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IndiGo Crisis: देश के हवाई अड्डों पर इंडिगो संकट ने यात्रियों की परेशानियों और सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का आरोप है कि इंडिगो के प्रमोटरों ने करोड़ों रुपये इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए भाजपा को दिये, जिसके चलते एयरलाइन पर कोई कड़ा कदम नहीं उठाया गया। DGCA के नियमों में ढील और फ्लाइट कैंसिलेशन ने सुरक्षा और जनता की प्राथमिकता पर प्रश्नचिह्न लगाया। यह केवल विमानन संकट नहीं, बल्कि सरकार की नीयत और लोकतंत्र में कॉरपोरेट दबाव की चिंताजनक तस्वीर है।

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Transcript
00:00इंडिगो पे सरकार का तवाब इसलिए नहीं है कि इंडिगो वालों से इन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड लिये थे
00:11इंडिगो ने बीजेपी को दिया था बहुत बड़ा डोनिशन
00:17कॉंग्रेस अखिलेश ने केंद्र सरकार की कैसी पोल खोली
00:22मोदी सरकार कैसे फंसी जाने अंदर का पूरा जोल
00:27देश के हवाई अड्डू पर मची अफरात तफ्री और हजारों यात्रियों के आंसों के बीच एक ऐसा सवाल खड़ा हो गया
00:34जिसने दिल्ली के सक्ता के गलियारों में हड़कंब मचा दिया
00:38सवाल सीधा और तीखा है कि क्या वाकई एक दमदार सरकार महज
00:44इलेक्टोरल बॉंड के चंद करोड रुप्यों के आगे जुक गई
00:48इंडियो संकट ने सर्फ वाइवेशन सेक्टर की पोल नहीं खोली
00:51बलकेस पर हो रही सियासत ने सरकार की नियत और कारेशैली को भी कट घरे में खड़ा कर दिया
00:57कॉंग्रिस और समाजवादी पार्टी के दावों पर गौर करें तो तस्वीर बेहद डरावनी है
01:02कॉंग्रिस प्रवक्ता शशिकान सेंथिल ने आंकडों के साथ दावा किया कि इंडिगो की पैरेंट कमपनी इंटर गलोप के अनुसार
01:1036 करोड और इसके प्रमोटर राहूल भाटिया ने 20 करोड रुपए के इलेक्टोरल बॉंड खरीदे जिन में से अधिकांश भाजपा की जूली में गए
01:19अब विपक्ष पूछ रहा है कि क्या यही वो कीमत थी जसके बदले इंडिगो को मनमानी करने की खुली छूट दे दी गई
01:26अखिलेश यादब का कहना है कि सरकार इंडिगो पर दवाब इसलिए नहीं बना पा रही क्योंकि चंदा लिया गया है
01:32जाहिर तोर पर एक गंभीर आरूप की और इशारा है अपने आप में एक सवाल है
01:38जरसुनिया अखिलेश क्या कुछ आरूप लगा रहे हैं
01:41देगे इंडिगो पर सरकार का तवाब इसलिए नहीं है कि इंडिगो वालों से इन्होंने इलेक्टरल बॉन्ड लिये थे
01:49अगर आप इलेक्टरल बॉन्ड ले लोगे जैसे कभी-कभी हमनों मजाग में आप लोगो भी छीड़ते हैं कहते हैं
01:55कि जिसका दाना उसका गाना तो अगर आप इलेक्टरल बॉन्ड ले लेंगे
02:01और जो उन्हें तैयारी करनी चीए थी परयाब समय मिला
02:04यही एक एकजामपल है जो क्यापिटलिस्ट हावी होने सरकार पर ये एक पहला उधार्ण मिला है कि फूंजी बादी लोग सरकार पर हावी है
02:15ये एक गंभीर आरूप है जो कि क्रोनी कैपिटलिसम की और इशारा करती है
02:19सबसे चिंता जनत पहलू ये नहीं कि फ्लाइट्स कैंसिल हुई बलकि ये किस संकट के वीच सरकार ने जो कदम उठाए वो किसी सरेंडर से कम नहीं है
02:28जिस मोदी सरकार की छवी कड़े फैसले लेने वाले सरकार के रूप में राजनीता के रूप में दमदार सरकार की है
02:35वो एक प्राइविट एरलाइन के सामने इतनी लाचार क्यों है इतनी लाचार इतनी बेबस नजर क्यों आई
02:42डीजी सीय ने यात्रियों की सुरक्षा और पैलेटों की ठकान को कम करने के लिए
02:45FDTL नियम बनाये थे और उन्हें सक्थी से लागू करने की बज़ाए वापस क्यों ले लिया गया
02:50क्या सरकार को यात्रियों की जान से ज्यादा एरलाइन के मुनाफ़े की चुनता थी
02:54विपक्ष का आरोप है कि एक अधिकार या फिर डूओ पोली बनाने की एक सोची समझी साजिश है
03:00जहां प्रतिस पर्धा को खत्म कर सर्फ चुनिंदा कॉर्परेट मित्रों को फायदा पहुंचाया जाए
03:06अगर पाइलेट थका हुआ हुगा और नियमों में धील दी जाए तो हवा में खत्रे की घंटी बजना तय है
03:12लेकिन सरकार निस्वरक्षा मानकों से समझाता करना बहतर समझा है
03:17यह स्थिती देश के लिए विकट है क्योंकि यह सवाल अब सिर्फ एक एरलाइन की अव्यवस्था की नहीं बलकि सरकार की प्रात्मिक्ता की भी है
03:24जनता ये पूछने को मजबूर है कि आखिर देश चला कौन रहा है नरेद्रमोदी की सरकार या इंडीगो का मैनेजमेंट
03:31अगर एलेक्टोरल बॉंड के जरिये दिया गया चंदा ही नीतियों को तैक करेगा तो फिर लोकतंद्र और जनहित के माएने रह क्या जाते हैं
03:39एक तरफ सरकार उडान यूचना और आम आदमी के हवाई सफर के सपने दिखाती है और दूसरी तरफ जब वही आम आदमी एर्पूर्ट पर रात भर भूका प्यासा तड़पता नजर आता है
03:49तो सरकार एयर लाइन पर चाबू चलाने की बज़ाए उसे रहत देने वाले नियम वापस बनाती है रहत देने की बात कहती है
03:57कि अब 30 करोड के आसपास का चंदा इतना भारी पड़ गया कि सरकार को अपनी साख और यात्रियों की सुरक्षा दोनों को दाउं पर लगाना पड़ा
04:04अर्षदेश की जनता और विपक्ष सरकार की आँखों में आखे डाल कर पूछ रहे हैं कि क्या सबका साथ सबका विकास का नारा अप जन्दा दो धंदालों में तब्दील हो गया
04:14इंडिगों की मनमानी और सरकार की रहसे में चुप्पी ने यह साबित कर दिया कि जब कॉर्परेट का दवा पड़ता है तो नियम कायदे और जन्दा की परिशानिया हाशे पर चली जाती है
04:23यह संकट सिर्फ विमानन क्षेत्र का नहीं बलकि भरूसे का भी संकट है जिस भरूसे को कहीं न कहीं डगमगा रही है नरेंद्र मोधी की सरकार
04:33बहराल मामले पर आपके क्या राय है कॉमेंट बॉक्स आपके लिए ही है वहाँ अपनी राय जरूर दीजेगा मेरा नाम है मुकंद आप आने रहे वन इंडिया के साथ शुक्रिया
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