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  • 7/4/2025
सूरत: ये कोई आम स्कूल नहीं है. गुजरात के सूरत का विद्या कुंज स्कूल दूसरे स्कूलों से बेहद अलग है. जिसका श्रेय, इस स्कूल के प्रिंसिपल महेश पटेल को जाता है. जब नया सत्र शुरू होता है, तब स्कूल आने वाले बच्चों का पारंपरिक तरीके से स्वागत होता है. महेश पटेल, बच्चों में जोश भरते हैं, उन्हें प्यार करते हैं, डर दूर करने के लिए खुद गोद में उठाकर उन्हें स्कूल के अंदर लाते हैं.विद्या कुंज में पढ़ाई का अंदाज बिल्कुल अलग है. इस स्कूल में करीब 3500 छात्र पढ़ते हैं, जिन्हें हिंदी, अंग्रेजी और गुजराती भाषा में पढ़ाया जाता है. महेश पटेल की इस पाठशाला में बच्चों को भविष्य की जिम्मेदारियों के लिए तैयार किया जाता है. महीने में एक दिन बच्चों को स्कूल की सफाई का जिम्मा दिया जाता है. टीचर, बच्चों को उनकी गलतियों के लिए डांटते नहीं हैं. बल्कि प्रिंसिपल महेश पटेल उनकी गलतियों के लिए खुद को जिम्मेदार मानकर, इसका दायित्व अपने ऊपर लेते हैं.विद्या कुंज स्कूल के प्रिंसिपल महेश पटेल स्कूल की हर एक्टिविटी पर नजर रखते हैं। खेल के मैदान में जाकर बच्चों का हौसला बढ़ाते हैं. क्लासरूम में जाकर बच्चों की पढ़ाई को परखते हैं। ब्लैकबोर्ड पर समझाते हैं और ज्यादा से ज्यादा छात्रों तक व्यक्तिगत तौर पर पहुंचने की कोशिश करते हैं. महेश पटेल की पढ़ाई के इस अनोखे तरीके से बच्चों का हर क्षेत्र में विकास हो रहा है. तकनीकी शिक्षा से लेकर स्पोर्ट्स तक हर क्षेत्र में इस स्कूल के बच्चे बेहतर कर रहे हैं.बच्चों के अभिभावक भी विद्या कुंज में पढ़ाई की इस अनोखी विधा से काफी प्रभावित हैं. अभिभावकों का मानना है कि यहां पढ़ाई के साथ-साथ बच्चे संस्कार भी सीख रहे हैं.महेश पटेल, इस बस में चल रहे मोबाइल स्कूल से भी गरीब बच्चों को शिक्षित करने की मुहिम चला रहे हैं। जो बच्चे स्कूल नहीं आ सकते, उन्हे इस मोबाइल वैन के जरिए पढ़ाने का काम करते हैं। इस स्कूल वैन में बैठने की व्यवस्था के साथ-साथ पढ़ाई के आधुनिक साधन मौजूद हैं। महेश पटेल की शिक्षा का ये मॉडल, बच्चों में ज्ञान के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण का भाव भी पैदा कर रहा है.

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00:00ये कोई आम स्कूल नहीं है गुजरात के सूरत का विद्या कुझ स्कूल दूसरे स्कूलों से बेहद अलग है जिसका श्रय इस स्कूल के प्रिंसिपल महेश पटेल को जाता है जब नया सत्र शुरू होता है तब स्कूल आने वाले बच्चों का पारंपरिक तरीके से स्वाग
00:30खुद गोद में उठाकर उन्हें स्कूल के अंदर लाते हैं विद्या कुझ में पढ़ाई का अंदाज बिलकुल अलग है इस स्कूल में करीब 3500 चात्र पढ़ते हैं जिने हिंदी अंग्रेजी और गुजराती भाशा में पढ़ाया जाता है महेश पटेल की इस पाठशाल
01:00की घलतियों के लिए डाटते नहीं हैं बल्कि प्रिंसिपल महेश पटेल उनकी घलतियों के लिए खुद को जिम्मेदार मानकर इसका दाइंद वो अपने उपर लेते हैं
01:10विद्यकुंच स्कूल के प्रिंसिपल महेश पटेल स्कूल की हर अक्टिविटी पर नजर रखते हैं
01:32खेल के मैदान में जाकर बच्चों का होसला बढ़ाते हैं
01:36क्लासरूम में जाकर बच्चों की पढ़ाई को परकते हैं
01:39ब्लैक बोर्ड पर समझाते हैं और जादा से जादा चात्रों तक व्यक्तिकत तौर पर पहुँचने की कोशिश करते हैं
01:45महेश पटेल की पढ़ाई के इस अनोखे तरीके से बच्चों का हर शेत्र में विकास हो रहा है
01:54तकनीकी शिक्षा से लेकर स्पोर्ट्स तक हर शेत्र में इस स्कूल के बच्चे बहतर कर रहे हैं
02:02हमारी जो टीचर्स है शिक्षी का वो हमें बहुत अच्छा गनान प्राप्ट करती हैं
02:07हमें प्यार से, मस्ती, भाव, मजाक सब कर रहा के हमें टीचर्स अच्छे से विध्या देती हैं
02:15यहां जो पढ़ाई होती है उसमें मुझे बहुत ही मज़ा आता है
02:18क्योंकि सब प्यार से समझाते और प्यार से लिखाते और समझाते थे
02:24बच्चों के अभी भावक भी विध्या कुझ में पढ़ाई की इस अनोखी विधा से काफी प्रभावित हैं
02:30This is the same time that the student will listen to the students.
02:36We are two students who get married to the school.
02:39They get married to the parents and young people who get married.
02:46They get married to the school.
02:55This school doesn't come from school, but these guys are still working on this mobile van.
03:00This school van may have a lot of experience in the same time.
03:05The school van may have a lot of experience in the same time.
03:08This model of school has a lot of experience in the same time.
03:12This is a model that has helped with the school van.

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