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  • 6 hours ago
इंदिरा गांधी संगीत विश्वविद्यालय को बनाने में योगदान देने वाले खैरागढ़ राजपरिवार के सपूतों की समाधियां इन दिनों उपेक्षा का शिकार हो रही हैं.

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00:00ुपेक्षा का शिकार है
00:30इस्थल को लोग धीरे-धीरे मिठी में मिलता देख रहे है
00:33वही कुछ लोगों ने समाधी इस्थल का इस्तेमाल शौच के लिए करना शुरू कर दिया है
00:38यानि जिन राजाओं के सामने खड़े होने की हिम्मत जीते जी लोग नहीं करते थे
00:43उनकी मौद के बाद बनाई गई स्वृतियों में शौच का ठपा लगा रहे है
00:48ये इस्थल में आज देखे जाये तो मुत्रालाई के रूप में लोग पेसाब कर थें
00:54कोई यहाँ पर गंदगी कर थें
00:56कोई सराप्ति के अड़्ड़ बना दे थें
00:58ये इस्थिती है यहाँ के अतिक जीर्ण शीर्ण हो गए है
01:01राजामन के समाधी इस्थल है
01:03आपको जानकर हैरानी होगी कि ये समाधी इस्थल
01:26न तो नगर पालिका की संपत्ती है
01:29और ना ही इंदिरा कला संगीत विश्वे विद्याले के अधीन
01:32आज भी ये स्थल खैरागर राजपरिवार की निजी संपत्ती है
01:37इसलिए इसकी देखरेक की सारी जिम्मिदारी राजपरिवार की ही है
01:41इसलिए प्रशासन चाहा कर भी यहाँ खुद से कोई भी काम नहीं करा सकता
01:46ऐसे में अब ये जगा पूरी तरह से असामाजिक तत्वों का नया ठिकाना बन चुका है
01:52जन्तेश्वरी मंदिर के सामने जो इसमारक है वो राजाओं की अलग अलग पीढ़ियों का इसमारक है
02:02और निश्चित तोर पर वो सनरक्षित किया जाना चाहिए और इस पर प्रशाशनिक इस तरह पर और चुकी वो विषविद्द्याले का एक भग है
02:10So in this way she transmitted them in a way where
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02:53That is why the rule of the government is not wrong.
02:54That the government does not know that the government's government does not know the government.
03:00They are not wrong with its own authority.
03:03Hemant Kumar Pal, ETV Bharat, Khairagad.
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