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  • 5 years ago
जयपुर। कोरोना महामारी के बीच एक ही महीने में एक के बाद एक ग्रहण का लगना शुभ संकेत नहीं है। ज्योतिष अनुसार एक महीने के अंतराल में तीन ग्रहण पड़ना शुभ नहीं माना जाता है। वहीं 5 जून से 5 जुलाई के बीच में तीसरा ग्रहण है। माना जा रहा है कि इसके प्रभावों से प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है। किसी भी ग्रहण का प्रभाव कम से कम छह महीने तक रहता है।


सूर्य ग्रहण के बाद गुरु पूर्णिमा पर साल का तीसरा उपच्छाया चंद्र ग्रहण लगने वाला है।
उपच्छाया चंद्र ग्रहण होने से ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसके समय और सूतक काल को लेकर लोगों में काफी असमंजस बना हुआ है। आपको बता दें इस चंद्र ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होगा यानि किसी भी प्रकार के शुभ कार्य वर्जित नहीं होंगे। पूजा पाठ और भोजन से जुड़े कार्य किए जा सकेंगे। हालांकि फिर भी संयम बरतने और नियमों का पालन करना उचित है।
भारतीय समयानुसार ग्रहण दिन के समय में लग रहा है। जिसकी शुरुआत 5 जुलाई की सुबह 8.38 बजे से हो जाएगी और इसकी समाप्ति 11.21 PM पर होगी। सुबह 09.59 बजे ग्रहण अपने पूर्ण प्रभाव में रहेगा। वहीं अन्य देशों में ग्रहण की बात करें तो चंद्र ग्रहण का असर एशिया के कुछ इलाकों अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में रहेगा। लोग लगभग पौने तीन घंटे तक ग्रहण के खूबसूरत नजारे के देख पाएंगे। इसके बाद अगला चंद्र ग्रहण 30 नवंबर को लगेगा।

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