Aaj Ka Panchang Today: पौष माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर 07 दिसंबर 2025 रविवार का दिन पड़ रहा है। तृतीया तिथि शाम 06 : 27 मिनट पर होगा। साथ ही आज नक्षत्र : पुनर्वसु नक्षत्र सुबह 04 : 12 मिनट तक रहेगा ।आजशुक्ल योग रात 08 : 07 मिनट तक रहेगा। आचार्य अजय द्विवेदी जी से जानिए रविवार का पंचांग,राहुकाल, शुभ मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय। Aaj Ka Panchang Today: 07 December 2025 Ka Panchang Kya Hai,Muhurat,Tithi,Vaar,Nakshatra,Samay,Rahukal
00:15आज है साथ दिसंबर दोहजार पच्चीस आज का दिन है रभीवार
00:22पाउस मास के कृष्ण पक्ष की तरतिया तिती है विक्रम शंबत दोहजार बयासी है
00:27मित्रो पंचांग को प्रारम करने से पहले उन सभी भक्तों को बहुत-बहुत सुपकामनाय मंगल कामनाय जिन लोगों का आज जनन दिन है
00:34इसके साथ ही उन सभी भक्तों को भी हार्दिक सुपकामनाय प्रदान करता हूं जिन लोगों की महरी जिन्वरसरी है
00:41देवादी देव महादेव आप सभी के ओपर अपनी मंगल करपा को बना करके रखें
00:45तो आईए प्रारम करते हैं आज का पंचांग आज के शुर्जुदे के साथ
00:49आज का सुर्जुदे हो रहा है प्राते काल 7 बजे एम पर और सुर्ज अस्त हो रहा है पांच बच करके 24 मिनट पी एम पर
00:57मित्रों अगर चंद्रुदे की हम बात करते हैं तो चंद्रुदे हो रहा है 7 बच करके 53 मिनट पी एम पर
01:03चंद्र अस्त की बात करते हैं तो 9 बच करके 31 मिनट एम पर चंद्र अस्त हो रहे हैं
01:10मित्रो इसके साथ ही आज की शंपूर्णति थी कि अगर हम बात करते हैं
01:14तो आज के संपूर्णति थी 6 बच करके 27 मिनट पी एम तक तरतिया रहने वाली है
01:20और आज का जो नक्षत्र पुनरवशू नक्षत्र है जो की चार बच करके बारा मिनट एम तक रहेगा आज के योग की बात करते हैं तो शुकल योग है आठ बच करके साथ मिनट पीम तक आज के करण की बात करते हैं तो वड़ी जी करण है साथ बच करके तिरेपर मिनट एम �
01:50और हेमंत रितु है।
02:20पीएम तक रहने वाला है।
02:21और इसके साथ ही आज का जो दिशाशूल है पश्चिम दिशा की ओर है।
02:25अत्यदिक आवश्यक कार यदि नहीं है तो पश्चिम की ओर यात्रा करने से आज हमें बचना चाहिए।
02:31मित्रों इसके साथ ही आज का जो चंद्रबल है मेश, मिथुन, सिंग, कन्या, धनु और मकर रासी पर रहने वाला है।
02:39आज गणेश चतुर्थी का पावन पर्व भी मनाया जायेगा।
02:44जो चतुर्थी ब्रत करते हैं, उनको आज ही पावन ब्रत संपन्न करना चाहिए।
02:49मित्रों हमने आपको आज का पंचांग बताया, जो पंचांगों को स्रमन करता है, उसे गंगाश नान का फल प्राप्त होता है।
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