Asaduddin Owaisi Parliament Speech: AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) का इस्लाम और मोहम्मद अली जिन्ना पर दिया गया भाषण सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। संसद में दिए गए इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में नई बहस छेड़ दी है। ओवैसी के तेवर, उनके तथ्यों और उनके तर्कों पर समर्थकों और विरोधियों दोनों की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। यह वीडियो ओवैसी के बयान, विपक्ष की प्रतिक्रिया और संसद में उठे माहौल को विस्तार से दिखाता है। राजनीति, संसद और करंट अफेयर्स में रुचि रखने वालों के लिए यह पूरा बयान ज़रूर देखने लायक है।
00:14तो मेरी अबादत को और मुझे मानो, मुझे कहां से मिल रहा है, आर्टिकल 25 से मिल रहा है, मुझे कहां से मिल रहा है, लिबर्टी अफ थाउट, एक्स्प्रेशन, बिलीफ, फेट अन्वर्किप से मिल रहा है, तो इसको जोनना, ये बहुत ही खतरनाक होगा, और हमारे प्रा
00:44है और रहेगी हमेशा क्योंके याजीम खुर्बानिया यहां पर सामिल है जिन्हों ने जंग आजादी में हिस्सा नहीं लिया आज अगर वो वतन की महबत का दर्स जाएंगे तो बड़ा गलत होगा अगर वंदे मात्रम मेडम खौमियत का मियार है तो पिर सवाल यह है कैसरत म
01:14याँड दिन तक उसकी खौमियत क्या थी अगर इनायत अल्ला काफी जो जिहाद का फत्वां अंग्रेजों इंकलाव दिया अम अरद अबाद में जब उनको इस दो दिन में फांसी की सजा दी गई और जब फांसी की सजा एक जा रहे हैं तो इनायत अल्ला काफी के जबान �
01:44रहे उनकी खौमियत क्या थी अल्लामा फजल है खेराबादी का उसल काला पानी का पुकार पुकार करें से पूछ रहे जो वहीं पर मर गए इन खबर वहाँ पर है बताओ मेरी खौमियत क्या थी
01:53मेडम पहले तो मैं वजीर आजम की इस बात की मख़मत करता हूँ और उनको बताना चाहूंगा कि जिना के बारे में उनको कहा था हम तो जिना के सब मुखालिफ है इसलिए भारत को अपना वतन माने मगर 42 में आपके प्यारे वीर और जिना की पार्टी ने नौर्थ वेस्ट �
02:23के बारे में कि फरेब दे कर जमाने को पार्सा ना बनिये इने कहो कि वो बंदा बने खुदा ना बने अमीर शेहर यही चाहता या हजरत कि हमारी ची
02:51करते हम अपनी मा की अबादत नहीं करते ऑ्मु किताब खुरान है हम
02:55खुरान की अबादत नहीं करते खुरान यrobi जावत लाम है तो इसके बारे में शायर नहीं
03:00जिर अच्छा कहा के खबर नहीं जिने अपने दिनों मजभ़ की हमें वो दिन
03:04का मतलब सिकाने निकले हैं एहम बात ये है कि माडम हमारे मुल्क का आइन का इस लफ से आगाज होता है वी दे पीपल इसका आगाज भारत मता के नाम से नहीं होता है हमारे समविधान का जो प्रियांबल है वो क्या कहता है लिबर्टी आफ थाट एक्सप्रेशन बिलीफ फे�
03:34हुए है इसी कब हो रही है हमारे कॉंस्टेंट असम्बली में मैडम एक महतरमा थी रोहीनी कुमार चौधरी ने एक तजवीज दी थी कि प्रियांबल में किसी देवी के नाम से शुरू हो उन्होंने खास तोर से वंदे मातरम को जिकर किया मगर उसको खुबल नहीं किया ग
04:04अवाम है अवामी खानून की मसन्निफ है अवाम मर्जी से की मर्जी से सबसे बालातर है अवामी हाके में मुल्क किसी खुदा देवी देवताय मजभी इलामत के नाम से नहीं चलता ना मुल्क किसी एक मजभ की मिल्कियत है इसलिए बाबा साथ वंबेटकर ने क्या कहा था �
04:34तो सवाल ये पैदा होता है कि उस वक्त हमारे जो कॉंस्रेट असम्वली के प्रेज़ेंट है जनाव राइंदर पसाथ साहब ने किस बुनियाद पर वंदे मातरम को खौमी तरह ना खरार दिया ना तो किस्टीर रिजुलूशन है इसके बारे में मैं आपको बताना चाहूं�
05:04उन्हें का गाइडलाइंज दिये जाएं वंदे मातरम पर सुप्रेम कोट ने नहीं कही दिया फिर आप आजाएए मैडम प्रिवेंचर विंसल्ट एक्स नेशनल लाइटिन सेवेंटिवन इसमें नेशनल सौंग नहीं है सिर्फ नेशनल एंबलम और आपका नेशनल एंतम ह
05:34हैं एथिस्ट हैं महनतकश हैं किसान गरीब मजलूम और दलित हैं मगर अगर जो तकारीर आज हमने यहां पर सुनी और बाहर जो सुनते हैं अगर भारत को देवी कहने और उसके आगे सजदा करने तो दरसल खौम परस्ती को वतन से महबत को मजब में तबदील कर रहें और �
06:04कैसरत मухانी की खौमियत क्या थी जिसने इन खिलाव जिन्दाबाद के नारा दिया यूस्व महर लिने कुट इंडिया साइमन गो बैक का नारा दिया तो उसकी खौमियत क्या थी अगर हिद्राबाद से मौल्वी अलाओ दिन जो मक्का मसजिद का पहला मुझरम है काला पानी
06:34मौलाना काफी के जबान पर क्या था
06:37वो रसूलाला हमारे प्रॉफेट की नाथ पढ़ रहे थे
06:39क्या पढ़ रहे थे
06:40कोई गुल बाखी रहेगा ना चमन रह जाएगा
06:42पर रसूलाला का दीनِ حसन रहे जाएगा
06:45तो उनकी खाउमियत क्या थी
06:46माल्टा की जेल में महमुद अलहसन
06:48हुसेन अमदमनी छे माल्टा की जेल की ग्राउंड में पढ़े रहे
06:52उनकी खौमियत क्या थी
06:53अल्लामा फजलिह खेराबादी का उस्सेल काला पानी का पुकार पुकार करने से पूछ रहे
06:57जो वहीं पर मर गया उनकी खबर वहाँ पर है बताओ मेरी खौमियत क्या थी
07:01मैडम मैं एक मुसल्मान हूँ मैं इसलाम को मानने वाला बाविखार इनसान हूँ
07:05और मेरे मजभ की बुन्यादी तालीम तोहीद है
07:08नहीं है कोई खुदा सिवाए लाके
07:11और खुरान में लाके आवरा याक नाबदू याक नस्तईन
07:14तो मेरी बदद करौर मुझे मानो मुझे काह से मिल रहा है
07:17आर्टिकल टूंटिवई से मिल रहा है
07:19मुझे कहां से मिल रहा है
07:20लिबर्टी आफ थाउट, एक्सप्रेशन, बिलीफ, फेट एन वर्षिप से मिल रहा है
07:24तो इसको जोनना ये बहुत ही खतरनाक होगा
07:27और हमारे प्राफिट मुहम्मद ﷺ जब मदीने को गए
07:30तो उन्होंने उस वतन के लिए दुआ की
07:32जा की कहा कि Allah मदीने की मोहबत हमारे दिलों में और इज़ाफा कर दे
07:35मक्के से जादा कर दे
07:37तो ये इस्याम मुसल्मान होना
07:40हमारे एमान में मुल्क की मोहबत बीश में नहीं आती
07:43और मुल्क स मحबत है और रहेगी हमेशा
07:45क्योंके यह अजीम खुर्वानियां यहां पर सामिल है
07:47जिन्होंने जंग आजादी में हिस्सा नहीं लिया
07:49आज अगर वो वतन की महबत का दर्स देंगे तो बड़ा गलत होगा
07:53मैटम मैं आपके साम में एक चीज़ पढ़ूँगा
07:55रविदना टेगर ने लिटर लिका सुवाश चिंडर बोस को
07:57मैं सरफ किसी ने नहीं पढ़ाई है
07:59क्या कहा टेगर साब ने
08:01यह मैं इसको ले करूंगा मैडम आप देख लीजिए
08:17पिर दूसरी तरफ मैडम
08:19जितने तखारीर यहां पर सब जनगन मन पर तनखीद किये
08:22तो मैडम मुझे यह कहना पड़ेगा
08:24कि जनगन मन पर आप लोग इतनी तकलीफ क्यों उठा रहे हैं
08:28आखिर इतनी तकलीफ क्यों है
08:30तो मैं जब जा कर देखा
08:32तो मुझे 28 डिसंबर का
08:34अर्गनाइजर मगजीन का अर्टिकल मिला
08:37जिसमें अर्गनाइजर लिखता है
08:39कि वाट इस दो मॉरल संक्शन बहाइंड गवर्मन चोईस अव जनगन मना
08:43एक्सेप्ट आप एक जनगन मन पर इंटेइनमेंट
08:46अब बताइए इसका बोलेंगे आप
08:51और फिर उसके क्रेंट करसा करते हैं
08:53इट विल मीन वी केंट नाट लावर मदरूट
08:56माडम प्लीज माड़ा प्लीज
08:57इट विल मीन दाट वंदे मात्रम इस बरीड अलाइज
09:00विद जनगन मना उन टूम स्टोन
09:02इस पे आप क्या बोलेंगे
09:06मैडम मैं आपको बिये बताना चाह रहा हूँ
09:09ये वतन की महबत हमारी बहुत है मैं
09:12मगर ये बताइए हमको
09:14अभी मैडम यहाँ पर आनन मट के बारे में बहुत कुछ कहा गया
09:17मैं सिर्फ दो मिसाले आपको देता हूँ
09:20आनन मट के पेज नमबर 79-80 को पढ़ लीजिए
09:23इसके बाद सनातन जहां मुसल्मानों के घर पाते थे इन्हें आग लगा देते थे
09:26आप पेज नमबर 98 पढ़िए
09:28हमेसे फिर मुसल्मानों को जड़ से खतम करना है
09:30क्यों खुदा के दुश्मन बन चुके हैं
09:32पिर आप पेज नमबर 115-16 दीजिए
09:34पिर मुक्तलिफ इलाखों मुसल्मानों को सदा देने के लिए भेज जाते
09:38जहां मुसल्मान आबादी नज़रा आती जला दी जाता
09:40पिर आप देख लीजिए मैडम
09:41सफ़े नमबर 120 पेज नमट किम लिखते हैं कि सनातियों को
09:45मालूम नहीं था कि अंग्रे जिंदुस्तान को निजात दिलाने वाले हैं
09:48ये आप क्यों कर रहे हैं
09:50अब आप मैडम मैं आपको पेपस जे कर दूँगा
09:53मैडम भारत में हमारी आज़ादी इसलिए आई
09:55और बरकरार रही कि हमने मुलक और मजब को एक चीज़ नहीं बनाया
09:58हमने इलान किया कि हमारी मुलक मुक्तलिफ तबगात मज़ाइब पर मुश्तमिल है
10:03हमारे मुश्तरका तखदीर हमारी खौमियत का सरचश्मा है
10:06ये खास जबान सकाववद मजभ नहीं है
10:08अगर वंदे मातरम का मतन, खौम और मजब को एक बना देता है
10:12अगर हम इसे टेस्ट बनाते हैं वफादारी का
10:15तो फिर मान लीजिए कि ये गांदी, अंबेटकर, टेगोर, बोस
10:19और लाको आज़ादी के सिपाईों की सौच को छोड़कर
10:21गोटसे की सौच की, हिंदू खौमी परस्ताना, मैंड़ आप खत्म कर रहा हूँ
10:25हिंदू खौम परस्ताना को एक्तियार करेंगे
10:28मुझे वतन से बेंत्यार महबबत है मैड़ा और इन्शाला हमेशा रहेगी
10:31मगर बावजूद इसके, के मेरी मस्जिद, मेरी अबादतगाह, मेरे कपड़े, मेरे कारोबार पर हमले होते
10:38मगर मैं फिर भी कहता हूँ के मेरा हर वतन को हम छोड़कर नहीं जाएंगे
10:41मगर हुब लवतनी का क्या मतालबा है, हुब लवतनी ये कहता है
10:45के वतन से महबत है, तो जल्म को खतम करो, गरीमी को खतम करो, बेरुजगारी को खतम करो, जवर का खातेमा करो, अमन का गहवारा बनाओ, पाकिस्तान की देशल गर्दी को खतम करो, एक्स्प्राटेशन को रोको, शरारत को रोको, मुल्क के खिलाफ की जाने साली साज़िश
11:15तो मैं जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूँ अगर एक ही फूल खेलेगा तो वो सहरा बन जाएगा और माली माली नहीं रहेगा वो जलात कहलाएगा तो इसलिए मैडम हम उम्मीद करते हैं कि हुकूमत इस पर जोर जबर जबर ना करे मेरा राइट है यकिनन मैं जानता हूँ कि �
11:45प्रक्राब के मिज़ूगों के कोई एक किताब में लिखका बता दीए और मैं अपने बात को खतम करते हूँ मीडम कुक् posisters कि आप बहुत जल्दी में हैं कि भारत जिन्दबाद हिंदो स्लमान जिंदाबाथ धुलिच जिन्दबाथ इसाई जिन्दाबाथ आदी
12:01जिवासी जिन्दाबाद, जो किसी खुदा को नहीं मानते, वो भी जिन्दाबाद, तो हम अमीद करते के इस रूह को आप समझेंगे, अगर आप सिफ अपनी आइडियोग को लेकर चलेंगे, और आखिर मेडम, जनाब बंकिम चंद्रा साहब के बारे में, मैं आपके सामें ड
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