00:00वंदे मात्रम को डेड़ सो वर्ष पूरे हुए हैं, इसके लिए सबसे पहले सभी देशवासियों को हम सुख कमना देते हैं, जिन सहिदों ने वंदे मात्रम गाते गाते अपने जान की बाजी लगा दी, फासी पर जूल गए, उन सब को हम नमन करते हैं, सरदांजली देते है
00:30वो मा जो हमें जल देती है, वायू देती है, हमें फल फोल देती है, हमें अन देती है, उस मा की एक प्रकार से इस्तुती करना, उनके लिए मन में सरदा रखना, ये बहुत खोशिकी बात है, तो ये हमें किसी से ग्यान नहीं चाहिए, कि वंदे मात्रम कब गाना है, कैसे ग
01:00जो हमारी जडों में है उससे थो हम बोल नहीं सकते।
01:02और रही बात संसत भौण में इसकी चर्चा होने की बिल्कुल होनी चाहिए, बिल्कुल इस पर बात होनी चाहिए, बहैस होनी चाहिए, इसकी खुपसूरती यह क्यूं हुआ था?
01:11कैसे बंकिम चंद चटोपाध्या जी ने इसको लिखा और फिर कैसे हमारे स्वतंतता सेनानियों ने कैसे हमारे वीर महापुरसों ने इसको गाया और कैसे एक देश भक्ती की जुनून जगी भगत सिंग, राजगुरु, सुखदेव, चंद सेखर जी, सुवाचन, बोजी तो
01:41राजसभा में रोग क्यों लगाई गई है? क्यों? क्या राजसभा देश के बाहर है? राजसभा बड़ा है कि देश बड़ा है? हम समझते हैं देश बड़ा है. देश के अंदर राजसभा लोगसभा बहुत चोटी चीज़े हैं, देश सबसे महान है. तो हर जगह इसे गान
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