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  • 3 months ago
असम के सोनितपुर जिले के बोरसोला में चाय उगाने वाले किसान मुश्किलों से जूझ रहे हैं. कई किसानों का दावा है कि उनकी उपज के लिए मिलने वाली कीमतें अचानक गिर गई हैं. किसान असम सरकार से चायपत्ती के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने की गुजारिश कर रहे हैं, ताकि उनकी आमदनी पर असर न पड़े. छोटे किसान अपनी चाय की पत्तियां बीएलएफ यानी 'बॉट लीफ फैक्ट्रीज' को बेचते हैं। हालांकि उनका आरोप है कि उन्हें अपनी उपज की सही कीमत नहीं मिल रही है. 'बॉट लीफ फैक्ट्रीज' चाय पत्तियां खुद नहीं उगाती हैं. वे छोटे चाय उत्पादकों से ताजी हरी पत्तियां खरीदते हैं और फिर उन्हें प्रॉसेस कर चाय बनाते हैं और उसे बेचते हैं. बोरसोला के ज्यादातर किसानों के लिए चाय की खेती आय का मुख्य जरिया है. अब वे भारतीय चाय बोर्ड और असम सरकार से तुरंत दखल और जरूरी मदद देने की अपील कर रहे हैं.

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00:00किसान असम सर्टार से चाय पत्ती के लिए न्यूंतम समर्थन मुल्य तै करने की गुजारिश कर रहे हैं ताकि उनकी आमदनी पर असर न पड़े
00:22I thought that at that time, some tea will be good, some house will be good, some income will be good, but now it is like this.
00:35It is difficult to think that there is not a good rate of tea.
00:40The tea that we need to get, we don't need to get our knowledge.
00:45So, now we have to go very difficult.
00:48Then we have to go from our government.
00:58All this can be great now.
01:05
01:18chai outpadaqo se tazi hari patiyaan kharii te hai
01:21or phir unhye process kar chai bana te hai
01:23ur uswe biecte hai
01:24I am aad 15 saal si is khayti me judha ho
01:28to abhi to starting me thoda qi'ma thao chai pati ka abhi nai hai
01:33aaj se suna hai 16 rupi ho gaya 16 rupi ho gaya
01:3516 rupi me pardata nai kata hai
01:3616 rupi me lag-bag 7-8 rupi aapka costing aja ta hai
01:40or medication me chala jata
01:42baki or chigi ho me chala jata
01:43to us me hain bachat kuch bhi nai ho ta
01:45और T-Board की तरफ से भी कुछ भी help नहीं है
01:48किसी तरह कोई meeting करे, कुछ भी करे, कोई help हो, कुछ भी नहीं है
01:52यह हो सकता है, T-Board के लोग भी मिले हुए है
01:55यह तो हमें नहीं पता
01:56साइट जहां तक हमें लगता है
01:58बॉर्सोला के ज्यादा तर किसानों के लिए
02:05चाय की खेती आय का मुख्य जरिया है
02:07अब वे भारतिय चाय बोर्ड और असम सरकार से
02:10तुरंत दखल और जरूरी मदद देने की अपील कर रहे है
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