00:00जितने अज़ादी के अंगरों के महान लोग थे, उन सबों ने वंदे मातरम के भाव को आदम साथ किया।
00:10और जितने भी क्रांतिकारी थे, क्यों राम प्रिशाद बिस्मिल हों, या अस्फलक हां हों, या बाकी हों, ये सभी फासी पर चाटे से मुस्कराते हुए, तो वंदे मातरम करते हुए जाते थे.
00:27जक्षिन में सुमन्यम भारती ने इसका उद्गोश्ट किया, विस्तार से, रविन्ना टेगोर ने इसके आत्मा को बहुत विस्तारित किया, और जैसा हमारे प्रधामंतिर ने बताया, कि इस पावन राष्ट भक्ती के भाव के गीत को, क्यों तोला गया?
00:52क्योंकि जिन्ना सहाब को इसे नफरत थी, ज़र नहरुजी जुग गए, यह देश को जानना जरूरी है, यह तुष्टी करण कॉंग्रेस पार्टी का आज तक चलता है.
01:07तो वोट के लिए सिर्फ देश को तोड़ने वाली ताकतों के खिलाफ कारवाई से रोकते ही नहीं हैं, बड़वारा भी हुआ, और थाटी सवन में वंदे मातरम के भाव को भी तोड़ने की कोशिश की गए.
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