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Parliament Winter Session: Lok Sabha में SIR पर चर्चा के दौरान मनीष तिवारी (Manish Tiwari) ने सवालों की बौछार कर दी है. कांग्रेस (Congress) सांसद ने चुनावों को फिर से बैलेट पेपर से कराने की मांग की. साथ ही ईवीएम (EVM) को लेकर चुनाव आयोग (Election Commission) और केंद्र सरकार पर सवाल दागे.


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~PR.89~HT.408~ED.276~

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00:00अधिक्ष बहुत है आपका बहुत बहुत धन्यवाद कि इस अति महत्पूर्ण चर्चा को आरम करने का आपने मुझे यह अफसर प्रदान किया है
00:14भारतिय राष्ट्रिय कॉंग्रिस के नेत्रितु में जब स्वाधीनता का संगराम रड़ा गया
00:23तो उसके दो बुनियादी लक्षे थे सबसे पहला लक्षे कि भारत को आजाद करवाया जाए
00:34और दूसरा कि भारत को एक लोकतांत्रिक रूप के अलदेश के रूप में परिवर्तित करके
00:43लोगों की जो आशाएं और अकांग्षाएं हैं उनके स्वरूप उन्हें सरकार बनाने का मौका दिया जाए और जब अजादी की उस लोग को जो संविधान के निर्माता थे
00:57उन्होंने राश्ठ्रण निर्मान में उस उर्जा को समर्पित किया उस उर्जा को मौडा सम्विधान की परिवेचना में उन्होंने दो एहं बाते कहीं सबसे पहले की बहारत
01:17एक समुप माने सदर्ष प्लीज माने सदर्ष प्लीज बेठिये माने सदर्ष प्लीज
01:25और मेंबर धन्यवाद अद्यक जी तो मैं कह रहा था कि सबसे पहले जो समधान निर्माता थे
01:35कोई बात नि सबी सुनेंगे अद्यक जी तो समधान निर्माता थे भारत की समधान की परिवेचना में यह सुनिश्चित किया
01:54कि भारत एक संप्रुबता और लोकतांत्रिक गंडराज्य के तोर पे गठित किया जाएगा
02:04और जब समधान का ब्यालेसवा संचोदन हुआ
02:10तो उस परिवेचना में दो और शब जोड़े गए
02:15समाजवाद और पंथ निर्पेक्षता
02:20और उस स्वरूप में आज वर्ष दो हजार पच्चिस में
02:26भारत का जो गंतंत्र है ये गंडराज्य है ये उस स्वरूप में गठित है
02:30अद्येख जी भारत के एक लोकतंत्र में इस लोकतंत्र में
02:37दो सबसे बड़े भाग्यदार हैं एक अवाम
02:4098 करोड वो लोग जो मद्दान करते हैं और भारत के राजिनितिक दल
02:50जो विशेश तोर के उपर उस चुनाओं में हिस्सा लेते हैं
02:57सम्विधान के निर्माताओं ने ये सुनिश्चित किया
03:021940 से लेकर 1940 तक कि धर्म जात मख़ब फिरका सबसे उपर उठकर
03:13हर भारत बासी को हर भारत के नागरिक को जो 21 साल की उमर से ज्यादा है
03:20उसे बद्दान का हक दिया जाए
03:24और ये उस समय हुआ जब बहुत सारे ऐसे मुल्क थे
03:30जहां पर बद्दान का हक एक बहुत सी संकीरन तोर पे दिया जाता था
03:37और आज मुझे ये कहने में कोई संकोच नहीं है कि पिछले 78 साल में
03:44अगर सबसे बड़ा कोई चुनाव सुधार हुआ
03:48वो भारत के पूर प्रधान मंतरी शिरी राजीव गांदी जी ने किया
03:53जब उन्होंने 1989 में मैं भारतिय राश्ट्री चात्र संक्थन का राश्ट्रिय देक्ष्टा
04:01एनिस युई का हमारी मांग के उपर उन्होंने करोरो करोरो जो भारत के नौजवान हैं
04:09उनको मत का अधिकार दिया जब मद्दान की आयो सीमा 21 से घटा कर 18 वर्ष की गई इससे बड़ा चुनाव सुधार पिछले 78 वर्ष में इस बुल्क में और कोई नहीं को
04:22अब जब संविधान की संरचना हो रही थी अधिक्ष जी तो ये जो सारा लोकतंत्र का ताना बाना है इसको चलाने के लिए एक न्यूट्रल इंपायर भी चाहिए था
04:34और संविधान के निर्माताओं ने चुनाव आयोग का घटन किया
04:40उस समय ये चर्चा चली कि क्या चुनाव आयोग एक स्थाई संस्ता होनी चाहिए या अस्थाई संस्ता होनी चाहिए
04:51और जब 15 जून 1949 को 1949 जब डॉक्टर बाबा साथ भीमराओं बेटकर जी ने ड्राफ्ट आर्टिकल 289 प्रस्तुद किया
05:05चुनाव आयोग को लेकर उस पे बोलते हुए शिबिलाल सकसेना जो उस सभा के सद्यस से थे
05:15उनने कहा और मैं कोट करना चाहता हूँ
05:17Our Constitution provides for the dissolution of the legislature when a no-confidence is passed
05:26So it is quite possible that elections to the various legislatures in the province and the centre will not be concurrent
05:36Every time some election or the other will take place somewhere
05:40It may not be so in the very beginning or in the very five or ten years
05:45But after ten or twelve years, at every moment, some election in some province will be going on
05:54And after that, Dr. Baba Sahib Bheem Rao Ambedkar Ji has heard that
06:04Okay she has a question
06:09आज़ायोग एक्साइ संस्ता होगी मैंने यह अच्छ
06:12ने पढ़े हैं पतावान पतनी देश में वानने इलेक्षन उपर भैस चल रही है
06:16पर अगर आप इस संवधान सभायों कि जो संग्यान में ऑपने पताव फो संवधान निर्माता उंए
06:26ये देख लिया था कि भारत में 10-12 साल बाद
06:31अलग-अलग समय पे अलग-अलग राज्यों में चुनाओं होंगे
06:36तो इसे एक बहुत बड़ा प्रशन खड़ा होता है
06:38कि ये एक देश एक चुनाओं का कोई अचुत्य बचता है कि नहीं
06:45इसके उपर चर्चा करने की जरूरत है क्योंकि सम्वधान के जो निर्बाता थे
06:51उन्होंने इसका अपने संग्यान में लेकर ये उस समय कहा था
06:55कि इस देश में अलग-अलग समय पे अलग-अलग चुनाओं होते रहे
06:59अब चुनाओं आयोग को एक्तियार दिये
07:02धारा 324 से लेके 329 के तहट
07:06और उस चुनाओं आयोग से सब लोगों की उमीद थी
07:12कि वो एक निश्पक्ष इंपायर होके काम करेगा
07:16पर मुझे बहुत खेज से ये बात कहनी पड़ रही है
07:21और ये बहुत दुर्भा के पूर्ण बात है
07:24कि इस साइट पे बेठे
07:32देश में लोग ऐसे हैं जिनको चुनाओं आयोग की
07:38निश्पक्ष्टा पर आज सवालिया निशान खड़ा करने की
07:42जरूरत पड़ रही है और अगर सबसे पहला कोई चुनाओं
07:48सुधार इस देश में होना चाहिए अद्यक जी तो वो चुनाओं
07:53सुधार होना चाहिए जो कानून 2023 में बना था जो इलेक्षिन कमिशन के जो सदस्य हैं उनकी उनकी चैन को लेकर जो कानून बना था जो उसकी धारा साथ है उसकी सेलेक्षिन कमिटी में मानिनिया
08:11प्रधान मंत्री नेता विपक्ष लोकसभा और एक कैबरेट मंत्री जिसको प्रधान मंत्री सुनिश्चित करते हैं वो तीन लोगों की समिती है मेरा ये सुझाओ है कि इसमें दो सजस्य और जोड़े जाने चाहिए एक नेता विपक्ष राजसभा और दूसरा नामज़त तो
08:41रहेंगे और एक उसमें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया मुक्य नयाईदीश रहेंगे और अध्यक्ष जी अगर आईसी समिती बनेगी तो फिर ठीक से खेला होबेगा फिर ठीक से खेला होबेगा और ये जो लोगों के मन में ब्रहम है चुनाओ आयोग को लेकर उसको शांत क
09:11अध्यक्ष जी धारा 327 जो सम्विधान की है उसने इस संसद को अख्तियार दिये कि वो मत्ताता सूची बनाने के लिए डिलिमिटेशन चेतरों की कैसे हो उसके लिए कानून बना सकती है और वो कानून इस संसद ने बनाया
09:34representation of people's act 1950 representation of people's act 1951 और registration of electoral rules और आज मैं बहुत खेद के साथ कहना चाह रहा हूं कि देश भर में S.I.R. पे चर्चा है कई प्रदेशों में S.I.R. हो रहा है पर मैं बहुत जिम्मेवारी से ये बात कह रहा हूं कि चुनाओ आयोग के पास
10:02कानूनी तोर पर S.I.R. करवाने का कोई और चित्ते नहीं है
10:07और मैं आपको पढ़के सुनाना चाहता हूं जो रेपरिजेंटेशन आप पीपल्स एक्ट है 1950 उसमें चुनाओ यो आयोग ये कहती है कि उनको जो अधिकार है वो
10:23section 21 से मिलता है मैं 21 पढ़के सुनाना चाहता हूं
10:31the electoral roll for each constituency Mr. Speaker sir kindly mark the word each each constituency shall be prepared in the prescribed manner by reference to the qualifying date and shall come into force immediately upon its final publication in accordance with the rules made under this act
10:56the said electoral roll shall unless directed by the election commission etc ये दूसरे प्राफधान में है अब तीसरे प्राफधान में
11:07representation of people's act का जो कानून है जो सदन ने बनाया है वो कहता है notwithstanding anything contained in subsection 2
11:17the election commission may at any time for reasons to be recorded in writing direct a special revision of the electoral roll for any constituency
11:34not every constituency for any constituency or part of a constituency in such manner as it may think fit
11:44आगे कानून ये कहता है जो इस सदन ने बनाया है
11:49provided that subject to the other provisions of this act the electoral roll for the constituency
11:57a particular constituency as is in force at that point in time of issue of any such direction
12:06shall continue to be in force until completion of the special revision so directed
12:10अद्यक्षिस का क्या मतलब है इसका मतलब ये है कि
12:15ना सम्विधान में ना कानून में special intensive revision का कोई प्रावधान है
12:24ये सिरफ एक अक्तियार चुनाओ आयोग को दिया गया था
12:31कि अगर किसी स्चित्र में कोई गड़बड़ी है electoral roll के साथ
12:37कोई मद्धाता सूची ठीक नहीं है तो उसको ठीक करने के लिए
12:43for reasons to be recorded and writing and reasons to be made public
12:48तो ही आप SIR कर सकते हैं आप पूरे बिहार के लिए SIR नहीं कर सकते
12:55आप पूरे केरल के लिए SIR नहीं कर सकते आप पूरे बश्चम बंगाल के लिए SIR नहीं कर सकते
13:01आप SIR अगर करना चाहते हैं तो हर constituency में हर चुनाओ चेत्र में
13:10अलग अलग जो आपको खामिया लगती हैं, उन खामियों को रिकॉर्ड करके इन राइटिंग, उसको सारवजिनिक करके फिर आप कर सकते हैं, मैं सरकार से पूछता चाहता हूँ, कि कहां है वो रिजन्स रिकॉर्ड इन राइटिंग,
13:24सरकार को चुनाओं आयोग से वो जो कारण है, उनको अपने संग्यान में लेकर सदन के पटल पे रखना चाहिए, कि कौनसी चुनाओं छेतर में, कहां पे गड़बड है, क्या कंप्लेंट चुनाओं आयोग को मिनी, और उस कंप्लेंट के आधार पर क्या उन्होंने इंक्वा
13:54लिध्र में होना चाहिए, तो उसके जो कारण है, वो सारवजनेक होने चाहिए, और दुर्भा के पूरन बात यह है, कि इस बुनियादी प्रशन के उपर, कि चुनाओं आयोग को ह्साइयार कराने का अक्तियार है कि नहीं, इस दुर्भा के पूरन बात है, कि अधालत में �
14:24चाहता हूं कि हर संसिदिय छित हर असेम्बली छित जहां पर सायार हो रहा है उसके कारण क्या है वो सदन के पठल पर रखने चाहिए धेश को यह जानने का हक है कि यह सायार किस तरह से करवाया जा रहा है अब मैं इवियम्स पर आता हूं देख्षिया
14:45यह जो इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन है लोक तंत्र एक भरोसे पर चलता है जक्षिया और वो भरोसा क्या है कि जब वो 98 करोण लोग जाकर उस लाइन में खड़े होते हैं पांच-पांच साथ-साथ गंटे कभी-कभी डूप पर कड़े होते हैं आप राजस्थान से आते
15:15कि जो वोट डाल रहा है वो सही जगा जा रहा है कि नहीं और आज इस देश में बहुत लोगों को यह चिंता है मैं यह नहीं कहा रहा कि ईवीयम मेन्यूपलेट हो रहे हैं
15:29मैं ये कह रहा हूँ
15:31कि लोगों के इस बात की चिंता है
15:34कि EVM मेन्यूपलेट हो सकते
15:36और जब अवाम का भरोसा
15:40लोग तंतर में तूटता है
15:42तो अराजकता फैलती है या ध्यक्जी
15:45अराजकता फैलती है
15:47और इसलिए ये बहुत जरूरी है
15:51मैंने इस सदन में सवाल पूछा था
15:53किरिन रिजज़ू यह यहाँ पे है नहीं
15:56उस्ता में वो कानून मंत्री थे
16:0025 मार्च 2002 को
16:01मैंने पूछा था इस सदन में
16:04आप आसन पे थे या ध्यक्जी
16:07कि ये EVM का सोर्स कोड किसके पास है
16:10ये EVM का जो सोर्स कोड है
16:13ये क्या उन कंपनियों के पास है
16:16जो EVM बनाती है
16:17ये चुनाओ आयोग के पास है
16:19वो हैस दे सोर्स कोड
16:22आफ दीज़ इवियम्स
16:23आइ डिड नाट रिसीव अनज़ आट ड़े
16:25आफ नाट रिसीव नाट रिसीव नाट रिसीव अनज़ तिल लाँ
16:28और मैं आज आपके माद्जन से पूछना चाहता हूँ
16:31कि सरकार को चुनाओ आयोग से ये बात पूछ कर
16:37हम लोगों को बतानी चाहिए
16:39कि क्या उसका सोर्स कोड
16:42जो मदर बोर्ड प्रोग्राम होता है
16:44वो उनके पास है
16:45कि उन कंपनियों के पास है
16:47जो ये मशीन में बनाते है
16:49और मैं अगध्यक जी बहुत
16:51जिम्मवारी से ये बात कह रहा हूँ
16:53कि
16:54इसका ये जो
16:57लोगों में आशंका है
16:59इसको हल करने के दो ही तरीके
17:01या तो सो परतिशद
17:04वीवी पैट की काउंटिंग हो
17:06हंड़र्ड परसेंट
17:07वीवी वीपैट की काउंटिंग हो
17:09और यह
17:10जो से बढ़िया सलूशन है
17:13कि हमको पेपर बैलेट
17:15पर वापस चला जाना जाना
17:16बहुत सारे
17:19बहुत सारे ऐसे मुल्क थे
17:21जिन्होंने ईवीएम का परियोग किया था
17:24जपान जर्मनी
17:25अमरीका जहां पर यह आजात हुए थे
17:28वो सारे पेपर बैलेट पे वापस क्यों चले गए
17:31क्या कारण था
17:33कि वो पेपर बैलेट पे चले गए
17:35वो कारण यह था
17:37आफ्टर आल दे एवीएम इस अ मशीन
17:39और एनी मशीन
17:41कैन बी मिन्यूपलेट और मैं
17:43देख जिए एक बात कहना चाहता हूँ
17:44कि अगर एवीएम में सब कुछ ठीक है
17:46सब कुछ बिलकुल पारदर्शित है
17:48एवरीटिंग इस कुष्टर एवरीटिंग इस अबबाग बोड
17:52छे प्रदेशों में चुनाओ होने जा रहे हैं
17:55केरल
17:56तमिल नाडू
17:57पस्टिम बंगाल
17:59असाम
18:00पुणिचरी
18:00पेपर बैलेट पे करा दिज़ी तैट चुनाओ
18:02दूद का दूद पानी का पानी हो जाएगा
18:05दिखें चुनाओ आयोग को तो चुनाओ करवाना है
18:10चुनाओ आयोग को क्या फरक पड़ता है
18:16EVM से हो या paper ballot से हो चलो अगर 3-4 दिन लग भी गए गिंती में लोगों का भरोसा जो भारत की लोगतांतरिक विवस्ता है जो भारत की बुनियाद है जिस लोगतांतर के बारे में हम दुनिया में गुँँँँँच के कहते हैं कि हम भारत देश के सबसे बड़ा लोगतांतर है
18:46सबसे बड़ा जो सवाल ये निशान है अब मैं अगली बात पर आता हूँ ज्यक जी ये जो सरकारी पैसे का दुरूपयोग होना शुरू हो गया है कि चुनाओ आया चुनाओ से पहले आपने लोगों के खातों में कैश ट्रांसफर करने शुरू कर दिये ये ये कैसा लोगत
19:16मीने पहले आप आप लोगों के खातों में पैसे डालने शुरू कर देते हैं अच्छा और मैं इसलिए ये चिंता का विश्य है लोगत तंतर के साथ जो तो खिलवार होता है भारत के राजस्व के साथ बहुत बड़ा खिलवार होता है मैंने एक सवाल पूछा था संसद में
19:46जो उनने उनकी देंदारी है वो 2.67 लाग करोड है ये देंदारी केंदर सरकार की 196 लाग करोड होगी 31 मार्च 2026 को जो कंबाइंड डेट टू जीडीपी रेशो है वो 86.6 प्रतिशत है आपके वर्ष तईस चौबिस में
20:1018 में से 28 राजी ऐसे हैं जिनका डेट टू जीडीपी रेशो 30 परसंट से जाला है विहार का सैंस्टिस परतिशत है
20:19मैं धिक जी ये परताव करना चाहता हूँ कि आर्टिकल 292 और 293 के तहट इस संसत को अक्तियार है कि वो जो जो बॉर्विंग लिमिट्स है किंदर सरकार की भी और राज सरकार की भी दोनों की बॉर्विंग लिमिट्स फिक्स कर सकता है उसमें एक आर्टिकल 293 ए और जोड
20:49अगर केंदर सरकार या किसी राज सरकार का डेट टु जी डीप रिशो बीस परतिशद से जादा है आइडिली तो दो
21:00दस परतिशद होना चाहिए तो वो राज सरकार या केंदर सरकार कोई कैस्ट ट्रांसफर में कर से
21:09यह एक बहुत एहम प्रस्ताव है जिसको बहुत गंभीरता से इस सदन को अपने संग्यान में लेना चाहिए
21:32नहीं तो जैक जी कोई राज सरकार बदलेगी नहीं कि चुनाओ आया किसने 20 जार किसने 15 जार किसने 35 जार रुपया लोगों के खातों में डाल दिया और दुबारा आप चुनके आगए और और जो और जो और जो आपके सूबे का करजा है वो और उपर चड़ता जा रहा है क�
22:02चुकाने के लिए करजा लेते हैं यह किस तरह का मुल्क बनाने जा रहे हैं हम और यह चुनाओ जीतना सरकार बनाना इस नॉट इन इंडिन सेल्फ हमसे पहले बहुत लोग आए हमसे बाद में बहुत लोग आएंगे पर अगर यह देश बचेगा इसका लोकतंत्र बचेगा
22:32जो थे वो हमको एक द्रोहर स्वाम के गए हैं यह इंटर जेनरेशनल एक्विटी नहीं स्वाम के गए हैं मैं SIR के बारे में एक और चीज़ कहना चाहता हूं अगर आप SIR कर रहे हैं मेरा तो मानना यह है कि चुनाओ आयो के पास कोई लीगल बेसिस नहीं है कानून उनको �
23:02लिस्ट क्यों नहीं देते हैं राजनितिक दलों को उसमें क्या पती है अरे एक तरफ तो आप डिजिटल की बात करते हैं कि हम EVM से चुनाओ करवाएंगे दूसरी तरफ उसी डिजिटल पे आप मशीन रीडिबल लिस्ट भी देने के लिए तैयार नहीं है यह कैसी वेड़
23:32प्राइवेट मेंबर्स बिल रखने का मौका दिया मेरी ट्रेन छूट रही थी आपने बहुत क्रिपालता की मैं उस समय आपने मेरे से एक सवाल किया था कि क्या एंटी डिफेक्शन लॉग को अमेंड कर देना चाहिए और मैं मैंने आपको कहा था कि मैं यह प्राइवेट म
24:02ठीक थी कि आया राम गया राम की राजनीत को रोकना चाहिए पर हुआ क्या है जो रीटेल प्रोसेस था वो पहले होलसेल हुआ कि वान थर्ड डिफेक्शन फे टू थर्ड डिफेक्शन 2003 में जब स्वर्गी यारून जेटली जी उसमें संचोधन लेके आए और 2014 के बाद त
24:32यह जो संसद में लोकतंत्र है वो समाप्त होता जा रहा है यह कॉंस्टिट्वेंसी कॉंशिंस और कॉमन सेंस यह बिलकुल इन सदनों से बाहर जा रहा है अधिक जी कभी आपके पास इतना रिसर्च का ताना माना है कभी आप एक रिसर्च करवा के देखिए 1950 से लेकर 1985 तक
25:02उस चर्चा की क्वालिटी क्या रह गई है और दूद का दूद और पानी का पानी हो जाएगा तो अधिक जी आखिर मैं यह कहना चाहता हूं कि मेरी तीन मांगे हैं क्योंकि चुनाव सुधार के ऊपर यह चर्चा है सबसे पहले तो वो इलेक्शन कमिशन के अधिकारियों क
25:32बैलन्स रहेगा तभी तो कितने खेल ठीक होगा ना और दूसरा यह SIR बंद कीजिए कोई there is no provision in law which allows the SIR to go है अब आप कहेंगे जी पहले जो सारे SIR हुई वो क्या अवैग थी और मेरा जवाब बिलकुल सीधा है multiple wrongs don't make a right अगर किसी ने उस समय कानून नहीं देका इसका य
26:02जिस तरह से कथा कथा कथा खुदकुशियों के खबरे आ रही है भी ये लोग खुदकुशी कर रहे हैं जिस किसम का pressure उनके उपर है ये किस तरह का SIR हम करवा रहे हैं इस देश में और तीसरा और मेरा आखरी आपसे अनुरोध है कि ये जो सरकारी पैसे से जो ये direct cash transfer चुन
26:32यह पूरी तरह से लोग तंचरे के लाफ है
26:35आपका बहुत बहुत धन्यवाद
26:36अद्यक जी आपने बहुत धेरे से चुना
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