00:00आपर जीजस कह रहे है कि वो रास्ता मतलों जो सब लेते हैं
00:04जब क्यों लेते हैं
00:05क्योंकि अब ओफा बैसे ज़यानों कोहता है
00:07तो शरीर आपसे वही सारे काम भी कराना चाहता है
00:10जो यानगे हो उखबते है
00:11खाव पियर और मर जाव
00:13इन एज़ू
00:26सिर्फ ठाने पीने तो भरा गाम नहीं चलेगा तो में जिन्दगी में कुछ और हो चाहिए हमें चाहिए
00:31वो रास्ता या वो द्वार इससे कम लोग जाते हैं
00:35नारोगेट एक ऐसा द्वार जिससे बहुत कम लोग प्रवेश करते हैं
00:38क्योंकि बेट भरने से जितना नीद में जाते हैं
00:41इंसान की गुलामी उसके भीतर है और वो खुद अपने दुख का कारण है
00:56धर्न का मतलब होता है कि भीतरी जो अपनी प्रक्रिया है इंसान उसको अच्छे से समझे
01:01तो ग्यो स्वेम को नहीं जाता
01:03जीवन के सबसे महत्वूर्ण मसले होते हैं उसमें कोई ग्रे अरिया नहीं होता है
01:07तो जीजस जो कहे गये उनका मतलब हमें कभी बताया नहीं गया
01:25मैं कॉन्वेंट एस्कूल से हूँ और वहां पे बहुत सारे प्रेयर्स कराई जाती थी
01:31बढ़ कभी भी उनका मतलब नहीं बताया जाता था
01:34ना कभी मतलब बताया और ना हमें कभी समझ आया
01:38तो जब आपको सुनना स्टार्ट किया
01:42तो जीजिस के उपर आपने बोलाया और वो वीडियोस मैंने देखे
01:46तो कुछ समझ में आया
01:48आज मैं कुछ quotes पढ़ रही थी
01:52सिरिमन आप दो माउंट बुक से
01:55वो मैं आपके सामने रख सकती हूँ
01:57कुछ पूछ सकती हूँ आप से
01:59उसमें से पहला quote है
02:02मैथ्यू 7.13
02:05यह कहता है
02:08Enter by the narrow gate
02:09For the gate is wide
02:11And the way is easy
02:13That leads to destruction
02:15And those who enter by it are many
02:18The narrow gate
02:22यह तो
02:23काफी
02:25रसिद्धों की है
02:29सिर्मन अंदमाउं से
02:31The narrow gate
02:33Narrow gate मैंने
02:36वो रास्ता या वो द्वार
02:38इससे कम लोग जाते हैं
02:42इसमें कहा रहा है कि
02:44वो रास्ता मतलो
02:46जो सब लेते हैं
02:49सब क्यों लेते हैं
02:50रेते हैं क्योंकि वह रास्ता तुम्हाρε जनर के साथ ही तुम्हारा
02:55शरीर ही तुमको लिवता है है तो शरीर सब के बास होता है तो इसलिए apocalypse
03:03भी सभी लेना चाहते हैं जभी जेंना जैने सभी बास शरीर ह소ता है
03:08तो सभी शरीर द्वारा सजेस्ट किये हुए रास्ते पर चलना चाहते है तो शरीर क्या रास्ता से करता है शरीर आपका वैसे ही है जानुरों का होता है तो शरीर आपसे वही सारे काम भी कराना चाहता है जो जानुरों करता है
03:24कौन से कांद खाओ प्यों जो फिजिकल कंडिशनिंग है उसको कभी भी चुनाती मत दो जीवन का कोई अर्थ मत मानो वस्य ही है कि खाओ प्यों और मर जाओ
03:40करे लों मिन्न युड रो नजो हो तो दोछार नर्मार के पी चे लडाई करें आ कि प्रशनिम में बहुत बढ़ी बात लगेशा 스�saka करना ये करते रहों ये वाइड गेट है इस पर सबीछलते हैं सारी जानुवर चलते ऑअर जैसनों चलते हैं यह अंहां पर जीशस कहर Harry है कि
04:10इस पर में चलो क्यों नहीं चलो कि इस पर अगर चलोगे तो जो तुम्हारी डीपेस्ट डिजायर है अपनी कॉंशिसनेस को फुल्फिल करने की वो कभी पूरी नहीं हो गई
04:22कि इंपेट भरने से ने रखेटी जानवरों में अशा हुता है कि उनको पेट कुछ नहीं चाहिए इंसान को जीवन का लक्ष भी पूरा करता है
04:43चाहिए जीपर्जी कहते हैं मैं डजनाट लीग बरेड इस में शचीज अब आप नहीं चाहिए
04:49कि सट्य पुरुस अभी आसे को तो पैसे को तो है कि सट्य को सब्सकराइब
05:19टूल की तरह है, एक रिशोर सेक्शन साधल की तरह होगाता है.
05:24तो यह नहीं कहा रही है कि अपनी बैलाजिकल इंस्टिंट्स नहीं पूरी करो, तो अपनी जो
05:28mental desires से पूरी करो. अपनी mental desires वाले ऐसा हो गया रहा है.
05:33तो यह कि इस higher purpose की बात कर रहा है.
05:35और चुकि उस हाईयर परपस को पाने के लिए बहुत कम लोग चलते हैं तो कह रहें नारो गेट एक ऐसा द्वार जिससे बहुत कम लोग प्रवेश करते हैं कम लोग करते हैं पर उक्यारे तुम प्रयास करो क्या पता तुम ही हुआ है ना तो प्रशु की तरह जीओ वतामसिक
06:05और सतोगों से भी आगे बुड़ातीत
06:07transcend
06:09both your body and mind
06:11that's the narrow bit
06:12और क्या है जी
06:16अगला है
06:22teachings on lust
06:25and purity से दो
06:26quotations है पहला है
06:28if your right eye
06:30causes you to
06:32sin, tear it out
06:34and throw it
06:36away
06:37another है
06:39पले इस पर ही बता दे
06:41if your right eye
06:45causes you to sin
06:46just pluck it out
06:47and throw it away
06:48अब अब यह है कि
06:50तुभे अपने शरीर का
06:52इस्तेमाल संसाधन की तरह करना है
06:54मुक्ते के लिए
06:55शरीर इसलिए नहीं कि शरीर कोई ढोते लाओ
06:59शरीर अगर useful हो रहा है
07:01liberation की राह पर
07:02अब तो उसको पालन पोशोण होगे रहा देना है
07:05but body
07:06for the body's sake
07:08यह कोई बात नहीं है
07:09तो आख तुमारी अगर एक ऐसे हो गई है
07:13जो बाकी शरीर के लिए
07:14बूज बनती जा रही है
07:15एक आख दूसरी आख के लिए
07:19खत्रा बनती जा रही है
07:20sin की क्या परवाशा है
07:23not
07:25attempting to attain liberation
07:28that alone is sin
07:29living
07:32life of bondage
07:36and deriving pleasure from it
07:39that is sin
07:40तो तुम्हारी ही
07:43शरीरिक हस्ती का अगर कोई हिस्सा
07:45तुम्हारे रास्ते में बाधा बनता है
07:48तो उस हिस्से को जुदा कर दो
07:50तुम शरीर पालने के नहीं पैदा कोई हो
07:54शरीर तुहारा master नहीं है
07:56शरीर तुहारा resource है
07:58इस अर्थ में servant है
08:00तो शरीर की एहमियत है बिलकुल है
08:04पर तभी तक है जब वो तुम्हारे उच्छी उद्देशन है काम आ रहा हो
08:07तो काम आने की जगे बाधा बनने लगे
08:10तो शरीर की कोई एहमियत नहीं है
08:12तो नीन्द चाहिए बिलकुल चाहिए
08:17पर नीन्द क्यों चाहिए ताकि ताजे हो जाओ और पूट करके बढ़िया काम करणा हो
08:22पर यह क्या दो कि मुझे
08:25दस घंटे सोना है बारा घंटे सोना है
08:27मुझे नीन्द क्या ही मज़े लेने है
08:29तो ऐसी नीन्द को बूली आरो पिर
08:31शरीर की देखभाल भी करनी है
08:35क्यों करनी है जैसे किसी मशीन की
08:37देखभाल करे जाती है ताकि यह पाम कर सके
08:39कार होती है आप कार की देखभाल करते हो
08:43ताकि यह चले और कोई कार ऐसी हो
08:45जिसकी सिर्फ देखभाली होती हो
08:48और चलती कहीं ना हो
08:50वो खूब सारी सर्विस मांगती है, मिंटिनेंस मांगती है, फ्यूल मांगती है, वो जाती कहीं नहीं है, तो हाँ, अधुआ और छोड़ती है, तो ऐसी कार फिर किसी काम के नहीं होती है, शरीर को उसकी सही जगह देना सीखो, और शरीर से आ सकती का कोई मतलब नहीं है, बॉ
09:20अन्त नहीं है, डिस्टिनेशन नहीं है, एंड नहीं है, यह याद रखो, यह है इस उप्तिकार थारत,
09:30आगे है मैथ्यू 5.37, लेट वाट यू से बी सिंपल, यस और नो, अनिफिंग मोर देस, देस देस कमस फ्रॉम इविल,
09:43मतलब जीवन के जो सबसे महत्वपूर्ण मसले होते हैं, उसमें कोई ग्रे अरिया नहीं होता,
09:52ठीक है, उसमें बाइनरी चलती है, जीरो या बन, यस या नो, तारी बाट समर्ण है,
10:03तोटी मोटी चीज़ों में बाइनरी नहीं चलती है, ठीक है, यह भई,
10:09टी, मार्क्स कितने आए, तो ऐसा नहीं है कि यह तो जीरो आएगा, हंड़ेड ही आएगा, हंड़ेड की स्केल पर,
10:16तो बीच में कहीं कर स्विटीवन भी हो सकता है, ट्विटीवन भी हो सकता है, हो एक अलग चीज़ है, पर सच के सामने सर जुकाना है,
10:27या तो उसमें yes होगा अगर yes नहीं है तो नो है तो पार्शियल yes कुछ नहीं होता है
10:33तो जिन्दगी के सबसे महत्तवोड मुद्दों में टालमटोल नहीं की जाती है
10:36approximations नहीं किये जाते है
10:39compromises नहीं किये जाते है
10:40तो वहाँ पर बहुत
10:45एक extreme absolute opinion लेना पड़ता है
10:49पोजीशन लेनी पड़ती है वहाँ आप यह नहीं कर सकते कि देखेंगे में भी थोड़ा इधर थोड़ा उदर लेक्मी टेक दर मिडल पाथ वहाँ कोई मिडल पाथ नहीं चलता है
10:59छोटी चीजों में मिडल पाथ चल जाता है छोटी चीजों में compromise चल जाती है
11:04बड़ी चीजों में compromise नहीं चलती है कोई धारण के लिए आ कड़के तुम्हारा मन गंदा करें उसमें कोई compromise नहीं करना वहाँ पर यस या नो और अगर आप क्लियर नहीं बोल पा रहे हो कि नहीं मेरा मन गंदा मत करो तो आपने यह से बोल दिया है
11:32if it's not a clear no then it's a yes similarly if it's not a clear yes
11:39जो भी सही है उसके प्रती absolute एक certainty और डिवोशन होना चाहिया उसमें अगर थोड़ा था भी खपला है कि यह सोना चाहिया था
11:49पर 80% yes so 80% yes is equal to no, no, the absolute demands absolute devotion and absolute certainty
12:00So when it comes to the core issues of life, there is no point in vacillation or in being a bit equivocal or dithering.
12:17You have to take a very unambiguous and absolutist stand.
12:22Q&A
12:50Q&A
12:52वाइद व्लॉट प्लैंट भी उसको ते इस पेक वने कड़ बगल में बंदा कड़ाय यह ब्लॉटर उसके तो आख में जरा सा एक जूल का कड़ है तो वह तुमको दिखाई दे रहा है और इसकी आख दंदिया स्काफ और तुमारी आख में
13:22पुरा बल्लम है लट लॉट प्लैंक है वह तुमको नहीं दिखाई दे रहा है तो यह सेलफ आवेरनेस के लिए इसका संब्द ही मसोच लेना की दूल से या बास से इसका संब्द सेलफ आवेरनेस से कि अपनी बहुत भीतरी हालत खराब होती है तो आदमी और ज्यादा प्ट
13:52होती है सेमें को देखना खुद को गडिया है और चब को देखते हैं अपनी आप साफ पूस देखतार ले पाए वह दो पहले हैं अपनी आप साफ करने पड़ेगी है यह
14:03पहले अपनी हांख साफ करने पड़ेगी न तो पहली चीज है कि य म जब काम कढ़ था न बहुत न बहुत ही बात फूरह ist
14:20वो ही है डिजायर और डिजायर क्या है इग्नोरंस फॉन्डामेंटल प्रिमिटिफ इग्नोरंस लैक ऑफ सेल्फ नॉलेज आत्मग्यान का भाव उसको वह एक एक जमीनी भाशा में वहां के लोग ऐसे ही था वो सेल्फ नॉलेज वर्ड नहीं यूज कर रहे हैं क्योंकि जिन
14:50को नहीं दिखाए जारी मतलब यही है कि तुम्हें आत्म ग्यान नहीं है तुम अपनी हालत को नहीं देख पा रहे हैं अभारत में यह सब बातें जब कहीं गई हैं तो ज्यादा स्विस्टिकेशन से कहीं गई है क्योंकि यहां पर ओडियेंस ऐसी थी और एक लंबी परंप
15:20आश्क एंड विल बी गिवन टू यू जी और यू जब लूट पर नहीं है कि मैं छुपा हुआ हूँ मुझे खोज हूँ लोग कहते हैं ना मैं सथ्य की खोज में हूँ
15:44कि यहां जीजस एक तरह से हसर हैं उनके उपर कह रहें इस सत्य थोड़ी चुपा हुआ है दर्वाजा थोड़ी बनता है नौक एंड डॉर शाल भी उपेंड वो देखता है दर्वाजा खोले हुआ हो नौक करके तुमको पता चलेगी तो पहले ही खोला हुआ था और नहीं
16:14कि मुझराब मिलेगा चाहो और मिल जाएगा तो बात तुम्हारी चोइस की है किसमत पर का या किस्तियों का कोई योगदान नहीं है तुम्हें अगर नहीं मिला तो इसका मतलब लाए तुमने चाहा नहीं है
16:41सर्चिंग फॉर्ट की बात नहीं है सत्य काहीं नहीं चुपा हुगा है सत्य की ओर से कोई जंजट नहीं है बात ही है कि तो अपने जूट नहीं छोड़ना चाहते हैं सच तो उपलब्द है यह पर जूट छोड़ोगे तो न वह तुम्हारा होगा
16:56सूरज है तुम आख नहीं खोलना चाहते हैं इतना अधेर आया सूरज है आख तुहारी वंद है तो जिम्हेदारी अपने उपर लो अगर तुम्हारा जो भीतरी जगत है वह अंधकार में है तो इसकी वज़ाए यह नहीं है कि कोई ताकत कोई पड़ी शक्त तुमसे रूठी
17:26करें जो नहीं है वह चंदद इसले नहीं चाहाई नहीं नहीं तो पतानी क्या क्या से मिलेगा
17:56कि लास्त था जोटे जब से कॉमेंट स्कूल में बढ़ा था और डेली यह होता था सुभे हम स्कूल गया है तो सुभे लाइन में कड़ा करके या अरब बेंग प्रेयर्स करवा थे और अश्चाने वो इस सेज्ट में या पिर मारा इतनी समझ नहीं थी कि वो जो पड़ा थे
18:26आई-पी हम देखते थे जो जो भी पड़ाते थे और अईसे नहीं है कि एक दिन में एक बार ही हो गया दो फैर में भी काने के बाद फिर शाम बजाते हैं हर दिन होते हैं तो जब आब ही आप समझा रहे थे हर चीज की लग्या आ यानि सिल्पावेर्नेस की बात हुई बा�
18:56अभी मैं समझा पारा हुँची से लिगम उन्हों नहीं बुटला है तो धर्म का मतलब ही केंद्रे रूप से आत्मग्यान होता है तो जो सोचते हैं कि जो धर्म की बाहरी बाते हैं बिलकुल परिफेरल वही मत्तव पूर्न है तो उनको ही पकड़के बैठ जाते हैं
19:26कि अियागे जैनल जा से अगता कि इन्सान की गुलामी उसके बीडर है इनसान का दुक्ती 혼ारे वीडिय।
19:49दर्म का मतलब होता है कि भीतर ही जो अपनी प्रक्रिया है इंसान उसको अच्छे से समझे लेकिन भीतर ही वह बैठा हुआ है जिसको समझ लोगे तो वह गायब हो जाएगा इगो
20:06तो इगो को ही खुद को समझना है और इगो यह भी देख लेता है कि खुद को समझूंगा तो कायब जाओंगा तो फिर उसको कमझने से इंगार कर देता है और रिलीजन को डिस्टॉर्ट कर लेता है
20:24अधर्म का रिलीजन का केंद्री मतलब ही है कि खुद को जानो पर यह मतलब भी किसको संबोधत किया गया है अंकार को ही इगो को ही तो अच्छा खुद को जानना अगर तो बड़ी रपण जाएगी मैं ही मिटूंगा तो फिर उसको जानने के लिए धर्म का मतलब पाखंड
20:54यह सब करेगा धर्म के नाम पर जो असली काम है धर्म का सेल्फ नॉलेज्ट सेल्फ अब्सविशन आत्म गया है और यह हर जगह रहा है पूरी दुनिया में रहा है और हमेशा रहा है तुम उसको चुनाती दे सकते हो तो तो तो देनी चाहिए सबसे पहले अपनी जिन्द�
21:24हमेशा रहा है तो जगता हथ में जगह रहा है और हमेशा रहा है तो प्यास ईजगजिदी दुनियाशन ओल्युटन के जगह धिस कुछ चछिटरा रहा है और हाँ है जगह यहां कि नॉलेजगी ऑurpose तो कि यह दलिए भीक में उन्चशन के उन्रा जह समयों लागा है तो उन
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