यानि रोजगार को बढ़ावा देते हैं रोजगार ज्यादा होगे फ्थानी निवाश्यों की क्रेशक्ति बढ़ेगी तो आपको यही तो द्यान अटना है भारत चिन इंडोने�
32:45महानगरों में जितनेवे लोग थे वो पैदल चल्चल कर मुंबई से कोलका ता बिहार की तरफ लोग पैदला आये शेयका मैं यह वह उपना इसी थिक्त नहीं आएगज दिकत नहीं आईगि छोटे प्यमाने को जोंगों को बंद करने की नूबत नहीं आईगी पैड़ी अ
33:15को पादन की तकनिक पोर्मान स्थल निर्मान स्थल को डोनों गेंडर के अदर क्या उत्तर निए स्थान्य कर्षे माल को उप्योग किया जाता है इसमें निवाशियों की और जितने भी विकासी लेजैसे भारत चीन इंडोनेश्य ब्राजिल देश्योंने अपने
33:43देशों के अंदर जो अधिक जंसंक्या है उसको रोजगार उपलब्द करवाने के लिए इसी प्रकार की सगन छोटे प्यमानिक उद्योग परारब किये हैं
33:52तो यह हमें इसके अंदर देखना है साथ साथ यह बड़े प्यमाने के लिए विशाल बजार विभीन प्रकार का शक्ति का साधन कुशल सर्मिक चाहिए विक्सित प्रजोगी की अधिक उत्पादन अधिक पूझी क्या शक्ता होती है यानि कि बड़ा बजार चाहिए कुशल स
34:22पिछले 200 वर्चों के अंदर इन उद्योगों का विकास बहुत जादा थी व्रगती से वाए पहले ही उद्योग ग्रेट ब्रिटेन हो गया सम्तराजी अमरीका के पुर्वी भाग इनमें लगाए गये प्रन्तु वर्तमान में इसका विस्तार विस्तों के सभी वागों में ह
34:52प्रिमाने की उद्योग चलो यहां पर लिखते हैं छोटे प्रिमाने की उद्योगों में हम लिखेंगे
35:11कुटिर उद्योग वर चोटे प्रिमाने की उद्योगों में
35:25चोटे प्रिमाने की उद्योगों में
35:32उद्पादन की तकनिक
35:41वे निर्मान स्थल की बिंता होती है
35:48निर्मान स्थल की बिंता होती है
35:56बिंता होती है
36:01दो नंबर प्रिमाने की उद्योगों में
36:11चोटे प्रिमाने की उद्योगों में
36:26स्थानिय कच्छा माद
36:29अर्द कुशल स्थार्मिक
36:36अर्द कुशल स्थार्मिक
36:43अर्द कुशल स्थार्मिक
36:44अर्द कर सकते हैं
36:58दोस्तों शक्ति के साधनों से चलने वाले सेंत्र आदी का प्रियोग किया जाता है
37:00यह विद्योगों में
37:02स्थानिय कच्छा माद
37:06अर्द कुशल स्थार्मिक
37:08जो बात कर सकते हैं दोस्तों
37:10और यह निअदे के साधनों से चलने वाले सेंत्र आदी का प्रियोग किया जाता है
37:14यह विद्योगों सिर्वनिक
37:24अगर
37:36यह लूगों का
37:40कि अग्ला पॉंण भी यह कैंट। हैं ईनों द्योगों में रोजगार के अफसर अधिक
37:52पैदा होनी के कारण क्रे शक्ति बढ़ गई है इस द्योग में इस वजे से इस इस थ्थानी
38:00निवाश्यव की ग्रेशक्ति बढ़ती है् दोस्तों परिये आगे लिखते हैं
38:04इस उत्योग में, रोजगार के अवसर अधिक होने के कारण,
38:26रोजगार के अवसर अधिक होने के कारण,
38:34इस उत्योग में, रोजगार के अवसर अधिक होने कारण,
38:38स्थानी है, निवासियों की क्रेशक्ति बढ़ती है,
38:51स्थानी निवासियों की क्रेशक्ति बढ़ती है,
39:01अगला पॉइंट हम लिखेंगे,
39:04भारत, चेन, इंडोनेशिया, ब्राजिल, और ब्राजिल आती देशों ने,
39:21अपनी व्रहद जनसंचा को रोजगार दिलाने के लिए,
39:40इन उध्योगों को बढ़ावा दिया,
40:01क्योंकि इन उध्योगों के अंदर दोस्तों ज्यादा यंत्री करण भी नहीं होता है,
40:10वो शर्मिक भी ज्याजा चाहिए, अर्दकुषल सर्मिक चाहिए,
40:14ति इस वजए से इन उध्योगों के अंदर क्या होता है, दोस्तों रोजगार ज्यादा होता है,
40:18नि विकास इन देश इन उध्योगों को बढ़ावा देता है,
40:33अब हमारा एक उध्योग हो रहता है अकार की अधार पर हमने देखा है छोटे पैमाने का उध्योग भी देख लिया है
40:38आप देख सकते हैं कुटिर उध्योग देखा च्वटा प्यमाने का उध्योग देखा और अब हम देखने वाले हैं दोस्तों बड़े प्यमाने का उध्योग
40:45तेन नमबर पा
40:48बड़े प्यमाने का उध्योग
40:59तो इसमें हम क्या लिखेंगे दोस्तों
41:06इसने हम लिखेंगे कि इसमें विभिर्म परकार का कच्छा माद, विशाल बजार, शक्ति के शादन, कुल्चल सर्मिक, विच्षित परद्योगी की और अधिक उत्पाद्रियों अधिक पुझी की अवसक्ताफ होती है।
41:20पिछले 200 सालों में इनका विकास हुआ है, इसका विकास हुआ है। यह है दोस्तों क्या था पहले ही है, ग्रेट बिटे जैसे कि हम बात करें से उत्राज अमरिका के पुर्वे भागों में लगाए गे थे प्रतु वर्तमान में का विस्तार पूरे विश्व में हो चुका है, �
41:50विभिन परकार का कच्च्चा माल, विभिन परकार का हुआ यो द्यों मदेखू अँम बड़े बजाहा दिवीन परकार का चा माल, आर हागे हम लिखेंगे
42:14इनो जोगम बड़े बजाद विविन प्रका का कच्चा माल
42:21शक्ती के साधन
42:24अधिक उत्पादन
42:32अधिक उत्पादन
42:37एमम
42:39पूंजी
42:41कुशल सर्मिक
42:44का प्रियोग किया जाता है
42:51का प्रियोग किया जाता है
42:58यह लिजे
43:03हम लिखेंगे
43:05इन उद्योगों का विकास पिछले 200 वर्षों में दिख हुआ है
43:08इन उद्योगों का विकास है
43:12पिछले 200 वर्षों में हुआ है
43:21पिछले 200 वर्षों में हुआ है
43:27अगला पॉइंट हम लिखेंगे
43:32पहले यह है
43:33ग्रेट ब्रिटेन
43:38पहले है ग्रेट ब्रिटेन
43:42उत्री अमेरिका वे
43:47यूरोप के
43:53पुर्वी भागों में स्थापित हुए
43:58पुर्वी भागों में स्थापित हुए
44:05वर्तमान में लेकिन वर्तमान में
44:12लेकिन वर्तमान में
44:24पुरे विस्वों में इनका विस्तार हो गया है
44:30इनका विस्तार हो गया है
44:38तो ये बात आप सबी को चिरुप से ध्यान रखना है
44:54झाल झाल झाल झाल झाल
45:24तो आपने देखा बड़े प्यमानेक उद्योगों के बारे में
45:31के इनके अंदर बड़े बजार चाहिए विविन परकार का कच्छा माल
45:35शक्ति साद्र अधिक उद्पादन वैपुंजी कुशल सर्मिकों को परियोग किया जाता है
45:39पिछले 200 सालों में इनका अधिक उधिकास हुआ है
46:09परमोग नितंए पर्देशों को कि इनकी पर्मुक उद्योगीक-पर देशों को,
46:30पर्मोग उद्योगीक-पर देशों को
46:36विश्व के प्रमुख उद्योगिक प्रदेशों को
46:45व्रहद पैमाने पर
46:52निर्मान के धार पर
46:57निर्मान के धार पर
47:03दो भागों में बांटा जा सकता
47:06दो भागों में विभाजित चया जा सकता
47:26आईए देखते हैं कौन कौन से हैं दो भाग
47:28तो एक नंबर पर हम देखने वाले हैं
47:33परम प्रागत व्रहद उद्योगिक परदेश
47:35परम प्रागत व्रहद उद्योगिक परदेश
47:44और दो नंबर पर आता है दोस्तों एक तो है प्रम प्रागत व्रहद उद्योगिक परदेश और दूसरा है उच्छ परद्योगिक वाले व्रहद उद्योगिक परदेश
47:51और दो नंबर पर आता है दोस्तों एक तो है प्रम प्रागत व्रहद उद्योगिक परदेश और दूसरा है उच्छ परद्योगिक वाले व्रहद उद्योगिक परदेश
48:04उच्छ परद्योगिक वाले व्रहद उद्योगिक परदेश तो ये लिजे विशो के जितने भी हमारे
48:27अधिक विक्सित देशों में इनका विकास हुआ है।
48:57और हम इनमें लिखेंगे कम विक्सित देशों में इनका विकास हुआ है।
49:07तो ये लीजे। तो हमने इसके बारे में बात की है। आज हमने बात कर ली अच्छे रुप से किनके बारे में तो वो देख लेते हैं।
49:13तो एक बार इसे नोट कर लीजेगा फिर हम आगे बढ़ेंगे।
49:29दोस्तों आज हमने दिट्या क्रियाओं का भाग तीन नमबर शुरू किया था और सबसे पहले हमने वी निर्मान उध्योगों का वर्गी करन देखा।
49:49और वर्गी करन में आप सभी को एक चीज का ध्यानक नई कि उध्योगों हम अकार के अधार पर कच्छे माल के अधार पर उतपाद के अधार पर स्वामित्व के अधार पर चार भागों में बाढ़ सकते हैं।
50:13पर नीजी साहकारी और स्यूक सेत्र में हम बाट सकते हैं।
50:16उसके बाद में आपने देखा है कि अकार के अधार पर उध्योगों का वर्गी का।
50:20किसी उध्योगा कार उसमें निवेशित कुझी कारेयर सर्मिकों की संख्याव उत्पाद की मात्रा पर निर्वर करता है।
50:25और तीन भागों में बाटा गया कुटी रुध्योगों यह कैसा उध्योग होता है।
50:28निर्मान की सबसे छोटी का यही होती, इसमें स्थानिय कच्छे माल का इस्तमाल किया जाता है, इसमें अक्सर शिल्पकार दोस्तों सधान होजारों का इस्तमाल करते हैं, पूरे प्रिवार को शामिल करते हैं, उत्पादन करता है, और हो सकता है कि स्थानिय गाहों का जो बज
50:58कि यहां पर दोस्तों उत्पादन की तकनिक यहां पर अन्य लोगों के भी हम सायता ले रहे हैं शर्मिकों की घर के लोगों का इस्तिमाल नहीं कर रहे हैं
51:19की सतमाल इसके अंदर के साधनों से चलने वाले यंत्रों का भी परियोग कर रहे हैं यह साणी चीज़ें थे रोजगार के अफसर्वज़ जादा व्तिशव में
51:45तो आज तो हम इत्रा ही देखने वाले हैं अगला जो पार टाएगा उसके अंदर में कच्छे माल के अधार पर उद्योगों का वर्गी करेंगी तो आज इत्रा ही आपने प्रेम से बनाया रहा उसके लिए बहुत-बहुत दन्यावार
Be the first to comment
Add your comment

Recommended