00:00आपने फिल्म देखी। आपने उस फिल्म में क्या देख लिया।
00:03और साथ में दो-तीन लोग थे फिर उनसे पूछो कि क्या देख लिया।
00:06तुमने भी ये नहीं कि पिक्चर देख लिए हो गया, पॉपकॉर्ण खा लिया, घर वापस जाओ, सोजाओ।
00:10फिल्म देख लिए तो देखने के बाद आधे गंटे कहीं बैट जाओ, वह कि अच्छा मैंने क्या देखा, तुमने क्या देखा, यसे पता चलता है कि हमारी आखें कितने चश्मों के माध्य हम से देखती हैं, कितने हम पक्षपाती हैं, फिल्म हो समाज हो घटना हो जीवन हो
00:40मुझे तो कभी क्रोध हाता नहीं, या मैं तो बहुत सहयोगी आदमी हूँ, मैं तो देखो, तमाम इधर उधर सब की मदद करता हूँ, ऐसा वैसा, कभी-कभी दूसरों से पूछना चाहिए कि हमारे बारे में बताओ कुछ, हो सकता हो जो बताएं हो बिल्कुल कचरा हो, क�
01:10हैं उसी चीज़तों किसी और ने देखा उसे पूछो, यह सब आत्मावलोकन की प्रक्रिया कहा है, आत्मावलोकन बस यह नहीं कि बैठे-बैठे कहरे में आत्मावलोकन कर रहा हूं, सक्रिय रूप Temple काम मतलब होता है, जितना अपने आप से दूरी बनाकर देखोगे उतना
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