Skip to playerSkip to main content
Truth Without Apology
अब अमेज़न पर उपलब्ध:
https://amzn.in/d/61CYEr4
➖➖➖➖➖➖
#acharyaprashant
#books
#Ahankaar
#NatureTruth
#LifeLessons
#SpiritualAwakening

Category

📚
Learning
Transcript
00:00आपने बोला तो एगो को अगर हम साइड कर दे हैं, क्या हम भी फिर प्रकृती को इस सरेंडर नहीं कर दे रहे हैं?
00:06उस तो कर नहीं है, उसमें क्या समस्य है?
00:10आप प्रकृती को सरेंडर क्या अगर होगे? जो सरेंडर करने वाला है, वो स्वयम ही प्रकृती है
00:17यह बहुत है है कि यह कि परा प्रक्रति के आफारी सेहल ना
00:27यह बहुत ही प्रक्रति होती है
00:32यह गातर आफारी न बटोrdhya cta को वह मैं午
00:40बहुत ही आफारी कि स्टो कवेते ह焦्ध बात है
00:44से शाग की एक बूम सागर को सरेंडर कर दे, सरेंडर का सवाल नहीं उठता हो तो पहले से सरेंडर थे
00:51हाँ भो अपने भीतर अगर ख्यायाल पकाये बैठी है कि मैं कुछ अलगाओ तो यह अलगाओँ, तो यह लैक ऑफ सरेंडर नहीं है यह लैक औरस्टैंडिंग
01:02प्रकृति को फाइट क्यों करते हैं?
01:14क्योंकि अंकार है, जब आप ऐसे हो जाओगे, कि अंकार मिटही गया है, या कि अंकार आत्मस्ति हो गया है,
01:25तो आपको प्रकृति को फाइट करने कि बिल्कुल कोई जरूवत नहीं बचेगी,
01:29फिर तो जब नीद आए बिलकुल सो जाओ, कोई आपको रोक नहीं सकता
01:33फिर आपको नीद आएगी ही तभी, जब आनी चाहिए
01:36लेकिन चू कि अभी डिस्टॉर्शन हो गया है
01:41अभी डिस्टॉर्शन हो गया है, जैसे कि
01:44ये कोई बरतन हो, ये इधर से दब गया हो
01:47चू कि वो डब गया, इसलिए अंदर से हथोड़ा मारना बढ़ेगा
01:51पर एक बार ये अपने सहज रूप में वापस आ जाए
01:56उसके बाद अब थोड़ी से हथोड़ा मारोगे
01:58तो अभी हमको प्रकृति के विरुध जाने के फैसले करने पड़ते हैं
02:06क्योंकि हमने अपनी प्रकृति को विक्रति बना दिया है
02:09तो फैसले सच पूछो तो हम प्रकृति के खिलाफ नहीं करते
02:13वो अपनी विक्रति के खिलाफ करते हैं
02:15लेकिन जब विक्रति हट जाएगी
02:18तो आप पूरी तरह प्रकृतिस्त हो
02:20उसके बाद जिधर जाओ उधर ही ठीक है
Be the first to comment
Add your comment

Recommended