Skip to playerSkip to main content
🧔🏻‍♂️ आचार्य प्रशांत से समझे गीता और वेदांत का गहरा अर्थ, लाइव ऑनलाइन सत्रों से जुड़ें:
https://acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00021

📚 आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?
फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?cmId=m00021
➖➖➖➖➖➖
#acharyaprashant
#जनसंख्या
#PopulationExplosion
#OverpopulationCrisis
#FutureInDanger
#SocietyTruth

Category

📚
Learning
Transcript
00:00अज़कल ये नया बात चल आई थी प्रत्वी पे पॉपुलेशन कम हो रहा है अब प्रत्वी बे बात जगे बाती है तो और पॉपुलेशन मेरा हो नई बात है यह यह भूश यार लोगों द्वारा बहुत पहले से काया करा है वो कहते हैं कि जब हम फ्लाइट से उड़ते है
00:30अबादी बढ़ाई आ सकती है जिक्ति तो एतनी सारे खाली जगे यह इनका विदुत्ता पूर्णता अर्यूमेंट अरे भाई ओवर पॉपुलेटेड इस अर्थ में नहीं कहा जाता कि खड़े होने की जगा नहीं है ओवर पॉपुलेटेड हमेशा इस अर्थ में कहा जात
01:00जो पया है वोचीजैन कंजियूम करता हैुध उदाहरन के लिए एक जंगल में अगर इतना ही शिकार है कि उससे तीन बाग पल सक्ते हैं तो तीन से जाद कभी होंगे नहीं चार हो जाएंगे कभी टो एक बैरलस अपने आप बना रहे गा एक जंगल मेंगर इतना ही क्षेत
01:30करतिक रूप से वहाँ जो हिरनों की आवादियों 200 पर ही रहेगी, क्योंकि उससे ज्यादा हो गए, तो हिरनों के खाने को नहीं बचेगा, वहाँ पर जनसंख्या नियंत्रन की कोई दरूवत नहीं पड़ती है, लेकिन मनुष्य का हिसाब दूथरा है, मनुष्य सिर्फ यह �
02:00मिदाओद्स, प्लास्टिक्स मुबाइल में मुवाइल का हुआ राहे ह्से लिए आपढ पर्संचे क्लिए नहीं आप अचे लिए जबरदस्टावाँ, हममें कु जो कुछ भी करना है, हमें इसके लिए जाहिये लिए क्लिए बहुत सारी क्क् सारी। scientifically dependent on your consumption
02:26और एलर्जी कहां से आएगी? एलर्जी आती है, फ्यूल जला के तो इनसान को बहुत-बहुत सारे प्राक्ततिक रिसोर्सेस चाहिए होते हैं, तो एक आदमी सिर्फ उतनी ही जगह नहीं कंजिम कर रहा जहां वो खड़ा है, एक आदमी कंजम्शन की एक बहुत बड़ी यून
02:56झाल
Be the first to comment
Add your comment

Recommended