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Part- 16 पर्यावरण तथा धारणीय विकास (ECO--भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास--2--भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने वर्तमान चुनौतियाँ )

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00:00हेलो हाई नमस्तार मेरे प्यारे विद्याति उतकर्ष के सी यूटी चैनल पर हाटिक स्वागत अभी रंद्र है तो मेरे प्यारे साथ इस नवीन तम क्लास के अंदर हम लोग बात करने वाले हैं नवीन चैप्टर के बारे में यानि हमारा आज का चैप्टर रहने वाला है पर
00:30परडू नवSट क क्या करते हैं और यह कही नकई हमारे आने वाली के लिए बहुत रख थ्यक्ति होने वाला है तो इसे
00:57इसे नियंत्रित करने के लिए राजी सरकारों और अगर हम बात करेंगे सांधर सरकारों क्या क्या-क्या इंतिजाम किया है
01:13इनके उपर भी हम लोग चर्चा करने वाले हैं तो चलिए हम लोग सुरुवात करते हैं परियावन का अर्थ क्या है इसके क्या कारिय होते हैं वो थोड़ा हम लोग चर्चा कर लेते हैं चलिएगा परियावन यानि देखिए परियावन को समस्त भूमंडलिय विका विरासत औ
01:43किसी पूरी एकोनोमी के अंदर पूरे अगर वर्ड के अंदर बात करें हम लोग जो संसादन होते हैं चाहिए वो नवीनी करफ संसादन हो चाहिए वो अनवीनी करफ संसादन हो इन सभी को इंक्लूड किसमें किया जाता बटा परियावरण के अदर इंक्लूड किया जाता ठी
02:13रसे की तो पर्यवण को नोगने वीघ्ट कर सकते हैं या फिर इसमें दो ततों को समिक्न कि या जाता एक भूमंडलीय हुआ है
02:24इस विस्तार चलिए उसके बाद इसमें और क्या कि जैती है जो हम इसमस्त विस्टारा इसमें
02:39परिवन नंपयरण
02:42नमस्तु अब कहते हैं सर्थ परियावन के अंदर इसमें दो परकार की तत्वों को सम्लिट किया जाता है परियावन के अंतरगत जिसमें हम लोग बात करेंगे जैविक और अजैविक तत्वों को यानि जैविक जो भी चीज़ें होती है
03:11और अजैविक तत्वों को इसमें इंक्लोड किया जाता है अजैविक कौन से जैविक जैविक तत्वों को इसमें सम्लितर किया जाता है तो दो तत्वों से मिलकर बनता है बैटा जी क्या परियावरन बनता है क्या बनता है परियावरन या पर बनने वाला है एक तो जैविक त
03:41कर था दूसरों यूझे सकते हो झाइस समद्ध ही हैoter सब JEV's और चाहिए
03:57पखशी पशुकक में जैसे में आपको बताएं जिसमें जीव होता हैं चाहिँ बोदा हो
04:09परकुल
04:29चटंगन और सूर्य ना सूर्य की जो किरण बगरा होती है ना
04:35काश्रस्य जीव करकुल बदम मंची यकल्ट के परीवरन के इजो करेंबिए
04:39इनी जीविक और ऐजैविक गटकों के बीच अंतर समन्द का अधियन किया जाता है।
05:05अधियन कहलाता है ठीक है चलो आगे बढ़ते हैं जी नेस्ट क्या है देखिए परियोण की कारी कौन-कौन से हैं मोस्टली चीज़ें में पता होनी चीज़ें सर्फ परियोण क्या हमारे लिए क्या मैत तो रखता है इसकी क्या इंपोटेंस है हमारे लाइफ के अंदर उसकी �
05:35संसादनों की परीपासा को समझने का परियास करें संसादन होता है एक चिक लिए संसादन के बारे में अगर आप से दो वर्ड उच्सां जाए तो जो हमारी आउशक्ता Son
05:38संसाधन की बारे में अगर आपसे दो वर्ड उच्छा जाए तो जो हमारी आउशक्ता को संतुष्ट करने वाले
06:05करने वाले जो भी सेवाएं हो सकती है उसे हम लोग क्या कहते हैं उसे हम लोग संसाधन कहते हैं
06:20सिंबल सा फंडा यही है कि जो मान्य आउशक्ताओं को संतुष्ट करने की जो वस्ट में हो सकती है
06:26सेवाएं हो सकती वही क्या कहलाता है ठीक है चलो तो यह क्या करता परेवन हमारे संसाधनों की पूर्ती करता अब संसाधन की
06:34इतनी टाइप की होघे अगर आम संसाधनों के परकार की बात करते हैं लोगं तो यह दो परकार के होता है कितने परकार के बटा यानि
06:58करने के बाद उससे परियोगं को बाद whatnot जैसे हम लोग बात करेंगे सर्थ
07:26जैसे मालीज मैं पैट्रोल की बात करता हूँ, किस की बात करता हूँ, मैं पैट्रोल की बात करता हूँ, मैं कोईले की बात करता हूँ, किस की बात करता हूँ, कोईले और पैट्रोल है, तो ये कैसे संसादन हो जाएंगे बटा, अनवीनी करत, अनवीनी करन ये जो संसादन हो
07:56नवीन बन जाते हैं जिनका रिसाइकल हो सकता है उसे हम लोग घंगे उसे हम लोग कहीं घर्णार और चलो तो यह संसाद्मों की पूरती करते हैं फिर बात क्या करेंगे
08:10जीसे सें को समोफित कर लेते हैं और वशेश will कर लेते हैं अशिशे जैसे आख माल समाहीति कर लेता का स्व YEAR क्री ने के देखा होगा � sco
08:32इस चीज चाहिए व्ही पर्यावन के माध्यम से चीज यह काम कौन करते हैं, अगर पर्यावन जीवान नहीं होते, तो कोई भी चीज आपको जैसे जीज लिख रही है, वैसे ही होती करते हैं,
08:59तो अगर माले परियवन की सी जैसी कोई चीज नहीं होती जिसमें गैसा HOW संतल नहीं होते तो पॉद्धा वे नाहीं होता है तो क्ल बिलाग बात यह कहना चाहता है
09:11कि परियावन जो है उपम्दार्थ जो भी होता है जैसे पशू अमर गया है या फिर जंगल जो है क possono
09:19करें चाहिए और जैविक विविद्था परदान करके जीवन का कोशन भी करते हैं यह खूप सार परकार कि आपको जैविक विविद्था प्रदान का कोशन कोशन पर करके
09:45सबादश करता हैं उऐ को इसे सवाय और प्र रदान करता है संदर जैसे पहाड़
10:06परियावन के कारियों के बीना किसी वैयोधान के तभी कर सकता है जबकि ये कारिय उसकी धारन समता की सीमा में हो
10:30तो अगर ऐसानी से कर भी लेगा और दूसरी से बाहर काम ऐसे पर्यायकों नहीं कर पाएगा।
10:46इसी परकास पर्यावरन इन कारियों को बिला किसी व्यावताम के तभी कर सकता जब उसकी कैपिसी के अंदर हो।
10:52अगर आपके सी मसीन दी के उपर उसकी कैपेसिति से जादा अगर आप उसमें कच्छा माल डालेंगे दिया क्या हो जाएका सर मसीन दी खराब हो सकती है
10:59तो इसी मात्रा बढ़ जाती है रहा उसकी जीमा कि यह जाएगा वह एक दम से पर्दूश्यता हो जाएगा
11:22तो जब तक इसको अब्जोर कर पाएगी जब तो उसकी शंता में इसका आर्थ यह है कि संसादनों का निश्कर्शन इनके पुनर जनन की दर से अधिक अधिक नहीं हो कहने का मतलब यह होता है कि एक परियावन के अदर जो चीज उत्सर्जन होती है परियावन के चीज जो एक
11:52होने का मतलब यह है कि परियावन परिशन एक तरह से हमें दिखाई दे रहा है ठीक है चलो देखो क्या होता है कि जैसे हम लोग बात करते हैं हमारे परियावन के अंदर हम लोग हवा की बात करते हैं हम लोग ऐसे खनीज की बात करते हैं मैं कोईले की बात करता हूं मैं पै�
12:22एक दिन एक दिन ऐसा आएगा यह खत्म होने वाले क्या होने वाले तो उन्होंने यह कहा है कि जब यह चीजे बनेगी नहीं तब परियोण संतुलन कैसे हो पाएगा दूसरी बात यह कह रहे हैं कि सब एक अमारी पूरी पूरे परियोण के अंदर कर अगर बात करें कि नाइ�
12:52अगर असम्तुलन हो जाय हो जाय हो जाय हम लोग इस पर्वी पर जीवी नहीं पान आगार आइज है
13:09जो भी परियोन के अंदर आप लोकों को जो प्रोवेट किया जारा परियोन के द्वारा अगर उसकी रेट अगर जादा होगी किसे उसके बनने से जो भी संसाद मन रहा चाहिए पानी मन रहा हो चाहिए वह गैस मन रही हो चाहिए सौरूर्जा हो चाहिए और भी कई ऐसे ची�
13:39तो एक और उताराण की रूप में हम लोग ऐसे समझ सकते हैं कि जैसे हम हैं कि तीन रोटी की भूग है और हम लोग 5-6 रोटी खारें दनीशी तोर पर हमारी तबीयत बिगड़ने वाली है तो इसी परकार से हमारे पर्यावन के भी यही होती है ही हम लोग कह सकते हैं सिद्धा
14:09सकता है शार उसका उठ्सार्जन जो है यह यह तका जो उप्योग है वह निश्करशन समता से बाद हो जाएक तो निश्य तो पर परियावन को समावेशन समता के बित्र हैं अब बात करें ईक और प्वाणि यह यह रहां पर अए रहा थे सरो ऑफिर आ समता क्या हुती है अ�
14:39हम कंजप्शन करने की स्कैपिस्टी उसके हम लोग बात करते हैं तो अउसेस जो बचेवे होते हैं अउसेस सम्तागार्थ है परियोवरण की अप्षय को सोकने की योगिता से हैं इनके कारण ही आज हम परियोण संकट की दैलीज पर खड़े हैं मतलब अप्षय मतलब जो ची�
15:09करने की जो सम्ता होती है वह और शोब अवसरी सम्ता कहलाती है इसे कारण ही आज हम परियोण संकट की दैलीज पर खड़े हैं मतलब इसकी जो खा�े सकते हैं परियोण की ये धीरे-धीरे क्या हो रिया है क्यों कुई परियोण प्रदूशन बढ़ रहा है बड़न बढ़ र
15:39कर दो में वाला है तो हमें जाग्रु होना चाहिए ताकि हम लोग इस परियोन को बचा सके और आने वाली जो पीडम है जिसे हम लोग दानी विकास के पड़ेंगे अने वाले टॉपिंग में, उसको बचा कर रख सके यह तो आज हम लोग इंट्लाइस कर रहे हैं आप जो हम ल
16:09परियावरन की इस्तिति अलग है अगर हम हवाओं की बात करते हैं तो उसकी इस्तिति अलग है भारत के अंदर और साथ ही जाथ हम लोग चर्चा करते हैं जगह जगह पर मिट्टी अलग मिलती है
16:32अगर हम लोग बात करें सर भागोलिक इस्तिति भी वह भी अलग अलग है तो खूब सारी इस्तितियां देखने को मिलती है तो भूमे की उच्छ गुणवत्ता सैग्ड़ो नदिया उप नदिया हरे भरे वन भूमी के सतर के नीचे बहुत आईता मैं उपलब्द घनीज पदा
17:02वगरा सारी चीजे हमारा जो देश यह संपन सब में हम अगरा देश होती है ना उन रित्वां के अंदर हम लोग क्या कर सकते बड़ा अलग अलग परकार से पॉर्ट सेंट कर सकते हैं खूब सारी यहां पर वीविधिता पाई जाती है अमारे परियान के अदर जो भारत के �
17:32कपास के लिए उप्यूगता है इसके कारण ही इस चेत्र में कपड़ा उद्योग भी कैन देते हैं अगर हम बात करें कि पर्यावन के वजह से
17:42क्या होना यह चीज है आसपास वाले चेत्रों में क्या सरमील जो विश्वर खेत्र होता है महां इस्ता पिता हो
18:01चलो अरब सागत से बंगाल की खाडी तक गंगा का मैदान है जो की विश्व की अत्यतिक ऊरवरक चेत्रों में यानि क्या लेकर चेत्रों में से एक है और विश्व में सबसे गहन खेती और गहनत्व जनसंग के आवाला चेत्र है
18:25भारत के बाद करें तो घंती भी कहां पर पर की जाती बात में की जाती है और
18:30जहन सेंग्या गहनत्व की बात करते हैं एक हजार संख्या होती हो से देश में लोज है जिसमें प्राकरतिक गैसे
18:48अगर हम टोटल की बात करते हैं
18:59जितना फिक हंडर
19:10हमारे देश के विदिन भागों में बॉक्सिट।
19:12तांबं ग्रोमिट हीरा सवनसा भूरा कोईला मेगनीज जिन्क यूरेनियम में इत्य שנ4वाऊ कोईलाची से संसाध्ण क्वाइटे अंगा मात्रा की बात करें वॉक्षाइड मिल जाता है घ्र्न एक पर अगर परत्वी के ंदर भारत के इंदर भारत के सटें हैं
19:41भारत में खनीजों का अगर देश कहने तो अभी को यतिशुक्ति नहीं होने वाली है भारत के परियावरण को भारत के परियावरण के दो तरफा कत्र है क्या हो सकता एक तो गरीओं के कारण परियावरण
20:02का अप्षय और दूसरा है खत्रा साधन संपंदा और तेजी से बढ़ते हुए और दिक शेतर के कारण पर्दुशन बढ़ रहा है तो यह दो कारण हो सकते हैं
20:24सकते हैं दो कारण भारत की अतियती का गंबीर पर्याण समश्याओं में वायू पर्दुशन दोसित जल म्रदा जो श्रण है या वन्यय कटाव है और वन्यय जीव की विलुपती है अब यह किस कारण होते हैं इनके उपर भी चर्चा करेंगे अगर हम पर्दुशन की बात करत
20:54वायो पर्दुशन अब इसके अलावा द्वनी पर्दुशन आएसके अलावा क्या करेंगी डिस एकर नावा मुर्दा पर्दुशन जैसे मिट्टी कहाते हैसरी मुर्दा पर्दुशन होगया
21:15तो यह खूब सारे जो पर्दुषण है हमारे देश के अंदर हमारे प्रत्वी के उपर होते हैं यह अलग अलग टाइप से हो सकता है तो कहीं ने कहीं यह जो पर्दुषण हो रहा है यह जल में जल दुशित हो रहा है यह वायो दुशित हो रही है वनी पर्दुषण ज्या�
21:45हो गया जैब वी विवी तिदा में कुछ तरिक की बात करते हिं अब नहीं है
22:02क्यों कि परीयोण असंतुलन हो गये क्योंकि आन्दर आप करने के लिए उन्हें परियोण
22:12हुआ सोब यहां तो जैसे परियांट के घ्रल चुका हें और जैसे मनुश्य भी खत्म होते जाएंगे या फिर मनुष्य जो है प्रानी जगत भी देर देर, जैड़िय दिरे क्या होता जाएगा ज्यावी कि हम पारक्षायई
22:33करणा की विभी दादा की हानी हो रही है सहरिक-षेत्रों में वहान-परदुषन से उत्पन-वायु-परदुषन जाने होता है वह वायु-परदुषन रहे होता है वहान-वान से निकलने वाला दुवाँ
22:56वहां होता है उसकी वज़ देज ताज-फानीका परबंद सही तरीके से नहीं करना और ठोस परबंद सही तरीके से
23:03नहीं होने की वज़ज़ से का हो सकता है परदुशन हो शकता थे कैं भार्ड main बूमी का
23:23कटाव जो हो रहा है तो कहीं न कहीं हम लोग कहेंगे कि सर्देश के अंदर कह सकते सर्फ परियों पर्दूशन का कहीं कारण क्या हो सकता है चलिए फिर बात करते हैं नाइस्ट पॉइंट की भूमी के लिए उत्रता ही कुछ परमुख कारण कौन-कौन से हैं देखिए क्यों �
23:53है वर विनाज के व्लशुरूप बनाश्वति हैं और अधर मश्कति की अगर्व विनाज की बात करते हैं फुर मोग करते हैं जैसे जैसे वैसारी कर्ण होता जा रहा है जैसे जंसंग्या बढ़ती जारी है तो उनके रहने के लिए प्रबंथ करना पड़ेगा तो प्रबं�
24:23बाई बाई झाल
24:53झाल झाल
25:23झाल
25:53जो है उसका विनास करेंगे
26:15सिंपल सी बात है वनों की कटाई करेंगे और वनों की कटाई का मतलब है कि से जया विविभता तो उसका प्राणी जगत की बात करते हैं तो वह जीवित रहती हैं अगर
26:45सर्वाय कर पाती है विलूप्त नहीं हो पाएगी ठीक है चलो तो पहला है वन विनास के फाल्स रूम वन अश्पती की हानी होना अधारणिय जलाओ लकड़ी और चारे का निस्का संग मतलब अधारणिय रूप से में लोग बिना सोचा समझे बिना सोचे समझे हम लोग क्या क
27:15से वही जो पहाड़ी इलाका है वहां से लोग चारे को उठागे लिया आते हैं आपर जो वनों की कटाई के वज़े से मर्दा का शरण भी दीर दीर होने लग जाता ठीके चले फिर खेतिवाड़ी कहीं ने कहीं जो और तरीके से यानि और वैगनिक तरीके से की जाती है खे
27:45को सब्सकी युश्ब मैं जो ननष्ट हो सकता है यह कूरा जो रखते हैं वह लोग के अंदर घृ त्याइव है या फिर जो विवास्तों मैंजड़ीवुटिया उंपायों
28:06चले है थिवह सरिकषन हो की ऑ�वत्वि
28:12करण के लिए समचित उपई उपायों को झाना मतला पेड़ों को कार तो दिया जाता है अगिन वापस लगाने की
28:24की किसी तर से कोई जी इने तो यह स्वित अगर करते जाएंगे तो क्या होने वाला है परियोड और असन तुलन कोंड़
28:31प्रशी रासाइन का अनुचित पर्योग जैसे रासाइन एक खादों और उरुरण कों का परियोग किया जाता है
28:46जिससे हमारी पर्तुई निटी है या फिर मर्दा है वो दुशित हो जाती है वो परणुशित हो जाती है
28:55सिचाइव वयवस्ता गता से अर्ल अविवग अ फूण पर्बंदिन आगर सिचाइवय वयवस्ता सब्लाणिय n सही तरीक से से नेकिक
29:00प्लानिंग सही तरीके से नहीं की जाती है उनका प्रबंद किया जाता सीचे का बस वोई धुरे बनाकर पानी को लिया जाता है इसे के जगह पर हम लोग पुणारा केती या फिर बून-बून खेती है वो करेंगे तो कई न कई हम लोग पानी को कई मात्रा में बचा सकते हैं �
29:30थी और को इंस में हम निकाल लोग जैदा उसे बाहर निकाले है पानी को युटलाइज करर रहे है पानी का दूर प्यो tender क्या तो मिचा जन और है इसे प्लिका
29:36बूमी जो जल है जल की जा रहा है वह कम होता जा रहा है क्यूंकि हम लोग उसको बचाने के लिए किसी रच कोई पयास नहीं करते हैं।
30:06जो पानी जाता है उसकी रेट क्या विटा कम करशी पर निरबर लोगों की दरितता कई लगई करशी पर लोग जो है वो ज्यादा निरबर होने की वज़े से भी ये भूमी अफशय का कारण बनती है भारत में भारत में सेरी इलागों में वायू परदोशन बहुत है जिसे वह
30:36अवाज करने की मज़े से भाई उपर दुषन होता है कुछ अनिय चेत्रों में उद्धों उद्यों के भारी जमाव और ठर्मल पावर सहंत्रों के कारण भी ब्रदोशन होता
30:46जैसे पहला करन भता है इंहोने वहां से निकलने वाला यह व्यसक्ता है
31:11इसके अलावा विद्योगों से निकलने वाला जुमाणशन थर्मल पावर
31:15पावर चलते हैं थर्मल पावर तो ये भी हो सकता है इसके अलावा क्या हो सकता है सैंद्रों के मादिन जैनी उद्योगों से निकलने वाला दुआ तो ये कई कारण हो सकते हैं बटा ये खूब सारे ऐसे कारण
31:40जो वायू पर्द्शन के तत्रों के अंदर सामिल कर सकते हैं भारत विश्यों का दस्वा सारोडिक उद्योग चेत्र है और परिणाम जैसे अन्यों जीत� सैरी करन हो गया है पर्दॉष्यों फहल लिया है
32:05दूर्गटनाओं के जो है कही तारिके से दूर्गटनाई हो जाती है तिया किस वज़े से हो रहा है यह हो रहा सब भारत एक दस्वा इस्थान है अधियुनिक चेत्र जहां बसेंगा
32:16जिससे वनों की कटाई करनी पड़ेगी और जब अधियुदिक चित ज्यादा वचेगा तो कहीं ने कहीं परिणाम देखने को मिलेंगे जो हम लोग उसको शिकार भी नहीं कर सकते हैं अश्प्टे जो परिणाम होते हूँ देखने को मिलेंगे ना जिससे अनियोजित सहरी करन
32:46अगर सिस्टेमेटिक तरीके से उन सहरों को बसाया जाता है तो निश्चित तौर पर हम लोग पर्दुषण से काफी बच भी सकते हैं तो यह चीज़ें इसमें आती हैं फिर बात करेंगे सब्सक्राइब कैंद्रिय पर्दुषण नियंतर्ण बोर्ड में उद्योगों की 17
33:16ुए कि पर्दुषण नियंतर्ण बोर्ड ऑड जो कंट्रोल करता है कि पर्यवण को कोंपने वाले परियुक्षण
33:24दियाज करति कि बिश्रें को कम करने का पर्यास करता है उनको प्र्ति बंदित करने का काम इसके दौरा किया जह ता और इसकी
33:34इसके जो इस्तापना है वह 1974 में की गए थी अगर हम बात करेंगे तो क्या सर कैंड्रिय पर्दुशन नियनत्रन बोर्ड
34:04नियंद्रन बोल्ड ठीक है तो इसकी इस्ताबना है वह इस्ताबना कब होई बेटा की 9074 के अंदर यह तो अगर आगे बात करते हैं जी
34:26अगर कोशन की बात की जाते हैं अगर हम कोशन की बात करेंगे तो क्या कोशन है बटा जी कोशन आपके सामने जो पहला दे रखा है वो निवन परकार से हैं तो देखेगा सबसे पहला कोशन है परियावन अदिनियम कौन सा है अगर परियावन सरक्षन अदिनियम की बात करें �
34:56तो आपका परियोन ड़ेगा चाहिए अगर अधिनियम को बचाना के लिए उनके समधान के लिए एक कानूर बनाएं गया है उस अधिनियम कौन सा किस इयर में बनाए गया है
35:20वह ऐसा नाइंटीन एटीसिक्स के अदर इसका बनाए गया है ठीक लिए चलिए तो ऑप्षय को सोगने की समता क्या कहलाती है परेवरण की अप्षय को सोगने की समता क्या कहलाती है
35:47तो सबसे पहला उप्षय में देने का उश्वाशी शमता परकास अंसलेशन किरिया तो कई बच्चे क्या करते हैं जल्दी जल्दी मुनको कभी एक दिमाग के अंदर ऐसा भी छोरी होती उनकी जो उप्रूप सभी होता वो मौशली राइट होता बट ऐसा नहीं होता यह आपन
36:17तो क्या गरना उसका अप्षय शमता है यह उसको हम लोग क्या कहते हैं उसको कहते हैं अउश्वशी शमता क्या कहते हैं
36:45अउश्वशी शमता हम लोग इसको कहने वाले हैं ठीक है जिए ओप्षय नमबर कौन से राइट हो जाएगा यह आगे बात करते हैं
36:53परेवन के कारिये कौन-कौन से होते हैं सिंपल सामने भी इसको डिसकस किया है कि सब्षय परेवन के कौन-कौन से कारिये होते हैं
37:01तो संसादनों की पूर्ती करना बिलकुल अउश्वश्यों को समाहित कर लेना बिलकुल जनिक और जैविक वीवित्ता प्रदान करना बिलकुल और उप्रोगत सभी बिलकुल राइट होने वाला है
37:12है तो अब यहां पर अगर आप कहिंगे सब्सक्राइब करने वाला है और सब्सक्राइब करने वाला है वाला है चलिए आगे बात करते हैं
37:34अगर हम बात करें वाला है अगरह पार्टा पर्थ्वी पर जो गैस की मात्रा वह बढ़ती जा रही है यानिकि जो
37:48अगर पर्तवी की बात करेंगी और समुदर शामुदर के वातावर्ण के असतम ताकमान में
38:15परत्वी चैसों तो ब्रदी जो ग्रीन हाउस गैसे होती है वह ओजानत के समधित हो थी गजान परत में में एक चित्र हो चुका है
38:37चितर कर सब्सक्राइब करने इस फिए यह तसी से निकलने वाली किरिने
38:55जो सीधी सूर्य से निकलने वाले जो किरणे होती उसको हमारे पट्वी तक बेजती है उसके लिए ओजॉन परत होती और इस परत में जो छेद्र हुआ है
39:20इस चिद्र का मतलब क्या है यह जो चिद्र हुआ है इस चिद्र का कारण क्या है इसका कारण है इसके कारण की बात करते हैं लोग
39:29ग्रेन हाउस यहनि की ग्रेन हाउस गैसे हाउस गैसों की वज़े से क्या हो रहा बेटा जी यह सावश्या उत्पन हो गई है
39:42कि यहां से निकलने वाली जो पैरा बैंगनी किरण है कौन से बैटा पैरा बैंगनी किरण है तो यह पैरा बैंगनी किरणों की वज़े से अमारे पर्तवी को प्रतवी है इस सत्या के उपर जो भी रहते हैं लोग यह अपनी क्या पर्तवी है क्या है यह अपनी पर्तवी है औ
40:12वादन कंदास कि नती वात आतके सथे किन वेजे हैं घृत शालम संस्ट सब्ब्राइब
40:28ओर ऊतर हैं लिह चूहें दो व्रॉप्र हले हैं जिसमें क्यामामणंणाकिया घ्रियेख号 के सब्सक्राहर जया
40:35प्रॉब्लम हो सकती है फिर वन विनाज कता जीवास में इंदन के जलने से कार्मन टाई ऑक्षाइट कता ग्रीन हाउस गैसों में फुर्दी हो यह वन जल जाते हैं जीवास में जो होती है
40:54अधिया जो जो इक जहरी जाते हैं जो इस चीदर को दीरे दीरे का गर्री बड़ा कर रहे हैं तो कहने का मतलब बात करें किसे इसकी वज़े से कई समय उत्पन होती है तो कार्बन डियोक्साइट गैस बटरी है ग्रीन हाउस की गैसे प्रती हो रही है और देकरांते के वाज�
41:24दूरे हो रही है तो इसमांट नमबर कौन सा रायट हो जाए गटा ये रायत होने वाला है वैसा उसकता के से आशे यह होता है तेके चली आगे बात करते हैं तो किया कारन हो सकते हैं तो सबसे पहले जो कारण देर इक की वज़से परेवण संकट उत्पन होगे क्योंकि जै
41:54ही प्रएन की उपलब्ता हो सकती है तो वनों की जो कट ही होती है जन सक्या हुआ के वज़े से हो सकी है
42:05कि अधिक परियोग होता है तो बिल्कुल आप्शन करने वाले तत्तु कौन-कौन से अगर वैश्विक उषणता जो कहा सकते सर ग्रीन हाउस की जो गैसे बढ़री है
42:31इस गैसों के बढ़ने के क्या क्या कारण हो सकते हैं वो हम लोग देखते हैं को देखें का पैट्रोल पादन का प्रजवल मतलब जो धीरे-दीरे कोईला जलता है पेट्रोल पैट्रोल से वहां चलते हैं वानों से निकलने वाली जो गैसे होती है दुआ जो होता है वह गाही �
43:01अगर हम बात करेंगे सर यह पर्टवी है माना कि यह क्या है यह परती है यह परती है जो समताफ मंदल होता है और अ
43:31तो यह उपर की और निकलेगा और जो चीद रहा है उसको और बड़ा बना देता जानुरों के उसे निकलने वाली निकलने वाली मिथैन गैस वह बढ़ा रही है
43:48मिथैन उत्पादन और जिवासमिंदन का परियोग बिल्कुल और ऑप्शन नमबर कौन सा डी एकदम से राइट होने वाला है कौन सा ऑप्शन नमबर डी इसमें करेक्ट हो जाएगा क्यों होने वाला है क्योंकि सब की वज़े से क्या हो रहा है वैस्वी उष्णता बढ़ती
44:18होने वाला है चलिए आगे बात करते हैं जी नाइस्ट कोशन है परियोण पर्दोशन के पर्मुकर्ण पहला बिल्कुल सही है जैविक वीवितिता की हानी हो रही है वहानों से निकलन वाले वह से वाले परदोशन हो रहा है उप्रूपत सभी होने वाला है एंस्ट नमबर �
44:48उनके हम लोग चर्चा कर लेते हैं ठीक है
45:18क्या है
45:48तो देखिए नैस्ट पोर्शन की सुरुआत करता है नाइस्ट पोर्शन के आज तर प्रूमे के अप्षाए के लिए
46:18पर्मुक कारणों में कौन-कौन से कारण सामिल है उनके बारे में चर्चा करते हैं वन विनाश है बिल्कुल वन विनाश को नेवालाई सर वनों के विनाश की वज़े से भूमी अप्षाए हो रही है ठीक है अधानिये जलाव लगडी का निश्कर्शन किया जा रहा है वनों म
46:48चार नहीं और एक दो तीन चार सभी राइट होने वाले हैं किया सभी एक दम से करेक्ट होने वाले क्योंकि भूमी की विनाश के अंदर इन सभी कारणों को सामिल किया जाता है ठीक है चलो आगे बात करदें कि नेक्ट कोशन की कुछ इस परकार से हैं भारत में वायू तता
47:181947 याँ पर 1951 दो हजार 2000 या 1904 अभी हमने डिसकस्त की किया था कि वर्ष 1947 की बात करते हैं तो आजग हुआता है और अगर था
47:31तो दो जार यह की बात करते हैं तो इस वर्स में किस की स्थापना की तो नेक्स्ट कोशन की बात करते हैं तो इस परकार से हैं बारत में पढ़ती वेक्ति जंगल भूमी कितने हेक्टर है
48:00है अगर परती वेक्ति की बात करते हैं मतलब एक वेक्ति के लिए कितने हेक्टर भूमी पर जंगल होने चाहिए उसकी आपड़ चर्चा की जा रही है तो देखे अगर हम पॉइंट 6 की बात करते हैं पॉइंट
48:26अब बात करा सब भारत में पर्ति वेक्ति जंगल बहुनी तो कितने हैं तो
48:38नहीं पर्ति वेक्ति यहां ड़िये फोन चाहिए और अभी पर्जेंड में कितने हैं जी रो
48:55जन्तों पॉइंट स्थचल्राइब कितना है पॉइंट 06 पाrad कितना फॉइंट जी डिरो जी क्या है यह
49:15ऌफी की हलात यह जन्गलों के लिए लेकिन की मात्राइब
49:19लेकिन होनी कितनी ची है ये इतनी होनी ची पर्ती व्यक्ति पर्ति व्यक्ती होना
49:38जंगल
49:43जंगल
49:45हेक्टर
49:45किसमें वाटरी
49:46अगर हेक्टायर की बात करते हैं
49:48है न
49:50ये तो है अभी पर्जेंट में
49:52और होने कितने ची ये वाटा
49:54वास्तों में इतना होना ची
49:56यानि वास्त्विक
49:58वास्त्विक रूप से
50:02पर्ति वेक्ति
50:07वास्त्वी ग्रूप से परती वेक्ती 0.47 hectare पर hectare जंगल होने चाहिए
50:25कितने होने चाहिए बटा इतने होने चाहिए ठीक है चलिए
50:30तो option number कौन सा right हो जाएगा पहला option right हो जाएगा
50:33कि यह अपना होना चाहिए बिल्कुल यह option एक दर से correct हो जाएगा ठीक है चलिए आगे बात करते है next question कुछ इस परकार से है
50:42सर निम लेकित में से कौन सा कौन से परयाण के आजजयाविक तत्वों के गटकों के अंदर के समलित होता है
50:47जो सौर उर्चा है सौरी की किरना चट्टा नहीं है भूमी है तो यह इसमें सामिल होने वाला है तो option नमर देखे करें बात करेंगे सब्सक्राइब बिल्कुल आजयविक तत्वों है चट्टा नहीं पहाड़ नदिया वगरा है भूमी है लेकिन बहुत है जो है बिटा किस
51:17एक दो और ती बिल्कुल एक दो और तीन इसमें राइट होने वाला है तो option नमबर डी इस दर करेक्ट है चलिए आगे बात करते है नेस्ट कोशन की निवलीगित पर विचार कीजिए का अधितिक वनों की कटई और दिक निती बढ़ती हुई जनसंग्या प्राकरतिक संसा�
51:47करते हैं उसका गलत परियों करते हैं जिसकी वज़े से जोडियों बढ़ते जा रहे हैं जिसके कारण अर्मियमी करण रूप से सहरी करण हो रहा है ना बढ़ती हुई जनसंग्या है बिल्कुल बढ़ती हुई जनसंग्या के लिए खाने के लिए जादा ची रहने के लिए �
52:17यह वैस्पिक औशण जायनी global warming की समझा उत्वन होती है तो उपरोप्त सभी इसमें right होने वाले हैं
52:27एंशवर नम्र डी एंसवर नम्र कौनसा B right होगा चलिए आगे बात करते हैं जी
52:32वेस्ट्विक ग्लोबल वार्विंग के प्रिणाम हो सकता है तो वह बिए बैटा देगी नोगोशन वार्विंग से इस परकार से बन सकते हैं यहां पर उप्षिन में अलग नहीं रहा है
52:45जो होता है ना तो यहां पर जो है का पहाड़ के दो ऊत्रहा है तो यहां पर जो है क्या हो रहा है यह भुमी का हाश हो रहा है
53:11कवमी कैसी हो रही है और इसकी क्या हो रही है और इसकी वज़द से ही क्या हो रहा हो जाएगा
53:25आपका राइट होने वाला है कौन सा डी ऑप्शन इसला करें चलिए आगे बात करते हैं नेम लिकित में से कौन सा या कौन से मार्स गैस मिथैन गैस जो
53:38राइट है कि अगर घैस की बात करें लोग तो उसका कारण होता है उसके उत्पन होने का क्या करन है यह हमें बेखना भान के जो खेद सीजिए जाता है जिसकी वज़ें डी इस होती है पर्सकों के व्रीस की वज़ें से कहा हता था बैटा जाए घुठ तो बिल्कुल इसमें औ
54:08सब्सक्राइब करेक्ट हो सकते हैं वन सब्सक्राइब हो रहा है अनुचित फशल चक्र हो रहा है तो एक दो तीन इसमें सब्सक्राइब
54:31परियोन परियोन परदोषन की बात करेक्ट हो रहा है तो परियोन परदोषन पर्दोषन भी हो रहा है वैस्व हो चुछ नतर भी बढ़ने वाला है
54:54तो यह वायु पर्दोशन जो निकलने वाले डूएं isol उद्लिक करांती वाज़ से नधी आज़़ित हो जाती नौइन yeah
55:13बड़ोत्री फिर बात करतें जी विश्यों में परियुन संक्तम करने वाले कारणों में सामिल हैं
55:27देशों की बड़की जनसेंगे बिल्कुल विक्सित देशों के सम्रद उप्वोग नामक है ना तो आज कल क्या हो रज़र विक्सित देश हैं वो जो घंजफिन कर रहे हूं वो विकासिल देश भी करने लगे हैं जिसके वज़े से करेंगे परियावन को नुक्षान होता जा �
55:57और मेंक वहां रहते हुआं कारण में टैंने में जो आठेन कारण को ने सकता ना यह लो आप रचेछे जो तर्मल फावर से भी क्या निकलता तोर्फिन नंबर कॉन सब्दों नहीं और भी कारण हो जाएगा है ।च्छन नम्बर आपका
56:27चलिए बात करेंगे सब्सक्राइब करते हैं कि भूमी है पर लोग चरचा करने वाले धारणी विकास क्या होता है इसकी परिवासा यह क्यों जरूरी है
56:53इसके बारे में हम लोग आने वाले प्लास में डिसकस करने वाले हैं
56:57तो एक बार फिर से आप सब का उतकर्स के ओनलाइन
56:59स्यूटी प्लेटफार्म पर हार्णिक श्वागत अब रहें
57:02थैंक्यू सो मच

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