"इस कहानी में एक अनोखी सीख छुपी है जो आपके जीवन को बदल सकती है! यह कहानी न केवल बच्चों के लिए बल्कि बड़ों के लिए भी एक प्रेरणा साबित होगी। अगर आपको नैतिक कहानियाँ (Moral Stories), प्रेरणादायक कहानियाँ (Inspirational Stories) और हिंदी लघु कथाएँ (Short Stories in Hindi) पसंद हैं, तो यह वीडियो आपके लिए है। पूरी कहानी देखें और अपने विचार हमें कमेंट में बताएं!
🔹 वीडियो की खास बातें:
✅ सुंदर एनीमेशन और इमोशनल कहानी
✅ हर उम्र के लिए अनुकूल
✅ सीखने और समझने योग्य नैतिकता
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00:00हद होती है गर्मी की अब ही तो जून जुलाई भी शुरू नहीं हुआ लेकिन दरा गर्मी तो देखो मैं तो पलेशान हो गई हूँ
00:08मैं आप सब के लिए नीबू पानी बना देती हूँ मटके के अंदर ठंडा पानी है थोड़ा
00:13हरे बहु रहने देश गर्मी में नीबू पानी पीकर भी कोई राहत नहीं मिलती ना जाने कब खत्म होगी ये गर्मी हम गाउवालों का ये हाल है तो शहर वालों का क्या हाल होगा वहां तो और गर्मी पढ़ती होगी
00:25गर्मी शहर और गाउव दोनों में ही बराबर है लेकिन जहां गाउवालों के हालत इतनी बुरी है तो शहर वाले बड़े मौज मस्ती में रह रहे है पता है जहां हम काम करते हैं उसकी थोड़ी दूर पर एक वाटर पार्क बना है जहां धेर सारा पानी है जूलने के लिए
00:55पाक गई थी और हमें भी बता रही थी मां हमें भी वाटर पाक जाने हमें भी ले चलो ना मेरा वाटर पाक जाने का काफी मन कर रहा है हमें ले जलो ना वाटर पाक पता है वहां का पानी बहुत थंडा होता है हमारी सहली ने हमें बताया
01:10तुम लोगों की बात सुनकर तो मेरा भी वाटर पार्ग जाने का मन कर रहा है
01:16वैसे वहाँ जाने के कितने पैसे लगते हैं
01:19टिकेट तो लगती है लेकिन जादा स्जादा टिकेट होगी
01:23कितने की? सो या दो सो रुपई की
01:25अब इस गर्मी से बचने के लिए इतना तो खर्चा हम लोग कर ही सकते हैं न?
01:29आप लोग परिशान मत हो
01:31हम लोगोंने भी थोड़े बहुत पैसे जोड़ रखे
01:34अगले हफते हम सब वाटर पार्ग जरूर जाएंगे
01:36पाचो भाई अपनी अपनी तनखा के आते ही
01:39और वहीं भाई ने जो भी पैसे जोड़ रखे थे वो सभी वो बाहर निकाल लेते हैं
01:43और अगले हफते रईवार के दिन पूरा परिवार बस में बैटकर गाउं से शेहर पहुंचता है
01:48थोड़ी देर में वो लोग वाटर पार्ग भी पहुंच जाते हैं
01:51गेट के बाहर से अंदर के वाटर पार्ग का नजारा देख पूरा परिवार काफी खुश होता है
01:56आकाश वो किता बड़ा जूला है और कैसे सब जूलते हुए उस पर पानी में गिर रहे हैं
02:04आरे वो देखो सब कैसे उसके उपर फिचल रहे मैं तो इस वाले जूले पर जाओंगा
02:09सब लोग तो काफी खुश दिख रहे हैं नहीं देखकर तो मेरा भी मन कर रहा है
02:14बेटा जल्दी से टिकेट लेकर आओ न
02:16विनूद, विनै और कनिका टिकेट काउंटर पर जाते हैं और जैसी उने टिकेट के दाम पता चलते हैं तो उनके पैरों तले जमीन खिसक जाती है
02:25एक टिकेट हजार रुपे की है? इस पानी में जाने के लिए आप हजार रुपे ले रहे हैं
02:30मैडम जी थोड़ा तरस खाईए हम गरीबों पर और जाने दीजिए हम लोग जल्दी वापस आ जाएंगे
02:37यही वाटर पार्क है गाउं का कोई नदी तालाब नहीं समझे तुम लोग गर्मी में लोग यहां दूर दूर से आते हैं
02:43यही तो सीजन है हम लोगों का पैसा कमाने का और तुम लोग क्या चाहते हो कि मैं तुम्हें या फ्री में एंट्री दे दूँ
02:49जब हैसी अतना होना तो ऐसी जोगा पर आने के सपने नहीं देखने चाहिए खड़े क्या हो नेकलो यहां से पीछे और भी लोग खड़े हैं लाइन में टिकट लेने के लिए
02:57बेज़दी होकर वो तीनों बाहर आते हैं और सारी बात सभी को बताते हैं
03:03जिस कुशी से पूरा परिवार शेहर गया था उतनी ही दुखी से शेहर से गाउं लोटाता है
03:30और फिर से पहले की तरह गर्मी में अपने दिन काटने लगते हैं
03:33और ऐसे ही तीन से चार दिन गुजर जाते हैं
03:36कनिका जब से शेहर से बेज़दी करवा कर वापस अपने गाउं आई थी
03:39तब से वो काफी चुप चुप रहने लगी थी जिसे देख
03:42कनिका क्या हुआ तुम्हें जब से हम शेहर से वापस आएं काफी उदास दिख रही हो
03:47सब ठीक तो है ना
03:49ठीक नहीं है सिर्फ कुछ पैसों के लिए उन वाटर पार्क वालों ने हमारी कितनी बेज़दी की
03:55उन्हें क्या लगता है हम गरीब गाओं के लोग क्या कभी वाटर पार्क नहीं जा सकते
04:00मैं उनकी इस गलत पैमी को ज़रूर दूर करूंगी
04:02वाटर पार्क में था ही क्या सिर्फ धेर सारा पानी और जूले
04:06ये तो सब हम जुगार कर भी बना सकते है
04:08कनिका काफी सीरियस होकर ये बात उन सबी बहुँआं से कह रही थी
04:37साथी उन लोगों को भी अब गर्मीब से राहत चाहिए थी
04:41इसलिए वो कनिका की बात मान जाते हैं
04:43और अब वो अपने पतियों की मदद लेकर सबसे पहले आंगर में एक काफी बड़ा गड़ा खोदते हैं
04:48इतना बड़ा गड़ा काफी है या और खोदना है
04:51इतना बड़ा काफी तो है लेकिन मेरे खयाल से हमें और करना चाहिए हम लोग हैं भी तो ज्यादा
04:57दो से तीन दिन तक वो पूरा परिवार आंगर में काफी बड़ा गड़ा खोदता है
05:01तो वहीं अब उनके पती इस बड़े से गड़े में तिरपाल बिछा देते हैं
05:21बहुएं पती बच्चे भी अपने हाथों में बाल्टी मटके उठा लेते हैं और दूर नदी से जाकर पानी भर कर लाकर उस गड़े में डालते हैं
05:29तक्वीबन 6-7 दिन की अंदर आखिरकार वो पूरा गड़ा पानी से भर जाता है
05:33हमारा वाटर पाक तैयार हो ही गया
05:37अभी तो इसमें बहुत सारी चीज ढहरी है हमें तो जूले भी बनाने बिना जूले के यह वाटर पाक नहीं बलकि ताला भी हुआ
05:44मैंने वहाँ देखा था कि हमारी उम्रिके बच्चे पानी के अंदर कैसे गुबारी कैसी चीज़ पर बैठ का पानी में मस्ती कर रहे थे जिससे वो पानी में डूब भी नहीं रहे थे
05:54उसे ट्यूब कहते हैं वो तो वैसे काफी महंगी आती है लेकिन हम उसे जुगाड से बना सकते हैं
06:00आप लोग किसी कबारी की दुकान से पुराने टाय ले आईए
06:03लेकिन हम लोग जूला बनाएंगे कैसे
06:07वो सारे जूले तो प्लास्टिक और लोही के बने हुए थे ना
06:10ना तुम्हारे पास इतना प्लास्टिक है और ना ही लोहा
06:13प्लास्टिक और लोहा नहीं है तो क्या हुआ हमारे पास धेर सारी बास की लकडियां तो है
06:19हमारे गाओं में इतना बड़ा बास की लकणी का जंगल है
06:23हम वहां से लकणियां ला सकते हैं और आरा हम से जूला बना सकते हैं
06:26साथ ही साथ हम लोग सीमिन्ट और मिट्टी का भी जूला बनाएंगे
06:29जहां पती कबारी की दुकान से धेर सारे टायर लेकर आता है
06:33जिने पलवी अच्छे से रंग करके पानी में छोड़ देती है
06:36तो वहीं अब उनके पती जंगल से धेर सारी बास की लकणियां काट कर लेकर आते हैं
06:40और अब वो सब मिलकर सबसे पहले बास का जूला तयार करते हैं
06:44मैं हमाइले चोटे चोटे जूले बनाना वहाँ तो बहुत बड़े बड़े जूले थे उन्हें देखकर तो मैं ड़र ही गई थी
06:50हाँ बेटर आप बच्चों के लिए हम चोटे चोटे जूले बनाएंगे और हम बड़ों के लिए बड़े वाले जूले
06:56बास के लकडी के जूले बनाने के बाद अब वो सब मिट्टी और सिमेंट के जूले बनाते हैं
07:01सिमेंट के बने गोल जूले पर बहु अच्छे से घास लगा देती है जिसे देख
07:05सुबह तुमने तो इस सीमेंट के जूले को पूरे घास के जूले में ही बदल दिया
07:09क्योंकि सूखने के बाद जादा चिकना नहीं होता और हम लोग ठीक से इस पर फिसल भी नहीं पाते
07:15इस घास की वज़ा से इस पर काफी अच्छी फिसलन होगी
07:18धीरे धीरे करके सारे जूले अच्छे से तयार हो जाते हैं
07:22तो भीया आशा वाटर पार्क में जाने के लिए � Sब के लिए घर में रखे पुराने कप्दों से शर्ट और पाईजामा बनाती है
07:28और आकरका 2-3 हफते के अंदर इन 5 जुगाड़ों बहुआं का जुगाड़ के तरीके से तयार किया हुआ वाटर पार्क बनकर तयार हो जाता है
07:36सभी लोग जैसे उस वाटर पार्क के अंदर जाते हैं तो ठंड़ा ठंड़ा पानी में उने काफी ज़्यादा राहत मिलती है
07:42तुम्हारे इस वाटर पार्क में तो काफी ज़्यादा मजा रहा है तना मजा तो वो शहर के वाटर पार्क में भी नहीं आता हमें
07:48नीम्बू पानी पीओ, पहले तो गर्मी में नीम्बू पानी बल्कुल अच्छा नहीं लगता था
07:52लेकिन अब ठंडे पानी में खड़े होकर पानी पीने का मज़ा ही कुछ और है
07:56लेकिन मुझे बहुत टन लग रहा है, कहीं मैं इसके अंदर डूप तो नहीं जाओंगी
08:01ये सिर्फ छे फूट गह रहा है, आप डूबेंगी नहीं, हराम से इंजॉई करिए
08:06बहुत मजा रहा है इस जूले पर फिसलते हुए, अरे आराम से गिर्मत जाना
08:11मुझे काफी मजा रहा है, ये लोग हम बस पानी में गए
08:15वाटर पार्क में काफी जादा मस्ती कर रहा था, तो वहीं अब आस पड़ोस के लोग भी उने देखने लगे थे
08:21अरे ये तो वाटर पार्क है ना, जिसमें शेहरी लोग गर्मियों में जाते हैं, आप लोगों ने तो घर में ही वाटर पार्क बना लिया
08:27वाँ, हम लोग भी इस वाटर पार्क में थोड़ी देर के लिए आ सकते हैं क्या, कम से कम गर्मी से थोड़ी राहब तो मिलेगी
08:51और काफी जादा मस्ती करते हैं।
09:21काफी पैसे भी कमा।