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Annapurna Jayanti 2025 Puja Vidhi: देवी अन्नपूर्णा अनाज की देवी हैं। इनकी कृपा से ही घर में धन-धान्य और भोजन आदि की पूर्ति होती है। मान्यता है कि देवी अन्नपूर्णा स्वयं माता पार्वती की ही एक रूप हैं। अन्नपूर्णा देवी से जुड़ी अनेक कथाएं धर्म ग्रंथों में मिलती है। हर साल अगहन मास की पूर्णिमा पर अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है। इस बार अन्नपूर्णा जयंती 4 दिसंबर, गुरुवार को मनाई जाएगी। आगे जानिए अन्नपूर्णा जयंती की पूजा विधि, आरती सहित पूरी डिटेल…Annapurna Jayanti 2025 Puja Vidhi: Puja Samagri List ..

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~HT.318~ED.120~PR.111~
Transcript
00:00मार्गशीर शमास की पुर्णिमा को मनाई जाने वाली अन्यपूल्णा जैन्ती सवभागेशाली मानी जाती है।
00:30पूजा में किन सामग्रियों की जवरत पड़ेगी पूजा का मुहूरत क्या है साथ ही पूजा विधी क्या होगी सबसे पहले बात करेंगे पूजा मुहूरत की
00:38पूजा का शुब मुहूरत सुबह 10 बचकर 57 मिनट से दोपहर 12 बचकर 17 मिनट तक है
00:58शाम 5 बचकर 36 मिनट से शाम 7 बचकर 16 मिनट तक
01:03शाम 7 बचकर 16 मिनट से, 8 बचकर 56 मिनट तक, आप खाना बनाने से पहले ये पूजा अगर कर लेते हैं, तो ये आपके लिए अत्यंत फलदाई होगा,
01:13पूजा सामगरे, मातार्न पूर्णा की मूर्ती या तस्वीर, कलश, चोकी, लाल्या, पीला कपडा, रोली, चावल, विभिन, रंगों के ताजे फूल, धूप, दीपक, अक्षत, नैवेद्य, फल, तुलस, तुलसी कापत्ता, कुमकुम, गंगाजल, हल्दी, पंचामरत, भ
01:43प्रतिमा रखें, इससे पहले उस पर अक्षत भी रखें, मानपूर्णा की पूजा करते समय, धूप, दीप जलाएं, कुमकुम, चंदन, अक्षत, रोली, आदी, उन्हें अर्पित करें, खीर, फल, मिठाई, और पूडियों का उन्हें भोग लगाएं, ओम, एम, रीम, ख
02:13कोई सामगरी कुछ घर पर रखें, और कुछ जरुरत मंदों को दान कर दें, इस दिन दान करना अतिशुप माना जाता है, पूजा संपर्न होने के पश्राद, अगले 24 घंटों तक मानपूर्णा को उसी स्थान पर स्थापित रखें, इसके बाद उनकी तस्वीर या प्रत
02:43फूर स्थाना
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