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  • 2 hours ago
सवाईमाधोपुर. पर्यावरण को निगलती पॉलीथिन पर केन्द्र और राज्य सरकार ने सख्त प्रतिबंध लगा रखा है। जुर्माने और सजा तक का प्रावधान है। जागरूकता अभियान भी समय-समय पर चलाए जाते हैं। लेकिन शहर से देहात तक पॉलीथिन का जहर बेधड़क फैल रहा है। नगर परिषद की कार्रवाई कागजों में दर्ज होकर थमती दिखती है, बाजारों में थैलियां खुलेआम थमाई जा रही हैं। हर हाथ में पॉलीथिन थैली नजर आती है। जिम्मेदार विभाग कभी-कभार छापामारी कर कागजों में कार्रवाई दर्ज कर लेता है, बाकी समय आंखे मूंदे बैठा रहता है।

मुख्य मार्गों, सब्जी की दुकानों, किराना दुकानों, मेडिकल स्टोरों और ठेलों पर खुलेआम पॉलीथिन का उपयोग हो रहा है। छोटे ठेले वाले से लेकर बड़े दुकानदार तक बेखौफ हैं। लंबे समय से पॉलीथिन पर रोक को लेकर प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस अभियान नहीं चलाया गया। यही कारण है कि दुकानदार बिना किसी डर और कार्रवाई की चिंता के पॉलीथिन थैलियों की बिक्री कर रहे हैं।
निराश्रित गोवंश बन रहा शिकार
प्लास्टिक का जहर सिर्फ पर्यावरण को ही नहीं, बल्कि सड़क पर घूमते निराश्रित गोवंश को भी काल के गाल में धकेल रहा है। भूख से व्याकुल गोवंश कचरे में पड़ी पॉलीथिन निगल जाते हैं। यह उनके पेट में इकट्ठा होकर कभी नष्ट नहीं होती। धीरे–धीरे यही पॉलीथिन उनके जीवन का अंत कर देती है। यह दृश्य किसी भी संवेदनशील नागरिक को झकझोरने के लिए काफी है।

सिंगल यूज प्लास्टिक पर भी रोक

2022 में केन्द्र सरकार ने पूरे देश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बावजूद इसका उपयोग धड़ल्ले से जारी है। जानकारों का कहना है कि प्लास्टिक गलती नहीं, बस सड़ती रहती है। इससे निकलने वाली जहरीली गैसें धरती और वायु में मिलकर पर्यावरण का संतुलन बिगाड़ देती हैं। यही कारण है कि अधिक गर्मी, अनियंत्रित बारिश और बाढ़ जैसी आपदाएं सामने आती हैं।

जागरूकता नहीं, सिर्फ कागजी खानापूर्ति

पॉलीथिन मुक्त राजस्थान को लेकर सरकार की ओर से चलाए जाने वाले अभियान यहां केवल कागजों और कार्यालयों तक सीमित होकर रह गया है। न तो बाजारों में निरीक्षण हो रहा है और न ही किसी दुकानदार पर जुर्माने की कार्रवाई की सूचना सामने आई है। हालांकि पॉलीथिन और सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाने की जिम्मेदारी भले ही प्रशासन की हो, लेकिन नागरिकों की भी उतनी ही भूमिका है। जब हम खुद ही पर्यावरण को दूषित करेंगे तो दोष दूसरों पर मढ़ना बेमानी है। थैले और कपड़े के बैग का उपयोग करना ही सही विकल्प है। यही कदम आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ और सुरक्षित कल दे सकता है।

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इनका कहना है
प्रतिबंधित पॉलीथिन के खिलाफ जल्द ही अभियान चलाकर जुर्माने व जब्ती की कार्रवाई की जाएगी। लोगाें को भी इधर-उधर पॉलीथिन नहीं फैंकने के लिए समझाइश की जाएगी।

शिवराम मीणा, मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक, नगरपरिषद सवाईमाधोपुर

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