00:00क्या आप जानते हैं स्टारलिंक या सैटलाइट इंटरनेट कैसे काम करते हैं?
00:03स्टारलिंक की असली ताकत उसके सैटलाइट नेटवर्क में है.
00:05दुनिया की ट्रेडिशनल सैटलाइट इंटरनेट सर्विसेज बहुत उंचाई पर घूमने वाले भारी सैटलाइट पर निर्भर रहती है जो धर्ती से लगभग 36,000 किलोमीटर उपर होते हैं
00:14इतनी दूरी का मतलब है कि डेटा को आने जाने में टाइम लगता है और इंटरनेट में देरी महसूस होती है
00:18स्टारलिंक इस पूरी सोच को बदल देता है इसके छोटे-छोटे सैटलाइट लगभग 550 किलोमीटर की उंचाई पर उड़ते हैं
00:25और इतनी कम दूरी की बजह से इंटरनेट की लेटेंसी कम होती है और स्पीड बहतर मिलती है
00:29हालांकि ये सर्विस सस्ती नहीं है
00:30स्टारलिंक इंटरनेट का पूरा सिस्टम आपकी छट पर लगी
00:33एक स्मार्ट डिश और आसमान में घूम रहे लो अर्थ और्बिट सैटलाइट पर चलता है
00:37जब आप कोई वीडियो चलाते हैं, वेबसाइट खोरते हैं या कॉल करते हैं
00:40तो आपका डेटा पहले आपके वाइफा राउटर से डिश तक जाता है
00:43ये डिश सीधे आसमान में लगभग 550 किलोमीटर की उचाई पर घूम रहे
00:46स्टारलिंक सैटलाइट से कनेक्ट हो जाती है
00:48वहाँ से डेटा या तो किसी जमीन वाले ग्राउंड स्टेशन तक जाता है
00:51या फिर लेजर लिंक के जरीए एक सैटलाइट से दूसरे सैटलाइट तक जाता हुआ
00:55इंटरनेट सिस्टम से जुड़ता है
00:56इतना कम फासला तय होने की वजह से लेटिंसी भी कम रहती है और स्पीड तेज मिलती है
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