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बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय, जिन्होंने 'वंदे मातरम्' लिखा, के घर और लाइब्रेरी की जर्जर हालत को लेकर पश्चिम बंगाल में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। सजल चट्टोपाध्याय का आरोप है कि ममता सरकार ने इस ऐतिहासिक धरोहर की अनदेखी की। लेफ्ट सरकार के समय यह लाइब्रेरी ठीक थी, लेकिन अब बंद पड़ी है। बीजेपी ने हाल ही में इस मुद्दे को उठाया और कार्यक्रम भी आयोजित किया। टीएमसी इसे राजनीतिक आरोप बता रही है। बंकिम चंद्र की विरासत और साहित्यिक महत्व के बावजूद लाइब्रेरी की हालत चिंताजनक है, और यह चर्चा का विषय बनी हुई है।

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~HT.96~

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Transcript
00:00पर्चिम बंगाल में वंदे मात्रम लिखने वाले बंकिम चंदर चट्डोपाध्याए के घर की जरजर हालत ने राजनीतिक विवाद को जन्दे दिया है
00:14सजल चट्डोपाध्याए जो बंकिम चंदर की पांचवी पीड़ी से हैं राज्य सरकार की बेरूखी से नाराज है
00:20उनका कहना है कि जिस मकान को धरोहर के रूप में लिया गया उसे पूरी तरह छोड़ दिया गया
00:26उनका कहना है कि ममता बैनरजी की सरकार में न तो उन्हें कोई पूचने वाला है और नहीं उनकी विरासत का खयाल रखा जा रहा है
00:34लेफ्ट सरकार के समय जब बुद्ध देव भट्टाचारे मुख्य मंतरी थे उस मकान को लाइबरी में तब्दील कर दिया गया था और इसकी मरम्मत भी की गई थी
00:42लाइबरी नियमित रूप से चलती थी लेकिन ममता सरकार आने के बाद से हालात बत्तर हो गए
00:48सजल चटो पर ध्याय कहते हैं कि लाइबरी अब बंध बड़ी है और जब भी वे जाते हैं वो बंध ही मिलती है
00:54साथ नवंबर को वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर बीजेपी ने देश भर में कारिक्रम अयोजित किये थे
01:02इसी दोरान कॉलकता में बंकिम चंदर के मकान के रख रखाव का मुद्दा भी सुर्खियों में आया
01:07आठ दिसंबर को संसत के दोनों सदनों में बंधे मातरम पर विशेश चर्चा भी हो रही है
01:12मीडिया ने कॉलकता में बंकिम चंद्र के मकान का दोरा किया
01:16जिसके रख रखाव को लेकर विवाद चल रहा है
01:19मकान के पास सड़क की एक तरफ मेडिकल कॉलेज और दूसरी तरफ गली है
01:23लेफ्ट की सरकार ने इसे अधिग्रहित कर 2006 में लाइबरी के रूप में शुरू किया था
01:29बाहर लगे बोर्ड पर लिखा है कि ये साहित्य समराट स्मृती लाइबरी है
01:34जो पश्चिम मंगाल सरकार द्वारा संचालित है
01:36रविवार होने के कारण मीडिया को लाइबरी बंद मिली
01:39साफ सफाई की स्थिती भी खराब थी
01:42और गेट के बाहर कचरे का धेर लगा था
01:44गेट पर मीडिया की मुलाकात पास में रहने वाले धर्मींद्र यादव से हुई
01:48उन्होंने बताया कि इस गली में बंदाली और बिहारी दोनों समुदाय रहते हैं
01:53लाइबरी के आसपास की बिल्डिंग भी काफी पुरानी और जरजर हो चुकी है
01:57धर्मेंद्र ने कहा कि सोमवार से शनिमार तक कोई शक्स लाइबरी खोल देता है
02:02लेकिन ज्यादा लोग नहीं आते
02:04बाहर की हालत देख कर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि अंदर क्या स्थिती है
02:08उन्होंने ये भी बताया कि सरकार की तरफ से कोई देख रेक नहीं करता
02:12लेकिन आसपास के लोग जरूरत मढ़ने पर सफाई कर देते हैं
02:15बंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर बीते दिनों बीजेपी ने यहां कारेक्रमायो जित किया था
02:20उस दिन नेता प्रतिपक्ष शुभेंदू अधिकारी भी आये थे
02:24लेकिन उन्हें लाइबरी का गेट खोलने नहीं दिया गया
02:28मकान को लेकर हो रही सियासत के बारे में एक स्थानिय व्यक्ती ने बताया
02:37कि गली में ज्यादा तर टीमसी समर्थक रह दे हैं
02:40उन्होंने कहा कि जिस दिन शुभेंदू अधिकारी को आना था
02:42उसे एक राथ पहले सड़क को जान बूच कर तोड़ दिया गया
02:46ताकि रास्ता बाथित हो तब से सड़क जज़र ही बनी हुई है
02:50सजल चटो पधाय का कहना है कि बंकिम चंद्र की विरासत को इस तरह छोड़ा जाना गलत है
02:55उनका मकान और लाइबरी साहित्य और इतिहास के लिए महत्वपूर है
03:00वे ये चाहते हैं कि सरकार इसे ध्यान में लेकर इसकी मरम्मत और रखरखाफ सुनेश्चित करें
03:05हलाकि लाइबरी को लेकर सियासी आरो प्रत्यारोब भी तेज हैं
03:09बीजेपी इसे सरकार की नापरवाही बता कर मुद्दा बना रही है
03:13जबकि टीमसी इसे विपक्ष द्वारा उठाये गया राजनितिक मामला बता रही है
03:17बावजूद इसके बंकिम चंदर के घर की जरजर हालत और धरोभर की अंदेखी में
03:23लोगों और एतिहास कारों का ध्यान खिंचा है
03:25बंकिम चंदर के घर और लाइबरी की स्थिती ये बताती है
03:29कि साहितिक और एतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा और देखभाल पर भी राजनीती का असर पढ़ सकता है
03:35आने वाले दिनों में इस मामले में और चर्चा और सवाल उठने की संभावना है
03:39क्योंकि वंदे मातरं के लेखक के घर की जरजर स्थिती जनता और मीडिया के लिए चिंता का विशे बनी हुई है
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