00:00हम दूसरों से धोखा क्यों खाते हैं क्योंकि आप सबसे पहले स्वयम से धोखा खाते हैं
00:04हमें दूसरों की सच्चाई क्यों नहीं पता चलती क्योंकि आपको अपनी सच्चाई भी कहां पता है
00:08हाई दूसरा चोट दे गया दूसरे ने वही करा है जो वो था
00:14गल्टी तुम्हारी है कि तुम उससे कुछ और उम्मीद पाले बैठे थे, कभी ये मत समझना कि किसी ने धोखा दे दिया, धोखा हमें हमारी नासमझी से मिलता है, आप कहते हो कि तुने मेरी उम्मीदें तोड़ दी, वो कहता है मैंने वादा कर रही कब था, और आप इमान�
00:44पना ली थी और आप कहते हो कि नहीं, बट इसन्ट इंप्लिसिट, इसन्ट इट अंडरस्टुड, नहीं पर ये तो अब्वियस है ना, कि मेरी ये एक्स्पेक्टेशन तो होंगी ही, भाही अगर अब्वियस है तो बता दो, मूँ पर बता दो, ताकि पता रहे कि तुम क्य
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