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RSS Independence Day: तिरंगा बनाम भगवा! RSS और तिरंगे का दशकों पुराना विवाद क्या है? क्यों संघ ने सालों तक अपने मुख्यालय पर तिरंगा नहीं फहराया और भगवा ध्वज को क्यों असली प्रतीक माना? जानिए 2002 के उस ऐतिहासिक मोड़ की कहानी, जिसके बाद यह विवाद एक परंपरा में बदल गया। सरसंघचालक मोहन भागवत द्वारा ध्वजारोहण के क्या मायने हैं और 'विश्व गुरु' के संदेश के पीछे संघ की कौन-सी बदलती छवि है? इस वैचारिक संघर्ष की पूरी सच्चाई और अनकहे पहलुओं को समझिए, जो भारतीय राजनीति में हमेशा चर्चा का विषय रहा है।

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00:00तिरंगा बनाम भगवा, क्या है संग का दशको पुराना विवाद, विवाद से परंपरातर, अब तिरंगा क्यों फेहराता है संग?
00:23भागवत ने फेहराया तिरंगा दिया विश्वगुरु का संदेश, उन्यासी वे स्वतंत्रता दिवस के अफसर पर जबराश्ट्रिय स्वयम सेवक संग, आरेसस के सरसंग संचालग मोहन भागवत ने तिरंगा फेहराया, तो ये केवल एक आपचारिक भचा आरोहन नहीं थ
00:53अतनी देश को संबूधित करते हुए कहा कि हमें स्वतंत्रता को लेकर आत्म संतुष्ट नहीं होना चाहिए, बलकी से बनाये रखने के लिए कड़ी महनत और त्याक की आवशक्ता है, उन्होंने भारत की भूमिका को विश्वगुरु के रूप में रेखांकित करते हुए
01:23नागपुर स्थित संग मुख्याले में भी ध्वजा आरूहन किया गया, जो अब एक इस्थापित परंपरा बन चुकी है।
01:53संग का तर्क था, वे अपने संगटनात्मक प्रतीक, भगवा ध्वच को भारत्य संस्कृती, त्याग और राश्ट्र भक्ती का असली प्रतीक मानता है।
02:05इस्रुख ने कौंग समीत कई विपक्षी दलों को संग पर हमला करने का मौका दिया।
02:10अलुचको का कहना था कि संग राश्ट्र ध्वच का सम्मान नहीं करता और उसकी निष्ठा तिरंगे के प्रती नहीं है।
02:17ये विवाद तब और गहराया जब 2001 में कथित तौर पर संग से जोड़ी लोगों ने किसी को तिरंगा पहराने से रूगा था।
02:27इस विवाद में एक महत्वपून मोड आया 2002 में जब एक चनह दिया चिका और बढ़ते सारवजनिक दवाब के बाद संग ने पहली बार अपने नागपूर मुख्याले पर गणतंत्र दिवस के अफसर पर तिरंगा फैराया।
02:42उस दिन के बाद से संग ने राश्ट्रे परवो पर ध्वचा रोहन को एक नियमित परंपरा बनाया। इसके बावचूद राश्नेतिक गलियारों में ये बहस समय समय पर उठती रही।
03:12लिए नर्धारित सभी नियमों का पालन करता है। लेकिन अपने संगटनात्मक का रिक्रमों की लिए भगवा ध्वच का उप्योग करना उसकी वैचारिक स्वतंतरता का हिस्सा है।
03:42आपित करना चाहता है।
03:44अप्योट झारिक बुगश सभी नियमों का चाहता है।
03:48ऑलनु lever लिए नियमों का बर्धारिक
03:53दोलोट अप्योटनात्ग्व झालन का उस्चांट्वस धर निस र्ट 연ीद यावाव
04:00झाल झाल झाल
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